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बाइक सवार की टक्कर पूर्व सीएम चोटिल,सीएम ने पूछा हाल चाल

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिलने पहुंचे वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत।तेज़ रफ़्तार बाइक की चपेट में आकर चोटिल हुए थे। पूर्व सीएमपूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को बुधवार को घर के बाहर टहल रहे थे तभी एक बाइक सवार ने टक्कर मार दी। जिससे उनके पैर में मोच आ गई। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

जानकारी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का ओल्ड मसूरी रोड पर आवास है। बुधवार शाम वह घर के बाहर टहल रहे थे, तभी वहां से गुजर रहे एक बाइक सवार ने उन्हें टक्कर मार दी। वह लड़खड़ाए, मगर साथ चल रहे लोगों ने उन्हें संभाल लिया। बाद में सुरक्षाकर्मी उन्हें घर ले गए और प्राथमिक उपचार किया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि पैर में हल्की चोट लगी है। हालांकि वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। बाइक सवार नशे में बताया जा रहा है। पूर्व सीएम ने इस मामले को। महज एक हादसा बताया और बाइक सवार के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्रवाई से इनकार किया। इतना ही नही उन्होंने बाइक सवार को जाने दिया।

गूगल मुख्यालय में आमंत्रण गर्व की बात : हुमा कुरैशी

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आईफा पुरस्कारों के लिए न्यूयॉर्क पंहुची अभिनेत्री हुमा कुरैशी को गूगल की ओर से मुख्यालय मे आमंत्रित किया गया। हुमा कुरैशी ने इसे निजी तौर पर अपने लिए और भारतीय सिनेमा के लिए गर्व की बात कही है कि उनको यहां बुलाया गया। आईफा पुरस्कारों के बाद हुए इस दौरे में हुमा कुरैशी ने लगभग एक घंटे तक गूगल मुख्यालय में रहकर वहां की कार्यशैली को समझा और इसे अपने लिए अनोखा अनुभव बताया।

हुमा का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि उनको कभी इस तरह का सम्मान मिलेगा। गूगल टीम के साथ बातचीत को हुमा ने सार्थक बताया और कहा कि ये उनके लिए यादगार पल रहे हैं। हुमा कुरैशी को इस साल ‘जॉली एलएलबी 2’ में अक्षय कुमार की हीरोइन के तौर पर देखा गया। इसके बाद उनकी अपने भाई सैक्लीन के साथ फिल्म ‘दोबारा आई,’ जो एक हॉरर फिल्म है, में देखा जायेगा।

अगस्त में हुमा की एक और फिल्म ‘वायसराय हाउस’ भारत में रिलीज होने जा रही है, जिसमें उनके अलावा अनुपम खेर और दिवंगत ओमपुरी भी हैं। भारतीय मूल की ब्रिटिश फिल्मकार गुरिंदर चड्ढा द्वारा बनाई गई ये फिल्म भारत में पार्टिशियन 1947 के नाम से रिलीज हो रही है, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बंटवारे की त्रासदी को दिखाया गया है। इन फिल्मों के अलावा सुपर स्टार रजनीकांत को लेकर बन रही फिल्म ‘काला’ में भी अहम रोल कर रही हैं। रजनीकांत की ये फिल्म मुंबई के अपराध जगत पर बन रही है। 

एटीएम साइबर अटैक के 93 मामले दर्ज

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देहरादून में एटीएम साइबर अटैक के चलते अभी तक लोगों को लगभग 28 लाख 50 हजार का चूना लग चुका है। जिले में एटीएम फ्रॉड के मामले 15 जुलाई से लगातार सामने आ रहे है। बुधवार शाम तक देहरादून जिले में एटीएम फ्रोड से सम्बन्धित 87 मुकदमें विभिन्न थानों में तथा 06 मुकदमें साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन में पंजीकृत किये गये हैं। जिनमें लगभग 2850000 रुपये की निकासी विभिन्न खातों से की गयी है।

इस सम्बन्ध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सभी बैंकों के नोडल अधिकारियों को पत्राचार कर सभी खाता धारकों जिनके एटीएम से पैसों की निकासी की गई है उनके सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध कराई गयी। साथ ही आरबीआई को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया कि वह सभी सम्बन्धित बैंको को एटीएमों की सीसीटीवी फुटेज जल्द से जल्द पुलिस को उपलब्ध कराने के लए अपने स्तर से आवश्यक दिशा निर्देश जारी करें। इसके अतिरिक्त उक्त अभियोगों की विवेचना कर रहे सभी विवेचकों को साईबर फॉरेन्सिक के माध्यम से साक्ष्य संकलन करने के लिए निर्देशित किया।

वहीं अब तक प्राप्त सीसीटीवी फुटेजों का विश्लेषण के बाद सदिग्ध व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी जुटाई जा रही है। संदिग्ध एटीएमों के आसपास के होटलों आदि के सीसीटीवी फुटेज भी प्राप्त करने के प्रयास किये जा रहे है।

ढ़ाई हजार स्कूली बच्चों को दिखाई बाल फिल्म

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बाल फिल्म कार्यक्रम के तीसरे दिन बुधवार हाॅल सिलवर सिटी, पीवीआर सिनेमा, बिग सिनेमा, मूवी लांउग सिनेमा, मुक्ता सिनेमा, गिल्ट्ज सिनेमा तथा रामा पैलेस ऋषिकेश में लगभग 2500 स्कूली बच्चों को अलग-अलग बाल फिल्में दिखाई गयी ।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय केन्द्र सरकार की स्वायत संस्था ‘‘बाल चित्र समिति’’ द्वारा बच्चों को मनोरंजन के साथ ही भविष्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से जनपद में 17 जुलाई से 22 जुलाई तक फिल्म बोनांजा का आयोजन किया जा रहा है। सिनेमाघरों में प्रतिदिन सुबह के शो में बाल फिल्म दिखाई जा रही है।
फिल्म बोनांजा में लगी शर्त,लुक्का छुप्पी, द गोल पप्पू की पगडंडी, आसमान से गिरा, हैप्पी मदर डे’ फिल्म दिखाई जा रही हैं।

मगरमच्छ के जबड़े से जीती जंग 

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कहते हैं जाको राखे सांईयां मार सके ना कोय, इस कहावत को चरितार्थ कर दिया एक किसान के बेटे ने जो मौत के मुंह से निकल कर बाहर आया और वो भी मगरमच्छ से जंग करके। जी हां,खेत में काम कर र‌हे किसान के बेटे के पीछे चुपके से आए मगरमच्छ ने उसे जबड़े में दबाया और नाले में खींचकर ले गया। घटना ऊधमसिंह नगर के नानकमत्ता की है जहां खेत में काम कर रहे किसान के बेटे पर मगरमच्छ ने हमला किया और उसे जबड़े में दबाकर नाले में खींच ले गया।
लेकिन खेत में मौजूद परिवार वालों ने हार नहीं मानी और गुरचरन को मगरमच्छ के मुंह से सकुशल निकाल लिया। गुरचरन सिंह, बिडौरा खकरा नाले के समीप परिजनों के साथ खेत में गया था। इसी दौरान मगरमच्छ ने उस पर हमला बोल दिया। मगरमच्छ ने गुरचरन को जबड़ों से पकड़कर नाले में खींच लिया, उसकी चीख पुकार सुनकर उसके पिता और आसपास के खेत में काम कर रहे किसानों ने नाले में छलांग लगा दी।  और जिसके हाथ जो लगा उससे मगरमच्छ पर वार करना शुरु कर दिया।
वार से घायल मगरमच्छ ने गुरचरन को छोड़ दिया और भाग निकला। ग्राम प्रधान जरनैल सिंह ने बताया कि गुरचरन के पैर, गर्दन व पेट में गंभीर घाव हो गए हैं। उसे स्वास्थ्य केंद्र नानकमत्ता में भर्ती कराया गया हैं, डॉक्टरों प्राथमिक उपचार के बाद उसे सितारगंज सामुदायिक केंद्र रेफर कर दिया। इ

हरीश रावत की सेल्फी बनी चर्चा का विषय

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क्या मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की मुहिम का हिस्सा बन गये पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत या फिर ये उनका कोई राजनैतिक स्टंट हैं? मगर जो भी हो, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एकबार फिर से चर्चाओं में है। इस बार उनके चर्चाओं में रहने की वजह बनी है हरेला पर्व। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक मुहिम शुरू की थी ‘सेल्फी फ्रॉम मार्इ विलेज’। जिसमें उन्होंने सभी से अपील की थी कि वो अपने पैतृक गांव जाकर समय बिताए।

जिसके बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्होंने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की इस अपील को स्वीकार कर अपने गांव मोहनरी, अल्मोड़ा जाकर हरेले में भागीदारी की है। सत्ता के गलियारे से बाहर रहते हुए भी पूर्व सीएम हरीश रावत हमेशा ही समुदाय के साथ सहभागिता और लोगों के बीच रहते हैं। आम, काफल और चाय पार्टी के बाद इस बार हरीश रावत गांव में हरेला पर्व मनाने को लेकर चर्चा में हैं।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री रावत ने शहरों और महानगरों में रहने वाले लोगों से 31 मई को अपील करते हुए कहा था कि गर्मियों में लोग अपने परिवार के साथ पैतृक गांव जाएं। सोशल मीडिया के माध्यम से की गई अपील में सीएम ने कहा था कि इससे गांवों में आवागमन बढ़ेगा और लोगों का अपने गांव, भाषा व संस्कृति से जुड़ाव होगा। इसके लिए सीएम ने ‘सेल्फी फ्रॉम माई विलेज’ हैशटैग का इस्तेमाल करने को कहा था। सीएम की अपील के बाद फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर लोगों ने फोटो शेयर करना शुरू भी कर दिया।

‘अपणु उत्तराखंड, प्यारु उत्तराखंड’ नाम से शुरू की गई मुहिम से पूर्व सीएम हरीश रावत भी जुड़ गए। पूर्व सीएम रावत ने ट्विटर और फेसबुक पर अपने गांव मोहनरी से फोटो शेयर की है। हरीश रावत ने अपने पैतृक गांव में हरेला पर्व मनाकर वन विभाग की टीम के साथ पौधरोपण भी किया।

बर्ड-डे पार्टी बनी मौत का कारण

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रानीबाग के अमृतपुर, हलद्वनी में एसएसबी कैम्प के पास दोस्तो के साथ नहा रहा एक युवक गोला नदी में बह गया। काठगोदाम और भीमताल थाना पुलिस ने युवक को तलाश शुरू कर दी है। अभी उसका पता नहीं चल सका है।

पंतनगर नगला के रहने वाले सात दोस्तों के यह युवक एक दोस्त की बर्थडे पार्टी मनाने अमृतपुर आया था। जवाहरनगर नगला पंतनगर में रहने वाले शुभम कुमार  का आज जन्मदिन है। बर्थडे पार्टी मनाने के लिए शुभम के साथ ही जवाहरनगर निवासी अभिषेक जोशी, गिरिश चंद्र, पवन कुमार, कमल साम्य, ओमप्रकाश जोशी और शिवम मौर्या अमृतपुर आये थे।

सभी एसएसबी कैम्पस के पास गोला नदी में नहा रहे थे। तैरना जानने की बात कहकर अभिषेक नदी के बीच मे चला गया। करीब 12.45 बजे वह पानी के तेज बहाव के साथ बह गया, आधा किलोमीटर तक नदी किनारे दोस्त उसके पीछे गए। बहाव के साथ अभिषेक के गायब होने पर दोस्तों ने एसएसबी जवानों को सूचित किया।

काठगोदाम थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने बताया कि गोताखोरों की मदद से अभिषेक की तलाश की जा रही है। अभिषेक तीन भाई बहनों में इकलौता पुत्र था। उसकी दो छोटी बहने हैं। अभिषेक के पिता प्रकाश चंद्र जोशी बाजपुर शुगर मिल में काम करते हैं।

एटीएम साइबर अटैक : शिकायत में देरी पड़ेगी भारी

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देहरादून में साइबर अटैक के चलते अभी तक लोगों को तकरीबन 25 लाख का चूना लग चुका है। लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों का शिकार अगर आप भी बने हैं तो बेहतर होगा कि सबसे पहले संबंधित बैंक में शिकायत दर्ज कराएं। समय से शिकायत करने पर न सिर्फ आपकी शिकायत पर कार्रवाई होगी बल्कि आपका पैसा भी बैंक अपने स्तर पर लौटाने का कार्य करेगा।

देहरादून में लोगों के बैंक खातों से लगातार पैसे गायब हो रहे है। पुलिस और बैंक ही नहीं आरबीआई तक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। ऐसे में अगर आपके खाते से भी पैसा गायब हुआ है तो बेहतर होगा इसकी शिकायत जितनी जल्दी हो सके बैंक में कर दें, ऐसा न करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। दरअसल, आरबीआई के नियम के अनुसार अगर बैंक ग्राहक के साथ धोखाधड़ी होती है तो ऐसे तमाम ऑनलाइन ट्रांजेक्शन फ्रॉड का खामियाजा बैंक ही भुगतेगा। आरबीआई की जीरो लायबिलिटी पॉलिसी के तहत बैंक ऐसे मामलों में भुगतान करेंगे। हालांकि इसके लिए ठगी होने के तीन दिन के अंदर ग्राहक को अपने बैंक में शिकायत करनी होगी। ऐसा करने पर बैंक पूरी रकम की भरपाई करेगा। इसके अलावा यदि शिकायत में चार से सात दिन का समय लगात है तो इस स्थिति में रकम से 05 हजार रुपये की कटौती कर दी जाएगी।

पीएनबी के सभी खाते इंश्योर्ड 
पंजाब नेशनल बैंक की बात करें तो यहां सभी खातों का बीमा कराया गया है। ऐसे में यदि किसी खातेधारक के साथ कोई इस प्रकार की ठगी हो जाती है तो यहां भी तीन दिन के अंदर उसे संबंधित शाखा में संपर्क कर शिकायत करनी होगी। ऐसा न करने पर बैंक उस राशि का क्लेम स्वीकार नहीं करेगा। बैंक के मंडल प्रमुख अनिल खोसला ने बताया कि शिकायत का तीन दिन का समय उस वक्त से शुरू हो जाएगा, जिस वक्त ग्राहक को उसके खाते से हुए ट्रांजेक्शन की जानकारी मिल जाएगी। ग्राहक को एसएमएस, ईमेल या बैंक स्टेटमेंट से इसकी जानकारी मान्य होगी। उन्होंने बताया कि सभी तरह के ई-ट्रांजेक्शन पर बैंक की यह नीति लागू होगी।

अब तक सामने आ चुके हैं 89 मामले 
देहरादून में एटीएम के जरिए खातों से उड़ाई गई रकम का आंकड़ा 25 लाख के पार पहुंच गया है। मंगलवार देर रात तक अलग-अलग थानों में कुल 89 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। लगातार घटित हो रहे इन मामलों को लेकर आरबीआई ने भी चिंता व्यक्त की है। साथ ही बैंकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने पर आरबीआई ने बैंकों को भी फटकार लगाई है। इतना ही नहीं ऐसे मामलों गंभीरता से न लेने वाले अधिकारियों को भी आड़े हाथों लेते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

पारिवारिक आय बढ़ाने को टाटा से करार

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में बुधवार को सचिवालय में टाटा ग्रुप और राज्य सरकार के मध्य एक ज्वाइंट डिक्लेरेशन साइन किया गया। राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव एस रामास्वामी एवं टाटा ग्रुप की ओर से सीओओ वी रामास्वामी ने घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने टाटा ट्रस्ट को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड विकास के लिए हर पहल का स्वागत करती है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य में क्लस्टर चिन्हित कर के नियोजित तरीके से योजनाओं को लागू किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा विशेष रूप से कृषि, औद्यानिकी, कुटीर उद्योग, डेरी, पशुपालन में क्षेत्र विशेष की भौगोलिक परिस्थितियों और वहां की जलवायु के अनुसार योजना बनाई जाय। मुख्यमंत्री ने कौशल विकास के क्षेत्र में टाटा ट्रस्ट के द्वारा निर्धारित लक्ष्य को और बढ़ाने की जरूरत भी बताई। उन्होंने कहा कि कैन्सर अस्पताल के लिए भूमि का प्रबंध भी शीघ्र कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने टाटा ट्रस्ट द्वारा प्रस्तावित सभी कार्याें के लिये सुस्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने की अपेक्षा व्यक्त की, जिससे एक समय सीमा के भीतर किये जा रहे कार्यांे का प्रभाव नजर आयें। मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने कहा कि ज्वाइंट डेक्लरेशन के बाद शीघ्र ही एक विस्तृत एमओयू भी साइन किया जाएगा।
घोषणापत्र के अनुसार टाटा द्वारा राज्य में संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ सहभागिता करते हुए प्रदेश के 05 जिलों में आगामी 05 वर्षों में 12,500 परिवारों की वार्षिक आय को एक लाख रुपए से अधिक किया जायेगा। टाटा द्वारा कौशल विकास के लिए अपनी महत्वाकांक्षी योजना ‘स्ट्राइव’ के अंतर्गत कुमाऊ में पिथौरागढ़ एवं गढ़वाल में चमोली जिले में कौशल विकास केंद्र स्थापित किया जायेगा। इन केन्द्रों में युवाओं को हॉस्पिटैलिटी, हेल्थ केयर, ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में रोजगार परक प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के साथ ही 21वीं सदी के अनुसार शहरी क्षेत्रों के अनुरूप जीवन कौशल का भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। जिससे युवाओं को स्थाई आजीविका प्राप्त करने में सहयोग प्राप्त हो सके। राज्य सरकार द्वारा दोनों केन्द्रों के लिये भवन चयनित कर लिया गया है।
घोषणा पत्र में कहा गया है कि टाटा ट्रस्ट द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से पूर्ण विकसित कैंसर केयर केंद्र स्थापित किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र को डिजिटल विलेज में परिवर्तित करने का लक्ष्य भी रखा गया है। इसके अंतर्गत ग्रामीणों को नगदी डेबिट/क्रेडिट कार्ड आदि रखने की आवश्यकता नहीं होगी। सभी लेन-देन आधार से जुड़े बैंक खाते के माध्यम से किए जा सकेंगे। वर्तमान में टाटा द्वारा चमोली के कालेश्वर और देहरादून के थानों में डिजी कैश पर कार्य किया जा रहा है जहां ग्रामीणों को प्वाइंट आॅफ सेल पर भीम आधार ऐप हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। टाटा द्वारा ओपन इग्नाइट योजना के अंतर्गत प्रदेश में विज्ञान के छात्रों को सॉफ्टवेयर स्किल्स में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। जिससे इन छात्रों को सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, पूर्व एफआरडीसी विभापुरी दास सहित शासन एवं टाटा ट्रस्ट के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

केन्द्र की मध्यस्थता का मिला लाभ, उतराखंड को मिलेंगे 3000 हजार करोड़

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उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश ने परिसंपत्तियों के विवाद के निपटारे की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए हैं। केंद्र सरकार की मध्यस्थता में दोनों राज्यों के आलाधिकारियों की बैठक में छह वर्षों से उत्तर प्रदेश से अटकी पड़ी पेंशन का मसला सुलझ गया है। उत्तराखंड को अब 31 मार्च, 2017 तक उत्तरप्रदेश से करीब 2933.13 करोड़ धनराशि के भुगतान का रास्ता साफ हो गया है।
राज्य सरकार इस फैसले से खासी राहत महसूस कर रही है। उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों के मसले में उत्तराखंड के बैकफुट पर रहने के विपक्ष के आरोपों का जवाब देने में भी सरकार सक्षम हो गई है।
बतातें चले कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच परिसंपत्तियों का विवाद लंबे अरसे से बरकरार है। इस विवाद को सुलझाने के लिए राज्य की सरकारों को अब तक कोई खास कामयाबी नहीं मिली है। बीते दिनों परिसंपत्तियों के मामले में उत्तराखंड के हाथ ज्यादा कुछ नहीं लगने के मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार पर जमकर निशाना साधा था। अब केंद्र की पहल के बाद राज्य सरकार को राहत मिली है। दोनों राज्यों के बीच पेंशन दायित्वों के विभाजन के प्रकरण कई वर्षों से लंबित चल रहे थे। महालेखाकार, देहरादून की ओर से इस संबंध में कुछ आपत्ति उठाने के कारण एक अप्रैल, 2011 से उत्तर प्रदेश पेंशन राशि की प्रतिपूर्ति उत्तराखंड को नहीं कर रहा है।
राज्य की नई त्रिवेंद्र सरकार ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय से आवश्यक कार्यवाही का अनुरोध किया था। इसके बाद बीती 10 जुलाई को गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव की पहल पर दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि पेंशन दायित्व के भुगतान को लेकर कट ऑफ डेट तय नहीं की जा सकती।
यह भी तय हुआ कि उत्तर प्रदेश पेंशन की 2933.13 करोड़ राशि का भुगतान करेगा। इसके तहत निकट भविष्य में वित्त विभाग की ओर से पेंशन की लंबित राशि की मांग उत्तर प्रदेश सरकार से की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के साथ पेंशन भुगतान का मसला सुलझने से राज्य सरकार की बांछें खिली हुई हैं। राज्य सरकार की केंद्र की मध्यस्थता में की गई पहल कामयाब होने से सत्तारूढ़ भाजपा को भी कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार का मौका मिल गया है। अब पेंशन की बड़ी धनराशि मिलने से उत्तराखंड को बड़ी परेशानी से निजात मिल सकेगी। साथ ही इस मामले पर जारी सियासत में उसे बैकफुट पर नहीं जाना पड़ेगा।