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‘हाउसफुल 4’ से अलग हुए अक्षय कुमार

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अब ये लगभग साफ हो गया है कि फिल्म हाउसफुल की चौथी कड़ी का अक्षय कुमार हिस्सा नहीं होंगे। पिछले साल ‘हाउसफुल 3’ रिलीज हुई थी, जिसमें अक्षय कुमार हिस्सा थे और बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म ने सौ करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया था।

अक्षय कुमार की ओर से कहा गया है कि वक्त की कमी और दूसरी फिल्मों में व्यस्तता के चलते वे ‘हाउसफुल 4’ का हिस्सा नहीं बना पाएंगे। चौथी कड़ी के निर्देशन के लिए एक बार फिर साजिद खान को लाया गया है, जिन्होंने इस सीरीज की पहली दो फिल्मों का निर्देशन किया था, लेकिन अजय देवगन के साथ ‘हिम्मतवाला’ और सैफ-रितेश के साथ ‘हमशक्ल’ के बॉक्स ऑफिस पर डिब्बागुल होने के बाद तीसरी कड़ी से उनको निर्देशन से हटा दिया गया था।

साजिद खान के मुताबिक, ‘हाउसफुल 4’ की कहानी बनकर तैयार हो गई है और कास्टिंग पर काम शरू होने जा रहा है। इस बार भी फिल्म की कहानी पिछली तीन फिल्मों की तरह लंदन में केंद्रीत होगी। इस बार भी साजिद नडियाडवाला की प्रोडक्शन कंपनी इसका निर्माण करेगी। अक्षय कुमार की ओर से ये भी कहा गया है कि फिल्म की टीम से उनके मतभेद की खबरें गलत हैं। वे साजिद नडियाडवाला की कंपनी की एक फिल्म में काम करेंगे, जिसका निर्देशन फरहाद समी करेंगे।
फरहाद ने अपने भाई साजिद के साथ मिलकर ‘हाउसफुल 3’ का निर्देशन किया था।

इसी टीम ने अक्षय कुमार की फिल्म ‘एंटरटेनमेंट’ का भी निर्देशन किया था। ये टीम बतौर लेखकर रोहित शेट्टी की सभी फिल्मों का लेखन करती आई है, लेकिन अब दोनों भाईयो के रास्ते अलग-अलग हो रहे हैं। फरहाद की नई फिल्म साजिद नडियाडवाला के बैनर में होगी, तो साजिद की फिल्म का निर्माण अजय देवगन की कंपनी में होगा।

देहरादून से लखनऊ के लिए एयर इंडिया की सीधी उड़ान

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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून अपने निवासियों को हर बेहतर सेवा देने की कोशिश कर रहा है।इसी कड़ी में एयर इंडिया ने अपनी नई सेवा शुरु की है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से देहरादून के लिए एयर इंडिया की सीधी उड़ान सेवा पांच जुलाई यानि आज से शुरू हो रही है। इन उड़ानों के लिए टिकटों की बुकिंग भी शुरू हो गई है। इससे यात्रियों को काफी लाभ होगा और इससे लखनऊ से देहरादून की यात्रा करने वालों को सहूलियत मिलेगी।

आपको बतादें कि यह उड़ान पांच जुलाई से शुरू हो रही है। इसका किराया, फ्लाइट संख्या, शेड्यूल जारी कर दिया गया है और बुकिंग भी हो रही है। ये फ्लाइट रोजाना होंगी।लखनऊ से देहरादून के लिए सुबह आठ बजे उड़ान होगी।

एयर इंडिया के स्टेशन प्रबंधक देवेंद्र सिंह के मुताबिक,छोटे शहरों के लिए हवाई यात्राएं शुरू करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल है। इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय को जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि एक घंटे के हवाई सफर वाले शहरों को विमान से जोड़कर यात्रियों को राहत दी जाए और ढाई हजार रुपये तक किराया रखा जाए।

गौरतलब है कि देहरादून से लखनऊ के बीच रेल यात्रा करना लोगों के लिए बहुत बड़ा चैलेंज हैं।ट्रेन की संख्या कम होने की वजह से आए दिन यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।लेकिन एयर इंडिया की इस पहल से ना केवल टूरिस्ट को फायदा होगा बल्कि देहरादून से लखनऊ के बीच की दूरियां भी कम हो जाऐंगी।

तहसील दिवस पर अधिकारियों की गैर मौजूदगी से मायूस लौटे फरियादी

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एक महीने से अपनी समस्याओं के समाधान होने की प्रतिक्षारत फरियादियों को उस समय निराशा हाथ लगी जब महीने में लगने वाले तहसील दिवस में उपजिलाधिकारी सहित जिम्मेदार विभागीय अधिकारी भी मौजूद नहीं रहे।

बताते चलें कि महीने के प्रथम सप्ताह में प्रत्येक मंगलवार को उत्तराखंड राज्य में लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार की ओर से तहसील दिवस का आयोजन किया जाता है। आज उस समय फरियादियों को निराशा हाथ लगी जब तहसील दिवस में उप जिलाधिकारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद ही नहीं थे।
गौरतलब हो कि यह तहसील दिवस आगामी दिनों में आयोजित होने वाले का कांवड़ यात्रा सहित वर्षा कॉल प्रारंभ होने के कारण से महत्वपूर्ण समझा जा रहा था। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगे वर्षा के कारण सिंचाई की गुलों के क्षतिग्रस्त होने के साथ सड़क-खड़ंजों व नालियों की मरम्मत के कार्यों को लेकर तहसील दिवस में पहुंचे थे। इस अवसर पर भट्टो वाला के ग्राम प्रधान का कहना था कि तहसील दिवस में अधिकारियों के न होने के कारण अब यह औपचारिक मात्र बन कर रह गया।
तहसील दिवस में मौजूद तहसीलदार रेखा आर्य ने बताया कि उनके माध्यम से जिन समस्याओं का समाधान हो सकता था वह कर दिया गया है तथा अन्य समस्याओं को संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई किए जाने की अनुशंसा के साथ भेजा गया। 

बीमार हालात में ऋषिकेश का सरकारी अस्पताल

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा यात्रा के प्रवेश द्वार, ऋषिकेश के एक मात्र सरकारी अस्पताल के हाल सरकार के तमाम वादों की हकीकत बताने के लिए काफी है। यहाँ काफी लंबे समय से डाक्टर की कमी के चलते मरीजों को काफी दिक्केतें हो रही है, तो वहीँ हॉस्पिटल की व्यवस्था की तरफ भी कोई ध्यान देता नहीं दिख रहा है, हालात ये है कि सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में ओपीडी सेवाएं ठप्प हो चुकी है।

साल 2013 की आपदा के जख्म आज भी हर किसी के दिलं में हरे है, स्वस्थ सेवाओं की बदहाली का खामिजाय हमें उस वक्त भी भुगतना पड़ा था, पर अफसोस आपदा के  इतने साल बाद भी हालात जस के तस बने हुए है। पूरे पहाड़ों की स्वस्थ सेवाओं को जोड़ने वाले ऋषिकेश के एक मात्र सरकारी अस्पताल के हाल खराब है। सरकारी अस्पताल में कई विभागों में डॉक्टर्स की काफी कमी चल रही है, कई विभागों के सर्जन नहीं है, यहाँ तक की एमरजैंसी वार्ड में भी डॉक्टर नहीं है। ऐसे में पहाड़ों से बेहतर इलाज के लिए ऋषिकेश आने वाले मरीजों को सरकार की इस नाकामी का खामियाजा उठाना पङता है।

य़हा के लगभग 9 डॉक्टर के तबादले तो कर दिए गए लेकिन उनकी जगह अभी तक कोई डॉक्टर नहीं आया है जिसको लेकर ऋषिकेश की जनता में त्रिवेंद्र सरकार के प्रति गुस्सा है। ऋषिकेश के पहाड़ी जिलों से जुड़े होने के कारण दूर दराज से गांव के लोग इलाज के लिए ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए आते है परन्तु सरकारी अस्पताल के हाल यह है। सरकारी अस्पताल के मुख्य अधीक्षक डॉ अशोक कुमार गैरोला का कहना है कि, ‘हमने डॉक्टर की कमी के लिए प्रशसन को कई बार भेजा है पर अभी तक सरकार की ओर से डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो पाए है।’

उत्तराखंड बने हुए इतने साल हो गए लेकिन अफसोस यह है की अभी तक प्रदेश में स्वास्थ व्यवस्थाएं अपनी बदहाल स्थिति में है न तो अस्पतालों में डॉक्टर्स है और न ही दवा, ऐसे में प्रदेश में स्वास्थ सुविधाएँ भगवान् भरोसे चल रही है।

 

जीएसटी लागू होने से इंस्पेक्टर राज खत्म होगा

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जीएसटी लागू होने से इंस्पेक्टर राज पूरी तरह खत्म हो जाएगा। इस व्यवस्था से आम उपभोक्ता को वस्तुएं सस्ती मिलेंगी। यह जानकारी वित्तमंत्री प्रकाश पंत ने बिक्री कर मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी। हरिद्वार, मसूरी बाइपास पर आयोजित वाणिज्य कर विभाग अधिकारिक व्यावसायिक वेबसाइट जारी कर रहे थे, जिसमें जीएसटी के उपभोक्ताओं के लिए पंजीकरण से लेकर अन्य जानकारियां सरल भाषा में दी गई हैं। वित्तमंत्री प्रकाश पंत ने इस अवसर पर जीएसटी कॉर्नर फेसबुक पेज तथा ट्वीटर पेज का भी लोकार्पण किया।

इस अवसर पर जो प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे, उनमें राधा रतूड़ी, अमित नेगी, यशपाल आर. राजेश कुमार आदि के नाम शामिल हैं। विभाग द्वारा एक पुस्तिका भी प्रकाशित की गई है, जिसमें पृष्ठ 58 से लेकर 64 तक उन सेवा केन्द्रों की जानकारी दी गई है, जो आम जनता की मदद के लिए हैं। इनमें अधिकारी का नाम जिला, क्षेत्र, विकासखंड तथा उनका सचल दूरभाष केन्द्र नम्बर जारी किया गया है। यह 2022 जीएसटी मित्र हैं,जिन्हें प्रशिक्षित किया गया है। हमारे अधिकारी आठ माह से इस जागरूकता और प्रशिक्षण में लगे हुए हैं।
वित्तमंत्री पंत ने कहा कि जीएसटी में 85 प्रतिशत व्यापारियों ने पंजीकृत करा लिया है और 25 प्रतिशत व्यापारी जीएसटी का संचालन कर रहे हैं। 2500 व्यापारियों को तकनीकी कारणों से आईडी नहीं जारी की जा सकी, जिनको एक माह में जीएसटी जारी कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि जीएसटी से पहले जो प्रकरण तीन साल से लंबित थे, उन दो लाख 15 हजार प्रकरणों का निपटारा कर दिया गया है। ई-बिलिंग के माध्यम से व्यवस्था बनाई गई है और सरलीकरण किया जा रहा है। एक्साइज ड्यूटी आधारित पैकेजों के उद्योगों को 58 प्रतिशत पैकेज 2020 तक मिलेगा। इसलिए इन उद्योगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि 2015-16 में 36 करोड़ का राजस्व था, जो जीएसटी के बाद और बढ़ेगा। मनोरंजन कर के 41 अधिकारियों को भी व्यवस्था में समायोजित किया जाएगा। गुड़ जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थ को मुक्त कर दिया गया है, जबकि जैम, मुरब्बा, अचार, जैली जैसे खाद्य पदार्थों से जीएसटी 18 प्रतिशत के स्थान पर 15 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ और संशोधन करने के लिए जीएसटी कौंसिल से आग्रह किया जाएगा, जबकि कंपाउंडिग की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दी गई है। 

चमोली जेल के अंदर से हो रही है रंगदारी की डिमांड, पुलिस महकमे में हड़कंप

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चमोली जिला कारागार एक बार फिर से सुर्खियों में बना हुआ है। यहां लंबे समय से बंद कुख्यात सुशील चौधरी द्वारा देवबंद की महिला चिकित्सक डॉ. आशा सनावर को 40 लाख रुपये दिये जाने की धमकी भरा पत्र भेजे जाने का मामला सामने आया है।मामला सामने आते ही चमोली जेल प्रशासन की कार्य प्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है हालांकि, जेल अधिकारी जेल में रखे गये कैदियों के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था कम होने की बात कह रहे हैं। साथ ही मामले को लेकर पत्र अन्य द्वारा लिखे जाने की आशंका जताते हुए, जांच की बात कही जा रही है।

पूर्व में भी हुए है कई मामले
पुरसाड़ी कारागार पूर्व भी में कैदियों द्वारा जेल से धमकी देने व जेल अधिकारियों के साथ मारपीट के मामलों में चर्चाओं में रहा है। बीते वर्ष तीन फरवरी को मधुमिता हत्या कांड के आरोपी संतोष राय द्वारा जेल में मोबाइल और अन्य सुविधाएं दिए जाने की मांग को लेकर जेलर से मारपीट की गई थी जबकि, 25 नवंबर 2016 को जेल में बंद कुख्यात प्रवीण बाल्मीकि द्वारा मोबाइल से रुड़की के व्यवसायी को चैथ वसूली के लिये धमकी देने का मामला भी सामने आया था। इससे पूर्व भी बाक्सर नाम के एक कैदी द्वारा अपनी बैरक में रह रहे अन्य कैदी के साथ मारपीट की थी जबकि 2013 की आपदा के दौरान जेल की सुरक्षा दीवार गिरने के बाद यहां से दो विचाराधीन कैदियों ने भी भागने के प्रयास में जेल में तैनात कर्मचारियों से मारपीट की थी।
जेलर प्रमोद कुमार का कहना है कि जेल में रह रहे कैदियों द्वारा लिखे जाने वाले पत्रों को जांच के बाद ही भेजा जाता है। ऐसे में सुशील चौधरी द्वारा भेजे गये धमकी भरे पत्र अन्य द्वारा लिखे जाने, परिजनों के माध्यम से भेजे जाने सहित अन्य कई कारण हो सकते हैं। जांच के बाद ही मामले का पता चल सकेगा।

दुर्गम स्कूलों में तैनात होंगे लापरवाह शिक्षक

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सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। विभाग के तमाम कड़े दिशा-निर्देशों का शिक्षक जमकर मखौल उड़ा रहे हैं। आलम यह है कि सोमवार को विभाग मे किए गए आकस्मिक निरीक्षण में 809 स्कूलों के 381 शिक्षक गैर हाजिर पाए गए। विभाग ने अब नई नीति के तहत गैर हाजिर शिक्षकों को दुर्गम स्कूलों में स्थानांतरित करने का फैसला किया है।सरकारी स्कूलों को ढर्रे पर लाने की शिक्षा विभाग की तमाम कोशिशें फेल साबित हो रही है। खास बात यह कि विभाग के प्रयासों को स्कूलों में तैनात शिक्षक ही पलीता लगा रहे हैं। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि विभाग के सोमवार को प्रदेश के सरकारी स्कूलों में किए गए आकस्मिक निरीक्षण के बाद सामने आए आंकड़े बता रहे हैं। सोमवार को महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा उत्तराखंड कैप्टन आलेक शेखर तिवारी के निर्देश पर प्रदेश के समस्त जनपदों में विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रारंभिक व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति, शैक्षिक गुणवत्ता, मिड-डे मील आदि का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में सैंकड़ों शिक्षक बिना अवकाश के अनुपस्थित पाए गए। विभाग ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है।
महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा कै. आलोक शेखर ने बताया कि बिना अवकाश स्वीकृति के अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों को दुर्गम स्थानों में स्थानांतरित किए जाने के लिए नीति बनाए बनाई जा रही है। निकट भविष्य में भी स्कूलों में आकस्मिक निरीक्षण में अनुपस्थित पाए जाने वाले शिक्षकों को दुर्गम स्थानों में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्कूलों की गुणवत्ता विभाग की पहली प्राथमिकता है। ऐसे में शिक्षकों की गैरहाजिरी बेहद संजीदा मुद्दा है। उन्होंने बताया कि शिक्षक के गैर हाजिर रहने से बच्चों को शिक्षित करने का कार्य प्रभावित हो रहा है। ऐसे में बच्चे भी स्कूलों से गैर हाजिर हो रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो निरीक्षण के दौरान स्कूलों में कुल पंजीकृत 74701 छात्रों में 46409 उपस्थित पाए गए। जबकि 28292 गैर हाजिर पाए गए। यह स्थिति शिक्षा की गुणवत्ता के लिए घातक न बने इसके लिए शिक्षकों को उनकी जिम्मेदारी का बोध कराना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि गैर हाजिर शिक्षकों को दुर्गम स्कूलों में भेजे जाने के लिए नीति जल्द तैयार कर ली जाएगी।

निरीक्षण में शिक्षकों की यह रही स्थिति
जनपद-स्कूल- कार्यरत-उपस्थित- अनुपस्थित
पौड़ी-133- 631- 596 – 62
देहरादून-39- 240- 214- 26
चमोली- 74- 273- 255- 18
रुद्रप्रयाग-35- 179- 163- 16
टिहरी- 74- 437- 401- 36
उत्तरकाशी- 43- 229- 208- 21
हरिद्वार- 38- 187- 161- 26
नैनीताल- 102- 530- 492- 38
पिथौरागढ़- 20- 163- 151- 12
अल्मोड़ा- 70- 395- 307- 35
बागेश्वर- 29- 117- 108- 9
चंपावत- 34- 134- 119- 15
उधमसिंहनगर- 108- 706- 639- 67
कुल योग- 809- 4221- 3840- 381

ट्वीट वार : राज्य का राजस्व घाटा, ऋण बढ़ा : पंत

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और वित्त मंत्री प्रकाश पंत के बीच राज्य की वित्तीय स्थिति, ऋण और राजस्व की स्थिति को लेकर ट्वीटर पर वार छिड़ी है। दोनों तरफ से आंकड़ों जरिये हमला किया जा रहा है। पूर्व सीएम ने जहां राज्य में प्रति व्यक्ति आय और ऋण को लेकर मौजूदा सरकार पर हमला बोला तो वित्त मंत्री ने आंकड़े ट्वीट कर उनका जवाब दिया। यह ट्वीट वार अभी जारी रहेगी। हालांकि, ताजा ट्वीट में वित्त मंत्री ने कहा कि हरीश रावत के कार्यकाल में राजस्व कम हुआ और ऋण तेजी से बढ़ा।

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ट्वीटर पर दो दिन पहले यह वार शुरू हुई हरीश रावत के एक ट्वीट से। जीएसटी लागू होने के बाद वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा था कि इससे राज्य को मिलने वाले राजस्व में करीब 20 फीसद की वृद्धि होगी। जीएसटी लागू होने के बाद राज्य की आय में वृद्धि के वित्त मंत्री प्रकाश पंत के इस बयान के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि प्रकाश पंत जी आप बहुत निष्ठुर हैं। जीएसटी लागू होने के बाद उत्तराखंड को केंद्र से मिलने वाले हिस्से में लगभग 19.5 प्रतिशत वृद्धि होगी। इसका अर्थ है कि आपके पास विकास के लिए, जन कल्याण के लिए प्रयास राशि होगी। यह तभी संभव हुआ जब हरीश रावत और डॉ. इंदिरा हृदेश की सरकार ने वर्ष 2016-17 में राजस्व वृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित किए और पूरे देश में सर्वाधिक राजस्व वृद्धि का लक्ष्य प्राप्त किया। कुछ तो धन्यवाद देना सीखो।
इसके जवाब में वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने ट्वीट किया कि उत्तराखण्ड को वित्तीय संकट में धकेलने का दोषी कौन? नॉन टैक्स राजस्व 1600 करोड़ से घट कर 1210 करोड़ रह गया है| उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व सीएम झूठे आंकड़े ट्वीट कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दोबारा ट्वीट कर कहा कि प्रकाश पंत जी आपने कहा कि विकास संबंधित आंकड़े झूठे हैं। मैंने यह सभी झूठे आंकड़े आपके बजट भाषण से लिए हैं। आपने अपने बजट भाषण में राज्य की ग्रोथ रेट का जिक्र किया है, मैंने सिर्फ उसे एक साल आगे की अनुमानित ग्रोथ रेट बताई। उसी तरह पर कैपिटा इनकम की वृद्धि के जो आंकड़े आपने दिए हैं, वह भी मैंने दिए हैं। मैंने आपके ही बजट से कैलकुलेट करके निकाला है और मैं आपसे जानना चाहता हूं कि आज सेवा क्षेत्र में राज्य की वार्षिक विकास दर 11:00 प्रतिशत से ऊपर है और औद्योगिक विकास दर 16.5 प्रतिशत से ऊपर है, यदि यह आंकड़े झूठे हैं तो सच्चे आंकड़े जारी करिये।

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इसके बाद मंगलवार को वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने आंकड़े जारी करते हुए ट्वीट किया कि ये आंकड़े ही पूर्व सीएम को जवाब देने लिए काफी हैं। उन्होंने इसमें कहा कि राज्य सरकार की भूमिका वाला नॉन टैक्स रेवन्य 2012-13 के 1602 करोड़ 2016-15 में घटकर 1219 करोड़ रह गया। जबकि, करों से प्राप्त होने वाले राजस्व, जिसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती इसमें इजाफा हुआ। वर्ष 2011-12 में कर के रूप में 5615.56 करोड़ का राजस्व मिला, जबकि वर्ष 2015-16 में यह बढ़कर 9377.79 करोड़ हुआ। राजस्व में वृद्धि में सरकार की कोई भूमिका नहीं थी, बल्कि यह केवल कर से प्राप्तियां थी। उन्होने इसी ट्वीट में ऋण के आंकड़े भी दिए। इसमें उन्होंने लिखा कि वर्ष 2007-08 में राज्य पर कुल देनदारियां 16276.21 करोड़ रुपये की थी, जो कांग्रेस के कार्यकाल में बढ़ते हुए वर्ष 2015-16 में 39031.87 करोड़ रुपये हो गई।
ट्वीटर पर यह वार जारी है। आने वाले दिनों में इस वार में कई और रंग देखने को मिल सकते हैं। गौरतलब है कि इस वार को हरीश रावत के राजनीतिक रूप से सक्रिय होने की मशक्कत के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, हाल ही में वे ट्वीट पर इस मामले में भी सफाई दे चुके हैं। इससे पहले पूर्व सीएम हरीश रावत काफल और आम पार्टी देकर भी सुर्खियों में आ चुके हैं। अब उनकी तैयारी हरेला पर्व के माध्यम से मीडिया का ध्यान खींचने की ओर है।

प्रदेश में एक अगस्त से लागू होगा टीचरों के लिये ड्रेस कोड

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सरकारी स्कूलों में एक अगस्त से शिक्षकों के लिए ड्रेसकोड नियम लागू हो जाएगा। शिक्षकों को अनिवार्य रूप से निर्धारित किए गए ड्रेसकोड में ही आना होगा। हालांकि शासन ने शिक्षकों को संवर्गवार स्वैच्छिक ड्रेसकोड तय करने की छूट दी है। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

मंगलवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में स्कूलों के संचालन, जीर्ण शीर्ण भवनों व शिक्षा की गुणवत्ता आदि मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने बीते दिनों सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए लागू किए गए ड्रेसकोड को लेकर भी बातचीत की गई। दरअसल नियम को लेकर शिक्षकों के बीच भारी रोष व्याप्त था। कई शिक्षकों ने इसका खुलकर विरोध भी किया। इसके बाद शिक्षकों ने अधिकारियों के लिए तय ड्रेसकोड को ही शिक्षकों के लिए रखे जाने की मांग की। इतना ही नहीं कुछ दिन पूर्व ही राजकीय शिक्षक संघ ने समस्याओं का समाधान न होने तक ड्रेस कोड न मानने का ऐलान किया था। इसी को देखते हुए अब शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को संवर्गवार स्वैच्छिक ड्रेस कोड निर्धारित करने की छूट दी है। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा ने मंगलवार को अपर निदेशक गढ़वाल और कुमाऊं मंडल को आदेश जारी कर उसका पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
महानिदेशक कैप्टन तिवारी ने बताया कि शिक्षकों के लिए स्वैच्छिक ड्रेस कोड लागू किया गया है। शिक्षक संगठन आपस में बैठकर तय कर सकते हैं कि उन्हें किस रंग की और कैसी ड्रेस पहननी है। उन्होंने कहा कि कुछ शिक्षक संगठनों ने अनौपचारिक रूप से अधिकारियों वाली ड्रेस पहनने की इच्छा जताई है। शिक्षकों में सहमति हो तो वही ड्रेस लागू की जा सकती है। साथ ही महिलाओं के लिए साड़ी के साथ ही सलवार सूट का विकल्प भी रहेगा।

महर्षि महेश योगी की तपस्थली को विकसित करेगी सरकार : मंत्री रावत

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उत्तराखण्ड सरकार वर्षों से वीरान महर्षि महेश योगी की चौरासी कुटिय तपस्थली सहित ऋषिकेश की संजय झील का सौंदर्यकरण कर पर्यटन को विकसित करेगी पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने मंगलवार को रेलवे रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान यह बातें कही।

डा. रावत ने कहा कि महर्षि महेश योगी की विचार 84 कुटी का मामला सरकार के संज्ञान में है जिसके लिए एक वैज्ञानिकों की टीम शीघ्र भेजी जा रही है। जो पर्यटन की दृष्टि से उसे विकसित करने के लिए सरकार को सुझाव देगी। उसी के बाद कुछ निर्णय लिया जाएगा।
उनका कहना था कि राज्य में सुरक्षा स्वास्थ्य स्वछता के साथ पर्यावरण को लेकर भी राज्य सरकार काफी गंभीर है। डा. रावत ने कहा कि एनजीटी के निर्देश पर राज्य सरकार ने गंगा मे प्रदूषण फैलाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई कर अन्य को चेतावनी दी है। उनका कहना था कि शहरों व गांव में आजकल बंदरों जंगली सुअरों के अतिरिक्त गुलदार का भी आंतक बना है। इसी के साथ उन्होंने जंगलों मे शिकारियों को पकड़ने के लिए लगाये गये। सी सी कैमरों को तोड़ने की घटना को भी गम्भीर बताते हुए शीघ्र कार्रवाई करने की बात कही है। पत्रकार वार्ता में राकेश अग्रवाल, चेतन शर्मा, पंकज शर्मा आदि भी उपस्थित रहे।