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बोलेरो खाई में गिरी, एक की मौत तीन घायल

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उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लॉक के तहत गंगोत्री हाईवे से झाला के लिए ‌जाने वाले मोटर मार्ग पर शुक्रवार देर रात एक बोलेरो अनियंत्रित होकर करीब 15 मीटर गहरी खाई में गिर गई। जिसमें सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि चालक सहित तीन लोग घायल हो गये।

गंगोत्री राजमार्ग से झाला गांव के लिए करीब 400 मीटर का लिंक मार्ग है। शुक्रवार देर रात गंगोत्री हाईवे से झाला‌ के लिए एक बोलेरो जा रही थी। तभी लिंक मार्ग पर बोलेरो गाड़ी अनियंत्रित होकर करीब 15 मीटर खाई में गिरकर नदी के किनारे अटक गई। जिसमें छह लोग सवार थे। जिनमें से तीन लोक घायल हो गये ‌जबकि एक की उत्तरकाशी जिला अस्पताल लाते समय रास्ते में मौत हो गई।
थानाध्यक्ष हर्षिल सुरेंद्र सिंह ने बताया कि घायलों में चालक दिनेश, सुरेश और अरविंद हैं जिन्हें हर्षिल पीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई थी। जबकि अतर सिंह उम्र 38 वर्ष निवासी झाला की उत्तरकाशी जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि परिजनों पीएम कराने से मना कर दिया था जिसके बाद शव को उनके सुपुर्द कर दिया गया। 

यमुनोत्रीधाम में गिरी बर्फ, बूंदाबांदी से बढ़ी ठंडक

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उत्तरकाशी। उत्तराखंड के सीमांत जिला उत्तरकाशी में मौसम ने शनिवार को एक बार फिर से करवट ली। यहां यमुनोत्री धाम के साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात हुआ है, जबकि गंगोत्री में भी हल्की बर्फ गिरी, लेकिन ज्यादा देर टिक नहीं पाई। वहीं निचले इलाकों में हल्की बूंदाबांदी ने मौसम में ठंडक पैदा कर दी है।

उत्तरकाशी जिले में शनिवार को तड़के सुबह से मौसम अचानक बदला। जिसमें निचले इलाकों में दिन में कई बार हल्की फुल्की बूंदाबांदी ने मौसम में ठंडक ला दी है, जिससे स्थानीय लोग अपने गर्म पकड़े निकालने पर मजबूर हो गये हैं। वहीं उच्च हिमालयी क्षेत्रों की चोटियों पर हिमपात हुआ है। बताया जा रहा है कि यमुनोत्री में हल्की बर्फबारी हुई है, जबकि गंगोत्री में बर्फ ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई है। यमुना वैली के खरसाली, जानकीचट्टी में हल्के ओले गिरे हैं। गंगा वैली में दिन भर मौसम अपना रूप बदलता रहा। कभी बांदलों के बीच से हल्की धूप निकली तो कभी बूंदा-बांदी हुई। शाम तक मौसम में ठंडक पहले कहीं ज्यादा बढ़ गई है। 

पहाड़ों पर बर्फबारी से मैदानी इलाकों में बढ़ी ठंड

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हरिद्वार। उत्तराखंड की पहाड़ियां पर बर्फबारी होने का असर प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी देखने को मिला। मैदानी इलाकों में पारा गिरने से ठंड का एहसास हुआ और लोग गर्म कपड़े पहनने को मजबूर हुए।

बता दें कि प्रदेश के बद्रीनाथ, केदारनाथ व अन्य ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी होने से मैदानी इलाकों खासकर तीर्थनगरी हरिद्वार में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है, जिसके चलते शनिवार सुबह आसमान में बादल छाए रहे और लोगों को ठंड ने परेशान किया। दोपहर बाद धूप खिली, किंतु धूप में तपिश अन्य दिनों की अपेक्षा काफी कम थी। दोपहर बाद फिर से सूर्यदेव की तपिश कम हुई और ठंड का प्रकोप बढ़ गया। ठंड के कारण लोग गर्म कपड़े पहनने को मजबूर हो गए। शाम के समय भी ठंड के कारण बाजारों में चहल-पहल अन्य दिनों की अपेक्षा कम रही। जिस प्रकार से पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है, उसको देखते हुए अब ठंड का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ेगा।

ट्रेन आने पर फाटकों और स्टेशन पर हों विशेष इंतजाम

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किच्छा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस प्रदेश महामंत्री हरीश पनेरू व युवा व्यापार मंडलाध्यक्ष दुर्गेश गुप्ता के नेतृत्व में रेलवे स्टेशन पहुंचकर स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि किच्छा रेलवे स्टेशन के आस पास लगभग छह  किमी के दायरे मे आचनक ही रेल गाड़ी आने से आए दिन हादसे होते रहते हैं, हादसों में प्रतिमाह चार से पांच व्यक्ति की मौत हो जाती है।

उन्होंने रेलवे प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि अगर रेलवे स्टेशन पर पर कोई विशेष गाड़ी आए तो उसकी जानकारी के लिए रेलवे फाटकों और स्टेशन पर विशेष इंतजाम किया जाएं ताकि रेलवे से होने वाले हादसों को कम किया जा सके। इस दौरान दीपक यादव, तस्लीम रजा सलमानी, जवेद मलिक आदि थे।

बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले सजने लगा मंदिर

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गोपेश्वर। बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार को बंद होने हैं। कपाट बंद होने से पूर्व मंदिर को फूलों से सजाया जाता है। मंदिर को फूलों से सजाने की तैयारियों में मंदिर समिति लग गई है।

यह एक भी एक अद्भुत संयोग है एक ओर मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है। दूसरी ओर पूरी बद्रीपुरी सफेद बर्फ से ढकी है। कपाट बंद होने के उत्सव को देखने के लिए देश-विदेश से भी यात्री, श्रद्धालु यहां पहुंचने लगे हैं। वाहनों की आवाजाही लगातार जारी है। बर्फ गिरने के कारण कुछ लोगों ने अपने प्रतिष्ठानों और आश्रमों के बाहर अलाव भी जलाये हैं। कपाट बंद होने से पूर्व बद्रीनाथ में बर्फबारी का यह नजारा कई वर्षों बाद दिख रहा है।

धाम में अभी कुछ व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले हैं कुछ बंद करने की तैयारी में लगे है। कपाट बंद होने पर गढ़वाल राइफल अपने बैंड की जो मधुर ध्वनि बजाती है। उसके लिए सेना के बैंड भी यहां पहुंच चुके हैं। माणा, बामणी गांव के लोग भी कपाट बंद होने के पल भगवान के दर्शनों और पूजा-अर्चना की तैयारी में लगे हैं।

मंत्री मदन कौशिक की राजनीति में फिट नहीं बैठ रहे मेयर

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हरिद्वार। हरिद्वार मेयर मनोज गर्ग के राजनीतिक गुरु कहे जाने वाले कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक और मेयर मनोज गर्ग के बीच आजकल कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इससे मेयर मनोज गर्ग के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाने वाले मदन के ताजा राजनितिक आंकड़ों में मनोज गर्ग का कद घटता हुआ नजर आ रहा है।

मामले की सुगबुगहाट हाल ही में हुए दो बड़े कार्यक्रमों से हुई, जहां पर मदन ने मनोज गर्ग को सार्वजनिक रूप से न केवल लताड़ लगाई अपितु उनके ज्ञान पर भी सवाल खड़ा किया। मनोज गर्ग के लिए मंत्री का सार्वजनिक मंच पर इस तरह का व्यवहार किसी झटके से कम नहीं हैं। माना जाता है कि मदन कौशिक की भाषण शैली को देखकर मनोज गर्ग ने राजनीतिक क्षेत्र में कदम बढ़ाया है लेकिन आजकल मनोज गर्ग के ही राजनितिक गुरु को उनके भाषणों व उनकी जानकारियों पर ही संदेह होने लगा है क्योंकि कौशिक भरे मंच पर मनोज गर्ग को आईना दिखाने का काम भी किया है। इसकी एक झलक गुरुवार को गुघाल गेट पर सीवरेज योजना के शिलान्यास कार्यक्रम में देखने को मिली जब मेयर ने पूर्व की योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्हें बंद करने का दोष पूर्व की कांग्रेस सरकार पर लगाया तो मंच पर मौजूद मदन कौशिक इससे खासे खफा हो गए और उन्होंने मेयर की जानकारी पर उसी समय सवाल उठाते हुए जमकर लताड़ लगाई।
सार्वजनिक तौर पर इस तरह से मदन ने पहली बार मेयर मनोज गर्ग को लताड़ नहीं लगाई, इससे पहले प्रेस क्लब के कार्यक्रम में भी पत्रकार कॉलोनी को लेकर कौशिक मनोज गर्ग को सार्वजनिक तौर पर आड़े हाथों ले चुके हैं। वहीं अब कौशिक के इस तरह से मेयर को सार्वजनिक तौर पर आड़े हाथों लेने के राजनितिक मायने निकाले जा रहे हैं, जिसमें सबसे प्रबल संभावना दोनों के बीच राजनितिक गणित का गठजोड़ आने को लेकर लगाई जा रही है। कहा जा रहा है कि मेयर मनोज गर्ग अब मदन कौशिक की राजनितिक आंकड़ों में फिट नहीं बैठ रहें, इसलिए इस नीति पर काम किया जा रहा है। भाजपा के मेयर ने चुनाव को देखते हुए सक्रियता को तेज कर दिया है और यह संदेश देने का काम कर रहे हैं कि भाजपा उन्हीं को अपना मेयर पद का उम्मीदवार बनाएगी। यही वजह है कि मेयर कार्यक्रमों में कुर्सी लगाने से लेकर दरी बिछाने का काम भी आजकल बड़े चाव से कर रहे हैं।

उत्तराखंड में हल्की बारिश, चोटियों पर बर्फबारी

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गोपेश्वर। बद्रीनाथ के कपाट बंद होने से एक दिन पूर्व जमकर बर्फबारी हुई। सुबह रुड़की, देहरादून, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और कुमाऊं के रुद्रपुर में हल्की बारिश हुई। इससे मैदानी क्षेत्रों में भी पारा लुढ़कने लगा है।
शुक्रवार रात से शुरू बर्फबारी शनिवार की सुबह भी जारी रही। बद्रीनाथ में शुक्रवार देर शाम मौसम ने तेजी से करवट ली और रात्रि में बर्फबारी होने लगी। शनिवार की सुबह भी बर्फबारी जारी रही, लेकिन भगवान बद्रीनाथ के कपाट रविवार शाम 7.28 मिनट पर शीतकाल के लिए तय समय पर ही बंद होंगे। उनके दर्शन और कपाट बंद होने की अद्भुत व धार्मिक मान्यता के साक्षी बनने के लिए हजारों श्रद्धालु बद्रीनाथ पहुंच गए हैं।

युवक गिरफ्तार, 22 बोतल अवैध शराब बरामद

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गोपेश्वर। चमोली जिले के विकास खंड घाट पुलिस चौकी की पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है। उसके पास से हरियाणा ब्रांड की 22 बोतल अवैध शराब बरामद हुई है।
पुलिस चौकी प्रभारी घाट विनोद कुमार गोला ने बताया कि शुक्रवार की देर शाम वाहनों की जांच अभियान के तहत भेटी पुल के पास एक युवक को रोककर जांच-पड़ताल की गई तो उसके पास से 22 बोलत हरियाणा ब्रांड की अवैध शराब बरामद हुई। आरोपी का नाम हरीश पुरोहित है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।

जंगली भालू के हमले से एक महिला घायल

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गोपेश्वर। चमोली जिले के निजमूला घाटी की बिरही गांव की एक महिला को जंगल में भालू ने बुरी तरह जख्मी कर दिया है। महिला को 108 सेवा के माध्यम से जिला चिकित्सालय लाया गया है। जहां उसका उपचार चल रहा है।
बिरही गांव की देवकी देवी शनिवार की सुबह लगभग आठ बजे के आसपास जंगल में घास काट रही थी कि अचानक घात लगाए बैठा भालू महिला पर झपट पड़ा और उसने महिला के चेहरे को बुरी तरह से जख्मी कर दिया। साथ में गए अन्य ग्रामीणों के हो हल्ला मचाने के बाद किसी तरह महिला को बचाया जा सका। साथ के विक्रम सिंह व शोभा ने गांव वालों की इसकी जानकारी दी। उसके बाद ग्रामीण महिला को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां उसका उपचार चल रह है। महिला की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

एजुकेशन सिस्टम का दबाव या कुछ और थी सुसाईड की वजह

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काशीपुर। मां मैं आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया हूं, मुझे माफ कर दिजिए ,सोरी, मेरी मौत का मै ही जिम्मेदार हूं… बस चन्द शब्द ही लिख पाया अपनी मां के लिये आई.आई.एम के प्रथम सत्र में पढने वाला यश बसन्ती भाई ठक्कर और फिर मौत को गले लगाते हुए पंखे पर लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी, यश की मौत के बाद कालेज में जहां सन्नाटा पसरा है वहीं यश की मौत को लेकर कई सवाल भी उठने लगे हैं…। पेश है एक रिपोर्ट…।-

गुजरात के कच्छ का रहने वाला यश ठक्कर अपने माता पिता का होनहार बेटा था, पढाई में हमेशा अव्वल रहने वाला यश देश के सबसे बडे शैक्षिणिक संस्थान आईआईएम काशीपुर में जुलाई को पहुंचा, सबसे अलग और गुमसुम रहने वाले यश ने आखिर क्यों अपनी जीवन लीला ये कहकर खत्म कर दी की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सकता एक सवाल बना है, यश के पिता बंसल बसंती भाई ठक्कर पेशे से बिजनेस मैन है जिन्होंने अपने बेटे को लेकर कई सपने देखे थे, मगर पहले सत्र में ही आखिर क्या हुआ जो यश ने पंखे पर लटक कर जान दे दी। फिलहाल इस गुत्थी से तो पर्दा नहीं उठा है लेकिन यश के परिजन आज उसका शव लेने काशीपुर पहुंचे, यश के मामा जो जिला जज है, उन्होने अपने भांजे का शव लिया और गुजरात के लिए रवाना हो गये, वहीं कालेज प्रशासन कुछ भी खुलकर कहने को तैयार नहीं।
वहीं पुलिस ने फिलहाल सुसाईड नोट को फोरेन्सिक जांच के लिए भेज दिया है, और कालेज में पुछताछ शुरु कर दी है, वहीं मोबाइल फोन को भी जांच में लगा दिया है, जिसमें यश के कनवर्सेशन की जांच होगी और फोन काल की डीटेल से सुराग तलाशे जाएंगे।

फिल्म थ्री इडीयट की कहानी जैसी लगती है यश ठक्कर की कहानी भी, जहां एजुकेशन सिस्टम का दबाव और माता पिता के सपनों को साकार करने में असफल रहने पर एक बेटा खुद को असमर्थ महसूस करता है तो वो भी हार कर जिन्दगी को छोड मौत को गले लगा लेता है, इसी लिए कहते हैं कि फिल्मे हमें कई प्रेरणा देती है कहीं एजुकेशन सिस्टम हो या फिर शिक्षा को लेकर माता पिता का बच्चों पर दबाव, ये सभी वजह बच्चों के मानसिक तनाव को बढाती है लेकिन उसको ना समझने वाले माता पिता को अपने बच्चों से हाथ धो बैठते है।