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पिथौरागढ़ में बारिश से दर्जनों सड़कें बंद, काली नदी का प्रवाह बढ़ा

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जिले में हुई तेज बारिश से जगह-जगह हुए जलभराव के कारण दर्जन भर सड़के बंद हो गई है और कई मकाने ध्वस्त हो गई, जिससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। बुधवार सुबह शुरू हुई बारिश दिन भर चलती रही जिससे बारिश के बाद काली नदी का प्रवाह बढ़ गया है।

काली नदी खतरे के निशान से महज 1.35 मीटर नीचे बह रही है। गोरी नदी के साथ ही अन्य नदियों के जल स्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। बारिश से बेरीनाग के ग्राम हिपा में बेरीनाग के ग्राम हीपा में सुबह करीब 8:15 बजे गोपाल सिंह पुत्र चंद्र सिंह के घर के समीप पहाड़ी पर भूस्खलन हुआ। जिससे गोपाल सिंह का आधा मकान मलबे में दब गया।
बेरीनाग के ही दिवानी राम पुत्र हरी राम के घर के समीप हुए भूस्खलन से उनके मकान में दरार आ गई। इसके अलावा बीती देर रात थल में चौसाला गांव में खड़क सिंह कार्की के मकान का आंगन ढ़ह गया। जिससे मकान को खतरा पैदा हो गया है। घटना की जानकारी ग्राम प्रधान चौसाला दीपा ने राजस्व उपनिरीक्षक को दी है।सूचना मिलने के बाद राजस्व उपनिरीक्षक क्षति का आंकलन करने के लिए रवाना हो गए हैं।
इधर, मुनस्यारी ग्राम बला में बारिश से हुए भूस्खलन से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एएनएम सेंटर को खतरा पैदा हो गया है। बेरीनाग में हुई 52 एमएम बारिश बेरीनाग। क्षेत्र में पूरी रात भर जमकर बारिश हुई। जिससे नगर के कई हिस्सों में नालियों का गंदा पानी सड़कों में बहने लगा। साथ ही नालियों की गंदगी भी सड़कों में आ गई। जिस कारण लोगों का काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। लोगों को आवाजाही में भी दिक्कत उठानी पड़ी।
तहसील क्षेत्र में पिछले दो सप्ताह से रुक-रुककर लगातार बारिश हो रही है। जिससे जौलजीबी, भदेली, धाप बैंड,नाचनी, रातीगाड़, ग्वीरा, थटीगाड़, अस्याली के समीप मलबा आने से सड़क बंद हो गई थी। जिसे बीआरओ ने 13 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद खोल दिया है। इस दौरान स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
वहीं, कपकोट-सामा-तेजम सड़क किमी 11 के समीप बोल्डर और मलबा आने से बंद हो गया है। जिसके चलते वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। वाहनों को दूसरे रास्तों से भेजा जा रहा है। इन क्षेत्रों में सड़क बंद होने से मुनस्यारी का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। संबंधित विभागों की ओर से सड़कों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है।
लगातार हो रही बारिश के चलते थल-नाचनी सड़क किमी पांच के समीप रामगंगा नदी में समा गई। जिससे कारण इस सड़क से वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। लोनिवि कर्मियों द्वारा सड़क को बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

राष्ट्रीय खेलों की तैयारी में बन रहे हैं नये स्टेडियम लेकिन बदहाली की मार झेल रहा है ये स्टेडियम

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स्पोर्ट्स स्मटेडियम गोपेश्वर रख-रखाव के अभाव में बदहाली की मार झेल रहा है। यहां नालियां बंद पड़ी हुई हैं। जिससे बारिश होने के बाद स्टेडियम तालाब में तब्दील हो रहा है। गोपेश्वर स्पोर्ट्स स्टेडियम में पूर्व में कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित होती थी।

वॉक रेस में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग कर चुका मनीष रावत भी इसी मैदान से खेला है। आज मैदान की स्थिति संरक्षण के अभाव में बदहाल बनी हुई है। इन दिनों थोड़ी सी बारिश से भी मैदान तालाब में तब्दील हो रहा है। वर्ष 2014 में खेल निदेशालय से स्टेडियम में 24 लाख रुपये की हरी घास बिछाने का कार्य भी किया गया। लेकिन यहां घास कई जगहों से गायब हो गई है। वर्ष 2007 में स्टेडियम का एक बड़ा हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आ गया था, लेकिन अभी तक यहां सुधारीकरण कार्य भी शुरु नहीं हो पाया है।


वर्ष 2015 में तत्कालीन जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन ने नगर के गंदे पानी के ड्रेनेज के लिए स्टेडियम के चारों ओर भूमिगत नाली बनवाई। यह कार्य सिंचाई विभाग को दिया गया। लेकिन लाखों रुपये खर्च करने पर भी नाली निर्माण में भारी अनियमितता की गई।मौजूदा समय में नाली क्षतिग्रस्त पड़ी हुई है। दो दुर्घटनाओं को न्यौता दे रही है। इधर, जिला खेल अधिकारी सुरेश चंद्र पांडे का कहना है कि नालियों की सफाई कर दी गई है। अत्यधिक बारिश होने पर ही स्टेडियम में पानी रुक रहा है। स्टेडियम के संरक्षण के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।

पीएम मोदी के इजराइल दौरे का ये है उत्तराखंड कनेक्शन

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पीएम मोदी के इजराइल दौरे से जहां दोनों देशों के संबंधों में ताकत आने की उम्मीद है वहीं इस दौरे का एक उत्तराखंड कनेक्ट भी हो गया है।  नरेन्द्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने इजराइल का दौरा किया। इस दौरान मोदी की मेहमान नवाजी में इजराइल ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। गौरतलब है कि पीएम मोदी खाने के मामले में खासा ध्यान रखते हैं और अधिकतर सादा खाना ही पसंद करते हैं। इसका खास ध्यान रखते हुए भारत के शेफ धरेंद्र पंवार ने पीएम मोदी का द‌िल जीत ल‌िया।

पीएम मोदी के तीन द‌िन दौरे के लिए भारतीय शेफ रीना पुशकरना और उनकी टीम को खाने पीने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस टीम में उत्तराखंड के शेफ धर्मेंद्र पंवार भी शामिल हैं। धर्मेंद्र ने ही पीएम मोदी के खाना बनाया। धर्मेंद्र उत्तराखंड के टिहरी जिले के बुढ़ाकेदार के रहने वाले हैं। पिछले पांच सालों से धर्मेद्र इजराइल में हैं और यहां के एक होटल में शेफ हैं। उन्होंने खाने की तारीफ की तो वहां धमेंद्र को सामने कर द‌िया गया।  जब पीएम ने धमेंद्र से पूछा क‌ि कहां से हो, तो उसने कहा उत्तराखंड। इस पर पीएम ने उत्तराखंड की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा क‌ि उत्तराखंड के लोग बहुत अच्छे हैं। तुभी भी अच्छा काम कर रहे हो।

धर्मेद्र के दोस्त सावन पंवार के मुताब‌ि‌क जब पीएम ने धमेंद्र से पूछा क‌ि कहां से हो, तो उसने कहा उत्तराखंड। इस पर पीएम ने उत्तराखंड की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा क‌ि उत्तराखंड के लोग बहुत अच्छे हैं। तुभी भी अच्छा काम कर रहे हो।

बंद पड़े आधार केंद्रों पर हजारों उम्मीदें दफन

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आधार कार्ड

यूआईडीए की शिकायत के बाद उत्तराखंड के 350 सीएससी सेंटरों पर केंद्र सरकार की रोक के बाद प्रदेश के करीब साढ़े तीन हजार लोगों के आधार कार्ड डंप हो गए हैं। फिलहाल स्कूल कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया जारी है और आधार के बिना छात्रों को तमाम परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है।

शासन को यूआईडीए की ओर से शिकायत प्राप्त हुई थी कि प्रदेश में संचालित 646 सीएससी केंद्रों में से 350 केंद्रों पर आधार आवेदन करने में लापरवाही बरती जा रही है। शिकायत के बाद इन केंद्रों पर रोक लगा दी गई चूंकि, रोक लगाने से पहले इन केंद्रों को सूचना नहीं दी गई, ऐसे में साढ़े तीन हजार आवेदन ऐसे हैं जो साफ्टवेयर में ही फंसकर रह गए और उनका डाटा यूआईडीए के पास नहीं पहुंचा। अब यूआईडीए ने अब तक ये भी स्पष्ट नहीं किया है कि इन आवेदनों का समाधान क्या होगा। ऐसे में ये आवेदन अधर में लटक गए हैं और आधार न बनने के कारण लोग आए दिन केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं।

आधार के नाम पर अवैध वसूली
अधिकांश आधार केंद्रों पर रोक लगाने के बाद दून में आधार कार्ड बनाने के नाम पर अवैध वसूली का धंधा भी शुरू हो गया है। तहसील स्थित आधार केंद्र में लोगों से कार्ड के नाम पर सौ से डेढ़ सौ रुपये तक की अवैध वसूली की जा रही है। केंद्र पहुंचे शफीक अहमद से आधार के सौ रुपये मांगे गए है। इसके बाद ग्राहक ने तहसील पहुंचकर तहसीलदार को मामले की शिकायत की। इसके अलावा भी लोगों से यहां अवैध वसूली की जा रही है।
सीएसी के राज्य प्रमुख ललित बोहरा का कहना है क यूआईडीए के डाटा के बाद 350 केंद्रों पर आधार बनाने में रोक लगाई गई है। लेकिन अभी 296 केंद्र चालू हैं। बंद पड़े केंद्रों पर आगे के निर्देश मिलने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।

इस गांव में एक शिक्षक के भरोसे हैं क्लास 6-8 के 82 छात्र

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कालसी विकासखंड के ग्राम जिसऊ का ठाकरासाधार मजरा स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कक्षा छह से लेकर आठ तक के 82 छात्र-छात्राओं को शिक्षित करने की जिम्मेदारी एक शिक्षक पर हैं, जो क्लर्क का भी कार्य देखते है, साथ ही स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षक और प्रशासनिक अभिलेखों को पूरा करने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के पास।

स्थिति यहा कि शिक्षक का अधिकांश समय पढ़ाई के बजाए अन्य कार्यों में बीत जाता है जिससे 82 बच्चों का भविष्य अंधकार में जाता दिख रहा है। मामले में स्थानीय लोगों ने डीएम से इसकी शिकायत भी की है। दो साल पहले तक इस स्कूल में चार शिक्षकों का स्टॉफ कार्यरत था। इनमें से डेढ़ साल पहले तीन शिक्षकों का अन्य स्थानों पर तबादला कर दिया गया। जिसके बाद विद्यालय में सिर्फ एक प्रधानाध्यापक बच गए। प्रधानाध्यापक भी 31 मार्च 2017 को सेवानिवृत्त हो गए। जब विद्यालय में शिक्षक व अन्य स्टॉफ के नाम पर कोई न बचा तो विभाग ने प्राथमिक विद्यालय सुरेऊ से एक शिक्षक की व्यवस्था कर इस स्कूल में भेजा। चूंकि, विद्यालय में कोई लिपिक भी नहीं है तो इस शिक्षक का अधिकांश समय पढ़ाई के बजाए विद्यालयों के प्रशासनिक अभिलेखों का कार्य निपटाने में गुजर जाता है। इस कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है।

मामले में ग्रामीण पिछले एक साल से विभाग के अधिकारियों से लेकर निदेशक तक लिखित व मौखिक शिकायत कर चुके हैं। इतना ही नहीं, ग्रामीणों ने शिक्षा मंत्री को भी पत्र भेजकर इस स्कूल में जरुरत के मुताबिक स्टॉफ की तैनाती करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विद्यायल प्रबंध समिति के पूर्व अध्यक्ष तुलसीराम शर्मा ने बताया कि स्कूल में फिलहाल 82 बच्चों के दाखिले हैं। शिक्षक न होने के कारण उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस मामले में कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन, अब तक यहां पर्याप्त शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई। उन्होंने कहा कि अगर हालात यही रहें तो ग्रामीणों को मजबूरन सड़क पर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी पड़ेगी।

जीएसटी समस्याओं को दूर करेंगे ये अफसर

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उत्तराखण्ड के कुमाऊं मंडल में वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) से जुड़े व्यापारियों के समस्याओं के निस्तारण के लिए पांच अधिकारी को इस काम में लगाया गया है। प्रदेश में जीएसटी को लागू हुए पांच दिन हो गए हैं।कई मामलों में व्यापारी अभी भी भ्रमित हैं जो रोजाना दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे में उनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य कर कार्यालय अल्मोड़ा के तीन अधिकारियों के अतिरिक्त ज्वाइंट कमिश्नर हल्द्वानी और एडीशनल कमिश्नर कुमाऊं के सामने भी व्यापारी अपनी समस्या रख अपनी परेशनियों को आसानी से समझ सकते है। इस कार्य की मानीटरिंग राज्य कर उपायुक्त अधिकारी करेंगे। 


अल्मोड़ा कार्यालय में ही प्रतिदिन 50 से अधिक फोन कॉल जीएसटी की जानकारी के लिए आ रहें हैं। व्यापारियों को सही और त्वरित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए वाणिज्य कर प्रभाग हल्द्वानी ने अल्मोड़ा कार्यालय में हेल्प डेस्क का दायरा बढ़ा दिया है। सहायक आयुक्त कमल किशोर जोशी, डॉ. प्रियंका और राज्यकर अधिकारी चन्द्र बल्लभ को हेल्प डेस्क में तैनात किया गया है। इसके अलावा समस्या के निस्तारण के लिए ज्वाइंट कमिश्नर हल्द्वानी आर के. टंडन और एडीशन कमिश्नर कुमाऊं बीएस नगन्याल को हेल्प डेस्क में शामिल किया गया है।

हेल्प डेस्क वाणिज्य कर विभाग में करदाता व्यापारियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए बनाई गई, हेल्प डेस्क पूरे जुलाई माह तक काम करेगी। इस हेल्प लाइन की मदद से कराधान संबंधी समस्याओं के अलावा भविष्य में लगने वाली कार्यशालाओं की जानकारी भी ले सकते हैं।
अल्मोड़ा कार्यालय के लिए
1- निशिकांत सिंह- उपायुक्त राज्य कर कार्यालय अल्मोड़ा-7055602728
2- कमल किशोर जोशी सहायक आयुक्त अल्मोड़ा- 94113335333-
3-डॉ. प्रियंका सहायक आयुक्त अल्मोड़ा- 95686147314-
4-चन्द्र बल्लभ राज्य कर अधिकारी -9012669416

हल्द्वानी कार्यालय के लिए
1- आर के टंडन- ज्वांइट कमिश्नर हल्द्वानी- 98373648162
2- बीएस नगन्याल- एडीनशल कमिश्नर कुमाऊं- 7055602802
जीएसटी के संबंध में व्यापारियों की समस्या को लेकर विभाग प्रतिबद्ध है, करदाताओं की समस्या के निराकरण के लिए हेल्प डेस्क बनाया गया है। सहायक आयुक्त वाणिज्य कर विभाग अल्मोड़ा कमल किशोर जोशी ने बताया कि व्यापारियों को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए भविष्य में भी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जायेंगे। इस कार्यक्रम में सभी को जीएसटी के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।

प्राइवेट बिल्डरों की मनमानी पर लगाम की तैयारी

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फ्लैट और अपार्टमेंट को लेकर बिल्डरों की मनमानी अब नहीं चलेगी। राज्य सरकार प्राइवेट बिल्डर्स की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाने जा रही है। प्राइवेट कॉलोनी बनाने वाले बिल्डरों को अब मकानों की संख्या बताने के साथ ही उसकी कीमत का रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा। शहरों में लगातार कॉलोनियों और प्राइवेट फ्लैट की संख्या बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं घर लेने के सपने को पूरा करने का दावा करने वाले कई बड़े बिल्डर अपनी मनमानी चलाकर लोगों को परेशान भी करते हैं। जिससे प्राइवेट बिल्डर्स के काम करने के तरीकों पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। साथ ही कई मामलों में इस तरह की ठगी, धोखाधड़ी के मामले भी सामने आते रहते हैं। लेकिन अब राज्य सरकार प्राइवेट बिल्डर्स की इस तरह की मनमानी को रोकने के लिए सख्त हो गई है।
शहरी विकास मंत्री का कहना है कि अब जो बिल्डर अपनी कॉलोनी बनाएगा वह बनाए जाने वाले मकानों की संख्या और उसकी कीमत का पंजीकरण कराएगा, जिसे प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा की पंजीकरण संबंधी सभी सुविधाएं सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से दी जाएंगी। ताकि किसी को भी किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े।
इधर दून रेजीडेंस वेलफेयर के अध्यक्ष डॉ. महेश भंडारी का दावा है कि अब देहरादून में फ्लैट सस्ते हो जाएंगे। भंडारी का कहना है कि अभी तक बिल्डर लगातार मनमानी कर रहे थे। इतना ही नहीं बिल्डर बिना रजिस्ट्रेशन के ही प्लॉट बेचने का विज्ञापन जारी करने के साथ ही प्रोजेक्ट शुरू कर देते थे। जिससे कई बार आम लोगों के साथ धोखा भी हो जाता था। लेकिन, अब बिल्डरों की मनमानी पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। बिल्डर को अब अपने प्रोजेक्ट को पहले रजिस्टर कराना होगा। साथ ही ग्राहक को निर्धारित समय में घर भी देना होगा। ऐसा न करने पर ग्राहक बिल्डर से जुर्माना भी ले सकता है।

संदिग्ध परिस्थितियों में पशु चिकित्सा अधिकारी की मौत

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पशुपालन केन्द्र दुर्गाधार में तैनात पशु चिकित्साधिकारी डाॅ पीके द्विवेदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। हालांकि प्रथम दृष्टिया मौत के कारणों को आत्महत्या बताया जा रहा है। तहसील प्रशासन की ओर से शव का पंचायतनामा भरकर जिला चिकित्सालय पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

दरअसल, पुश चिकित्साधिकारी डाॅ पीके द्विवेदी मुख्यालय के बेलणी में किराये के भवन पर निवास करते थे। उनकी ड्यूटी मुख्यालय से पन्द्रह किमी दूर पशुपालन केन्द्र दुर्गाधार में थी। वे कल सांय को अपने निवास पर आये, जिसके बाद बुधवार की सुबह ग्यारह बजे तक भी उनके कमरे के भीतर से कोई हलचल न होने पर आस-पास के लोगों को शक होने लगा। उन्होंने खिड़की से झांका तो भीतर डाॅ द्विवेदी का सिर बालटी के अंदर था और वे कोई हलचल नहीं कर रहे थे। जब लोगों ने दरवाजा खोलने की कोशिश की तो अंदर से कुंडी लगी थी। इसके बाद मकान मालिक को सूचना दी गई और मकान मालिक द्वारा पुलिस और पशु पालन विभाग को जानकारी दी गई।

मामला राजस्व क्षेत्र का होने के कारण तहसील प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। करीब डेढ़ बजे के करीब तहसील और पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में कमरे का दरवाजा तोड़ा गया। जिसके बाद अंदर की स्थिति देखकर हरकोई हैरान रह गया।

डाॅ द्विवेदी के सिर को पीआरडी के जवानों ने बालटी से बाहर निकाला तो डाॅ द्विवेदी के नाक से खून निकलने के साथ ही चेहरे पर सूजन आई हुई थी। शव को बाहर निकालते ही कमरे में बदबू भी फैल गई, जिससे अंदाजा लगाया गया कि डाॅ द्विवेदी की मौत रात को ही हो गई थी। तहसील प्रशासन की टीम द्वारा शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया।

राजाजी टाइगर रिजर्व में  25 साल के  नर हाथी की मौत

 राजाजी पार्क, ऋषिकेश की गोहरी रेंज में  एक 25 साल के  नर हाथी का शव  मिलने से हड़कंप मच गया हालाकि बताया जा रहा है की हाथी की खाई में गिरने से मौत हुई है।  राजाजी पार्क के गौहरी रेंज की लक्ष्मण झूला बीट का यह मामला है, जंगल में घास काटने गयी महिलाओं ने वन विभाग को इसकी जानकारी दी।

मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि दो से तीन दिन पहले हाथी की गड्ढ़े में गिरने से मौत हुई थी, उसकी उम्र लगभग 25 साल होने का अनुमान है।

मारे गए हाथी के दोनों दांत सुरक्षित मिले हैं, इससे उसका शिकार किए जाने की आशंका नहीं है। शव के पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सकों के दल को बुलाया गया है. इसके बाद मौत की असली वजह पता चस सकेगी.

 

दून पुलिस ने पकड़ी देसी शराब की पेटियां

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एसएसपी देहरादून के निर्देशन में जनपद पुलिस द्वारा नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक नगर एवं क्षेत्राधिकारी सदर/ नगर महोदय के नेतृत्व में बुधवार 05/07/17 को थाना कैंट पुलिस एवं एस0ओ0जी0 की संयुक्त टीम द्वारा किशन नगर चौक के पास से एक मैक्स पिकअप यूपी0 12 टी0 1785 में 50 पेटी अवैध देसी मसालेदार शराब बरामद की गई। चालक मौके से गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। परिचालक की सीट पर बैठे व्यक्ति सुनील पुत्र जगन्नाथ निवासी 194 गांधीग्राम, कावली रोड, थाना कोतवाली नगर देहरादून को वाहन के साथ हिरासत मे लिया गया। उपरोक्त संबंध में थाना कैंट में धारा 60/72 आबकारी अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। फरार अभियुक्त के संबंध में जानकारी प्राप्त कर गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

नाम पता गिरफ्तार अभियुक्तगण:-

  • सुनील पुत्र जगन्नाथ निवासी- 194 गांधीग्राम, कांवली रोड, थाना कोतवाली नगर, देहरादून।
  • बरामदगी:- 50 पेटी देसी शराब।

पुलिस टीम :-

  •  शंकर सिंह बिष्ट, प्रभारी निरीक्षक कैंट।
  • शंभू सिंह, चौकी प्रभारी बिंदाल।
  •  कॉन्स्टेबल अमित परमार, धनपाल।

एस0ओ0जी0 टीम :-

  • पी0डी0 भट्ट, एस0ओ0जी0 प्रभारी देहरादून।
  • कांस्टेबल प्रमोद कुमार,
  • कांस्टेबल चालक विपिन राणा।