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नाले चोक, सड़कों के किनारे लगे कूड़े के ढेर

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ऋषिकेश। स्थापना दिवस के दिन भी नहीं सुधरी तीर्थ नगरी की सफाई व्यवस्था। हार्ट ऑफ सिटी कहे जाने वाले देहरादून रोड पर सिटी सेंटर के बाहर लोगों को गुजरते हुए नाक पर रुमाल रखने को विवश होना पड़ा। कारण रहा, यहां फेका गया गंदगी का ढेर।

तीर्थनगरी मे जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर सफाई व्यवस्था को लेकर पालिका प्रशासन के दावों की पोल खोल रहे हैं। शहर के कुछ वार्डों मे जहां नालियों के चोक होने से भारी बदबू के बीच लोगों को रातें गुजारनी पड़ रही हैं, वहीं तमाम क्षेत्रों मे लगे कूड़े के ढेर व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहें हैं। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में सफाई व्यवस्था की हालत लगातार लचर बनी हुई है। पालिका कर्मचारियों की मन मर्जी के कारण यह हालात हैं। आलम यह है कि हल्की बारिश में नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहना शुरू हो जाता है। मामला नालों की सफाई मे बरती जा रही लापरवाही तक ही सीमित नही है। जगह-जगह गंदगी के लगे ढेर भी कोढ में खाज बने हुए हैं।

नगर निगम रुद्रपुर में घोटालों का मठ

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रुद्रपुर। कांग्रेसी पार्षदों ने पूर्व एमएनए व मेयर पर आरटीआई से मांगी गई सूचनाओं के आधार पर गंभीर आरोप लगाते हुए घोटालों की जांच की मांग की।

कांग्रेसी पार्षद ललित मिगलानी, कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री हिमांशु गाबा, महानगर अध्यक्ष जगदीश तनेजा आदि ने काशीपुर बाईपास रोड पर एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए 2.16 करोड़ रुपये वार्षिक का ठेका अनियमित ढंग से दिया गया। इसका टेंडर एक ऐसे समाचारपत्र में प्रकाशित कराया गया जिसका प्रसार यहां नगण्य है। कहा कि 2.16 करोड़ का ठेका देने के बावजूद निगम ने 20 गाडिय़ां खरीद कर दी हैं। यह भी कहा कि जिस फर्म को ठेका दिया गया है उस फर्म की वार्षिक आय ढाई लाख से भी कम है। जिस कारण फर्म मानकों पर खरा नहीं उतरती। आरोप लगाया कि नगर निगम ने करोड़ों का घोटाला एलईडी खरीद में किया गया। इसका टेंडर भी गोपनीय तरीके से किया। कहा कि जिस फर्म को टेंडर दिया गया उसी फर्म देव इंटरप्राइजेज के स्वामी कमलजीत कौर हैं इन्ही के पति समरपाल सिंह निवासी हल्द्वानी फर्म संत इंटर प्राइजेज और तीसरी फर्म भारत इंटरप्राइजेज ने भाग लिया। आरोप लगाया कि जिसका एलईडी से संबंधित योग्यता ही नहीं है और सफाई उपकरणों में भी इन्हीं तीनों फर्मों के नाम से निविदा डाली गई। कहा कि जिस एलईड़ी लाइट की कीमत बाजार में पांच से भी कम है, उसे 15 हजार से अधिक कीमत में खरीदा गया। कहा कि एलईटी के एक पीस का मूल्य लिया गया, जबकि एलडीई काफी संख्या में खरीदी जानी थी। कहा कि एक वर्ष पूर्व नगर निगम क्षेत्र में विज्ञापन एवं यूनीपोल के ठेकों घोटाला करके निगम को हानि पहुंचाई गई। आरटीआई से खुलासा हुआ है कि जिस फर्म को विज्ञापन का ठेका दिया उस फर्म का टेंडर से संबंधित अनिवार्य पत्र संलग्न नहीं थे।  फर्म स्वामी के वित्तीय निविदा पर हस्ताक्षर तक नहीं थे। आरोप लगाया कि निर्माण कार्यों में भी करोड़ो रुपये का घोटाला किया गया। हालात यह है कि जो टायल्स रोड कुछ वर्ष पहले डाली गई थी, उसे उखाड़ कर नई टाइल्स रोड डाली गई। कांग्रेसियों ने कहा कि नगर निगम में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच की मांग प्रदेश सरकार से करेंगे, ताकि एनएच 74 की तरह इसकी भी जांच एसआईटी से कराई जा सके। वार्ता में महिला अध्यक्ष ममता नारंग, पार्षद विकास मल्लिक, मोनू निषाद, सुशील गाबा, गौरव खुराना, सुमति छाबड़ा, नदीम खां, कालीचरन, नामित पार्षद सुनील आर्य, रामाधारी गंगवार, ललित पांडे आदि मौजूद थे।

वहीं मेयर सोनी कोली ने कहा कि चुनाव नजदीक हैं, जिस कारण कांग्रेसी बेवुनियाद आरोप लगाकर छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। कहा कि सफाई व्यवस्था पटरी पर आ गई है, जिससे कांग्रेसी बौखला रहे हैं। कहा कि टेंडर प्रक्रिया अफसरों ने पूरी पारदर्शिता के साथ कराई है। श्रीमती कोली ने कहा कि कांग्रेसियों का काम है आरोप लगाना। वह हमेशा से विकास कार्यों में टांग अड़ाते रहे हैं। कहा कि पहले रिक्शों से कूड़ा कलेक्शन हो रहा था। उस वक्त अखबारों ने यह छापा था कि रिक्शे वाले नदी नालों में कूड़ा फेंकते थे। अब गाडिय़ों से कूड़ा कलेक्शन होकर सीधे ट्रंचिंग ग्राउंड जा रहा है। महानगर की सफाई व्यवस्था में 80 फीसदी तक सुधार आया है। उनका दावा है कि एलईडी लाइटें हैवल्स कंपनी की बाजार से कम मूल्य पर और दो साल की गारंटी में खरीदी गई हैं। कहा कि टाइल्स सड़क बनने से पहले व बनने के बाद के फोटो निगम ने कराए हैं इसलिए घोटाले का कोई सवाल ही नहीं उठता। कहा कि बौखलाहट में कांग्रेसी अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।

यूपीसीएल में तैयार हो रहा बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव

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देहरादून। बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार करने का काम उत्तराखंड पावर कार्पाेरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) में जोरों से चल रहा है। नवम्बर के आखिरी तक प्रस्ताव तैयार कर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) को देना है। यूईआरसी प्रस्ताव का अध्ययन और आंकड़ों की गणना करने के बाद मार्च के अंतिम सप्ताह में वर्ष 2018-19 के लिए बिजली दरें (टैरिफ) घोषित करेगा।

इससे पहले यूईआरसी प्रदेश में कई जगहों पर जन सुनवाई शिविर भी लगाएगा, जिसमें उपभोक्ताओं से सुझाव लिए जाएंगे। सूत्रों की मानें तो इस बार भी यूपीसीएल की ओर से 15 फीसद से ज्यादा वृद्धि का प्रस्ताव दिया जा सकता है। इसका एक कारण ये भी है कि सातवां वेतनमान लागू होने से निगम पर खर्च भी बढ़ा है। पिछले साल यूपीसीएल ने 13.48 फीसद वृद्धि का प्रस्ताव दिया था, लेकिन यूईआरसी ने 5.72 फीसद को ही स्वीकृति दी थी।
यूपीसीएल प्रबंध निदेशक बीसीके. मिश्रा ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में अनुमानित कितनी बिजली की आवश्यकता होगी, इस पर कितना खर्च आएगा, यूपीसीएल का कुल खर्च और आय आदि के आधार पर प्रस्ताव तैयार किया जाता है। प्रस्ताव को अगली निदेशक मंडल की बैठक में रखा जाएगा। अगर कुछ संशोधन की जरुरत होगी तो उसे करने के बाद यूईआरसी को भेज दिया जाएगा। 

बारूद विस्फोट से आवासीय भवनों को खतरा

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विकासनगर,  हथियारी जल विद्युत परियोजना के तहत सुरंग निर्माण के लिए किए जा रहे बारूद विस्फोट से भदोगी गांव के आवासीय भवनों में दरारें पड़ गई हैं। जबकि एक आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो चुका है। ग्रामीण निर्माणदाई संस्था से कई बार सुरक्षात्मक उपाय करने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर उचित कार्रवाई करते हुए सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की मांग की है।
एसडीएम को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीण जीत सिंह नेगी ने बताया कि बारूदी विस्फोट से गांव के एक दर्जन से अधिक मकानों में दरारें पड़ चुकी हैं जिससे मकान ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। जबकि एक मकान ध्वस्त हो चुका है। जल विद्युत निगम व परियोजना निर्माण के लिए कार्यदाई संस्था को कई बार गांव में सुरक्षा के इंतजाम करने को कहा गया लेकिन ग्रामीणों की समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। क्षतिग्रस्त मकानों में ग्रामीणों के परिवार डर के साए में जी रहे हैं। निर्माणदाई संस्था को सुरक्षा इंतजाम होने तक बारूदी विस्फोट पर रोक लगाने की मांग भी गई लेकिन परियोजना निर्माण कार्य बदस्तूर जारी है जिससे गांव के अस्तित्व पर ही संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर बीस नवंबर तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने व क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर पचीस नवम्बर से परियोजना निर्माण कार्य बंद कराने की चेतावनी दी है। ज्ञापन पर जीत सिंह नेगी के साथ ही सुरेश नेगी, सुधीर तोमर, नवीन आदि के हस्ताक्षर हैं।

कोर्दी गांव में योजनाओं की स्थिति देखकर हैरान हुए सीडीओ

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लंबगांव/टिहरी, जिले के दूरस्थ गांव कोर्दी में विभिन्न योजनाओं में सरकारी सांठगांठ और जन प्रतिनिधियों की लापरवाही से लाखों का घपला सामने आया है। सीडीओ आशीष भटगांई ने जब योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया तो वह हैरान हो गए। एक ओर जहां आंगनबाड़ी केंद्र और जूनियर हाईस्कूल मानकों की अनदेखी कर गलत आकार का बनाया गया है। वहीं कई ऐसे कार्य हैं, जिनका धरातल पर कोई अता पता नहीं है। योजनाओं में गंभीर अनियमितता पाए जाने पर सीडीओ खासे नाराज हैं। उन्होंने ग्राम प्रधान, वीडीओ और अन्य संबंधित कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए जिला विकास अधिकारी को जांच सौंपी है।
गौरतलब है कि सीडीओ पिछले कई समय से जिले के विभिन्न गांवों का भ्रमण कर संचालित योजनाओं की जानकारी लेते रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को उन्होंने प्रतापनगर ब्लॉक के दूरस्थ गांव कोर्दी का निरीक्षण किया। यह गांव उत्तरकाशी जिले के बार्डर पर लगा हुअ है। योजनाओं के स्थलीय निरीक्षण में उन्हें गंभीर खामियां देखने को मिली हैं। वर्ष 2005 में निर्मित गांव का आंगनबाड़ी केंद्र मानकों के विपरीत बना है। इस आकार, गुणवत्ता बहुत ही खराब है। जबकि राजकीय जूनियर हाईस्कूल में वित्त की धनराशि से वर्ष 2015-16 में बनाए गए फर्श की गुणवत्ता सही न होने से उखड़ गया है। वहीं गांव में बने एक ही सीसी खंडिजा का भुगतान मनरेगा, राज्य वित्त से भी हुआ। जबकि कार्य की गुणवत्ता, लंबाई भी मानक के अनुरुप नहीं पाई गई। उन्होंने कई स्थानों पर सीसी खडिंजा को तुडवाड़ा। जिसमें सीमेंट की मात्र काफी कम पाई गई।
वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में मनरेगा, जिला योजना, चौथे राज्य वित्त से खर्च हुई धनराशि के अधिकांश कार्य जमीन नहीं दिखें। संपत्ति रजिस्ट्रर का रखरखाव भी ठीक से नहीं पाया गया। सीडीओ ने डीडीओ को सभी कार्यो की गंभीरता से जांच करने के निर्देश देते हुए ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, बीडीओ, जेई समेत अन्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने जूनियर हाई स्कूल, प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र का भी निरीक्षण कर बच्चों का हालचाल जाना। उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार के ओर से दी जा रही सुविधाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में किसी भी तरह की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बेटी के साथ बलात्कार रिश्ता हुआ शर्मसार

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किच्छा। रिश्तों को शर्मसार करने वाली एक घटना प्रकाश में आई है, जिसमें बाप ने अपनी 11 वर्षीय बेटी के साथ ही बलात्कार कर डाला। डरी सहमी बालिका ने अपनी मां को अपबीती बयां की तो मां ने पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि बालिका से तीन माह पहले मकान मालिक ने भी बलात्कार किया था। पुलिस ने बलात्कार की धारा के साथ पास्को एक्ट में मामला दर्ज किया है। आरोपी पिता फरार हो गया है।

मूल रूप से आगरा जिले का रहने वाला वीनू यहां बंडिया भट्टे पर किराए पर रहता है। उसकी पत्नी निशा ने शुक्रवार को बताया कि उसकी 11 वर्षीय पुत्री खुशी बुधवार की शाम को घर पर अकेली थी। उस वक्त वह काम पर गई थी। शाम को लौटी तो खुशी बेहद डरी सहमी थी और जल्द ही बिस्तर पर लेट कर सो गई। कल उसने बेटी से गुमसुम रहने की बात पूछी तो उसने अपबीती बताई। जिस पर उसे भरोसा नहीं हुआ। उसने गुप्तांग देखा तो उससे बलात्कार की पुष्टि हुई। जिस पर आज वह कोतवाली रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची। एफआईआर में कहा गया कि है कि खुशी के साथ उसके पिता ने दुष्कर्म किया। बेटी ने अधिक पूछताछ में इस बात का भी खुलासा किया है कि तीन महीने पहले उसके मकान मालिक ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने रिपोर्ट धारा 376 व 5/6 पास्को एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने पीडि़त किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराया है। बताया जा रहा है वीनू नशे का आदी है तथा रिक्शा चलाने का कार्य करता है। खबर में पीडि़त की पहचान छिपाने के लिए काल्पनिक नाम दिए गए हैं। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। मकान मालिक भी फरार हो गया है। कोतवाल योगेश उपाध्याय का कहना है कि पुलिस शीघ्र ही दोषियों की गिरफ्तारी करेगी।  इस तरह की घटना समाज के लिए झकझौरने वाली हैं।

सुनीता राजवार ने नवाजुद्दीन को भेजा नोटिस

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टीवी कलाकार सुनीता राजवार ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी को बायोपिक ‘एन आर्डिनरी लाइफ’ में उनकी छवि खराब करने और उनका नाम घसीटने को लेकर कानूनी नोटिस भेज दिया है जिसमें उन्होंने नवाजुद्दीन से 24 घंटे के भीतर माफी मांगने और साथ ही 2 करोड़ के हर्जाने की भी मांग की है। सुनीता राजवार ने नवाजुद्दीन सहित बायोपिक के पब्लिशर और किताब लिखने में सहयोग करने वाली पत्रकार रितुपर्णा चटर्जी को भी नोटिस भेजा है।

गौरतलब हो कि नवाजुद्दीन ने अपनी बायोपिक में लिखा है कि सुनीता राजवार उनकी पहली प्रेमिका थी| उन्होंने मुझे सिर्फ इसलिए छोड़ दिया क्योंकि मैं सफल नहीं था। जिसके कारण मुझे आत्महत्या के ख्याल आने लगे थे। जिसके बाद सुनीता ने आरोप लगाया कि नवाज ने उनकी छवि को खराब किया है और उनके बारे में झूठ बोला है। उनके इस झूठ से उनकी निजी जिंदगी बहुत प्रभावित हुई| उनके ससुराल वालों को इस अफेयर के बारे में कुछ पता नहीं था। सुनीता ने कहा कि नवाज की छोड़ने की वजह यह नहीं थी की वो गरीब थे, स्ट्रगलर थे बल्कि यह थी कि वो हमारे कॉमन दोस्तों को हमारी निजी बाते बताते थे और मजाक बनाते थे| तब मुझे पता चला कि वो औरत और प्यार के बारे में क्या सोच रखते हैं। सुनीता ने यह भी कहा कि नवाज ‘सिम्पैथी सीकर’ हैं| वो ऐसे कोई मौका नहीं छोड़ते जहां से उन्हें सिम्पैथी मिलती हो| जैसे कभी अपने रंग रुप को लेकर तो कभी अपनी गरीबी को लेकर तो कभी अपने वॉचमैन की नौकरी को लेकर।

सुनीता ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में धनिया के रोल में दिख चुकी हैं। उन्होंने ‘शगुन’, ‘रामायण’, ‘हिटलर दीदी’, ‘संतोषी माता’ जैसे सीरियल्स भी किए हैं। सुनीता ने सीरियल्स के अलावा ‘मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं’, ‘एक चालीस की लास्ट लोकल’, ‘संकट सिटी’ जैसी फिल्मों में भी काम किया है।

वरुण धवन को फोन पर मिली धमकी

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डॉयरेक्टर डेविड धवन के बेटे और बॉलीवुड स्टार वरुण धवन को एक महिला फैन से फोन पर आत्महत्या कर लेने की धमकी मिली है। जिसके बाद वरुण ने सांताक्रूज थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

मामला यह है कि कुछ दिनों से वरुण धवन को एक महिला फैन की ओर से वाह्टसअप पर लगातार मैसेज आ रहे थे। मैसेजेज का आना बंद न होने पर वरुण ने उस नंबर को ब्लॉक कर दिया जिसके कुछ दिन बाद एक शख्स ने फोन करके कहा कि अगर वो महिला फैन के मैसेजेज का जवाब नही देते हैं तो वो आत्महत्या कर लेगी। जिसके बाद वरुण ने अपनी कानूनी टीम से सलाह-मशविरा कर मुंबई के सांताक्रूज थाने में धारा 506 के असंज्ञेय अपराध के तहत शिकायत दर्ज कराई है।

सांताक्रूज पुलिस का कहना है कि वो मामले की जांच कर रही है। वो उस कॉल करने वाले और व्हाटसअप करने वाली महिला फैन के डिटेल्स निकाल रहे हैं। फोन करने के बाद से उस व्यक्ति का नंबर बंद आ रहा है। फिलहाल वरूण धवन दिल्ली में सूजीत सरकार की एक फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं।

सड़क पर बूढ़ी दीपावली मनाने को मजबूर मसराड़ के लोग

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विकासनगर/कालसी,तहसील क्षेत्र के मसराड़ गांव के लिए एक वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हुआ था। सड़क निर्माण के लिए की गई कटिंग से गांव का एक मात्र पंचायती आंगन धराशायी हो गया था।जबकि आंगन के आसपास के आवासीय भवनों पर भी खतरा मंडरा रहा है। एक वर्ष बीत जाने के बाद भी संबंधित विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त पंचायती आंगन की मरम्मत नहीं किए जोने से गांव के सार्वजनिक समारोहों के आयोजन में दिक्कतें आ रही हैं। अब जबकि कुछ दिन बाद जौनसार क्षेत्र में बूढ़ी दीवाली मनाई जानी है तो ऐसे में ग्रामीण दीवाली त्यौहार के आयोजन सड़क पर करने को मजबूर हो गए हैं। ग्रामीणों ने एसडीएम से दीवाली पूर्व क्षतिग्रस्त पंचायती आंगन के मरम्मत की गुहार लगाई है।
जौनसार-बावर परगने में विकास कार्यों को कैसे अंजाम दिया जा रहा है, इसकी बानगी मसराड़ गांव में जाने पर देखने को मिलती है। यहां एक वर्ष पूर्व ग्रामीणों की सुविधा के लिए सड़क मार्ग तो बनाया गया, लेकिन मार्ग निर्माण के दौरान गांव का पंचायती आंगन क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि कई आवासीय भवन भी खतरे की जद में आ गए हैं। ग्रामीण बाशिंदे भूपाल सिंह, प्रताप सिंह, सुंदर चौहान, जयपाल, रघुवीर सिंह चौहान, पूरण सिंह ने बताया कि साल भर से संबंधित विभाग से पंचायती आंगन के मरम्मत की गुहार लगाई जा रही है। आंगन की मरम्मत नहीं होने से आधा दर्जन आवासीय भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है लेकिन विभागीय अधिकारियों ने सड़क निर्माण कार्य पूरा होने के बाद गांव का रुख भी नहीं किया है। अब ग्रामीणों ने एसडीएम से दीवाली पूर्व पंचायती आंगन के मरम्मत की गुहार लगाई है। वहीं, एसडीएम बृजेश तिवारी ने बताया कि संबंधित विभाग को क्षतिग्रस्त पंचायती आंगन के सुधारीकरण के निर्देश दिए जाएंगे।

‘द हंस फाउण्डेशन जनरल हास्पिटल’ का शुभारंभ

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को चमोलीसैंण, सतपुली में द हंस फाउण्डेशन द्वारा निर्मित ’द हंस फाउण्डेशन जनरल हास्पिटल’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अस्पताल से स्थानीय लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पौड़ी तथा कोटद्वार के बीच इस अस्पताल के स्थापित होने से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा एवं आवागमन की बेहतर सुविधाओं से पलायन पर भी अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि सतपुली में इस प्रकार के संस्थान स्थापित होने से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। कार्यक्रम में चेयरपर्सन एवं सह-संस्थापक ’द हंस फाउण्डेशन’ श्वेता रावत ने कहा कि आठ एकड़ क्षेत्र में फैले इस अस्पताल में कुल 150 बैड की क्षमता के साथ ही विभिन्न रोगों के उपचार के लिए कई आधुनिक उपकरण एवं तकनीक भी उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने कहा कि किसी भी बीमारी का अस्पताल में उपचार न होने पर मरीज को हायर सेंटर भेजने की भी व्यवस्था अस्पताल के द्वारा की जाएगी।
इस अवसर पर गढ़वाल सांसद/पूर्व मुख्यमंत्री मे.ज.(से.नि.) बीसी खण्डूड़ी, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, अरविंद पाण्डेय, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य, विधायक गणेश जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश, हंस फाउण्डेशन के प्रेरणास्त्रोत भोले जी महाराज एवं माता मंगला जी, हंस फाउण्डेशन के सह-संस्थापक मनोज भार्गव, भाजपा नेता तीरथ सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पिता आनन्द सिंह बिष्ट, गढ़वाल आयुक्त दिलीप जावलकर आदि मौजूद रहे।