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अब बाजपुर है एसआईटी का टारगेट

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रुद्रपुर, एनएच घोटाले की परत खोल रही एसआईटी काश्तकारों पर लगातार शिकंजा कसती जा रही है जिसके लिए काशीपुर और बाजपुर के काश्तकारों को नोटिस जारी किये गये है, एसआइटी ने बाजपुर तहसील के अकेले ताली गांव के 11 काश्तकारों को नोटिस भेजा है। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक काश्तकारों ने अकृषक भूमि को दिखाकर कई गुना मुआवजा लिया है।

एनएच-74 मुआवजा घोटाले में अब तक एसआइटी ने जसपुर और काशीपुर तहसील की जांच कर 11 से अधिक अधिकारी, कर्मचारी व काश्तकारों को गिरफ्तारी कर जेल भेज चुकी है। हालांकि अभी भी कुछ गिरफ्तारी होनी बाकी है। इधर, बाजपुर और रुद्रपुर तहसील की जांच शुरू हो चुकी है। ऐसे में एसआइटी कृषि भूमि को अकृषक दिखाकर करोड़ों का मुआवजा लेने वाले काश्तकारों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है।
एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक बाजपुर तहसील के ग्राम ताली गांव में भी करोड़ों का मुआवजा लिया गया है। ऐसे 11 काश्तकारों को चिह्नित किया जा चुका है। चिह्नित काश्तकारों को रविवार को एसआइटी ने नोटिस जारी कर निर्धारित तिथि पर एसआइटी के समक्ष उपस्थित होकर अपने बयान दर्ज कराने को कहा है।

सितारगंज शुगर मिल पर सियासत हुई गर्म

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हल्द्वानी, नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने भाजपा पर फिर से करारा वार किया है, नेता प्रतिपक्ष ने सितारगंज चीनी मिल बंद किए जाने पर भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि कैबिनेट ने मिल को बंद करने का गलत निर्मय लिया है। उन्होंने कहा कि, “राज्य सरकार अब तक कोई उद्योग धंधे नहीं लगा सकी, लेकिन उद्योग खत्म करने मं जरुरु अपनी फूर्ती दिखा रही है, जिससे भाजपा प्रदेश में बेरोजगारी को बढावा दे रही है, जिसको विपक्ष में बैठी कांग्रेस विस सत्र में पुरजोर तरीके से उठाएगी।”

सितारगंज शुगर मिल को बंद करने के फैसले पर तल्ख तेवर दिखाते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. हृदयेश ने कहा कि चीनी मिल बंद कर सरकार ने प्रत्यक्ष रूप से 500 से अधिक कर्मियों की नौकरी छीन ली है, जबकि हजारों लोग अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं। यही नहीं मिल में गन्ना ले जाने वाले काश्तकारों के लिए भी कोई वैकल्पिक व्यवस्था न कर पाना भाजपा का किसान विरोधी चेहरा उजागर करता है। भाजपा ठीक इसके उलट चल रही है।

उद्योग-धंधों को गति देने की बजाय उन पर ही ब्रेक लगाया जा रहा है। डॉ. इंदिरा ने कहा कि सभी मुद्दों को कांग्रेस पुरजोर तरीके से सदन में उठाकर सरकार को घेरेगी।

शराब पीने को किया मना तो बरपा हंगमा

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रुद्रपुर, कालोनी के गेट पर शराब पीने से मना करने से आक्रोशित सामिया लेक के सिक्योरिटी गार्ड की दर्जन भर से अधिक बदमाशों ने बंदूक और कारतूस की पेटी लूट ली। विरोध करने पर कर्मचारियों पर लाठी डंडों से हमला बोलते हुए गेट के प्रवेश कक्ष में जमकर तोडफ़ोड़ की। घटना की सूचना पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने मौका मुआयना किया और बदमाशों की गिरफ्तारी और बंदूक बरामदगी की दिशा में कोतवाल को जरूरी कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस घटना के बाद कालोनी प्रबंधकों के अलावा कालोनी वासियों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

सामिया लेक कालोनी के प्रबंधतंत्र के सूत्रों के मुताबिक शनिवार की देर शाम करीब छह बजे जीप पर बैठकर कालोनी के गेट के सामने कुछ लोग शराब पीकर आपस में लड़ाई झगड़ा कर गालीगलौज कर रहे थे। इसी बीच कालोनी के ही एक युवक अभिषेक ने उन्हें गेट पर खड़ा होकर शराब पीने से मना किया, इस पर तीनों आरोपी उसके साथ गालीगलौज करने लगे। इस पर कालोनी गेट के सिक्योरिटी गार्ड की मदद से अभिषेक ने तीनों को खदेड़ दिया। इसके बाद उक्त तीनों आरोपी अपने करीब दर्जन भर से अधिक साथियों के साथ बाइकों पर सवार होकर पहुंच गए। सभी बदमाश लाठी डंडों से लैस थे। बदमाशों ने आते ही सबसे पहले सामिया लेक के गेट पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड धर्मसिंह से उसकी छह कारतूसों से भरी पेटी समेत 12 बोर की बंदूक छीन ली।

सिक्योरिटी गार्ड ने जब इसका विरोध किया तो बदमाशों ने गेट के तीन कर्मचारियों पर लाठी डंडों से हमला बोल दिया। जिसमें गेट कर्मचारी गार्ड ओमप्रकाश, सिक्योरिटी सुपरवाइजर दिनेश सिंह और सुरक्षा कर्मी/गार्ड धर्म सिंह को चोटें आईं। घटना के बाद आरोपी किसी से शिकायत करने की धमकी देते हुए फरार हो गए। इधर, घटना की सूचना पर पहुंचे एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा, सीओ सिटी स्वतंत्र कुमार, शहर कोतवाल तुषार बोरा  ने कालोनी गेट के कर्मचारियों से विस्तृत पूछताछ की। पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ को रात्रि में ही सीसी फुटेज खंगाले।

ऊर्जा निगम पर लगा 14 करोड़ से अधिक का जुर्माना

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देहरादून। सरकारी विभागों की कार्यशैली किस तरह लोगों को रुलाती है और उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती, लेकिन जीरो टॉलरेंस वाली सरकार में कार्रवाई होती है। इसका प्रमाण विद्युत नियामक आयोग के निर्णय हैं। विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन देने में देरी और लापरवाही बरतने पर यूपीासीएल पर 14 करोड़ 58 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

यूपीसीएल के एमडी के अनुरोध पर यह रकम छह किश्तों में दिए जाने की राहत दी है। विद्युत नियामक आयोग की धारा में प्रावधान है कि बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किए जाने के बाद अगर यूपीसीएल निश्चित समय में कनेक्शन देने में असफल रहता है तो खुद ही जुर्माना लग जाता है। इसकी गणना धनराशि पर 10 से 1000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लगाया जाता है। उक्त जुर्माना यूपीसीएल के विद्युत वितरण खंडों द्वारा मासिक रिपोर्ट के साथ आयोग में जमा कराए जाने का भी प्रावधान है। आयोग ने 2009 से 2015 तक करीब 40 हजार से ज्यादा कनेक्शनों में देरी पर छह करोड़ 51 लाख 89 हजार 545 रुपये का जुर्माना लगाया था।
इस जुर्माने की रकम को लेकर यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्रा ने आयोग से आग्रह किया कि पुराने प्रकरणों में सुधार लाया जाएगा। इसमें देरी के लिए खंड व उपखंडों में तैनात कार्मिकों की जिम्मेदारी तय करने का भरोसा देते हुए माफी का आग्रह किया। आयोग के चेयरमैन सुभाष कुमार ने छह किश्तों में उक्त रकम जमा करने को कहा। इसी बीच आयोग ने पाया कि यूपीसीएल ने 2015 व 2016 में करीब 18 हजार 600 कनेक्शन देने में देरी की हैं। ऐसे में आयोग ने पुराने प्रकरण को भी माफ करने से इनकार करते हुए अब नए सिरे से 14 करोड़ 58 हजार का जुर्माना जल्द आयोग में जमा करने के आदेश दिए हैं। इस दौरान आयोग ने एमडी के आग्रह पर कार्रवाई न होने पर नाराजगी जाहिर कर सवाल खड़े किए।
आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया कि यदि अब उक्त जुर्माने की रकम जमा न हुई तो आयोग को कानूनी कार्रवाई करने को बाध्य होना पड़ेगा। इस संबंध में आयोग ने कड़े आदेश जारी कर दिए हैं। 

सियासी पैंतरेबाजी में गैरसैंण राजधानी, श्रेय लेने को लेकर तकरार

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देहरादून। स्थाई राजधानी को लेकर गैरसैंण पर छाया कोहरा साफ होने लगा है। यह मुद्दा अब सियासी उठा-पटक से ऊपर उठ चुका है और दोनों प्रमुख दलों की सियासी पैंतरेबाजी से परे हटकर इसका कोई न कोई हल निकलने की संभावना बढ़ गई है। अब यह तय हो गया है कि गैरसैंण के साथ राजधानी का तमगा जुड़ने वाला है।

वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने भी स्वीकार किया है कि सरकार गैरसैंण की शीतकालीन राजधानी बनाने पर विचार के लिए तैयार है। नैनीताल में मीडिया के साथ अनौपचारिक वार्ता के दौरान वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि प्रदेश सरकार गैरसैंण को शीतकालीन राजधानी बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर सकती है। प्रकाश पंत के बयानों का सियासी अर्थ भाजपा के अब तक के स्टैंड से काफी भिन्न है। पर यह भी साफ हो गया है कि अब भाजपा भी राजधानी को लेकर किसी न किसी हल पर पहुंचना चाह रही है।
बतौर मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में जब गैरसैंण में अवस्थापना संबंधी कार्य शुरू हुए तो भाजपा ने यह मांग उठा दी कि गैरसैंण को यथाशीघ्र ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया जाए। कांग्रेस भी इसके लिए तैयार हो चुकी थी पर वह भाजपा को इसका लाभ नहीं लेने देना चाहती थी। इस कारण उसने यानी कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2016 का शीतकालीन सत्र गैरसैंण में आहूत कर दिया। यह सत्र गैरसैंण को लेकर मान्य अवधारणा के खिलाफ था। क्योंकि गैरसैंण को या तो स्थायी या फिर ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने की मांग थी। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत यह साबित करना चाहते थे कि वह गैरसैंण को लेकर कहीं अधिक सोच रहे हैं।
उनकी पहल पर ही इस सत्र में यह भी संकल्प पारित हुआ कि हर साल बजट सत्र गैरसैंण में ही आहूत होगा। हालांकि इन घोषणाओं का वह सियासी लाभ लेना चाहते थे। क्योंकि इसी सत्र के समापन के साथ प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2017 का बिगुल बजना था । यह अलग बात है कि हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस इसका सियासी लाभ नहीं ले सकी और विस चुनाव में वह बुरी तरह पराजित हुई। परंतु बतौर राजधानी गैरसैंण जमीनी यथार्थ बन गया। उसका ही नतीजा है कि वर्तमान में प्रदेश की भाजपा सरकार विधानसभा का शीतकालीन सत्र गैरसैंण में आहूत कराने जा रही है। यह वही भाजपा सरकार है जिसने विधानसभा के उस संकल्प को भी खारिज कर दिया था।
जिसमें बजट सत्र गैरसैंण में आहूत होने का प्रस्ताव पारित हुआ था। अब वही सरकार शीतकालीन सत्र के लिये गैरसैंण जा रही है। साथ में यह भी कहा जा रहा है कि गैरसैंण को शीतकालीन राजधानी घोषित करने पर विचार किया जा सकता है। इसका तात्पर्य यही है कि गैरसैंण अब स्थायी राजधानी की ओर कदम बढ़ा चुका है।
गैरसैंण को राजधानी घोषित करने को लेकर भाजपा और कांग्रेस की सरकार ने भले ही टालमटोल किया हो दोनों सियासी पार्टियां यह जरूर जानती है कि इस मुद्दे को लंबे समय तक टाला नहीं जा सकता। ऐसे में सवाल यह है कि फिर इस मुद्दे को लटकाया क्यों जा रहा हैघ् इस संबंध में जानकारों का कहना है कि कतिपय नौकरशाह और सियासी हस्तियां जिन्होंने देहरादून या इसके आसपास अपनी नामी बेनामी सम्पत्ति एक कर ली है वे किसी भी हालत में पहाड़ नहीं चढ़ना चाहते। उन्हें पता है कि यदि गैरसैंण को राजधानी बना दिया गया तो उन्हें पहाड़ चढ़ना ही पड़ेगा। ऐसे ही नौकरशाह और सियासतदां इस मुद्दे को लटका रहे हैं।

पति ने पत्नी को उतारा मौत के घाट

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सहसपुर। सहसपुर क्षेत्र शंकरपुर में एक पति ने अपनी पत्नी की निर्मम तरीके से हत्या कर फरार हो गया। इस घटना से क्षेत्र में दशहत का माहौल बना हुआ है, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

शनिवार सुबह सिरफिरे पति राजकुमार ने अपनी 40 वर्षीय पत्नी सुमन लता को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद पति मौके से फरार हो गया। घटना की सूचना पर पहुंंची पुलिस और फॉरेंसिक टीम हत्या की जांच पड़ताल में जुट गई है। जांच पड़ताल में पता चला कि आरोपी ने मृतका के मुंह पर कुल्हाड़ी से अंधाधुंध वार कर हत्या को अंजाम दिया है।

इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि पति-पत्नी बिजनौर के रहने वाले हैं और छह माह पहले ही किराये के मकान में रहने के लिए यहां आये थे। मृतिका पास के ही एक कॉलेज में गार्ड की नौकरी करती थी, पुलिस का कहना है कि आरोपी की खोज शुरू कर दी गई है और जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।

लॉयंस क्लब ने गरीबों को किए कंबल वितरित

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ऋषिकेश। लॉयंस क्लब ऋषिकेश रॉयल द्वारा शुक्रवार की मध्य रात्रि को सड़कों के किनारे खुले आसमान के नीचे के बेघर व गरीब असहाय लोगों को कंबल वितरित कर राहत दिलाने का कार्य किया है। लॉयंस क्लब के सदस्यों ने रेलवे स्टेशन, रेलवे रोड, बस स्टैंड में सड़क किनारे सो रहे गरीब बेघर लोगों को कंबल वितरित किए।

इस अवसर पर एएसपी ऋषिकेश मंजूनाथ टी सी आईपीएस, प्रमुख रूप से मौजूद रहे व उन्होंने क्लब द्वारा किए जा रहे कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि इससे इन गरीब लोगों को काफी राहत मिलेगी। सर्दी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है जिसके कारण गरीबों को ठंड से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इस अवसर पर क्लब अध्य्क्ष पंकज चंदानी, सचिव अभिनव गोयल, सुशील छाबड़ा, हिमांशु अरोड़ा आदि मौजूद रहे।

यूकेडी ने फूंका प्रदेश सरकार का पुतला

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देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने जबरन आमरण अनशन से उठाए जाने का आरोप लगाते हुए शनिवार को द्रोण चौक पर प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया।

यूकेडी कार्यकर्ता घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज पौड़ी में भ्रष्टाचार और 220 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के भविष्य से संबंधित अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर बीते 28 नवम्बर से आमरण अनशन कर रहे थे। आरोप है कि शुक्रवार को जिला प्रशासन द्वारा आमरण अनशनकारी यूकेडी जिलाध्यक्ष सुबोध पोखरियाल को जबरन धरना स्थल से उठा दिया गया। सुबोध पोखरियाल ने कहा कि प्रदेश सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन उनकी मांगे सुनने के बजाए जबरन आमरण अनशन से उठाए जाने और आंदोलन को कुचलने का प्रयास करने के विरोध में प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया।

सुबोध पोखरियाल ने कहा कि जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली प्रदेश सरकार घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच कराने से डर रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में प्रदेश सरकार की सक्रियता का यह आलम है कि जांच की बात तो दूर उल्टा जांच की मांग करने वाले आंदोलनकारियों के लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन कर रही है। महानगर अध्यक्ष संजय छेत्री ने कहा कि आमरण अनशनकारी सुबोध पोखरियाल को जबरन धरना स्थल से उठाया गया और अस्पताल में ले जाकर जबरन ड्रिप चढ़ा कर उनका अनशन समाप्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने भले ही पोखरियाल का जबरन अनशन समाप्त करवा दिया लेकिन उनकी भूख हड़ताल मांगे पूरी होने तक जारी रहेगी।

पोखरियाल का कहना है कि तीन मांगे तत्काल मनी जानी चाहिए जोे की जिला प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में आती है। उनका कहना है कि अनियमितताओं में शामिल ठेकेदारों को तत्काल ब्लैक लिस्टेड किया जाए। इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रधानाचार्य द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए और 220 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को उपनल के माध्यम से समायोजित किया जाए।

पद यात्रा पहुंची गोपेश्वर

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गोपेश्वर। नैनीताल से चली नशा नहीं रोजगार दो, गैरसैंण स्थाई राजधानी हो के नारे के साथ नैनीताल से चली पदयात्रा शनिवार को जिला मुख्यालय गोपेश्वर पहुंची। जहां पर स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया।

नैनीताल से 21 नवम्बर को प्रारंभ ‘नशा नहीं रोजगार दो-गैरसैंण स्थाई राजधानी हो’ यात्रा का शनिवार को गोपेश्वर पहुंचने पर स्वागत किया गया। जिला मुख्यायल गोपेश्वर के बस स्टेशन पर अभियान की अगुवाई कर रहे प्रवीन सिंह ने कहा कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाए जाने की मांग को लेकर सात दिसम्बर से गैरसैंण के रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू होगी, जिसे स्थाई राजधानी की घोषणा के बाद समाप्त किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि गैरसैंण स्थान ही नहीं बल्कि प्रदेश की भावना है। जब तक सरकार गैरसैंण में नहीं बैठेगी, ब्यूरोक्रेट्स का पहाड़ चलना नामुमकिन है। इस दौरान यात्री दल के सदस्यों ने युवाओं को नशे से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी के चलते युवा नशे की लत में फंस रहे हैं। जिसके लिए प्रदेश की सरकारें जिम्मेदार हैं।

भाजपा व कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राजनैतिक दलों के लिए रोजगार मात्र चुनावी मुद्दा बन कर रह गया है। नेताओं द्वारा वादे किए जाते हैं किंतु सत्तासीन होने पर भुला दिया जाता है। कार्यक्रम में रामकृष्ण तिवारी, अरविंद हटवाल, आदेश चौधरी ,महेश चंद्र पांडे ने विचार रखे।

शादियों के सीजन के बावजूद बाजारों में सन्नाटा

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ऋषिकेश। तीर्थ नगरी मे जाड़े के मौसम के आगाज के बाद से बाजार भी पूरी तरह से ठंडा हो रखा है। धार्मिक एवं पर्यटन नगरी मे जबरदस्त मंदी की मार चल रही है। शादियों के सीजन के बावजूद बाजारों मे सन्नाटा पसरा हुआ है। बाजार में लोगों की आवाजाही पहले की तरह ही है लेकिन वे दुकानों का रुख नहीं कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि किसी एक ट्रेड के व्यापारी ही ग्राहकों का इंतजार कर रहे हों सभी का यही हाल है।

गली-मुहल्लों की दुकानों पर तो फिर भी हलचल नजर आती है लेकिन मुख्य बाजारों का हाल खराब है। रेडीमेड गारमेंट, कपड़े की दुकान व शोरूम, जूतों के प्रतिष्ठान से लेकर दैनिक उपभोग की दुकानों मे छाया सन्नाटा सारी कहानी बयां कर रहा है। जीएसटी की मार पांच माह के बाद अब तक जारी है। नए ग्राहकों का आना जहां बंद हुआ है वहीं पुराने ग्राहक भी जरूरत भर के उत्पाद ही खरीद रहे हैं।

व्यापारियों का कहना है कि 30 जून तक बाजार में इस कदर हलचल थी कि प्रतिष्ठानों पर सिर उठाने की फुरसत नहीं मिल रही थी। अब दिन में चंद ग्राहक की आते हैं। इसमें भी कुछ ही खरीदारी करते हैं। कास्मेटिक की दुकान चलाने वाले गुलशन कक्कड़ का कहना है कि ठंड के आगाज के बाद ग्राहक खरीदारी को कम निकल रहे हैं।

इस सीजन में बिक्री कम जरूर रहती है लेकिन इस बार इतनी कम सेल होगी इसका अंदाजा किसी को नहीं था। थोक विक्रेता राजेश भुटयानी के अनुसा दैनिक उपभोग की वस्तुओं की बिक्री कभी कम नहीं रहती लेकिन इस बार मामला उलट है। सर्दी अभी ठीक से शुरू भी नही हुई और बाजार ठंडा पड़ गया है।