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सहसपुर में बनेगा उत्तराखंड का विज्ञान नगरः मुख्यमंत्री

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राज्य वासियों को नागरिक दायित्व निभाने चाहिए। यदि कहीं कुछ गलत हो रहा है, तो उसकी शिकायत अधिकारियों से करें। यदि अधिकारी समय पर उचित कार्रवाई नहीं करते हैं, तो कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री से ऐसे अधिकारी की शिकायत कर सकता है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्मदिवस पर सहसपुर विधानसभा के ग्राम भाऊवाला में आयोजित सम्मेलन में यह बात कही।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सहसपुर नहर का नाम डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखा जाएगा तथा इसके स्रोत पर डॉ.मुखर्जी के नाम पर एक जलाशय का निर्माण भी किया जाएगा। उन्होने कहा कि साइंस सिटी भी सहसपुर में ही विकसित की जाएगी। साइंस सिटी राज्य के लिए सम्मान का विषय है। सहसपुर में पहले से ही विभिन्न उच्च शिक्षा तथा तकनीकी संस्थान है। अतः साइंस सिटी के लिए यह एक उपयुक्त स्थान है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लगभग साढे तीन माह का कार्यकाल पूरा कर लिया हैं और इस बीच हमने अनुभव किया है कि राज्य के पास सीमित संसाधन है, परंतु संसाधनों के सदुपयोग द्वारा राज्य का विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। राज्य सरकार विकास के कार्यों में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि हमने अपने विधायकों को कहा है, कि प्रत्येक विधायक अपनी-अपनी विधानसभा में होने वाले विकास संबंधित कार्यों को निर्धारित करें।

प्रत्येक विधायक अपने क्षेत्र की प्राथमिकता जनभागीदारी से तय करें। 98 प्रतिशत घोषणाओं को समयबद्ध रूप से पूरा किया जाएगा। त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि सबसे पहले भ्रष्टाचार को समाप्त किया जाए तथा पारदर्शी तथा संतुलित विकास सुनिश्चित किया जाए। राज्य सरकार मात्र दो प्रतिशत ब्याज दर पर लघु और सीमांत किसानों को ऋण उपलब्ध करवा रही है। राज्य में माध्यमिक शिक्षा की स्थिति अच्छी है, परंतु हमें अपनी उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारनी होगी। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा शीघ्र एनआईएफटी, एनआईआईटी, प्लास्टिक टेक्नोलॉजी का संस्थान हॉस्पिटैलिटी यूनिवर्सिटी स्थापित किया जा रहा है।

बुलंद हौंसले की मिसाल है 17 साल का मुकुल पंवार

17 साल के मुकुल पंवार आज एक मशहूर नौजवान हैं। मुकुल एक नेशनल चैंपियन हैं, पिछले साल मार्च में मुकुल ने हिमाचल प्रदेश में हुई स्पेशल ओलंपिक भारत में स्नो-शूइंग कैटेगरी में दो गोल्ड मेडल जीते। इसके साथ साथ हाल ही में आॅस्ट्रिया में हुए अंतर्राष्ट्रीय स्पेशल ओलंपिक में मुकुल ने स्नो-शूइंग कैटेगरी में ब्रांज मेडल कमा कर अपना नाम किया।

मुकुल एक खास खिलाड़ी है। ये सिर्फ इसलिये नहीं कि मुकुल पैदाइश से ही सुन औऱ बोल नहीं सकता, बल्कि इसलिये भी कि मुकुल ने कभी भी अपनी शारीरिक क्षमता को अपने सपने साकरा करने के आढ़े नहीं आने दिया। मुकुल की इस कामयाबी के पीछे उनके माता-पिता का भी खासा योगदान हैं। पिता प्रताप पंवार ने अपनी अाफिस की नौकरी छोड़ कर अपने बेटे को उसकी मंजिल तक पहुंचने में मदद करने का फैसला किया, तो टीचर माँ बिजया पंवार ने भी अपने बेटे को भरपूर प्यार और हौंसला दिया। अपने बेटे की कामयाबी को याद करते हुए वो कहते हैं कि, “हमने कभी भी इतनी उम्मीद नहीं की थी, लेकिन अच्छा लगता है कि जिन लोगों के लिये मुकुल कुछ समय पहले तक कुछ नहीं था उनके लिये अब वो रोल माॅडल बन गया है।”

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मुकुल के जीवन में ये बदलाव तब आया जब 3 साल पहले उसने दिल्ली कैंट स्थित आर्मी स्कूल में दाखिला लिया। मुकुल के स्पोर्टस टीचर सुधीर प्रसाद बताते हैं कि, “जब मैने पहली बार मुकुल को देखा था तो वो अपने जैसे और बच्चों की भीड़ में भी अलग दिख रहा था। उसकी शारीरिक बनावट देखकर मुझे यकीन था कि वो जरूर आने वाले दिनों में कामयाबी हासिल करेगा”  

वहीं जब मुकुल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिये सफर नहीं कर रहा होता तो आप इस क्लास 12 के छात्र को कैनवस पर रंग भरते देख सकते हैं। मुकुल न सिर्फ अपने जैसे और बच्चों के लिये मिसाल है नहीं बल्कि हम सभी को ये सबक याद दिलाया है कि जहां चाह है वहां राह है।  

पूर्व सीएम हरीश रावत ने मनाई ”हरेला पार्टी”

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उत्तराखंड का लोकपर्व हरेला अब राजनीति की उबड़खाबड़ राह पर अपनी मंजिल की तलाश में है। सत्ता से बाहर हो चुके हरीश रावत ने आज देहरादून में हरेला पर्व मनाया तो सत्ता में बैठी बीजेपी ने अभी इस मसले पर किसी खास कार्यक्रम का ऐलान नहीं किया है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि कहीं हरेला का दम राजनीतिक लड़ाई में ना निकल जाए।

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प्रकृति और इंसान के बीच के संबंधों की हरी भरी दास्तान हरेला को बुजुर्गों ने संभाल कर रखा लेकिन बदलते वक्त के साथ लोग भूलने लगे। हरीश रावत सरकार ने हरेला की बिसरी हुई कहानी को नए सिरे से सुनाया है। इसी का नतीजा रहा कि पूरे राज्य में हरेला को लेकर नए सिरे से जागरुकता आई। अब हरीश रावत सत्ता में नहीं हैं लेकिन अपने घर में हरेला मना रहें हैं। इसके साथ ही हरीश रावत ने राज्य के मुख्यमंत्री को अपने अंदाज में नसीहत भी दे डाली है।

हरेला ना सिर्फ उत्तराखंड की आत्मा से जुड़े पर्वों में से एक है बल्कि प्रकृति के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करने का मौका भी है। हरीश रावत ने हरेला और घी संक्राद जैसी परंपराओं को मुख्य धारा में लाकर एक बेहतर संदेश दिया था। अब जिम्मेदारी त्रिवेंद्र सरकार पर है। बेहतर हो कि राजनीतिक वर्जनाओं को तोड़कर ऐसी परंपराओं के लिए सभी साथ आएं।पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हरेला और घी संग्रांद प्रकृति, संस्कृति और उत्पादकता का पर्व है। इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे।

कार्यक्रम में लोगों ने विभिन्न लोक व्यंजनों जैसे कि मंडुए का रोटी, झंगोरे की खीर, उड़द की दाल की पकौड़ी, अरसे, आदि का खूब आनंद लिया।

सरकारी अस्पताल के परिसर में शुरू किया धरना

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश के एक मात्र सरकारी अस्पताल के हाल सरकार के तमाम वादों की हकीकत बताने के लिए काफी है, यहाँ काफी लंबे समय से डाक्टर की कमी के चलते मरीजों को काफी दिक्केतें हो रही है।

डॉक्टर्स की नियुक्ति को लेकर अब लोगों ने सर्वदलीय धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है जिसमे स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मीडिया से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस जिलाध्यक्ष जयेन्द्र रमोला ने बताया कि ऋषिकेश के एकमात्र सरकारी अस्पताल में पिछले कई समय से डॉक्टर्स की कमी के बावजूद अभी तक यहां डॉक्टर्स के खाली पड़े पद नहीं भरे है जिससे लोगों को काफी दिक्कतें हो रही है, उन्होंने बताया कि ये प्रदर्शन तब तक चलता रहेगा जब तक प्रदेश सरकार यहां डॉक्टर्स उपलब्ध नही करती।

पर्वतारोही लवराज के गृह क्षेत्र में जोरदार स्वागत

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एक बार नहीं बल्कि छह बार एवरेस्ट फतह कर चुके पद्मश्री लवराज धर्मसत्तू का गुरुवार को उनके गृह क्षेत्र मुनस्यारी में नागरिक अभिनंदन हुआ। अभिनन्दन समारोह से गदगद लवराज ने क्षेत्र के युवाओं को जहां पर्वतारोहण के क्षेत्र में आगे आने का आह्वान किया। वहीं उन्होने कहा कि पहाड के युवाओं का पलायन रोकने के लिए जरुरी है कि वो अपने रोजगार के साधन अपने ही पहाड में तलाशें।

नागरिक अभिनंदन समारोह में खुशाल धर्मसत्तू, तारा पांगती, मनोहर दरियाल, ईश्वर कोरंगा आदि ने कहा कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर छह बार फतह कर लवराज ने न केवल मुनस्यारी बल्कि पूरे देश को विश्व स्तर पर गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र के लोगों के प्रेरणास्रोत है। समारोह में बोलते हुए लवराज ने कहा कि अपने गृह क्षेत्र में सम्मानित होने से उन्हें नई ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने पर्वतारोहण के क्षेत्र में कैरियर की जानकारी देते हुए युवाओं से इस क्षेत्र में आगे आने का आह्वान किया। उनकी धर्मपत्नी रीना कौशल धर्मसत्तू ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के लोगों में साहसिक खेलों के लिए नैसर्गिक प्रतिभा होती है। युवाओं को अपनी प्रतिभा का उपयोग करते हुए इस क्षेत्र में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि लवराज और वे युवाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव मदद को तैयार हैं।

मैक्स वाहन अलकनंदा नदी में समाया, तीन घायल बाकि की खोज जारी

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जवाड़ी बाईपास,रुद्रप्रयाग में एक मैक्स वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर अलकनंदा नदी में समा गया। पुलिस और रेस्क्यू टीम मौक़े पर है। रेस्क्यू टीम द्वारा तीन लोगों को खाई से बाहर निकाला गया है। तीनों घायलों को उपचार के लिए ज़िला चिकित्सालय में भर्ती किया गया है। एहतियात के तौर पर बाईपास से वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है।

जानकारी के मुताबिक़, एक मैक्स वाहन वन विभाग कार्यालय के समीप दुर्घटनाग्रस्त होकर सीधे अलकनंदा नदी में जा गिरा। वाहन का अभी तक पता नहीं चल पाया है। भारी बारिश के कारण आज अलकनंदा नदी का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है। जिससे रेस्क्यू और पुलिस टीम को सर्च ऑपरेशन करने में दिक़्क़तें हो रही हैं। वाहन में कितने लोग सवार थे इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। फ़िलहाल तीन लोगों को खाई से बाहर निकाला गया है। अन्य लोगों की तलाश जारी है। प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी मौक़े पर ही हैं। एसडीआरएफ की टीम भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है।

हवा में घुमता रहा खट्टर का हैलीकाप्टर

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कालाढूंगी में खराब मौसम के कारण हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का हेलीकॉप्टर पंतनगर एयरपोर्ट पर नहीं उतर पाया। इस कारण उनका गुरुवार को कालाढूंगी दौरा रद हो गया। वह यहां हरियाणा के भाजपा प्रदेश संगठन मंत्री सुरेश भट्ट के पिता को श्रद्धांजलि देने आने वाले थे।

एसएसपी जन्मजेय खडूडी ने बताया कि पायलट को मौसम खराब होने के कारण हवाई अड्डे पर हेलीकॉप्टर उतारने के लिए स्पष्ट सिग्नल नहीं मिल पाया। काफी देर तक उनका हेलीकॉप्टर आसमान में मंडराता रहा, जिसके बाद देहरादून की ओर हेलीकॉप्टर रवाना हो गया। वहां पर भी विजुअल्टी कम होने के कारण हेलीकॉप्टर उतर नहीं पाया।

इधर, हरियाणा से पहुंचे मुख्य संसदीय सचिव एसएस राणा व केंद्रीय कपड़ा मंत्री अजय टम्टा ने कालाढूंगी के झलुवाजाला क्षेत्र निवासी सुरेश के आवास पर पहुंचकर पितृशोक की संवेदना व्यक्त की। इस दौरान कई नेताओं का उनके आवास पर आना-जाना लगा रहा।

मुख्य बाजारों का अतिक्रमण हटाने की मांग, शहरी विकास मंत्री को ज्ञापन भेजा

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राजधानी देहरादून में अतिक्रमण बड़ा मर्ज बनता जा रहा है। गलियों से लेकर मुख्य बाजारों तक में अतिक्रमण का आलम यह है कि आम जनता का यहां सड़कों पर चला तक मुहाल हो गया है। शहर में बढ़ते इस अतिक्रमण को जल्द हटाए जाने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने शहरी विकास मंत्री को ज्ञापन सौंपा।

गुरूवार को समाजसेवी आदित्य वर्मा के नेतृत्व में स्थानीय लोग जिलाधिकारी से मिले। उन्होंने डीएम के माध्यम से शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को ज्ञापन भेजा। समाजसेवी आदित्य वर्मा ने कहा कि देहरादून शहर के मुख्य बाजार पलटन बाजार, मोती बाजार व आनंद बाजार में व्यापारियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। इस कारण आम जनता को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। रोजाना इन इलाकों में जाम की समस्या से भी जनता को रूबरू होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने अपनी दुकानों का सामान फुटपाथ पर लगा रखा है जिसके कारण यह स्थिति पैदा हुई है। उन्होंने मंत्री से इन इलाकों में अतिक्रमण अभियान चलाकर आम जनता के हित में कार्रवाई करने की मांग की। इस मौके पर किरण त्यागी, प्रवीण गुप्ता सहित काफी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।

सफेद हाथी साबित हो रहा है सचल चिकित्सा वाहन

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प्रदेश सरकारों द्वारा जहां चिकित्सा सुविधाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने का दावे किये जाते रहे, वहीं दूसरी ओर जनपद चमोली में आधुनिक चिकत्सा उपकरणों से सुसज्जित करोड़ों रुपये की लागत से संचालित सचल चिकत्सा वाहन पिछले तीन वर्षाें से जिला चिकित्सालय परिसर में धूल फांक रहा है।

जनपद चमोली में चिकित्सा सुविधा को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए तत्कालीन प्रदेश सरकार द्वारा तीन सचल चिकित्सा वाहन आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के साथ उपलब्ध करवायी गई थी। इस वाहन में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे मशीन ,पैथालोजी की मशीनों के साथ ही चिकित्सकों की टीम साथ होती थी। यह वाहन सप्ताह में एक बार प्रत्येक विकास खंडों में पहुंच कर अपनी सेवाएं देता था।

क्षेत्र के ग्रामीण इस सेवा का भरपूर लाभ उठा रहे थे। यह सेवा गरीबों के लिए जीवन दायनी साबित हो रही थी,लेकिन अब ये सभी उपकरण जंक खाकर खराब होने की स्थिति में पहुंच गये हैं। किंतु अब तीन साल से अधिक समय से यह वाहन जिला चिकित्सालय के परिसर में खड़े-खडे़ जंक खा रहा है। इसमें रखे उपकरण भी खराब होने के कगार पर हैं।
स्वास्थ्य विभाग वर्ल्ड बैंक के सर इस सेवा को न संचालित करने का ठिकरा फोड़ अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक दीपक खंडूरी का कहना है कि वर्ल्ड बैंक से सहायता से सचल चिकित्सा वाहन संचालित किया जाता है जो की वर्तमान में खराब पड़ा हुआ है, जबकि एनएचएम से संचालित अन्य दो वाहन के लिए अभी टेंडर होने बाकी है।

छः स्कूलों को लिया गोद सुधरेंगे हालात

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काशीपुर प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के गिरते स्तर पर जहां हाईकोर्ट तल्ख तेवरों में दिख रहा है तो दुसरी ओर अब तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक निर्णय सामने नहीं आये हैं। स्कूलों की बदहाली हो या फिर बच्चों के शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है एेसे में सरकार की सहयोगी बनकर उघोगजगत से जुडे घरानों और रोटरी क्लब ने हाथ बढाते हुए आधा दर्जन स्कूलों को गोद लिया है, जिसमें उनके द्वारा स्कूलों के भवन से लेकर पीने के पानी शौचालय पुस्तके और स्कूल ड्रेस तक की व्यवस्था की जाएगी।
काशीपुर रोटरी क्लब ने ग्रामीण क्षेत्र के छ विघालयों को गोद लेते हुए उन विघालयों में समुचित व्यवस्था का जिम्मा उठाया है, यही नहीं शिक्षकों की कमी को भी दूर करने के लिए समय समय पर बच्चों को पडाने के लिए फैकल्टी की व्यवस्था भी की गयी है। रोटरी के जोनल इन्चार्ज पवन अग्रवाल और डिस्ट्रीक गवरनर विनय कुमार ने बताया कि ये पहल करने के लिए रोटरी पहले से होमवर्क कर चुकि है और जिन विघालयों को गोद लिया है उनमें सुधार के लिए फर्निचर, स्वच्छ पानी, भोजन, और बिजली की व्यवस्थाए की गयी है, जल्द ही गोद लिये गये स्कूलों कू हालत में सुधार आयेगा और वो सरकार से चाहते हैं कि यदि सरकार सहयोग करे तो और भी स्कूलों को गोद लेकर उनकी स्थिति को सुधारने में मदद करेंगे