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केदारपुरी को रोपवे से जोड़ने की कवायद तेज

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लम्बे इंतजार के बाद केदारपुरी को रोपवे से जोड़ने की कवायद तेज हो गई है। इस संबंध में केंद्रीय पर्यटन सचिव रश्मि वर्मा ने जिला प्रशासन को तत्काल प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में जिला प्रशासन अब रामबाड़ा से केदारपुरी तक रोपवे निर्माण का प्रस्ताव बनाकर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को भेज रहा है।

बीते दो दशक से केदारपुरी को रोपवे से जोड़ने की कवायद चल रही है। इसके लिए वर्ष 2010-11 में पर्यटन विभाग की ओर से टेंडर भी निकाला गया लेकिन किसी कंपनी ने इसे खरीदने में रुचि नहीं दिखाई। इसके पीछे कारण बताया गया कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों में कार्य करने के लिए स्वीकृत डेढ़ करोड़ की धनराशि पर्याप्त नहीं है। पिछले दिनों केंद्रीय पर्यटन सचिव रश्मि वर्मा के केदारनाथ दौरे के बाद इस मांग ने फिर जोर पकड़ा है।
उनके सामने तीर्थ पुरोहितों ने रोपवे निर्माण की मांग रखी थी, जिस पर उन्होंने जिला प्रशासन से प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को भेजने के निर्देश दिए थे। डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि रोपवे का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। रामबाड़ा से केदारनाथ तक रोपवे बनाने की योजना है। वैसे लिनचोली से भी रोपवे निर्माण का प्रस्ताव है लेकिन रामबाड़ा से बनने वाला रोपवे यात्रियों के लिए ज्यादा फायदेमंद होगा।
उधर, तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती व केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला का कहना है कि रोपवे का निर्माण प्रथम चरण में रामबाड़ा से केदारनाथ और द्वितीय चरण में गौरीकुंड से रामबाड़ा तक होना चाहिए। केंद्रीय पर्यटन सचिव ने भी इस पर सहमति जताई थी और मौके पर मौजूद एसडीएम ऊखीमठ को शीघ्र प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए थे।

कुहू गर्ग और रोहन कपूर की जोड़ी ग्रीस ओपन के मिक्स डबल्स फ़ाइनल में पहुँची

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अपने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए उत्तराखंड की कुहू गर्ग और रोहन कपूर की जोड़ी ने ग्रीस में चल रहे ग्रीस ओपन बैडमिनटन प्रतियोगिता के मिक्सड डबल के फाइनल में प्रवेश कर लिया है।सेमी फ़ाइनल में कुहू और रोहन की जोड़ी का सामना स्वीडन की जोड़ी कार्ल हड़बक्का और टिल्डा के साथ हुआ।स्वीडन की इस जोड़ी को हराकर कूहु और रोहन की जोड़ी ने फाइनल में धमाकेदार प्रवेश किया है।फाईनल में पहुंचने के साथ ही कुहू ने एक पदक को देश के लिये पक्का कर लिया है।सेमीफाईनल मैच कूहु गर्ग ने 21-11-21-14 से जीता।

शनिवार को खेले गये मुकाबले में कुहु ने अपने पार्टनर रोहन कपूर के साथ क्वॉर्टर फ़ाइनल में ग्रीस के पंगीयोतिस व एलेनी चरिसटोडोलस की जोड़ी को 21-13,21-12 हराकर सेमी फ़ाइनल में स्थान बनाया था।

प्री क्वॉर्टर में कुहू की जोड़ी ने ग्रीस की जोड़ी ने कोंस्टंटिनोस व अथनसोपोलस की जोड़ी को आसानी से २१-५,२१-९ से हराया।फ़ाइनल मैं कुहू की जोड़ी का सामना तुर्की और भारतीय जोड़ी के विजेता से होगा।यह एक इंटरनेशनल सीरिज है जो बैंडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन के अंर्तगत आता है।

आपको बतादें कि कूहु गर्ग का यह तीसरा अंर्तराष्ट्रीय स्तर का मैडल हैं।इस चैंपियनशीप का फाईनल मैच रविवार को खेला जाएगा। आगे आने वाले फाईनल के लिए कूहु गर्ग को ढ़ेर सारी शुभकामनाएं।

लगातार हो रही बारिश से डोईवाला के बुल्लावाला गांव में सड़कें बदली नदी में

मौसम विभाग के द्वारा जारी किया गया बारिश का अलर्ट सटीक साबित हुआ है डोईवाला और उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर बारिश हो रही है जिसके चलते आम जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है लोगों को लगातार जलभराव और बारिश की मार का शिकार होना पड़ रहा है।

सड़कों में पड़े बड़े-बड़े गड्ढे जहां एक तरफ एक्सीडेंट को बढ़ावा दे रहे हैं वही ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति लगातार खराब होती जा रही है मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ग्रह विधानसभा डोईवाला में बारिश का बुरा हाल है।

डोईवाला के बुल्ला वाला गांव में बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है खेतों में फसलों पर जलभराव होने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है और लोगों के घरों पर जलभराव होने से स्थिति बिगड़ गई है। साथ ही गुलाबाला की सड़कें एक बरसाती नदी के रूप में तब्दील हो गई है जिसके चलते आने जाने वाले वाहनों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है

ईद उल अजहा पर ऋषिकेश में उत्साह का माहोल

ऋषिकेश के ग्रामीण छेत्र डोईवाला और आइडीपीएल में ईद उल अजहा का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है, देर शाम तक लोग बकरों की खरीददारी मे लागे रहे और सुबह होते ही मस्जिदों में नवाज अत्ता करने के लिए भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग पहुचे और एक दुसरे को गले लगकर बधाई दी, बच्चों में बड़ा ही उत्साह था, और वो सुबह  से ही नए कपडे पहन ईदी पा कर खुश नजर आये।

आपको बता दे की ऋषिकेश-डोईवाला के ग्रामीण छेत्रो में बड़ी संख्या में मोस्लिम समुदाय रहता है और यहाँ बड़ी ही धूम धाम से त्यौहार आपसी सोहार्द में मनाये जाते है, धर्मनगरी ऋषिकेश में मुसलिम समुदाय तेजी से बद रहा है सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी आएडीपीएल कम्युनिटी सेंटर और आस पास के ग्रामीण छेत्रों में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये है जिससे त्यौहार के दिन सद्भावना का माहौल बना रहे.

 

स्कॉटलैंड से ऋषिकेश पहुँचा 21वैज्ञानिको का दल

ऋषिकेश स्तिथ परमार्थ निकेतन में वर्ल्‍ड शौचालय कॉलेज के पाठ्यक्रम और कॉलेज की गतिविधियों के बारे में जानने के लिए स्कॉटलैंड से 21 वैज्ञानिकों का दल परमार्थ निकेतन पंहुचा। यहाँ पहुंचकर उन्होंने परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि से मुलाकात की और बिओटोइलेट, सेनिटेशन जैसे मुद्दों पर चर्चा की. बाद में उन्होंने गंगा किनारे होने वाली भव्य आरती पर भी हिस्सा लिया।

 

नमाज अदा कर धूमधाम से मनाया ईद उज आजह

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रुद्रपुर में ईद उल जुहा का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया। मुस्लिम समुदाय के हजारों लोगो ने खेड़ा स्थित कादरी मस्जिद में ईद की नमाज अदा की ओर देश की तरक्की, अमन, भाईचारे के लिए खुदा से दुआ मांगी।
बता दें कि इस्लाम धर्म में बकरीद को काफी पवित्र त्योहार माना जाता है, मुस्लिम समुदाय द्वारा साल में दो ईद मनाई जाती है। एक को ईद ऊल फितर और दूसरी को ईद उल जुहा यानी की बकरीद। बकरीद को कुर्बानी का पर्व भी कहा जाता है। मुस्लिम समुदाय में ऐसी मान्यता है कि बकरीद के दिन किसी प्रिय चीज को अल्लाह के लिए कुर्बान करनी होती है, यही वजह है कि इस पर्व का इस्लाम में काफी ज्यादा महत्व है ।

गरीबी और आर्थिक तंगी झेल लोगो को हंस फाउंडेशन ने बांटे 30 लाख के चेक

ये खबर समाज में गरीबी और आर्थिक तंगी झेल रहे गरीब जरूरतमंद लोगों के लिए है जो गंम्भीर बिमारी से पीडित है और आर्थिक तंगी के कारण अपना ईलाज नही करवा पा रहे हों या फिर अपने होनहार प्रतिभावान बच्चों को आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा ग्रहण नहीं करवा पा रहे है।

अगर आपकी कुछ इस तरह की समस्या है तो आपकी मदद ऋषिकेश के हंस कल्चरल सेन्टर से हो सकती है। उत्तराखण्ड के गम्भीर बिमारियों से ग्रसित गरीब जरूरतमंन्द लोगों को ऋषिकेश में हंस कल्चरल सेटर द्वारा 30 लाख रूपये के आर्थिक सहायता के चैक बांटे गए।

इस कार्यकर्म में उत्तराखंड के राम सिंह मीणा एङीजी लॉ एंड आर्डर के हाथों वितरित किए गये, इस अवसर पर बोलते हुए राम सिंह मीणा ने कहा कि, “हंस फाउन्डेशन द्वारा उत्तराखण्ड में गरीब जरूरतमन्द लोगों की करोड़ों रूपये की आर्थिक सहायता की जा रही है और सही मायने में यही मानवता की सबसे बड़ी सेवा है।”

 

हर माह अल्ट्रासाउंड केंद्रों का करें औचक निरीक्षण: डीएम

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जिलाधिकारी ने घटते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिले में संचालित हो रहे अल्ट्रासाउंड केन्द्रों का नियिमत रूप से निरीक्षण किया जाए और मानकों में कोई कमी पाई जाए, तो उन्हें नोटिस जारी कर सख्त कार्रवाई की जाए।
शुक्रवार को जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेशन ने जिला समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं गर्भाधान प्रसव एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (विनिमय एवं दुरुपयोग निवारण) अधिनियम के अन्तर्गत जिला समुचित प्राधिकारी की सहायता एवं परामर्श के लिए जिला सलाहकार समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि जो अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र संचालक नियमों का पालन नहीं करते तो उनको तीन बार नोटिस जारी किया जाए। इसके बावजूद भी वो अपने कमियों में सुधार नहीं करते तो ऐसे अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों को सील करने की कार्रवाई सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने घटते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जुलाई माह की अपेक्षा अगस्त माह में केन्द्रों के कम निरीक्षण पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारियों के माध्यम से नियमित निरीक्षण कराया जाए तथा जिला मुख्यालय पर समिति एवं चिकित्सा की टीम द्वारा औचक निरीक्षण कराया जाए एवं जिन अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों में कोई कमी पाई जाती है तो उनके विरुद्ध तत्काल समुचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि जनपद में संचालित हो रहे अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों का नियिमत रूप निरीक्षण किया जाए।
जिलाधिकारी ने जिले में पंजीकृत अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों एवं निरस्त किए गए केन्द्रों के पंजीकरण के सम्बन्ध में भी जानकारी चाही , जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ टी.सी पंत ने बताया कि जनपद में अब तक कुल पंजीकृत अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र 233 हैं तथा अब तक 119 केन्द्रों के पंजीकरण निरस्त किए गए हैं। वर्तमान में कार्य कर रहे अल्ट्रासाउण्ड 114 हैं, जिसमें विकासनगर में 16, ऋषिकेश में 13, डोईवाला में चार, मसूरी में दो एवं देहरादून शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में 79 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र संचालित हो रहे हैं।
जिला अधिकारी ने कहा कि माह जनवरी से अगस्त 2017 तक 73 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों का निरीक्षण किया गया है, जिसमें माह जनवरी से अगस्त 2017 तक 26 केन्द्रों के पंजीकरण और नवीनीकरण की कार्रवाई की गई है। निरीक्षण के दौरान 15 मशीनें सील की गई हैं तथा सात केन्द्रों का पंजीकरण निरस्त किया गया है, चार केन्द्र निलंबित किए गए हैं।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि महिला के गर्भवती होने से प्रसव तक तथा लिंगानुपात को सही मानक में बनाए रखने के लिए माता तथा बच्चों के सही आंकड़े के लिए टैपिंग सिस्टम को अपनाने तथा अपने स्तर पर, गैर सरकारी संगठनों, बाल एवं महिला स्वास्थ्य से जुड़े हुए विभागों/ऐजेंसियों के आंकड़ो का तुलनात्मक अध्य्यन करते हुए वर्षवार तथा माह वार स्पष्ट डेटा प्राप्त करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने जनजागरुकता के लिए शिविर, कार्यशाला में प्रचार सामग्री वितरित करने तथा सार्वजनिक स्थलों पर जागरुकता पोस्टर चस्पा करने के निर्देश दिए।
बैठक में संयुक्त निदेशक कानून डाॅ जे.एस बिष्ट, जिला पंचायतराज अधिकारी एम जफर खान, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास एस.के सिंह, पैथोलाॅजिस्ट डाॅ एन.के मिश्रा, वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डाॅ एनएस खत्री, जिला समन्वय पीसीपीएनडीटी ममता बहुगुणा सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

आपदा आने से पहले सचेत कर देगा शिक्षक का बनाया यंत्र

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उत्तराखण्ड में बीते वर्षों से घट रही आपदा की घटनाओं से दुखी होकर एक शिक्षक ने डिजास्टर रिमोट कंट्रोल प्लेन बनाकर ऐसी घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने की शोध शुरू कर दी है ताकि क्षेत्रवासियों को बचाया जा सके। उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्र मुनस्यारी के मूल निवासी और हाल ही में नैनीताल जिले के ग्रामीण क्षेत्र कोटाबाग में शिक्षा विभाग में कार्यरत 37 वर्षीय ललित सिंह ने किसी भी आपदा से बचाव के लिए पहले चरण में प्लेन का आविष्कार कर लिया है। मन में मासूम पहाड़ी क्षेत्रवासियों की सुरक्षा का सपना लिए हुए इस नौजवान का पूरा परिवार इसी मकसद में जुटा हुआ है।
ललित ने बताया कि उनका मकसद यह है कि पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने और भूस्खलन से आम लोगों के दबकर मरने की घटनाओं को इस प्लेन की मदद से अगर पहले से ही पता किया जाए तो उन्हें समय रहते हुए बचाया जा सकता है। ललित ने कहा कि ये प्लेन उन क्षेत्रों और बादलों के ऊपर उड़ सकता है, जहां घटना की संभावनाएं अधिक रहती हैं। आने वाले समय में वो इसमें जीपीएस सेंसर और कैमरा लगाएंगे, जिससे क्षेत्र की वस्तु स्थिति से रूबरू रहा जा सके। साथ ही ललित ने अपने पहले चरण के अविष्कार से अवगत कराते हुए बताया कि ये एक रिमोट कंट्रोल प्लेन है।
ललित ने बताया कि ट्राय मॉडल बनाए हैं जो सफल हो रहे हैं। उन्होंने इसके निर्माण में डेपरान शीट, इलेक्ट्रॉनिक स्पीड कंट्रोलर, आउट रनर मोटर, लीथियम पॉलीमर बैटरी 2200 एमएच और 1000 एमएच अलग-अलग मैसेज रिसीवर का इस्तेमाल किया है। इसमें फ्लाई स्काई कंपनी का दो गीगाहर्ट्ज का ट्रांसमीटर भी लगता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इसका सारा सामान लगभग विदेश से आता है। उन्होंने बताया कि एक प्लेन को बनाने में लगभग दस से बीस हजार तक की लागत आती है।

instrument for disasterललित ने बताया कि इसमें जीपीएस सिस्टम लगने के बाद ये बैक-टू होम आने लगेगा। इसके साथ उन्होंने बताया कि प्लेन की सेंटर ऑफ ग्रेविटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिस पर पूरा प्लेन काम करता है। ललित ने केवल स्नातक तक की शिक्षा ली है लेकिन अपने मकसद को पाने के लिए उन्होंने अभी भी इंटरनेट से खोज कर इस प्लेन को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। वहीं इसका फ्लाई टाइम 5 मिनट से अधिक तक जा चुका है और आगे बढ़ाने की कोशिशें भी जारी हैं। इसकी स्पीड अभी 80 से 100 किलोमीटर तक की है जिसे और भी तेजी देने की कोशिश की जा रही है।
ललित का मानना है कि सरकारी अनुमति के बाद वो बड़े प्लेन बारसा वुड से बनाएंगे जो अपना काम बखूबी करेंगे। ललित को समस्या है तो केवल फंडिंग की। ललित अभी अपने निजी संसाधनों के बल बूते पर ही राष्ट्र सेवा के इस नेक काम को कर रहे हैं। ललित ने अपने बेटे अभय को भी इस प्लेन निर्माण में लगाने की ठान रखी है। वहीं नैनीताल जिले के ग्रामीण क्षेत्र कोटाबाग में सीमित संसाधनों के बीच ललित के परिवार को सभी ग्रामीणों का नैतिक समर्थन प्राप्त है। ललित की पत्नी प्रेमा और छह वर्षीय बेटा अभय भी उनके इस नेक काम में मकसद कर रहे हैं।

अस्पताल में ताला, ई-रिक्शा में करानी पड़ी डिलीवरी

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 सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं का आलम यूं तो किसी से नहीं छिपा लेकिन भगवानपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तो ताला ही लटका हुआ है। गुरुवार रात को सरकारी अस्पताल में ताला लटका होने के कारण एक महिला ने ई-रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दिया।

करीब एक घंटे बाद जब अस्पताल में डॉक्टर आए तो अस्पताल का ताला खोला गया। मोहितपुर गांव निवासी मीनाक्षी को गुरुवार शाम को प्रसव पीड़ा हुई। इस पर परिजनों ने गांव की ही आशा को इसकी जानकारी दी। इसके बाद आशा और परिजन महिला को ई-रिक्शा में लेकर कस्बा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो वहां ताला लटका हुआ था।
महिला का प्रसव पीड़ा से इतना बुरा हाल था कि उसे किसी दूसरी जगह ले जाना संभव नहीं था। परिजन अस्पताल के आवासीय भवन में डॉक्टर को तलाशने लगे। इसी बीच महिला की हालत बिगड़ती गई। इस पर आशा और परिवार की अन्य महिलाओं ने ई-रिक्शा में ही उसकी डिलीवरी कराई। परिजनों के तलाशने के करीब एक घंटे बाद डॉक्टर पहुंचे और ताला खोला। इसके बाद महिला को अस्पताल के अंदर ले जाया गया और उसे उपचार दिया गया।
अस्पताल प्रबंधन की इस लापरवाही को लेकर परिजनों में रोष है। परिजनों का कहना है कि इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की जाएगी। इस मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर विक्रांत सिरोही का कहना है कि हर समय अस्पताल में एक डॉक्टर की तैनाती होती है। यदि इस तरह का मामला है तो इसकी जांच कराई जाएगी। जांच के बाद इस मामले में यदि डॉक्टर की लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी।