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निर्माण के इंतजार में पिथौरागढ़ के 4418 शौचालय

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पिथौरागढ़। सरकारी कामकाज कछुवा चाल चल रहा है। यह हम नहीं बल्कि योजलनाओं के हालीात बता रहे हैं। आलम यह है कि प्रदेश को खुले में शौच मुक्त करने की मुहिम के तहत जिले के 4418 शौचालयों का निर्माण सरकारी रिकार्ड में ही अधूरा है। बावजूद इसके जिला ओडीएफ घोषित कर दिया गया।

जिले में स्वच्छ भारत अभियान पर प्रशासनिक उदासीनता भारी पड़ रही है। जिला मुख्यालय पर ही पिछले दशक में एक भी नया शौचालय नहीं बना है। जिले के अन्य नगर निकाय भी दशकों पूर्व जोड़ी गई सुविधाओं के भरोसे चल रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने शौचालयों के ताले ही अब तक नहीं खुले हैं। पिथौरागढ़ नगर की आबादी करीब 80 हजार पहुंच चुकी है। इस आबादी में एक वर्ग प्रवासी मजदूरों का है। जो किसी तरह सिर छुपाने का इंतजाम तो कर लेते हैं, लेकिन शौच के लिए इनके पास कोई इंतजाम नहीं है। नगर निकायों की बात करें तो डीडीहाट, गंगोलीहाट, बेरीनाग और धारचूला में इक्का-दुक्का शौचालयों से ही काम चल रहा है। जिले को दो अक्टूबर को ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) घोषित कर दिया गया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी 4418 परिवारों के पास शौचालय नहीं हैं। इन स्थितियों में स्वच्छ भारत मुहिम की सफलता अभी संदिग्ध ही है। हालांकि नगर निगम के अधिकारी इस बात को स्वीकारने में गुरेज कर रहे हैं। मामले में नगर पालिका पिथौरागढ़ के अधिशासी अधिकारी खीमचंद जोशी का कहना है कि पिछले एक दशक में नगर के कई शौचालयों को हाईटेक बनाया गया है। उन्होंने बताया कि नए शौचालयों के निर्माण के लिए जगह मिलना एक चुनौती है। लेकिन जल्द ही इसका समाधान कर दिया जाएगा। इसके अलावा शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए नए सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराए जाने पर भी विचार किया जा रहा है। 

80 फीसद स्कूल जोखिम में डाल रहे बच्चों की जान

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देहरादून। उत्तराखंड में 80 फीसद निजी स्कूलों के वाहनों में बच्चों की सुरक्षा को ताक पर रखा जा रहा है। ये स्कूली वाहन न सिर्फ स्कूली बच्चों की जान जोखिम में डाल रहे हैं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी जमकर उल्लंघन कर रहे हैं। प्रदेश के स्कूलों के ये चौंकाने वाले आंकड़े बाल आयोग की सर्वे रिपोर्ट से सामने आए हैं।
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने राज्य बाल आयोग को प्रदेश में निजी स्कूलों में स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा संबंधी 51 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी थी। इस पर आयोग के सदस्यों ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों के 20 स्कूलों में सर्वे किया, जिसमें लगभग सभी स्कूलों के वाहनों में बच्चों की सुरक्षा के साथ बड़ा खिलवाड़ पाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के निजी स्कूल बच्चों की सुरक्षा के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। यह बेहद चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि मामले में आयोग की ओर से मुख्य सचिव को प्रदेश के स्कूलों में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन कराने के आदेश दिए हैं। ताकि बच्चों की सुरक्षा आदि को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए।
ये पाई गई खामियां
-वाहन चालक व कंडक्टर का पुलिस में सत्यापन नहीं
-स्कूली वाहनों में स्कूल संबंधी कोई पहचान नहीं
-चालक का नाम, मोबाइल नंबर समेत अन्य हेल्पलाइन नंबर अंकित नहीं
-फस्र्ट-एड बॉक्स और अग्निशमन उपकरण नहीं
-जीपीएस और सीसीटीवी नहीं
-बस कंडक्टर के पास वैध लाइसेंस नहीं पाए गए
-बसों में लेडी कंडक्टर या गार्ड की व्यवस्था नहीं

नौ से शुरु होगा ग्रामीण खेलों का महाकुंभ

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विकासनगर। राज्य स्थापना दिवस नौ नवंबर से ग्रामीण खेलों के महाकुंभ का शुभारंभ होगा। इसके लिए शिक्षा विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। नौ नवंबर से शुरु होने वाले न्याय पंचायत स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिताएं तीन दिनों तक चलेंगी जिसके बाद ब्लाक स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। सोमवार को सहसपुर ब्लाक के खंड शिक्षाधिकारी पंकज शर्मा ने अपने कार्यालय में संबंधित कर्मियों व अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं।

बीईओ श्री शर्मा ने बताया कि सहसपुर ब्लाक में छह न्याय पंचायत हैं जिनमें से भगवंतपुर न्याय पंचायत की प्रतियोगिता गोरखा मिलिट्री इंका गढ़ी केंट, आमवाला पंचायत की हाई स्कूल कोठड़ा संतूर, भाऊवाला पंचायत की एसजीआरआर भाऊवाला, सहसपुर न्याय पंचायत की एसजीआरआर सहसपुर, आर्केडिया न्याय पंचायत की हाई स्कूल बनियावाला व झाझरा न्याय पंचायत की क्रीड़ा प्रतियोगिता राइंका सेलाकुई में संपन्न कराई जाएंगी। प्रत्येक न्याय पंचायत की प्रतियोगिताओं के संचालन के लिए संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य को नोडल अधिकारी नामित किया गया है जबकि व्यायाम शिक्षक प्रतियोगिताओं के संचालन में बतौर निर्णायक की भूमिका निभाते हुए अपने सहयोग देंगे। अंडर-10, अंडर-14 व अंडर-17 वर्ग में संचालित होने वाले ग्रामीण खेल महाकुंभ के तहत कबड्डी, खो-खो व एथलेटिक्स प्रतियोगिताएं संपन्न कराई जाएंगी जिनके लिए पंजीकरण संबंधित विद्यालयों में कराया जा रहा है। बैठक में क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी रविंद्र कुमार फोनिया, आरवी सिंह, प्रदीप डबराल, रविंद्र सैनी आदि मौजूद रहे।

प्रदेश में खुलेंगे 13 महिला बैंकिंग संस्थान

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विकासनगर। सोमवार को हिमाचल प्रदेश के पांवटा में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करके लौटे राज्य के उच्च शिक्षा व सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत ने विकासनगर में पत्रकारों से रुबरु होते हुए कहा कि प्रदेश सरकार सभी तेरह जिलों में तेरह बैंक स्थापित कर रही हैं। जिनमें चतुर्थ श्रेणी से लेकर प्रबंधक तक के पदों पर सिर्फ महिलाओं की ही नियुक्ति की जाएगी। साथ ही सहकारी समितियां प्रदेश में तीन लाख छात्र-छात्राओं का बीमा कराएगी। गरीब छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए पचास लाख व देश में उच्च शिक्षा के लिए पचीस लाख तक का ऋण मुहैया कराया जाएगा।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि प्रदेश की सभी सहकारी समितियों को बहुउद्देश्यीय साधन समितियों का दर्जा दे दिया गया है, जिससे सभी समितियां स्वायत्त हो गई हैं। अब समितियों के बोर्ड द्वारा लिया गया निर्णय सर्वमान्य होगा। साथ ही समितियों द्वारा राज्य सरकार को दिए जाने वाले लाभांश का बीस प्रतिशत सूबे के किसानों को वितरित किया जाएगा। सहकारी बैंकों को अन्य बैंकिंग संस्थानों की तर्ज पर सुविधा संपन्न कर प्रत्येक सहकारी बैंक में माइक्रो एटीएम लगाने का कार्य भी प्रदेश सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को सहायता मुहैया कराकर प्रदेश में कृषि व किसान को बढ़ावा देना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है, जिसके लिए सरकार कई योजनाओं को लागू कर रही है। इस दौरान समिति के अध्यक्ष नीरज भट्ट, संचालक वीरेंद्र नेगी, संदीप मोंगा, पंकज शर्मा, विजय मेहर, वीरेंद्र बाबी आदि मौजूद रहे।

हर बार छिपाया जाता रहा सच, अब हुआ पर्दाफाश

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देहरादून। शिशु गृह में बच्चों के साथ अमानवीय घटना होना नया नहीं है, इससे पहले भी नारी निकेतन व बालिका गृह में कई घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन विभाग का प्रयास इन घटनाओं पर अंकुश लगाने और दोषियों को सजा दिलाने के बजाए ऐसे मामले दबाने पर ज्यादा रहा। इस मामले में भी विभागीय अधिकारियों ने गुपचुप तरीके से दोषी कर्मचारियों को इधर-उधर कर दिया। यदि जुलाई में तत्कालीन अपर सचिव निरीक्षण के दौरान खामियां मिलने पर जांच न करते तो दो बच्चों की मौत, एक का अपाहिज होना और इन स्थलों पर हो रही मानव तस्करी जैसी घटनाओं पर शाायद ही लगाम लगती और न ही इनके दोषियों को सजा मिलती।

पहला मामला नवंबर 2015 में नारी निकेतन में संवासिनी के साथ दुष्कर्म और गर्भपात कराने की घटना है। इस प्रकरण का पता चलने के बावजूद जिला प्रोबेशन विभाग से लेकर तमाम अधिकारियों ने मामले को छिपाया और संवासिनी का गुपचुप तरीके से गर्भपात कराकर मामला रफादफा करने का प्रयास किया। शिकायत पर जब मामला सामने आया तो हकीकत का पता चला। साथ ही राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष प्रभावती गौड़ ने वर्ष 2015 में ही नारी निकेतन का निरीक्षण कर शासन को भेजी अपनी रिपोर्ट में मानव तस्करी होने का दावा किया था।
लेकिन तब विभाग ने इसे नकार दिया। अब बालिका निकेतन में संदिग्ध नजर आ रही दीपा व करन की भूमिका को अपर सचिव की रिपोर्ट ने मानव तस्करी से जोड़ा है। यानी ये खेल आज नहीं बल्कि 2015 से भी पुराना है। इसके बाद आती है शिशु निकेतन में लावारिस बच्चों की सेहत के प्रति जिम्मेदारी का। दो साल के भीतर दो बच्चों की मौत व एक के अपाहिज होने से तो पूरी सरकारी व्यवस्था को आईना दिखा दिया। इस मामले को भी निपटाने के लिए विभाग ने कर्मचारियों का ट्रांसफर कर पर्दा डाल दिया था, लेकिन अपर सचिव ने अपनी जांच में इस सच को बेपर्दा कर दिया।

उत्तराखंड आयुर्वेद वि​वि में हंगामा, तालाबंदी

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देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून से विवादों का नाता टूटने का नाम नहीं ले रहा है। आलम यह है कि आए दिन विवि में कोई न कोई नया बखेड़ा खड़ रहता है। इस बार मामला सरकारी विवि में निजी व्यवस्थाओं को लेकर सामने आया। छात्रों ने विवि में तमाम सुविधाओं को निजी हाथों में सौपने का विरोध करते हुए कुलसचिव का घेराव किया। गुस्साए छात्रों ने विवि में तालाबंदी भी की।

सोमवार को विवि में छात्रों ने जमकर हंगामा किया। हंगामा बढ़ता देख विवि प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। हंगामा करने वाले छात्रों ने विवि के कुलसचिव प्रो अनूप कुमार गक्खड़ का घेराव भी किया। छात्रों का कहना था कि विवि में कैंटीन से लेकर तमाम सुविधाएं निजी हाथों में दे दी गई है। इसके अलावा फीस आदि को लेकर भी छात्रों ने निजी संस्थानों की बराबरी की जाने की बात कही। छात्रों ने नारेबाजी करते हुए विवि प्रशासन से विवि का स्टेटस साफ किए जाने की बात कही। छात्रों ने कहा जब यहां सभी सुविधाएं निजी संस्थानों की भांति महंगी हैं तो इसे सरकारी विवि का दर्जा दिया जाना किस लिहाज से सही है। विश्वविद्यालय सरकारी है या आटोनोमस? स्थिति साफ करने की मांग की। इतना ही नहीं छात्रों ने कहा कि विवि द्वारा मोटी फीस वसूली जाती है। फिर होस्टल भी प्राइवेट होने के साथ ही कैंटीन भी प्राइवेट है। जिस कारण छात्र छात्राओं का आर्थिक रूप से भारी नुकसान हो रहा है। विश्वविद्यालय छात्रों से लिए जा रहे इन करोड़ों रुपये को किधर लगाता है इसे लेकर स्थिति साफ करने की मांग की। छात्रों ने विवि प्रशासन पर निजी लोगों को फायदा पहुंचाने और कमिशन आदि का खेल खेले जाने का भी आरोप लगाया। छात्रों ने कहा कि निजी हाथों में कैंटीन और हॉस्टल होने से छात्रों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। कैंटीन में गंदा खाना दिया जाता है, इसके अलावा हॉस्टल में साफ सफाई न होने के कारण छात्र बीमार पड़ रहे हैं।
विवि प्रशासन ने दिया आश्वासन
विवि परिसर में छात्रों की नारेबाजी और हंगामा बढ़ता देख पुलिस को सूचना दी गई। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत करने के लिए छात्रों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन, छात्र नहीं माने। बाद में छात्रों ने विवि के कुलसचिव व कुलपति से भी मुलाकात की। जहां उन्होंने कड़ी कार्रवाई करते हुए मांगों को पूरा करने की मांग की। लेकिन बात न बनने पर गुस्साए छात्रों ने विवि के गेट पर ताला जड़ दिया। हालांकि कुछ देर बाद जल्द सकारात्मक कार्रवाई करने के आश्वासन पर छात्र मान गए। जिसके बाद ताला खोल दिया गया। 

जेसीबी खाई में गिरी, एक की मौत एक घायल

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विकासनगर। मंगलवार को थाना थत्यूड़ पर सूचना मिली कि थाना क्षेत्रान्तर्गत गढ़खेत नामक स्थान से 02 किलोमीटर पहले एक जेसीबी जो विकासनगर से थत्यूड़ आ रही थी तथा जिसमें दो व्यक्ति (ऑपरेटर एवं हेल्पर) सवार थे, लगभग 150 मीटर गहरी खाई में गिर गयी है। सूचना पर तत्काल फोर्स को मौके पर रवाना किया गया। घायल को निजी वाहन से उपचारार्थ हरबर्टपुर अस्पताल भेजा गया है। मृतक के पंचनामे की कार्यवाही की जा रही है। जेसीबी मालिक का नाम गुरमेत सिंह है।

  • घायल- विनेश कुमार पुत्र श्रवण कुमार, उम्र 27 वर्ष, निवासी हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश।
  • मृतक- विक्की पुत्र शिवचंद, उम्र 27 वर्ष, निवासी होशियारपुर, पंजाब।

एन एच घोटाले के आठ आरोपी गिरफ्तार

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ऊधमसिंहनगर में एनएच 74 मुआवजा घोटाले के मामले में एसआइटी टीम ने निलंबित पीसीएस अधिकारी समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। एसआईटी की टीम ने मेडिकल के बाद कोर्ट में पेश किया। आपको बतादें एनएच मुआवजा घोटाले की जाच कर रही एसआईटी और काशीपुर पुलिस ने एसडीएम काशीपुर दफ्तर में तैनात पेशकार संजय चौहान के भाई अजय और रेहान, जसपुर के गढ़ी हुसैन, जसपुर निवासी किसान ओम प्रकाश, गढ़ी नेगी निवासी किसान चरन सिंह, एसडीएम जसपुर दफ्तर में तैनात संग्रह अमीन अनिल और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राम समुझ को हिरासत में लेकर बयान दर्ज कराने के लिए रुद्रपुर भेजा था। जहाँ एसआईटी ने उनसे पूछताछ की। और निलंबित पीसीएस अधिकारी भगत सिंह फोनिया को भी एसआईटी की टीम ने देहरादून से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गिरफ्तार किये सभी लोगो को रुद्रपुर जिला अस्पताल में मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश कर दिया है। फिलाल पुलिस के अधिकारी इस मामले में मीडिया के सामने आने से भी बच रहे है। ब्रेकिंग

एन एच घोटाले में अब तक कि सबसे बड़ी कार्यवाही

  • आठ लोगो को एस आईटी ने गिरफ्तार कर कोर्ट में किया पेश।
  • भगत सिंह फोनिया पीसीएस अधिकारी निलंबित एसडीएम
  • अनिलकुमार निलंबित संग्रह अमीन
  • मदन मोहन पलड़िया प्रभारी तहसीलदार काशीपर
  • मोहन लाल रिटायर तहसीलदार जसपुर
  • जीशान सिद्दकी स्टाम्प विक्रेता काशीपुर
  • ओम प्रकाश किसान गढ़ी नेगी
  • चरण सिंह किसान जसपुर की अब तक हो चुकी है गिरफ्तारी

डीपी सिंह की तलाश में लागत दी जा रही दबिश।

 

गिरफ्तार लोगो मे एसडीम के साथ 2 तहसीलदार और किसान भी शामिल 

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रुद्रपुर उधमसिंहनगर जनपद में एनएच 74 घोटाले मामले में एसआईटी ने बड़ी कार्यवाही करते हुए 8 लोगो को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया जिसमें निलंबित पीसीएस अधिकारी भगत सिंह फोनिया समेत पूर्व तहसीलदार समेत काशीपुर जसपुर के कर्मचारी और किसान है।

कुमाऊ आयुक्त सेंथिल पांडियन द्वारा एनएच 74 घोटाले  की जांच के बाद 300 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की बात सामने आई थी जिस पर अपर जिलाधिकारी प्रताप शाह ने 10 मार्च को थाना पंतनगर में धारा 167/218/219/420/409/466/467/468/471/474/120बी/34 में मुकदमा दर्ज कराया गया था जिस पर शासन ने एसआईटी का गठन कर जांच शुरू की थी जिस पर एसआईटी ने कई उपजिलाधिकारियों ,कर्मचारियो ,किसानों के बयान दर्ज किये जिस पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने निलंबित एसडीएम भगत सिंह फोनिया पुत्र पान सिंह निवासी देहरादून ,निलंबित संग्रह अमीन अनिल कुमार पुत्र मुनीम सिंह निवासी जसपुर,तत्कालीन प्रभारी तहसीलदार मदन मोहन पडलिया पुत्र कृष्ण पडलिया निवासी हल्द्वानी रिटायर प्रभारी तहसीलदार जसपुर भोले लाल पुत्र मल्लू लाल निवासी किच्छा ,अनुसेवक तहसील जसपुर रामसमुझ पुत्र दूधनाथ निवासी रुद्रपुर,स्टाम्प वेंडर जीशान पुत्र जलाल अहमर्द निवासी काशीपुर,किसान ओम प्रकाश पुत्र चौधरी,निवासी जसपुर ,किसान चरण सिंह निवासी जसपुर को गिरफ्तार किया है जिन्हें भारी पुलिस सुरक्षा में  जिला अस्पताल में मेडिकल करा कर जिला न्यायालय में पेश किया गया पुलिस का कहना है की आरोपियो ने तत्कालीन एसएलएओ डी पी सिंह के साथ मिली भगत कर गलत रिपोर्ट प्रेषित कर कूटरचित दस्तावेजो और नियमो की अनदेखी कर बैक डेट पर 143 ,ZA,और LR एक्ट के कार्यवाही कर आपराधिक षड्यंत्र कर नेशनल हाइवे 74 में आने वाली भूमि की प्रकति बदलकर अवैध धन अर्जित करने के उद्देश्य से करोड़ो रुपए का गलत मुआवजा भुगतान प्राप्त कराया गया जिससे सरकार को करोड़ो रुपए का नुकसान हुआ है पुलिस का कहना है की इस मामले में तत्कालीन एसएलएओ डी पी सिंह फरार है जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है उनका कहना है इस मामले में विवेचना चल रही है तहसील बाजपुर ,गदरपुर,किच्छा ,सितारगंज के संदिध मामलो की भी जांच चल रही है एसआईटी की इस कार्यवाही से मुआवजा लेने वाले किसानों के साथ साथ इससे जुड़े अधिकारियो और कर्मचारियो में हड़कम मचा हुआ है l

 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने बडोनी की प्रतिमा को लेकर लिखा पत्र

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देहरादून, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने राज्य आंदोलनकारी स्व. बड़ौनी के प्रतीमा का सही तरीके से रख रखाव नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए इसे गंभीर मामला बताया है।

भाजपा अध्यक्ष ने सचिव संस्कृति/निदेशक संस्कृति को पत्र के माध्यम से ध्यान आकृष्ठ कराते हुए कहा कि, “घण्टाघर स्थित राज्य आन्दोलनकारी स्व. इन्द्रमणि बड़ोनी प्रतिमा के पास से उनकी नामावली पट्टी टूटी हुई है। साथ ही उनकी मूर्ति के आस-पास साफ-सफाई भी नहीं हो पा रही है।”

उन्होंने पत्र में लिखा है कि, “राज्य आन्दोलनकारी स्व. बड़ोनी की प्रतिमा का सही से रख-रखाव नहीं हो पाना प्रदेश के लिए खेद का विषय है। क्योंकि जिनके बलिदान के पश्चात हमें राज्य मिला है, उनकी प्रतिमा का ध्यान न रखना बहुत कही दुख विषय है।”

उन्होंने सचिव संस्कृति से आग्रह किया है कि उनकी प्रतिमा की नामावली पट्टी ठीक कर प्रतिमा के आस-पास साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्थ कर उनके सम्मान का ख्याल रखा जाए।