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उरेडा के प्रकल्पों पर उठी उंगलियां, विभाग ने निराधार बताया

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उत्तराखंड में सरकारी विभागों का राम मालिक है। वैकल्पिक ऊर्जा के नाम पर लोगों को रोशन करने वाली संस्था रोशन करने के बजाय लोगों के शोषण पर लगी हुई है। इसका कारण कुछ निहित लोगों का स्वार्थ है। उत्तराखंड सूर्योदय स्वरोजगार योजना संचालित की जा रही है प्रदेश के 11 पर्वतीय जनपदों में 1928 लोगों ने सोलर संयंत्रों के स्थापना हेतु आवेदन किया। इसमें 1900 संयंत्र चार या पांच किलोवॉट क्षमता के स्थापित कराए जाने हैं, जिनका काम अब तक जारी है।
इन संयंत्रों के स्थापना के बाद जो संस्था स्थापित करेगी, उसको पांच वर्ष तक अनुरक्षण करने की जिम्मेदारी भी दी गई है। इस काम के लिए जो फर्में चुनी गई हैं, उनमें मेसर्स जायसवाल बैट्री सर्विस को चमोली और बागेश्वर में में 294 संयंत्रों का काम सौंपा गया जबकि चमोली में 174 और बागेश्वर में यह संख्या 120 है। इसी प्रकार मेसर्स मित्तल प्राइवेट लिमिटेड को भी दो जनपदों को काम सौंपा गया है, इनमें रुद्रप्रयाग, टिहरी शामिल हैं। 339 परियोजनाओं को बनाने वाली इसी संस्था को टिहरी में 200 तथा रुद्रप्रयाग में 139 परियोजनाएं सौंपी गई हैं। इसी प्रकार मैसर्स बीसा पावर टेक प्राइवेट लिमिटेड को देहरादून में 113 तथा उत्तरकाशी में 295 परियोजनाएं सौंपी गई है।
मैसर्स पावर वन माइक्रो सिस्टम को 298 परियोजनाएं दी गई हैं, इनमें पिथौरागढ़ में 203 तथा चंपावत में 95 परियोजनाएं शामिल हैं। मेसर्स उजास एनर्जी लिमिटेड को 321 प्रकल्प दिए गए हैं, इनमें पौड़ी के 223 तथा नैनीताल के 98 प्रकल्प शामिल हैं। इसी प्रकार मेसर्स एडॉस रिनेबल प्राइवेट लिमिटेड को 331 प्रकल्पों की सूची सौंपी गई है, इनमें नैनीताल में मात्र 20 तथा अल्मोड़ा में 361 परियोजनााएं शामिल हैं।
इस प्रकार इन छह संस्थाओं को आवंटित परियोजनाएं तथा कुल परियोजनाएं 1928 हैं। अब तक इन परियोजनाओं में कुछ न कुछ कमी रह गई है, जिनके कारण पूर्ण की गई परियोजनाओं की संख्या काफी कम है। इन परियोजनाओं के अन्तर्गत जो भी कार्य किया जा रहा है, उसमें 70 प्रतिशत केन्द्र सरकार की ओर से तथा 20 प्रतिशत राज्य सरकार की ओर से अनुदान दिया जा रहा है, जबकि लाभार्थी को 10 प्रतिशत राशि वहन करना होगा।
उरेडा के अधिकारियों का मानना है कि संयंत्रों की स्थापना के लिए जो फर्में चुनी गई हैं, उनके लिए राष्ट्रीय स्तर पर निविदा आमंत्रित की गई थी, उसी आधार पर न्यूनतम दरों पर यह छह संस्थाएं चयनित की गई हैं। विभागीय अधिकारी मानते हैं कि चार किलोवाट क्षमता के एक संयंत्र से एक वर्ष में पांच हजार यूनिट विद्युत उत्पादित हो सकती है, जो लगभग 16 से 18 हजार रुपये वार्षिक बजट कर सकती है। इस विद्युत उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा प्लांट से धूप में विद्युत उत्पादन के समय यूपीसीएल की ग्रिड में भी विद्युत उपलब्ध हो तथा ग्रिड में विद्युत का वोल्टेज 190 से 250 के मध्य हो अन्यथा तकनीकी कारणों से सोलर पावर प्लांट से ग्रिड में आपूर्ति नहीं हो पाएगी और संयंत्र का वार्षिक विद्युत उत्पादन कम जो जाएगा।
विभाग ने इसके लिए सोलर मॉड्यूल्स जिन्हें सोलर प्लेट कहा जाता है कि संख्या क्षमता के आधार पर निर्धारित होती है। चार किलोवॉट क्षमता में 250 वॉट क्षमता के 16 मॉड्यूल लगाए जाते हैं अथवा 315 क्षमता वॉट के 13 मॉड्यूल्स लगाए जा सकते हैं। इसी प्रकार पांच किलोवॉट क्षमता के संयंत्र में 250 वॉट की 20 मॉड्यूल्स अथवा 315 वॉट क्षमता के 16 मॉड्यूल्स लगाए जा सकते हैं।
विभाग मानता हैं कि संयंत्र में स्थापित सभी मॉड्यूल्स की क्षमता संयंत्र की निर्धारित क्षमता से कम नहीं होनी चाहिए। इसी प्रकार इन्र्वटर भी महत्वपूर्ण है, जो सोलर प्लांट से उत्पादित बिजली डीसी को एसी में बदलने का कार्य करता है। सूर्योदय रोजगार के अन्तर्गत जिन संस्थाओं को इन्र्वटर के लिए चुना गया है,उनमें पावर वन माइक्रो सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड, सेनझैन ग्रॉट न्यू एनर्जी, सेनझैन जिनफू यूऑन टेक कंपनी, इनरटेक यूपीएस प्राइवेट लिमिटेड, समिल पावर कंपनी, सोलक्स प्राइवेट लिमिटेड, सेनझैग कस्तर न्यू एनर्जी कंपनी लिमिटेड तथा फुजिमा पावर सिस्टम लिमिटेड के इन्र्वटरों को मान्य किया गया है। इसके लिए केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार इंटरनेशनल इलेक्ट्रानिक कमीशन (आईईसी) टेस्ट नंबर 61683 तथा 60068 के अनुरुप प्रमाणपत्र प्राप्त करना आवश्यक होता है। इस प्रमाण पत्र के बाद ही खातों का चयन होता है। कार्य पूर्णत: की ओर है विभागीय आंकड़ों के अनुसार 1028 प्रकल्पों को पूर्ण किया जा चुका है। 250 प्रकल्प और पूरे हो चुके हैं, लेकिन उनकी रिपोर्ट नहीं आई है। एक सप्ताह के भीतर उनकी रिपोर्ट भी आज जाएगी।

विभाग के प्रमुख अरुण त्यागी का मानना है कि उरेडा के कार्यों पर प्राय: लोग आरोप लगाते हैं कि प्लेटें कम लगाई गई,जिसके आधार पर बड़ा घोटाला हुआ है, लेकिन यह बात पूरी बात तरह से सत्य नहीं है। उन्होंने कि कई बार मॉड्यूल स्थापना के लिए 250 की क्षमता के स्थान पर 315 की क्षमता के प्लेटें लगा दी जाती हैं और प्रकल्प की व्यवस्था पूरी होती है। हमारा मुख्य उद्देश्य यह होता है कि संयंत्र में स्थापित सभी सोलर मॉड्यृूलों की सम्मिलित क्षमता संयंत्र की निर्धारित क्षमता से कम न हो। यही कारण है कि तरह-तरह के आरोप लगाकर प्रकल्पों को बदनाम करते हैं, जो सही नहीं है।
यही मान्यता उनके सहयोगी परियोजना अधिकारी सीपी अग्रवाल की भी है। इन दोनों अधिकारियों का कहना है कि हम सूर्योदय रोजगार योजना को पूरी तरह फिट और महत्वपूर्ण बनाने के लिए हर संभव और प्रभावकारी कदम उठा रहे हैं।
जिले आवंटित कार्यपूर्ण होनी की ओर
चमोली 177 36
बागेश्वर 120 28
रूद्रप्रयाग 139 128
टिहरी 250 143
देहरादून 113 67
उत्तरकाशी 132 25
चम्पावत 97 97
पिथौरागढ़ 202 117
पौड़ी 223 137
नैनीताल 118 55
अल्मोड़ा 361 215
कुल 1932 1028

मंडलायुक्त को बनाया स्मार्ट सिटी एसपीवी अध्यक्ष

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स्मार्ट सिटी योजना के तहत शासन ने एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल) का ढांचा तैयार कर दिया है। मंडलायुक्त को इसके अध्यक्ष के साथ ही प्रथम निदेशक की जिम्मेदारी दी गई है। इसके बाद अब शासन ने एसपीवी का पंजीकरण देहरादून स्मार्ट सिटी लि. के रूप में कराने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है।

जो कि शासकीय कंपनी होगी। संभवत: एक सप्ताह के भीतर यह कार्रवाई भी पूरी कर ली जाएगी। मंगलवार को एसपीवी के ढांचे के गठन की फाइल पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद नोडल विभाग शहरी विकास की सचिव राधिका झा ने इस बाबत आदेश भी जारी कर दिए। आदेश के अनुसार एसपीवी में निदेशकों की न्यूनतम संख्या पांच और अधिकतम 14 रखी जा सकती है। फिलहाल न्यूनतम पांच ही निदेशकों की तैनाती एसपीवी में की गई है। इसके अलावा एक लाख शेयर में से 99 हजार 994 शेयर 50-50 फीसद की हिस्सेदारी में उपाध्यक्ष मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) और नगर आयुक्त देहरादून नगर निगम को शामिल किया गया है। जबकि एक-एक शेयर एमडीडीए के सचिव, लेखाधिकारी, अधीक्षण अभियंता, नगर निगम के दो स्वास्थ्य अधिकारी व वरिष्ठ वित्त अधिकारी को दिए गए हैं।
ये हैं एसपीवी के निदेशक
प्रथम, मंडलायुक्त
दूसरे, उपाध्यक्ष एमडीडीए
तीसरे, अपर सचिव शहरी विकास
चौथे, अपर निदेशक शहरी विकास
पांचवें, नगर आयुक्त देहरादून
महत्वपूर्ण अधिकारी भी होंगे शामिल
एसपीवी में अभी भी नौ और निदेशकों को शामिल किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि स्मार्ट सिटी के कार्यों में अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारियों जैसे-जिलाधिकारी आदि को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। ताकि उन्हें जिम्मेदारी निभाने के लिए बाध्य भी किया जा सके।

केजरीवाल पर बनी डाक्युमेंट्री हुई सेंसर से पास

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पहलाज निहलानी के सेंसर बोर्ड के चेयरमैन से हटाए जाने का असर नजर आने लगा है। पहलाज निहलानी के दौर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बनी जिस डाक्युमेंट्री को सेंसर बोर्ड ने लटका कर रखा था, उसे हरी झंडी मिल गई। निर्माता द्वय विनय शुक्ला और खुश्बू रांका ने मिलकर दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की ऐतिहासिक जीत के बाद ‘एन इसफिग्निसेंट मैन’ नाम से अरविंद केजरीवाल पर डाक्युमेंट्री बनाई, जिसे इस साल फरवरी में सेंसर के लिए आवेदित किया गया ।

लेकिन सेंसर बोर्ड ने ये कहकर इस डाक्युमेंट्री को पास करने से मना कर दिया कि इसमें दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेसी नेता शीला दीक्षित तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उल्लेख है, इसलिए डाक्युमेंट्री पास कराने के लिए नरेंद्र मोदी और शीला दीक्षित से नो आब्जेक्शन सार्टिफिकेट (एनओसी) सेंसर बोर्ड में जमा कराने होंगे। इस वजह से फिल्म काफी समय से लटकी रही। सेंसर बोर्ड के इस फैसले को चुनौती देते हुए जब एपीलेट ट्रिब्यूनल में फिल्म को भेजा गया, तो वहां बिना किसी बदलाव के इसे पास करने का फैसला हुआ।

एपीलेट ट्रिब्यूनल से बिना किसी कांट छांट के फिल्म को यूए सार्टिफिकेट के साथ सार्टिफिकेट जारी करने का आदेश सेंसर बोर्ड को दिया गया। एपीलेट ट्रिब्यूनल ने एनओसी वाले कानून को लेकर खास तौर पर अपने आदेश में लिखा कि इस कानून के चलते भारत में डाक्युमेट्री बनाना असंभव हो जाएगा। इस आदेश के बाद किसी फिल्म में भी किसी व्यक्ति का उल्लेख होने पर उससे एनओसी लाकर जमा करना जरुरी नहीं रहेगा। पहलाज निहलानी ने इसी कानून के आधार पर रामगोपाल वर्मा की फिल्म सरकार 3 का ट्रेलर पास करने से मना कर दिया था और वर्मा को आदेश दिया था कि इस फिल्म की कहानी ठाकरे परिवार से मिलती है, इसलिए परिवार से एनओसी लाना होगा। एपीलेट ट्रिब्यूनल से ही इस फैसले को बदला गया था।

आमिर खान ने बिहार के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए की अपील

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Aamir khan speaks up on GSt and other issues

आमिर खान ने देश के लोगों से बिहार में आई भीषण बाढ़ से प्रभावित जनता की मदद के लिए आगे आने की अपील की है। अपनी प्रोडक्शन कंपनी की नई फिल्म सीक्रेट सुपर स्टार के पहले गाने के लांच के लिए हुए समारोह में शामिल होने आए आमिर खान ने कहा कि बिहार में हालात खराब हैं और सब इससे चिंतित हैं।

आमिर खान ने आम लोगों के साथ साथ बॉलीवुड के सितारों से भी अपील करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष में अधिक से अधिक मदद की जाए। आमिर खान ने ये नहीं बताया कि वे इस कोष में अपनी ओर से कितनी राशि दे चुके हैं। आमिर इससे पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश के जरिए गुजरात की बाढ़ में प्रभावित लोगों की मदद के लिए भी सहायता की अपील कर चुके हैं। उस वक्त कहा गया था कि आमिर खान की ओर से गुजरात के मुख्यमंत्री राहत कोष में 25 लाख रुपये का चेक भेजा गया है। अनुमान है कि इतनी ही राशि का चेक आमिर खान बिहार मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए भेज रहे हैं।

आमिर खान के अलावा बिहार से आने वाले अभिनेता मनोज वाजपेयी ने भी आम लोगों से बिहार के लोगों की मदद के लिए अपील की है। मनोज ने सोशल मीडिया पर जारी अपील में कहा कि बिहार वासियों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहतकोष में मदद करें। 

दिल्ली से धनौल्टी घूमने आए युवक की मसूरी अस्पताल में मौत

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अाज सुबह3:00 बजे थाना मसूरी को एक डैथ मेमो प्राप्त हुआ, जिसमें बताया गया कि कम्युनिटी हॉस्पिटल मसूरी में एक व्यक्ति की दौराने उपचार मृत्यु हो गई है। सूचना पर पुलिस बल मौके पर पहुंचा, जानकारी करने पर ज्ञात हुआ की मृतक नवनीत सिंह सैनी, उम्र 24 वर्ष, दिल्ली से अपने साथी सचिन अौर विशाल के साथ धनौल्टी घूमने आया था।

रात में अचानक तबियत खराब होने के कारण 108 के माध्यम से मसूरी उपचार हेतु लाया गया। जहाँ दौराने उपचार उसकी मृत्यु हो गई। पूछताछ करने पर उसके दोस्तों ने बताया गया कि मृतक को पूर्व में किडनी और लीवर में संक्रमण की परेशानी थी।

आज उसके द्वारा अपने दोस्तों के साथ ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन किया गया था, जिसके पश्चात उसकी तबीयत खराब हो गयी। पुलिस द्वारा मृतक के परिजनों को सूचित किया गया है, परिजनों के आने के पश्चात पंचायतनामे व पोस्टमार्टम की कार्यवाही की जाएगी।

⁠⁠⁠⁠⁠बस और ट्रक की हुई भिड़ंत

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अाज सुबह 7:30 थाना डोईवाला को सूचना मिली कि हाइवे रोड नियर डीलाइट होटल, लालतप्पड़ के पास एक रोडवेज की बस और ट्रक की आमने सामने टक्कर हो गयी है। उक्त सूचना पर चौकी प्रभारी लालतप्पड़ मय पुलिस बल के तत्काल मौके पर पहुँचे।

उक्त दुर्घटना में रोडवेज बस के ड्राइवर को ज्यादा चोटें आई है, अन्य 8 सवारीयो को हल्की चोटें आयी थी। पुलिस द्वारा बस ड्राइवर को उपचार के लिये तत्काल जोलीग्रांट अस्पताल तथा बाकि सवारीयों को डोईवाला चिकित्सालय ले जाया गया।

दुर्घटना में अभी तक किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है। मौके से ट्रक व बस को हटाकर यातायात को सुचारू किया गया।

उत्तर प्रदेश: 8 महीने में चौथा बड़ा रेल हादसा, यात्रियों की जान खतरे में

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आजमगढ़ से दिल्ली जा रही कैफियत एक्सप्रेस के 10 डिब्बे बेपटरी हो गए और उसमें कई यात्री घायल हुए। ये उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में चौथा बड़ा रेल हादसा है और रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही से बार बार यात्रियों की जान खतरे में पड़ रही है।

बुधवार, 23 अगस्त को उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक और रेल हादसा हो गया। ये रेल हादसा पिछले तीन और हादसे की याद दिला गया, जिसमें रेल यात्रियों की जान पर आफत आ गई। औरैया जिले में तड़के सुबह 2.40 बजे अछल्दा और पाता स्टेशन के बीच कैफियत-एक्सप्रेेस एक डम्पर से टकरा गयी। इस जोरदार टक्कर में एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन और 10 डिब्बे बेपटरी हो गए। वहीं 40 से अधिक यात्री घायल हो गए।
इसके पहले इसी साल रेल कर्मचारियों की लापरवाही के कारण रेल हादसे हुए हैं। बीते 30 मार्च को महोबा स्टेशन से कुलपहाड़ स्टेशन के बीच महाकौशल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उस दुर्घटना में 55 से अधिक यात्रियों के घायल हुए थे।
दूसरा बड़ा हादसा रामपुर जनपद में राज्यरानी एक्सप्रेस रेल हादसे के रूप में सामने आया था। 15 अप्रैल को रामपुर स्टेशन से मुण्डा स्टेशन के बीच राज्यरानी एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर गए थे जिसमें 12 यात्री घायल हुए थे।
इसके बाद अगस्त माह में एक के बाद एक, दो बड़े रेल हादसे हुए है। इनमें पहला मुजफ्फनगर जिले के खतौली में 18477 पुरी-उत्कल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे बेपटरी होते हुए एक दूसरे पर चढ़ गए। इस हादसे ने उत्तर प्रदेश सरकार से लेकर भारत सरकार को हिलाकर रख दिया। रेल मंत्रालय ने 48 घंटे हादसे के पीछे की वजह की मानिटरिंग की और इसमें चार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गयी।
उत्कल एक्सप्रेस हादसे के तीन दिन के बाद ही बुधवार की सुबह दो बजकर चालीस मिनट पर उत्तर प्रदेश में चौथा बड़ा हादसा हो गया। इसमें आजमगढ़ से दिल्ली जा रही कैफियत एक्सप्रेस के 10 डिब्बे बेपटरी हो गए और कई यात्री घायल हो गए।
भारतीय रेलवे बोर्ड के अधिकारी एके मित्तल ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में कई दौरे किए और डीआरएम से लेकर जीएम स्तर के अधिकारियों के साथ वार्ता भी की। उनके दौरे में विकास कार्यो की समीक्षा ज्यादातर होती रही। माना जाता रहा है कि वह एक सख्त अधिकारी रहे लेकिन रेल हादसों की जांच में उनके ढीलेपन की बात सामने आती रही है।
हाल ही में उत्कल एक्सप्रेस रेल हादसे के बाद पहली बार कोई बड़ी कार्रवाई की गयी जब आरके वर्मा (सीनियर डिवीजनल इंजीनियर, दिल्ली डिवीजन), रोहित कुमार (असिस्टेंट इंजीनियर, मेरठ, दिल्ली डिवीजन), इंदरजीत सिंह (सीनियर सेक्शन इंजीनियर, मुजफ्फरनगर) और प्रदीप कुमार (जूनियर इंजीनियर, खतौली) को निलम्बित कर दिया गया। 

गुलजार की फिल्म लिबास 29 साल बाद होगी रिलीज

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मशहूर फिल्मकार और लेखक गुलजार के 83वें जन्मदिन के मौके पर जी स्टूडियो ने उनकी 29 साल पुरानी फिल्म ‘लिबास’ को रिलीज करने की घोषणा कर दी है, इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह और शबाना आजमी मुख्य भूमिका में हैं।

ये फिल्म 1988 में बनी थी, लेकिन कुछ कारणों से कभी थिएटरों मे रिलीज नहीं हो सकी। फिल्म में स्व. राहुलदेव बर्मन का संगीत है, जबकि गीत खुद गुलजार ने लिखे हैं और फिल्म का संगीत खासा लोकप्रिय रहा है। फिल्म में नसीरुद्दीन शाह और शबाना आजमी की प्रमुख भूमिकाओं के अलावा राज बब्बर, सुषमा सेठ, स्व. उत्पल दत्त, अनु कपूर और सविता बजाज की भी अहम भूमिकाएं हैं।

जाने माने फिल्म पत्रकार और ट्रेड विश्लेषक स्व. विकास मोहन ने इस फिल्म का निर्माण किया था। विकास मोहन के बेटे अमूल मोहन ने जी स्टूडियो का आभार व्यक्त किया है कि उनके पिता का सबसे बड़ा सपना अब साकार होने जा रहा है। जी स्टूडियो की ओर से कहा गया है कि फिल्म को इसी साल रिलीज किया जाएगा, लेकिन इसके लिए अभी कोई रिलीज डेट तय नहीं की गई है। 

बाहुबली प्रभास की फिल्म साहो में विलेन होंगे जैकी

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हाल ही में रामगोपाल वर्मा की फिल्म सरकार 3 के बाद जैकी श्राफ एक और बड़ी फिल्म में बतौर विलेन का रोल करने जा रहे हैं। बाहुबली की महासफलता के नायक रहे प्रबास की तीन भाषाओं में बनने जा रही फिल्म ‘साहो’ में मेन विलेन के लिए जैकी श्राफ का नाम तय हुआ है। इस फिल्म में प्रबास की हीरोइन के तौर पर श्रद्धा कपूर का नाम सामने आया है। ऐसा हुआ तो श्रद्धा को पहली बार साउथ की किसी फिल्म में काम करने का मौका मिलेगा।

जैकी श्राफ के लिए भी ये बड़ा मौका माना जा रहा है। इस फिल्म की टीम मे चंकी पांडे और नील नितिन मुकेश को भी कास्ट किया गया है। नील नितिन मुकेश ने हाल ही में रिलीज हुई मधुर भंडारकर की फिल्म इंदु सरकार में कथित तौर पर संजय गांधी का रोल किया था। साहो को तीन भाषाओं हिंदी तमिल और तेलुगू को एक साथ बनाया जा रहा है।

फिल्म में प्रबास की हीरोइन के तौर पर काफी वक्त तक अनुष्का शेट्टी की चर्चा थीं जिनको निजी तौर पर भी प्रबास के काफी करीब माना जा रहा है, लेकिन दूसरी फिल्मों मे व्यस्त होने के कारण वे इस फिल्म के लिए तारीखें नहीं दे पाईं। इस फिल्म की शूटिंग नवंबर से शुरू होगी और अगले साल दिसंबर में इसे रिलीज किया जाएगा। 

सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने पर होगा जुर्माना

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सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने वालों पर सख्ती के साथ जिलाधिकारी चमोली ने हिदायत देते हुए सभी कार्यालयों, सार्वजनिक स्थानों पर वैधानिक चेतावनी के बोर्ड लगाये जाने के आदेश दिए है। पकड़े जाने पर जुर्माना होगा।

जिलाधिकारी आशीष जोशी ने सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद प्रतिषेध अधिनियम के तहत जिला स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी/टास्कफोर्स की बैठक लेते हुए समिति के सदस्यों को महत्वपूर्ण एवं सार्वजनिक स्थलों तथा सभी कार्यालयों में एक सप्ताह के भीतर वैधानिक चेतावनी के लिए नोटिस बोर्ड लगाने के निर्देश नोडल अधिकारी सीएमओ को दिये है।
उन्होंने कहा कि सिगरेट व अन्य तंबाकू बेचने वाली दुकाने शैक्षिक संस्थानों के 100 मीटर दायरे में न हो यह सुनिश्चित किया जाए। कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तंबाकू बेचने या उसके द्वारा तंबाकू उत्पादों को बेचे जाने पर अधिनियम के तहत जुर्माना वसूला जाए। उन्होंने टास्कफोर्स टीम के सदस्यों को नियमित छापेमारी करते हुए सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू सेवन करने वालों पर जुर्माना लगाने को कहा।
बैठक का संचालन करते हुए कार्यक्रम के समन्वय दीपक खंडूरी ने बताया कि तंबाकू में निकोटिन, कोलतार, आर्सेनिक एवं कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैस समाहित होती है। तम्बाकू का विषैला प्रभाव मनुष्य के रक्त को बुरी तरह दूषित कर देता है।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भांगीरथी जंगपांगी, एसीएमओ डॉ मंयक बडोला, समाज कल्याण अधिकारी सुरेंद्र लाल, डीपीआरओ बीएस दुग्ताल सहित बाल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।