देहरादून। राजकीय बाल गृह में रह रहे बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार करने का मामला सामने आया है। थाना नेहरू कालोनी पुलिस ने सात कर्मियों के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी है।
बता दें कि कुछ माह पूर्व राजकीय बाल गृह में एक बच्ची पर गीजर का गरम पानी गिर गया था। इलाज सही तरीके से नहीं कराया गया था। यदि बच्ची का इलाज समय से और सही तरीके से कराया जाता तो उसका पैर निशक्त नहीं होता और ऑपरेशन की जरूरत भी न पड़ती। लेकिन इलाज के दौरान तत्कालीन फार्मेसिस्ट के साथ-साथ वहां नियुक्त केयर टेकर व विभिन्न महिलाओं की भी जांच रिपोर्ट में लापरवाही सामने आई है।
इसी तरह पूर्व में एक नवजात शिशु जो दो माह का था, की मृत्यु हो गई थी। जांच के दौरान शिशु की मृत्यु के पीछे भी केयर टेकर की लापरवाही सामने आई है। लापरवाही के चलते शनिवार को थाना नेहरू कॉलोनी पर मुकदमा किशोर न्याय अधिनियम के तहत हरिकृष्ण सेमवाल पूर्व फार्मेसिस्ट, केयरटेकर मंदा, शांति, दीपा, सुशीला, सरोजिनी तथा करण के विरुद्ध पंजीकृत किया गया है। पुसिल का कहना है कि अभियोग की विवेचना की जा रही है। गुण दोष के आधार पर संबंधितों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
राजकीय बाल गृह में बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार, सात के खिलाफ मामला दर्ज
6 नवम्बर को स्कूली बच्चों व शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच मध्य संवाद कार्यक्रम
ऊर्जा निगम व्यवस्था में सुधार के दावे फेल
देहरादून। ऊर्जा निगम व्यवस्थाओं में सुधार के लाख दावे करें, पर हकीकत बदहाल ही है। छोटे-छोटे कामों के लिए उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ता है जबकि यह परेशानी भी निगम के कारण ही पैदा होती है। ऐसा ही एक मामला स्वीकृत भार कम कराने को लेकर सामने आया है। सुद्धोवाला निवासी दीपिक सिंह ने जनवरी, 2016 में 75 किलोवाट क्षमता का कनेक्शन लिया था। छह महीने बाद उन्होंने देखा कि जरुरत खपत के अनुसार कनेक्शन की क्षमता अधिक है। लोड कम कराने के लिए वह अधिशासी अभियंता कार्यालय में संपर्क किया तो वहां से कहा गया कि छह महीने बाद लोड में बदलाव किया जा सकता है। जबकि छह महीने पूरे हो चुके थे।
वहीं, नियमानुसार कनेक्शन लेने के बाद एक बिल आने के बाद उपभोक्ता लोड में बदलाव करा सकता है। कई महीने चक्कर काटने के बाद दीपिका ने दिसंबर, 2016 में आवेदन किया कि 75 किलोवाट लोड को 30 किलोवाट करा दिया जाए, लेकिन इसके बाद भी लोड कम नहीं किया गया और उसी लोड के हिसाब से बिल जारी किया जाता रहा। सितंबर, 2017 में एसडीओ मोहनपुर ने उन्हें जानकारी दी कि लोड कम कर दिया है, लेकिन इसके बाद भी बिल 75 किलोवाट लोड के अनुसार ही आया।
ऊर्जा निगम दफ्तरों के चक्कर काटकर परेशान दीपिका सिंह ने विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच में शिकायत की। अधिशासी अभियंता ग्रामीण ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि 30 अप्रैल, 2017 को लोड घटा दिया था, लेकिन तकनीकी कारणों से लोड में बदलाव नहीं हुआ। इसके बाद चेक मीटर लगाया गया और मीटर 33 फीसद धीमा पाया गया। इसके बाद फिर से सितंबर में भार कम करने के आदेश जारी किए गए। मंच ने फैसला सुनाया कि 30 अप्रैल से ही लोड कम करना माना जाएगा। ऊर्जा निगम उपभोक्ता को मई से अब तक का संशोधित बिल जारी करे।
विद्यालय प्रबंधन ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयनित छात्रा को रातोंरात भेजा भोपाल
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जनपद के पुरोला तहसील के तहत राष्ट्रीय क्रीड़ा प्रतियोगिता में चयनित राजकीय इंटर कॉलेज के हाईस्कूल की छात्रा रचना को विद्यालय प्रबंधन ने रातों रात गाड़ी बुक करके भोपाल भेज दिया गया है। मीडिया के बीच मामला आने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और प्रतियोगिता के लिए हाईस्कूल की छात्रा रचना को भोपाल भेजा गया है। जबकि पहले विद्यालय प्रबंधन दस्तावेज पूरे न होने का बहाना बनकार छात्रा को प्रतियोगिता में नहीं भेज रहा था।
राजकीय इंटर कॉलेज गुंदियाट गांव में कक्षा 10वीं की छात्रा रचना का चयन राष्ट्रीय क्रीड़ा प्रतियोगिता के लिए हुआ था। रचना ने गत माह प्रदेश स्तरीय खेल प्रतियोगिता में ऊंची कूद एवं लम्बी कूद में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। जिसे मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में छह नवम्बर से राष्ट्रीय प्रतियोगिता शुरू हो रही है। रचना को शुक्रवार को यहां से भोपाल के लिए प्रस्थान करना था, लेकिन विद्यालय प्रशासन द्वारा समय पर छात्रा के दस्तावेज तैयार न करने की जानकारी मीडिया कर्मियों को लगी तो उन्होंने विद्यालय एवं बालिका के गांव का रुख किया और इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को दी।
विद्यालय प्रशासन ने तो दस्तावेज उपलब्ध न होने का बहाना बनाकर छात्रा को नेशनल गेम में भेजने से साफ मना कर दिया था, जिससे बालिका व उसके परिजन परेशान थे, लेकिन मामला मीडिया के बीच उछलता देख खंड शिक्षा अधिकारी सीएस चौहान ने प्रधानाचार्य को सख्ती के साथ छात्रा को नेशनल गेम में प्रतिभाग करने के निर्देश जारी कर दिए गए थे। वहीं प्रधानाचार्य पीएस. सिंधवाल एवं पीटीआई शूरवीर सिंह राणा, रचना को शुक्रवार शाम आठ बजे गुंदियाट गांव से टैक्सी द्वारा देहरादून ले गए। देहरादून से शनिवार सुबह 10 बजे रचना को ट्रेन से भोपाल भेज दिया गया है।
विदेशी सीख रहे पहाड़ी संस्कृति और ग्राम्य जीवन शैली
उत्तरकाशी। भौतिकवाद के इस युग में जहां हर कोई निजी फायदे तक ही सिमट गया है, वहीं आर्य विहार आश्रम वैदिक सिद्धांतों के सहारे ग्राम्य जीवन व आध्यात्म का मार्ग दिखा रहा है। जिस वजह से देश-विदेश के कई साधक यहां पर गांव के पारंपरिक जीवन का अनुभव कर वैदिक ज्ञान को समझने का प्रयास कर रहे हैं, जिन्हें गुरु गिरिधर आदित्य द्वारा कर्म योग व आत्म निर्भरता का गुण सिखाया जा रहा है।
जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर स्थित इस आश्रम में घंटो पूजा-पाठ नहीं होती, बल्कि कर्म को पूजा मानते हुए सादा जीवन जीया जाता है। यही वजह है कि आश्रम के सिद्धांतों से अनजान लोगों से किसी प्रकार का डोनेशन नहीं लिया जाता है। इसके बदले साधक निजी कमाई व आश्रम में चल रहे कुटिर उद्योग से सारा खर्चा चलाते हैं। करीब आधी दुनिया में भटकने के बाद स्विट्जरलैंड के क्लोडियो, जर्मनी की राम्या व इटली की नाडिया को आध्यात्म का सही अर्थ पहाड़ के ग्राम्य जीवन से मिला। इनके जैसे कई अन्य साधक योग साधना के बाद खेती, भवन निर्माण, खाना बनाना, साफ-सफाई आदि कार्य स्वयं ही करते हैं। साधकों द्वारा स्थानीय फूलों, जड़ी-बूटियों व शहद, साबुन, फेश क्रीम आदि बनाकर बेचा जाता है जिसमें स्थानीय ग्रामीण भी सहयोग करते हैं।
आश्रम से जुड़े हेमंत ध्यानी बताते हैं कि वैदिक काल से ग्राम्य जीवन शैली के लोग हमेशा से प्रकृति से आत्मसात होकर एक आध्यात्मिक जीवन जीते थे, लेकिन आज लोग इस जीवन को भूलने लगे हैं। इसी वजह से हमारे यहां पहाड़ी संस्कृति को संजोते हुए कर्म को महत्व दिया जाता है। पहाड़ी शैली से बना आश्रम इको फ्रैंडली तकनीक से युक्त है। यहां पर फसल को सुरक्षित करने के लिए सोलर फेंसिंग, खाना बनाने के लिए ओखली, चक्की, मिट्टी के चूल्हा आदि का प्रयोग तथा वर्षा जल को संरक्षित करने की व्यवस्था की गई है। कूड़ा निस्तारण के लिए अजैविक कूड़े को ऋषिकेश स्थित ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि अगर गांवों में आधुनिक तकनीक व वैदिक परंपराओं को शामिल कर ग्रामीणों में आत्मनिर्भरता का अहसास जगाया जाए तो उनका जीवन फिर से खुशहाल हो सकता है।
सीएम ने 54 करोड़ से अधिक की योजनाओं का किया शिलान्यास व लोकापर्ण
गोपेश्वर। चमोली जिले के गैरसैण में आयोजित मेले के दौरान उत्तराखंउ के सीएम त्रिवेंद सिंह रावत ने क्षेत्र के लिए 54 करोड़, 81 लाख, 82 हजार की 19 विभिन्न विकास योजनाओं का लोकापर्ण व शिलान्यास भी किया।
मुख्यमंत्री ने गैरसैंण में पीएमजीएसवाई के तहत देवलधार(दिवागाड़)-कण्डारीखोड मोटर मार्ग लागत 547.09 लाख, पांडुवाखाल-गोगनामल्ला मोटर मार्ग लागत 386.36 लाख, ब्रुर्गीधार मेहलचैरी-बछुवा से स्यूणी तल्ली मोटर मार्ग लागत 251.17 लाख, गैरसैंण-स्यूणी मल्ली मोटर मार्ग लागत 377.51, देवलधार-कल्चूना मोटर मार्ग लागत 391.68 लाख, सुगरबैंड-सिलपाटा मोटर मार्ग लागत 895.41 लाख एवं लोक निर्माण विभाग गौचर की चांदपुरगढी मोटर मार्ग लागत 250.64 लाख तथा लोनिवि गैरसैंण की पजियाणा-घण्डियाल मो.मार्ग विस्तार लागत 309.91 लाख, हरगढ मो.मार्ग लागत 102.68 लाख के साथ ही नगर पंचायत भवन गैरसैण का शिलान्यास किया।
वहीं उन्होंने पीएमजीएसवाई की सुगरबैंड-सिलपाटा मोटर मार्ग लागत 960.37 लाख, मलगुड-मज्याडी मल्ली मो.मार्ग लागत 253.44 लाख, गीबर-पैव मोटर मार्ग लागत 250.89 लाख, लोनिवि गौचर की कांवासेरा-थापली मोटर मार्ग लागत 267.35 लाख, लोनिवि गैरसैंण टैडुडा गदेरे में 15 मीटर स्पान मोटर पुल निर्माण लागत 37.10लाख, सलियाणा घाट में 36 मी. स्पान स्टील गार्डर पैदल लागत 35 लाख तथा आरडब्लूडी की राउमावि आंद्रपा लागत 53.57 लाख, राजूहा झुमाखेत लागत 79.50 लाख एवं कानूनगो चैकी गैरसैंण का निर्माण लागत 31.65 लाख की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकापर्ण भी किया।
भराड़ीसैण विधानसभा भवन का सीएम ने किया निरीक्षण
गोपेश्वर। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत ने आगामी विधानसभा सत्र को दृष्टिगत रखते हुए भराड़ीसैण विधानसभा का स्थलीय निरीक्षण कर निर्माण कार्यो का जायजा लिया। सीएम ने जिलाधिकारी आशीष जोशी एवं पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट से विधानसभा सत्र की तैयारियों के बारे में जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी, थराली विधायक मगन लाल शाह, जिला पंचायत अध्यक्षा मुन्नी देवी शाह, ब्लॉक प्रमुख सुमति बिष्ट, भाजपा जिला अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल, भाजपा जिला उपाध्यक्ष अरूण मैठाणी, नगर पंचायत अध्यक्ष गंगा सिंह पवार, जिलाधिकारी आशीष जोशी, पुलिस अधीक्षक तृप्ती भट्ट, एसडीएम स्मृता परमार आदि मौजूद रहे।
नोटबंदी पर एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने
देहरादून। नोटबंदी के मुद्दे पर एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गये है। नोंटबंदी के एक साल पूरे होने पर जहां कांग्रेस इसे काला दिवस के तौर मनाने का फैसला किया है, वहीं बीजेपी कालाधन विरोधी दिवस के तौर पर जश्न करने की तैयारी कर रही है।
बीजेपी महानगर कार्यालय में आयोजित बैठक में विनय गोयल ने कहा कि जिनका कालाधन काला हो गया है, वो लोग इस दिवस को काला दिवस के रूप में मनाएंगे, जिससे उनकी बौखलाहट सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद से भ्रष्टाचार पर रोक लगी है। आने वाले समय के लिए सुधारात्मक कार्य शुरु हुए है उसी का प्रमाण है कि आज इज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैकिंग 130 से सीधे 100 पर आ गई है और हमारा लक्ष्य इसे आगे लाना है। यह सारे काम पीएम मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में चल रहा है।
वहीं, प्रदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है उससे हम नए सफलता के कीर्तिमान स्थापित कर रहे है। इसी को जश्न के रूप में मनाने के लिए छह से नौ नवम्बर तक कालाधन विरोधी दिवस मनाएंगे। जिसमें सात तारिख को विशाल जूलूस गांधी पार्क से प्रारम्भ होकर शहर के मुख्य मार्गों से होता हुआ महानगर कार्यालय पर ही समापन होगा। इस कार्यक्रम के लिए विशेष रुप से केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पहुंच रहे।
भाजपा की ताबड़तोड़ बैठक
शनिवार को बीजेपी महानगर कार्यालय में आयोजित कालाधन विरोधी ताबड़तोड़ बैठकों में युवा मोर्चा, महिला मोर्चा,अल्प संख्यक मोर्चा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ता पहुंचे। बैठक को संबोधित करते हुए बीजेपी महानगर अध्यक्ष विनय गोयल ने आगामी आठ नबंवर को होने वाली महा रैली के बारे में जानकारी दी। उन्होने सभी मंडल के अध्यक्षों को हर वार्ड से संपर्क बनाने और रैली में अधिक से अधिक लोगों के साथ में लाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि सैकड़ों की तादाद में कार्यकर्ताओं गांधी पार्क में इकट्ठा होकर राजधानी के विभिन्न सड़कों से होते हुए महानगर कार्यालय तक एक पैदल मार्च निकालेंगे, जो नोटबंदी के सफल एक साल गुजरने पर उसका समर्थन होगा।
महानगर अध्यक्ष ने कहा कि कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होने बताया कि आगामी सात तारिख को विशाल जूलूस निकाला जाएंगा जिसमें प्रदेश की सभी विधानसभाओं से हजारों की संख्या में कार्यकर्ता व जनता शामिल होगी।
मर्म चिकित्सा रोगों के लिए संजीवनीःजोशी
अल्मोड़ा- वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि भारत भूमि से ही प्राचीन ऋषि परंपरा से जुड़े ध्यान, योग व मर्म चिकित्सा पद्धति पर विश्व में शोध का नया सूर्योदय होगा। हजारों वर्ष पुराने भारतीय चिकित्सा विज्ञान व पद्धति का लोहा अब पश्चिम भी मानने लगा है। डॉ. जोशी ने शरीर, मस्तिष्क व आत्मा में समन्वय पर जोर देते हुए युवा पीढ़ी को संदेश दिया कि मन व बुद्धि को एकाग्र कर ही भारत वर्ष को पुन: विश्वगुरु बनाया जा सकता है।
कुमाऊं विश्वविद्यालय के सोबन सिंह जीना परिसर के योग विभाग सभागार में ‘नेशनल वर्कशॉप ऑन मर्म थैरेपी फॉर ट्रीटमेंट ऑफ वैरियस डिजीज’ विषयक तीन दिनी कार्यशाला के समापन समारोह पर डॉ. जोशी ने यह बात कही। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. जोशी ने प्राचीन भारतीय चिकित्सा विज्ञान की गहराई को छूआ। मर्म चिकित्सा पद्धति को महाभारत से जोड़ते हुए कहा कि उस महायुद्ध में आहत व हताहत सैनिक अगली सुबह फिर उठ खड़े हुए। यानी उस दौर में हजारों वर्ष पुरानी यह चिकित्सा पद्धति थी जिसमें हमारे पूर्वजों को महारथ हासिल थी। शरीर के क्षत विक्षत अंगों को त्वरित उपचार देकर प्राकृतिक अवस्था में पुनर्जीवित करने का समृद्ध चिकित्सा विज्ञान हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, यही वजह है 50 वर्ष पूर्व तक ध्यान योग की महत्ता को नकारने वाले पश्चिमी देशों के न्यूरो वैज्ञानिक आज उसे सत्य मान आजमाने लगे हैं। उन्होंने मौजूदा दौर में ईश्वर प्रदत्त इस विज्ञान को समझने, अध्ययन व अनुसंधान की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि विश्व स्तर पर भारत से ही शोध का नया सूर्योदय होगा। खासतौर पर विद्यार्थियों को सीख दी कि मन, मस्तिष्क व आत्मा में सामंजस्य स्थापित कर एकाग्रता लाएं। तभी तभी मानव सेवा की जा सकती है।
वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा, बगैर रेडिएशन व हानिकारक दवाओं के इस्तेमाल के मर्म चिकित्सा रोग को समाप्त करने में कारगर है। शरीर के कुछ खास बिंदुओं को दबाने मात्र से व्याधि खत्म करने की इस प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति के साथ ही ध्यान एवं योग की विश्व स्तर पर स्वीकार्यता की ओर भारत के कदम आगे बढ़ चुके हैं।
गैंगस्टर दूल्हा और पुलिस बाराती
नैनीताल। उत्तरप्रदेश के बागपत जिले में रहने वाले गैंगस्टर सचिन खोखर की गिनती प्रदेश के खूंखार बदमाशों में होती है। इन दिनों वह नैनीताल की जिला जेल में बंद है। पुलिस के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सचिन खोखर ने न्यायालय विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट/चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्ययायाधीश हरिद्वार के न्यायालय में उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद में रहने वाली युवती से विवाह रचाने के लिए चार घंटे के पैरोल की अनुमति मांगी थी।
रुड़की के डिप्टी जेलर हत्याकांड व चीनू पंडित गिरोह से हुए गैंगवार समेत कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले सुनील राठी गिरोह का खास गैंगस्टर सचिन खोखर आज दूल्हा बनेगा। नैनीताल के जिला कारागार में बंद सचिन को शादी के लिए गैंगस्टर न्यायालय ने चार घंटे की पैरोल देने का आदेश पारित किया है। उसे जेल से जाने और लाने के लिए दो जिलों की पुलिस का कड़ा सुरक्षा पहरा लगाया गया है। इसके साथ ही चार नवंबर 2017 को होने वाले विवाह की लग्न पत्रिका, विवाह का निमंत्रण पत्र, अध्यक्ष सनातन धर्मशाला को बरात घर के लिए लिखे गए पत्र, बुकिंग रसीद, पंडित द्वारा विवाह के लिए निकाले गए समय की छायाप्रति भी संलग्न की थी। सभी छाया प्रति को सचिन के वकील ने सत्यापित किया था। इसके साथ ही अधिवक्ता ने शपथ पत्र भी न्यायालय में प्रस्तुत किया।
उत्तरप्रदेश के बागपत जिले में रहने वाले गैंगस्टर सचिन खोखर की गिनती प्रदेश के खूंखार बदमाशों में होती है। इन दिनों वह नैनीताल की जिला जेल में बंद है। पुलिस के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सचिन खोखर ने न्यायालय विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट/चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्ययायाधीश हरिद्वार के न्यायालय में उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद में रहने वाली युवती से विवाह रचाने के लिए चार घंटे के पैरोल की अनुमति मांगी थी। न्यायालय ने सचिन का प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया है। साथ ही जिला कारागार, नैनीताल के वरिष्ठ अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि सचिन को पुलिस अभिरक्षा में चार नवंबर को समय 12 से शाम चार बजे तक विवाह संस्कार पूर्ण किए जाने के लिए रुड़की में उचित एवं पर्याप्त सुरक्षा बल के साथ उपस्थित करें। विवाह संस्कार पूर्ण होने के बाद सचिन को जिला कारागार में दाखिल करने के बाद आख्या से न्यायालय को भी अवगत कराना होगा।