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संजय लीला भंसाली को अब तेजाब फेंकने की मिली धमकी

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संजय लीला भंसाली को फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर अब मेरठ से एक व्यक्ति ने तेजाब फेंकने धमकी दी है। इससे पहले मेरठ से ही एक राजपूत नेता ने संजय लीला भंसाली के सिर काट के लाने वाले को 5 करोड़ की इनामी राशि दिए जाने की बात कही थी।

फिल्म पद्मावती की प्रस्तावित तारीख 01 दिसम्बर जैसे-जैसे नजदीक आ रही है उसको लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे हालात को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने फिल्म पद्मावती में रानी पद्मामवती का मुख्य किरदार निभा रही दीपिका पादुकोण औऱ निर्देशक संजय लीला भंसाली की सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी है।

उल्लेखनीय हो राजस्थान की करणी सेना इस फिल्म की शुरुआत से ही विरोध कर रही है। इस क्रम में ही जयपुर में शूटिंग के दौरान निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ हाथापाई तक हुई थी। जिसके बाद से यह संगठन लगातार इसका विरोध करता आ रहा है। करणी सेना के प्रमुख लोकेन्द्र सिंह कल्वी ने 01 दिसम्बर को ‘भारत बंद’ तक का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म किसी हालत में 01 दिसम्बर को रिलीज नहीं होगी।

फिल्म को विरोध का कारण
विरोध कर रहे लोगों का मानना है कि संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच ड्रीम सीक्वेंस दर्शाया गया है साथ ही रानी पद्मावती के उपर फिल्माए गए झूमर गाने पर भी आपत्ति जाताई है। उनका कहना है कि राजपूत घराने की महिलाएं पुरुषों के सामने नाच गाना नहीं करती थीं। हालांकि संजय लीला भंसाली ने एक वीडियो के माध्यम से यह साफ कर दिया था कि फिल्म में एेसा कुछ नहीं दिखाया गया। फिल्म में राजपूतों के मान-मर्यादा का पूरा ध्यान रखा गया है।

चालान से बचने के लिए फोडा पुलिस कर्मी का सर

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रुद्रपुर- चालान से बचने के लिए तीन नाबालिग बाइकर्स ने डयूटी में तैनात होमगार्ड पर पत्थर से हमला बोल दिया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। यह देख नैनीताल रोड से गुजर रहे एसएसपी डॉ. सदानंद दाते मौके पर पहुंच गए। उन्होंने तत्काल वायरलेस कर आरोपी बाइक सवारों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। साथ ही घायल होमगार्ड को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

रुद्रपुर में सिविल लाइन रोड से आ रहे तीन नाबालिग बाइक सवार को गज्जन सिंह ने रोक लिया और चाबी निकाल दी। इसके बाद तीनों नाबालिगों जैसे तैसे बाइक स्टार्ट कर मौके से चलते बने। बताया जा रहा है कि इसके करीब 15 मिनट बाद तीनों नाबालिग बाइक से वापस आए और परशुराम चौक पर डयूटी कर रहे गज्जन सिंह के सिर पर पत्थर से हमला कर दिया। इससे गज्जन सिंह लहुलूहान हो गए।

शोर होने पर तीनों बाइक से फरार हो गए। सड़क पर होमगार्ड को लहुलूहान देख नैनीताल रोड से गुजर रहे एसएसपी डॉ. सदानंद दाते मौके पर पहुंच गए। उन्होंने होमगार्ड से मामले की जानकारी लेते हुए वायरलैस पर पुलिस को अलर्ट किया। बताए गए नंबर के आधार पर आरोपी बाइक सवारों की तलाश शुरू कर दी।

तीन साल में हो चुके हैं 50 हमले

रुद्रपुर- यूएसनगर में पुलिस पर हो रहे हमले रुकने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस आंकड़ों की बात करें तो अब तक जिले के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, रुद्रपुर, किच्छा, सितारगंज, नानकमत्ता, खटीमा थाना क्षेत्र में 50 से अधिक हमले हो चुके हैं। इससे पुलिस कर्मियों का मनोबल भी टूट रहा है।

पुलिस द्वारा आयोजित हॉफ मैराथन की थीम होगी ”महिला सुरक्षा एंव जागरुकता”

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उत्तराखण्ड़ पुलिस द्वारा आयोजित की जा रही हॉफ मैराथन प्रतियोगिता का थीम ” महिला सुरक्षा एंव जागरुकता” अभियान के तहत देहरादून पुलिस ने महिला सुरक्षा एंव सशक्तिकरण के संबध में पुलिस लाइन देहरादून में स्कूली छात्राओं के साथ 3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया ।

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित छात्राओं को सम्बोधित करते हुये एसएसपी दून ने उनके साथ अपने अनुभवों को साझा  किया व आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता व निर्णय लेने की क्षमता के आधार पर अपने जीवन में उच्च मुकाम प्राप्त करने वाली महिलाओं का उदाहरण दिया।

कार्यक्रम में उपस्थित विशेष अतिथि सचिव लोकायुक्त, कहकशा खान ने छात्राओ को महिलाओ के सवैधानिक अधिकारो व कर्तव्यो के सम्बन्ध में अवगत कराया गया, साथ ही महिला सम्बन्धित कानूनो व कानूनी संरक्षण एंव अधिकारो से अवगत कराते हुये जागरुक किया गया। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि रामेन्द्री मन्द्रवाल, सचिव राज्य महिला आयोग द्वारा अपने जीवन में लक्ष्य निर्धारित कर उसकी प्राप्ती के लिये कठिन परिश्रम व अनुशासन से जीवन में आगे बढने हेतु प्रेरित किया गया। कार्यशाला के दौरान साईबर यूनिट देहरादून ने स्लाइड प्रेजन्टैशन के माध्यम से उपस्थित छात्राओ को साइबर क्राईम के तरिको व उनसे बचाव के उपायों के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी। इस दौरान छात्राओ को सोशल मीडिया के उपयोग के दौरान बरती जाने वाली सावधानीयों से अवगत कराया गया।

छात्राओं के अन्दर आत्मविश्वास /आत्मरक्षा की भावना पैदा करने के उदेश्य से उन्हे शूटिंग, घुडसवारी, तथा जुडो का अभ्यास कराया गया।  साथ ही शस्त्रो के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये उनका अभ्यास कराया गया। इस दौरान महिलाओ को किसी भी आकस्मिक स्थिति में आग लगने व घायलो की सहायता करने के लिये डेमो के माध्यम से फायर ब्रिगेट के कर्मचारीयो द्वारा आवश्यक जानकारियां दी गयी।

कार्यशाला अगले 4 हफ्तो तक प्रत्येक हफ्ते में तीन दिवस आयोजित की जायेगी, जिसमें प्रत्येक सप्ताह विभिन्न स्कूलों से छात्राओं ने प्रतिभाग किया जायेगा। कार्यशाला के दौरान अग्रिम 2 दिवसों में विशेषज्ञों द्वारा छात्राओं को चिकित्सा व अन्य महिला सुरक्षा सम्बन्धित पहलूओं की जानकारी दी जायेगी, जिससे व मानसिक, शारीरिक व भावनात्मक रुप से मजबूत होकर राष्ट्र हित में अपना योगदान दे सके।

वास्तविक हकदार घोटालेबाजों के चक्कर में रह गये वंचित

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नानकमत्ता- एन एच 74 में हुए मुआवजे के घोटाले के बाद जहां तहसील प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन और एन एच के अधिकारी एक एक कदम फूट फूट कर रख रहे हैं वहीं जो वास्तविक हकदार है वो मुआवजे के लिए तरस रहे हैं, दरअसरल नानकमत्ता के एनएच125 में जिन लोगों की भूमि को अधिगृहित किया गया उनको मुआवजा नहीं मिल पाया है एसे में किसान की खेती तो गयी और मुआवजा भी लटक गया, जिससे गुस्साय ग्रामीणों ने अधिकारियों का घेराव कर जल्द कार्यवाही की मांग की है।

एनएच 125 में आ रही भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर ग्राम सिद्धा के लोग नानकमत्ता थाने में पहुंचे। एसडीएम विनोद कुमार और एनएच अधिकारी निशांत त्रिपाठी, जीएम प्रोजेक्ट हरीश कालरा का घेराव कर मुआवजा दिलाए जाने की मांग की। इस दौरान एसडीएम का घेराव करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि एनएच 125 में आ रही भूमि के मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर विगत दिनों उन्होंने प्रदर्शन भी किया था, लेकिन अभी तक उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया है। ग्रामीणों  का कहना था कि विगत 40 वर्षों से वह काबिज होकर खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी भूमि एनएच चौड़ीकरण में जाने से रोजी रोटी का संकट गहरा जाएगा। उन्होंने मांग की कि एनएच 125 में आ रही भूमि का मुआवजा दिलाया जाए। एसडीएम ने कहा कि एनएच चौड़ीकरण में उन्हीं लोगों को मुआवजा दिया जाएगा जिनके नाम सरकारी रिकार्डों में दर्ज होंगे।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने साधा भाजपा सरकार पर निशाना

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देहरादून। वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली से लेकर राज्य का हाल बुरा है। इसलिए अब डबल इंजन की सरकार को जुमलेबाजी से बाज आना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान की उत्तराखण्ड सरकार पूर्व सरकार द्वारा जनहित में चलाई गई योजनाओं को वित्तीय कुप्रबंधन के कारण बंद कर रही है, जिससे लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इसी तरह चलती रही तो उत्तराखण्ड का विकास पूरी तरह से ठप हो जाएगा।
शुक्रवार को पूर्व सीएम हरीश रावत ने कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने भाजपा सरकार को वित्तीय प्रबंधन में विफल बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार में बनने वाले मेडिकल-नर्सिंग कॉलेज, सड़कें आदि सभी विकास कार्य रुके हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में डेवलपमेंटल हॉलिडे कर दी है। प्रदेश में चारो तरफ अव्यवस्थाओं का माहौल है। पूर्व सरकार द्वारा चलाई गई कल्याणकारी योजनाओं को एक के बाद एक सरकार बंद कर रही है। अगर सरकार इसी तरह चलती रही तो एक-दो साल में राज्य का विकास पूरी तरह ठप हो जाएगा। उन्होंने अपनी सरकार के कार्यों को बेहतर बताते हुए कहा कि उस समय देशभर में कर्नाटक के बाद उत्तराखण्ड का राजस्व में दूसरा स्थान था लेकिन वर्तमान सरकार सत्ता संभालते ही प्रदेश पर भारी कर्ज होने का ढिढोंरा पीट रही है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कांग्रेस के बागी विधायकों पर न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि लोकतंत्र के भक्षक बनने वाले अब ऐसी हिम्मत राज्य में नहीं कर पाएंगे। इसका लाभ प्रदेश की वर्तमान सरकार को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि अपनी सुविधा के लिए राज्य को अस्थिर करने का प्रयास लोकतंत्र के लिए घातक है। ऐसे लोग राज्य के हितैषी नहीं हो सकते है, इनसे बचना होगा। उन्होंने मोदी सरकार के कथनी और करनी में फर्क बताते हुए कहा कि वर्तमान सरकार और पूर्ववती केन्द्र की कांग्रेस सरकार की विकास कार्यों का अगर तुलना की जाए तो भाजपा सरकार में महंगाई आसमान पर है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में भाजपा की सरकार थी उस समय हमने केन्द्र से लड़कर राज्यांश बढ़वाया था लेकिन वर्तमान सरकार सांप-छछूंदर की स्थिति में है। वहां जाकर भी डर के मारे राज्य हित में अपनी बात नहीं रख पाते क्योंकि वहां बड़े-बड़े बाघ बैठे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार जनता को राहत देने के बजाय उन पर बोझ बढ़ाती जा रही है। ऐसे में आम आदमी का जीवनयापन करना मुश्किल हो गया है। जबकि सरकार विकास का दावा कर प्रदेश व देश की भोली-भाली जनता को भ्रम में डाल रही है।
पूर्व सीएम ने डीजल-पेट्रोल के अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमत को पिछली कांग्रेस सरकार और वर्तमान भाजपा सरकार के समय का अंतर बताते हुए कहा कि इससे साफ हो गया है, गांव गरीब की नहीं बड़े उद्योगपतियों की भाजपा सरकार है। उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार से गैस, दाल व अन्य रोजमर्रा की चीजों के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है, वह बेहद ही चिंतनीय है लेकिन भाजपा सरकार पर इसका कोई असर नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश अव्यवस्थाओं के दौर से गुजर रहा है। चारो तरफ भ्रष्ट्राचारियों का बोल बाला कायम है। उन्होंने तीन मंत्री के सवाल पर कहा कि चौथे मंत्री का नाम भी आ सकता है। उन्होंने कहा कि इस पर सीएम को अपना चुप्पी तोड़ना चाहिए। केवल जीरो टॉलरेंस की नीति का बयान नही कार्रवाई भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार जांच कराए जांच का आंच भाजपा के घर में निश्चित रूप से जाएगा। इस मौके पर हरीश रावत ने बताया कि 22 से गुजरात के चुनाव के दौरे पर जाएंगे। प्रेसवार्ता में सीएम के मीडिया सलाकार सुरेनद्र अग्रवाल, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी सहित अन्य मौजूद रहे।

तीर्थनगरी में बंदरों के आतंक से लोग परेशान

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हरिद्वार। तीर्थनगरी में बंदरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। बंदरों के आतंक से लोगों को रोज समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। घर खुला होने से बंदर लोगों का सामान तहस-नहस कर देते हैं। इतना ही नहीं धूप में सूखाने के लिए घर के आंगन में डाले जाने वाले कपड़े भी इनके उत्पात से नहीं बच पा रहे हैं। बावजूद इसके निगम प्रशासन बंदरों के आतंक पर लगाम कसने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहा है।

ऐसा नहीं की बंदरों का यह आतंक हाल फिलहाल उत्पन्न हुआ हो। काफी समय से बंदरों के आतंक से कनखलवासी परेशान हैं। बतादें कि कनखल को बागों की नगरी कहा जाता था। एक-एक कर सभी बाग कटने के कारण बंदरों के आतंक में खासा इजाफा हुआ है।
निगम प्रशासन ने पूर्व में बंदरों को पकड़ने के लिए अभियान भी चलाया, किन्तु एक-दो दिन चलकर अभियान ने दम तोड़ दिया और बंदरों के आतंक से लोगों को मुक्ति नहीं मिल पाई। स्थिति यह है कि घर को खाली छोड़ना किसी बड़े खतरे से कम नहीं। बंदरों के झुंड राह चल रहे लोगों पर हमला करने में भी पीछे नहीं है। अभी तक बंदर कनखल के राजघाट क्षेत्र में कई लोगों को घायल कर चुके हैं। शुक्रवार की सुबह बंदरों ने एक कुत्ते के पिल्ले पर हमला बोला और उसे बुरी तरह से घायल कर दिया। बमुश्किल लोगोें ने कुत्ते के बच्चे को बंदरों के चंगुल से छुड़ाया। लोगों का कहना है कि यदि शीघ्र ही बंदरों को पकड़ने का काम निगम प्रशासन द्वारा शुरू नहीं किया तो वह धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।

इनकम टैक्स की छापेमारी से खलबली

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काशीपुर। आयकर विभाग ने काशीपुर के नामी राईस मिलर की फैक्ट्री में छापा मार कर हडकम्प मचा दिया, बताया जा रहा है कि राईस मिलर की बेनामी सम्मपत्तियों को लेकर आयकर की छापेमारी की गयी थी, राईस मिलर मुकेश बंशल की बंसल सीड्स और घर पर आयकर विभाग की टीम ने एक साथ छापेमारी की, जिससे कर्मचारियों और परिवार के लोगों में हडकम्प मच गया, वहीं आयकर विभाग की टीम ने घर और राईस मिल के गेट बंद कर दिये जिससे किसी की भी आवाजाही ना हो सके, कई घण्टो कर आयकर विभाग के अधिकारी फाईलों को टटोलते रहे, साथ ही सम्पत्तियों से जुडे दस्तावेजों की जानकारी जुटाने में लगे रहे, वहीं आयकर विभाग की इस छापेमारी से शहर के कई और बडे घरानों में हडकम्प मची रही और लोग भागदौड में लगे रहे।

पद्मावती के विरोध की आग भड़की

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रुद्रपुर- पद्मावती फिल्म के विरोध की आग लगातार भडकती जा रही है। जिसके चलते जनपद उधमसिंहनगर में भी विरोध की चिंगारी भडकती दिख रही है, फिल्म का विरोध करते हुए लोगों ने फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली का पुतला दहन कर आक्रोश जाहिर किया।

पद्मावती फिल्म का विरोध करते हुए दर्शकों ने इसे इतिहास के छेडछाड बताते हुए कहा कि एक कुत्सित अन्तरराष्ट्रीय साजिश के तहत हिन्दू देवी देवताओं, भारतीय गौरव के प्रतीकों एवं राष्ट्र नायकों को अपमानित करके हिन्दुओं के मनोबल एवं स्वाभिमान को तोड़कर हिन्दू पुनर्जागरण को अवरुद्ध करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस साजिश की जांच करवाकर षडय़ंत्रकारियों को न केवल बेनकाब करना चाहिए बल्कि उन्हें कठोर दंड भी दिलवाना चाहिए, ताकि आगे से कोई ऐसे कुकर्म करने की हिम्मत ही नहीं जुटा सके। उन्होंने कहा कि इतिहास के साथ किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए। कहा कि यह अपमान सीधे सीधे नारी शक्ति का अपमान है। जिसे देश की जनता नहीं सहन करेगी।

एक क्षण मिलेगा आपको जीत के करीब पहुंचने काःप्रियंका

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काशीपुर- अंतरराष्ट्रीय महिला मुक्केबाज प्रियंका चौधरी को वियतनाम में हुई महिला एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक नहीं जीत पाने का मलाल है। लगातार तीन साल तक नेशनल चैंपियन रही प्रियंका को काशीपुर मीडिया क्लब ने सम्मानित करते हुए भविष्य में बेहतर खेल के लिे प्रोत्साहित किया।

वियतनाम में दो से आठ नवंबर तक चली महिला एशियन चैंपियनशिप के 60 किलो भार वर्ग में काशीपुर की प्रियंका चौधरी को दक्षिणी कोरिया की मुक्केबाज ओह इंयोजी ने हरा दिया था। इस कारण प्रियंका को कांस्य पदक पर संतोष करना पड़ा था। इससे पूर्व जनवरी माह में सर्बिया में हुई प्रतियोगिता में प्रियंका ने रजत, जून माह में मंगोलिया में हुई स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था।

प्रियंका अब तक 12 प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकीं हैं। उनका मानना है कि हरियाणा सरकार के मुकाबले उत्तराखंड सरकार खेल प्रतिभाओं को कम प्रोत्साहित करती है। प्रियंका ने कहा कि मेरीकांम उनकी प्रेरणाश्रोत है, जिनके मनोबल और खेल के प्रति समर्पण से वो प्रभावित है, यही वजह है कि प्रियंका मेरी कोम के साथ ही अपनी प्रेक्टिस करती है, जिससे उनके खेल में भी सुधार आ सके। प्रियंका ने बताया कि खेल में एक निर्णय आपको जीत या हार की तरफ ले जाता है जरुरत उस एक पल को पहचाने की है जब आप अपना दाव लगा सकते हैं, ये सीख उन्हे मैरी कोम से मिली है, जिसको वो हमेशा अपने जीवन में उतारने की कोशिश करेंगी।

पहाड़ की व्यथा और सपनों की कहानी है गणेश सैली की नई किताब

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मशहूर लेखक गणेश सैली के पाठकों के लिये उनकी लेखनी से रूबरू होने का मौका फिर आ गया है। अपनी लोकप्रिय किताबों “गप्प एंड गोसिप्प”, “द लटर्स ऑफ ए मसूरी मर्चेंट” और “मसूरी ईयर्स” के बाद गणेश सैली की नई किताब “वंडरइंग थ्रू गढ़वाल हिमालया” बाज़ार में आ गई है। किताब के बारे में बताते हुए सैली कहते हैं कि, “ये किताब उनके पिछले 40 सालों की फोटोग्राफी अौर लेखन का संकलन है, जोकि फुरसत के पलों में पिरोया गया है।”

ganesh saili

200 पन्नों और 22 चैपटरों में य़े किताब आपको लेखों अौर तस्वीरों के जरिये पहाड़ों की जादूई सफर पर ले जायेगी। पहाड़ों में जन्में, पले औऱ बड़े हुये सैली कहते हैं कि, “ये किताब मेरे जीवन के सफर को बयां करती है।”

इस किताब कि शुरूआती कहनी खुद लेखक के पिता के जीवन पर आधारित है। उन्होंने 16 साल की कम उम्र में हमारे पुश्तैनी गांव सैल जो कि चमोली जिले में है, वहा से आकर मसूरी में अपना घर बसाया था। ये किताब हर उस पहाड़ी के दिल को छू जायेगी जो अाज वहा से दूर आजिविका के लिये गया तो है पर सपने इसी पहाड़, गाँव, घर, परिवार को देखता है।