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‘टाइगर जिंदा है’ का ‘दिल दिया गल्लां..’ गाना हुआ रिलीज

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बॉलीवुड स्टार सलमान खान और कैटरिना कैफ ने अपनी आने वाली फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’ के दूसरे गाने ‘दिल दिया गल्लां..’ को बिग बॉस के सेट से लाइव डांस परफॉर्मेंस देकर लॉन्च किया। इस गाने को अब तक 75 लाख से ज्यादा लोग देख चुके के हैं। ‘दिल दियां गल्लां..’ गाने को गाया है आतिफ असलम ने, गाने के बोल लिखे हैं इरशाद कामिल ने, संगीत दिया है विशाल शेखर ने और गाने को कोरियोग्राफ किया है वैभवी मार्चेन्ट ने।

उल्लेखनीय है कि तीन हफ्ते पहले रिलीज हुए फिल्म के ट्रेलर को दो घंटे के अन्दर 2.9 करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा था। वहीं कुछ दिन पहले ही रिलीज हुआ फिल्म का पहला गाना ‘स्वैग से स्वागत’ एक डांस नंबर है, जिसको अब तक पांच करोड़ लोगों ने देखा है। स्वैग से स्वागत को गाया है विशाल ददलानी और नेहा भसीन ने, जबकि गाने के बोल इरशाद कामिल ने लिखे हैं और संगीत विशाल शेखर ने दिया है। 

अली अब्बास के निर्देशन में बनी फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’ 2012 में आई फिल्म ‘एक था टाइगर’ का सिक्वेल है, जिसको कबीर खान ने निर्देशित किया था।

बोसन खनन प्रोजेक्ट के दो खनन पट्टों को मिली स्वीकृति

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देहरादून। पर्यावरण विशेषज्ञ अनुमोदन समिति ने शनिवार को बोसन खनन प्रोजेक्ट के दो खनन पट्टों को कुछ आवश्यक शर्तो के साथ स्वीकृति प्रदान की है। जबकि डीमैट खनन प्रोजेक्ट पर न्यायालय में लम्बित होने के कारण विचार नहीं किया गया।
जिलाधिकारी और अध्यक्ष जिला पर्यावरण विशेषज्ञ अनुमोदन समिति एसए मुरूगेशन की अध्यक्षता में जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय में जिला पर्यावरण विशेषज्ञ अनुमोदन समिति की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में पर्यावरण विशेषज्ञ ने तीन खनन पट्टों, दो ठवेंद (बोसन) रिवर बाॅर्न मटिरियल (आरबीएम) तथा एक डीमैट आरबीएम प्रोजेक्ट के अनुमोदन के लिए खनन नियमावली तथा पर्यावरणीय संवेदनशीलता से सम्बन्धित विभिन्न पक्षों को ध्यान में रखते हुए चर्चा की गई।
डीएम ने खनन विभाग तथा सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिन दो खनन प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी गई है, उनमें न्यायालय के आदेश, पर्यावरण व स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव ना पड़े और स्थानीय स्तर पर कोई आपत्ति न होने, नियमावली के तहत खनन किया जाए। डीएम ने सम्बन्धित क्षेत्र में ग्रीन फील्ड विकसित करने, खनन में लगे मजदूरों के लिए पेयजल, शौचालय की व्यवस्था, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट उचित प्रबन्धन मौके पर खनन विशेषज्ञ की उपस्थिति में खनन इत्यादि का अनुपालन सुनिश्चित हो। साथ ही पूर्व का बकाया हो तो उसे प्राप्त करने और किसी प्रकार के वाॅयलेंस इत्यादि के सम्बन्ध में पूर्व लिखित लेने के पश्चात ही अनुमोदन स्वीकार करने के निर्देश दिए। उन्होंने खनन क्षेत्रों की माइनिंग मेथोडोलॉजी, इमेज, मैप इत्यादि जोड़ने के भी निर्देश दिए। उन्होंने अपर जिलाधिकारी प्रशासन को राजस्व विभाग ने अपने मानकों का अनुपालन करवाने को कहा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जीएस रावत, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरविन्द पाण्डेय, संयुक्त निदेशक खनन सुनील पंवार सहित खनन, वन विभाग राजस्व तथा विभिन्न पर्यावरण विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

गुरुमुख कौर व गुरु शब्द की परमार्थ निकेतन से ली विदाई

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परमार्थ निकेतन से कुण्डलिनी योग के विख्यात योगाचार्य गुरुमुख कौर और योगाचार्य गुरुशब्द ने प्रस्थान से पूर्व परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

स्वामी ने कुण्डलिनी योग की पूरे विश्व में ज्योति जलाने के लिए दोनों योगाचार्यों का अभिनन्दन कर शिवत्व का प्रतीक रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया। उन्हें परमार्थ निकेतन में आयोजित आगामी अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में सहभाग करने के लिए भी आमंत्रित किया। योगाचार्य गुरुमुख कौर और योगाचार्य गुरुशब्द ने आमंत्रण को स्वीकार करते हुए पूरे कुण्डलिनी दल के साथ भाग लेने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कुण्डलिनी योगाचार्य गुरुमुख कौर और योगाचार्य गुरुशब्द से चर्चा के दौरान कहा कि कुन्डलिनी योग विस्तार के साथ भारत के विचार और संस्कार पूरे विश्व में फैलें क्योंकि भारत की संस्कृति ही जीवन का आधार है। भारतीय संस्कृति ही संबंधों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है क्योंकि ये परिवार की संस्कृति है, संस्कारों की संस्कृति है। जीवन में व्यवहार और परिवार के मध्य सामंजस्य की प्रेरणा देती है।

स्वामी ने कहा ‘अब समय आ गया है कि कुण्डलिनी योग के साथ प्रकृति और पर्यावरण के प्रति करुणा और संवेदनामय योग का आरम्भ भी किया जाए। अब जीवन को पर्यावरण योग के साथ जोड़कर जिया जाए तथा यह संदेश पूरे विश्व में प्रसारित करें। उन्होंने कहा कि जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने, जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने, स्वस्थ और सेहतमंद रहने के लिए योग नितांत आवश्यक है। परन्तु जिंदगी के लिए, जिंदा रहने के लिए पेड़-पौधों से प्राप्त अॉक्सीजन के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। अतः हमारा प्रथम कर्तव्य है कि प्रकृति को सेहतमंद रखे। उन्होंने योगाचार्य गुरुमुख कौर और योगाचार्य गुरुशब्द को ’जहां जाएं पर्यावरण योग अवश्य कराएं’ संकल्प कराया। दोनों आचार्यो ने संकल्प को गुरु के आशीर्वाद के रूप में ग्रहण कर कुण्डलिनी योग के साथ पर्यावरण एवं जल संरक्षण का संदेश प्रसारित करने हेतु आश्वस्त किया।

आईएमए परेड रिहर्सल कार्यक्रम के दौरान यातायात डाइवर्ट प्लान

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4/12/17 को आईएमए परेड रिहर्सल कार्यक्रम दिवस के दौरान यातायात डाइवर्ट प्लान निम्नवत होगा : –

1- परेड के दौरान आईएमए की ओर कोई भी यातायात नहीं जायेगा तथा आईएमए की तरफ जीरो जोन रहेगा ।
2- बल्लूपुर से आने वाले समस्त यातायात रांगणवाला चौकी आईएमए के पास से डायवर्ट कर मीठी बैरी से होकर प्रेमनगर की ओर मुख्य मार्ग पर जा सकेगा ।
3- प्रेमनगर की ओर से आने वाले यातायात को आईएमए एमटी सेक्शन गेट की ओर डाइवर्ट कर रांगणवाला बैरियर की ओर निकाला जायेगा। उक्त यातायात रांगणवाला बैरियर से बल्लूपुर, पण्डितवाडी की ओर जा सकेगा ।
4- विकासनगर की ओर से आने वाले भारी वाहनों को हर्बटपर चौक से धर्मावाला चौक की डाइवर्ट किया जायेगा। उक्त यातायात धर्मावाला चौक से शिमला बाईपास होते हुए शहर की ओर आ सकेगा।
5- देहरादून से विकासनगर, हर्बटपुर होते हुए दिल्ली जाने भारी वाहनों को शिमला बाईपास से डाइवर्ट कर विकासनगर धर्मावाला की तरफ भेजा जायेगा।
6- देहरादून की ओर से विकासनगर जाने वाले समस्त यातायात को बल्लूपुर से बल्लीवाला होते हुए जीएमएम रोड होते हुए कमला पैलेस की ओर शिमला बाईपास की ओर निकाला जायेगा। उक्त यातायात शिमला बाईपास से विकासनगर की ओर जा सकेगा ।
7- समस्त भारी वाहनों को पूर्णतः हर्बटपुर, शिमला बाईपास चौक तथा बल्लूपुर चौक, जीएमएस रोड की ओर डायवर्ट किया जायेगा।

उक्त स्थानों पर समस्त भारी वाहन समय 6:00 बजे से 12:00 बजे तक डायवर्ट किया जायेगें। आमजन से अपील है कि असुविधा से बचने के लिए चौपहिया वाहन का प्रयोग कम से कम करते हुये दोपहिया वाहनों का प्रयोग करे। व्यवस्था बनाने में जनपद पुलिस को अपना सहयोग प्रदान करें।

अब बाजपुर है एसआईटी का टारगेट

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रुद्रपुर, एनएच घोटाले की परत खोल रही एसआईटी काश्तकारों पर लगातार शिकंजा कसती जा रही है जिसके लिए काशीपुर और बाजपुर के काश्तकारों को नोटिस जारी किये गये है, एसआइटी ने बाजपुर तहसील के अकेले ताली गांव के 11 काश्तकारों को नोटिस भेजा है। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक काश्तकारों ने अकृषक भूमि को दिखाकर कई गुना मुआवजा लिया है।

एनएच-74 मुआवजा घोटाले में अब तक एसआइटी ने जसपुर और काशीपुर तहसील की जांच कर 11 से अधिक अधिकारी, कर्मचारी व काश्तकारों को गिरफ्तारी कर जेल भेज चुकी है। हालांकि अभी भी कुछ गिरफ्तारी होनी बाकी है। इधर, बाजपुर और रुद्रपुर तहसील की जांच शुरू हो चुकी है। ऐसे में एसआइटी कृषि भूमि को अकृषक दिखाकर करोड़ों का मुआवजा लेने वाले काश्तकारों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है।
एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक बाजपुर तहसील के ग्राम ताली गांव में भी करोड़ों का मुआवजा लिया गया है। ऐसे 11 काश्तकारों को चिह्नित किया जा चुका है। चिह्नित काश्तकारों को रविवार को एसआइटी ने नोटिस जारी कर निर्धारित तिथि पर एसआइटी के समक्ष उपस्थित होकर अपने बयान दर्ज कराने को कहा है।

सितारगंज शुगर मिल पर सियासत हुई गर्म

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हल्द्वानी, नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने भाजपा पर फिर से करारा वार किया है, नेता प्रतिपक्ष ने सितारगंज चीनी मिल बंद किए जाने पर भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि कैबिनेट ने मिल को बंद करने का गलत निर्मय लिया है। उन्होंने कहा कि, “राज्य सरकार अब तक कोई उद्योग धंधे नहीं लगा सकी, लेकिन उद्योग खत्म करने मं जरुरु अपनी फूर्ती दिखा रही है, जिससे भाजपा प्रदेश में बेरोजगारी को बढावा दे रही है, जिसको विपक्ष में बैठी कांग्रेस विस सत्र में पुरजोर तरीके से उठाएगी।”

सितारगंज शुगर मिल को बंद करने के फैसले पर तल्ख तेवर दिखाते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. हृदयेश ने कहा कि चीनी मिल बंद कर सरकार ने प्रत्यक्ष रूप से 500 से अधिक कर्मियों की नौकरी छीन ली है, जबकि हजारों लोग अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं। यही नहीं मिल में गन्ना ले जाने वाले काश्तकारों के लिए भी कोई वैकल्पिक व्यवस्था न कर पाना भाजपा का किसान विरोधी चेहरा उजागर करता है। भाजपा ठीक इसके उलट चल रही है।

उद्योग-धंधों को गति देने की बजाय उन पर ही ब्रेक लगाया जा रहा है। डॉ. इंदिरा ने कहा कि सभी मुद्दों को कांग्रेस पुरजोर तरीके से सदन में उठाकर सरकार को घेरेगी।

शराब पीने को किया मना तो बरपा हंगमा

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रुद्रपुर, कालोनी के गेट पर शराब पीने से मना करने से आक्रोशित सामिया लेक के सिक्योरिटी गार्ड की दर्जन भर से अधिक बदमाशों ने बंदूक और कारतूस की पेटी लूट ली। विरोध करने पर कर्मचारियों पर लाठी डंडों से हमला बोलते हुए गेट के प्रवेश कक्ष में जमकर तोडफ़ोड़ की। घटना की सूचना पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने मौका मुआयना किया और बदमाशों की गिरफ्तारी और बंदूक बरामदगी की दिशा में कोतवाल को जरूरी कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस घटना के बाद कालोनी प्रबंधकों के अलावा कालोनी वासियों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

सामिया लेक कालोनी के प्रबंधतंत्र के सूत्रों के मुताबिक शनिवार की देर शाम करीब छह बजे जीप पर बैठकर कालोनी के गेट के सामने कुछ लोग शराब पीकर आपस में लड़ाई झगड़ा कर गालीगलौज कर रहे थे। इसी बीच कालोनी के ही एक युवक अभिषेक ने उन्हें गेट पर खड़ा होकर शराब पीने से मना किया, इस पर तीनों आरोपी उसके साथ गालीगलौज करने लगे। इस पर कालोनी गेट के सिक्योरिटी गार्ड की मदद से अभिषेक ने तीनों को खदेड़ दिया। इसके बाद उक्त तीनों आरोपी अपने करीब दर्जन भर से अधिक साथियों के साथ बाइकों पर सवार होकर पहुंच गए। सभी बदमाश लाठी डंडों से लैस थे। बदमाशों ने आते ही सबसे पहले सामिया लेक के गेट पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड धर्मसिंह से उसकी छह कारतूसों से भरी पेटी समेत 12 बोर की बंदूक छीन ली।

सिक्योरिटी गार्ड ने जब इसका विरोध किया तो बदमाशों ने गेट के तीन कर्मचारियों पर लाठी डंडों से हमला बोल दिया। जिसमें गेट कर्मचारी गार्ड ओमप्रकाश, सिक्योरिटी सुपरवाइजर दिनेश सिंह और सुरक्षा कर्मी/गार्ड धर्म सिंह को चोटें आईं। घटना के बाद आरोपी किसी से शिकायत करने की धमकी देते हुए फरार हो गए। इधर, घटना की सूचना पर पहुंचे एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा, सीओ सिटी स्वतंत्र कुमार, शहर कोतवाल तुषार बोरा  ने कालोनी गेट के कर्मचारियों से विस्तृत पूछताछ की। पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ को रात्रि में ही सीसी फुटेज खंगाले।

ऊर्जा निगम पर लगा 14 करोड़ से अधिक का जुर्माना

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देहरादून। सरकारी विभागों की कार्यशैली किस तरह लोगों को रुलाती है और उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती, लेकिन जीरो टॉलरेंस वाली सरकार में कार्रवाई होती है। इसका प्रमाण विद्युत नियामक आयोग के निर्णय हैं। विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन देने में देरी और लापरवाही बरतने पर यूपीासीएल पर 14 करोड़ 58 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

यूपीसीएल के एमडी के अनुरोध पर यह रकम छह किश्तों में दिए जाने की राहत दी है। विद्युत नियामक आयोग की धारा में प्रावधान है कि बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किए जाने के बाद अगर यूपीसीएल निश्चित समय में कनेक्शन देने में असफल रहता है तो खुद ही जुर्माना लग जाता है। इसकी गणना धनराशि पर 10 से 1000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लगाया जाता है। उक्त जुर्माना यूपीसीएल के विद्युत वितरण खंडों द्वारा मासिक रिपोर्ट के साथ आयोग में जमा कराए जाने का भी प्रावधान है। आयोग ने 2009 से 2015 तक करीब 40 हजार से ज्यादा कनेक्शनों में देरी पर छह करोड़ 51 लाख 89 हजार 545 रुपये का जुर्माना लगाया था।
इस जुर्माने की रकम को लेकर यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्रा ने आयोग से आग्रह किया कि पुराने प्रकरणों में सुधार लाया जाएगा। इसमें देरी के लिए खंड व उपखंडों में तैनात कार्मिकों की जिम्मेदारी तय करने का भरोसा देते हुए माफी का आग्रह किया। आयोग के चेयरमैन सुभाष कुमार ने छह किश्तों में उक्त रकम जमा करने को कहा। इसी बीच आयोग ने पाया कि यूपीसीएल ने 2015 व 2016 में करीब 18 हजार 600 कनेक्शन देने में देरी की हैं। ऐसे में आयोग ने पुराने प्रकरण को भी माफ करने से इनकार करते हुए अब नए सिरे से 14 करोड़ 58 हजार का जुर्माना जल्द आयोग में जमा करने के आदेश दिए हैं। इस दौरान आयोग ने एमडी के आग्रह पर कार्रवाई न होने पर नाराजगी जाहिर कर सवाल खड़े किए।
आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया कि यदि अब उक्त जुर्माने की रकम जमा न हुई तो आयोग को कानूनी कार्रवाई करने को बाध्य होना पड़ेगा। इस संबंध में आयोग ने कड़े आदेश जारी कर दिए हैं। 

सियासी पैंतरेबाजी में गैरसैंण राजधानी, श्रेय लेने को लेकर तकरार

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देहरादून। स्थाई राजधानी को लेकर गैरसैंण पर छाया कोहरा साफ होने लगा है। यह मुद्दा अब सियासी उठा-पटक से ऊपर उठ चुका है और दोनों प्रमुख दलों की सियासी पैंतरेबाजी से परे हटकर इसका कोई न कोई हल निकलने की संभावना बढ़ गई है। अब यह तय हो गया है कि गैरसैंण के साथ राजधानी का तमगा जुड़ने वाला है।

वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने भी स्वीकार किया है कि सरकार गैरसैंण की शीतकालीन राजधानी बनाने पर विचार के लिए तैयार है। नैनीताल में मीडिया के साथ अनौपचारिक वार्ता के दौरान वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि प्रदेश सरकार गैरसैंण को शीतकालीन राजधानी बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर सकती है। प्रकाश पंत के बयानों का सियासी अर्थ भाजपा के अब तक के स्टैंड से काफी भिन्न है। पर यह भी साफ हो गया है कि अब भाजपा भी राजधानी को लेकर किसी न किसी हल पर पहुंचना चाह रही है।
बतौर मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में जब गैरसैंण में अवस्थापना संबंधी कार्य शुरू हुए तो भाजपा ने यह मांग उठा दी कि गैरसैंण को यथाशीघ्र ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया जाए। कांग्रेस भी इसके लिए तैयार हो चुकी थी पर वह भाजपा को इसका लाभ नहीं लेने देना चाहती थी। इस कारण उसने यानी कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2016 का शीतकालीन सत्र गैरसैंण में आहूत कर दिया। यह सत्र गैरसैंण को लेकर मान्य अवधारणा के खिलाफ था। क्योंकि गैरसैंण को या तो स्थायी या फिर ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने की मांग थी। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत यह साबित करना चाहते थे कि वह गैरसैंण को लेकर कहीं अधिक सोच रहे हैं।
उनकी पहल पर ही इस सत्र में यह भी संकल्प पारित हुआ कि हर साल बजट सत्र गैरसैंण में ही आहूत होगा। हालांकि इन घोषणाओं का वह सियासी लाभ लेना चाहते थे। क्योंकि इसी सत्र के समापन के साथ प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2017 का बिगुल बजना था । यह अलग बात है कि हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस इसका सियासी लाभ नहीं ले सकी और विस चुनाव में वह बुरी तरह पराजित हुई। परंतु बतौर राजधानी गैरसैंण जमीनी यथार्थ बन गया। उसका ही नतीजा है कि वर्तमान में प्रदेश की भाजपा सरकार विधानसभा का शीतकालीन सत्र गैरसैंण में आहूत कराने जा रही है। यह वही भाजपा सरकार है जिसने विधानसभा के उस संकल्प को भी खारिज कर दिया था।
जिसमें बजट सत्र गैरसैंण में आहूत होने का प्रस्ताव पारित हुआ था। अब वही सरकार शीतकालीन सत्र के लिये गैरसैंण जा रही है। साथ में यह भी कहा जा रहा है कि गैरसैंण को शीतकालीन राजधानी घोषित करने पर विचार किया जा सकता है। इसका तात्पर्य यही है कि गैरसैंण अब स्थायी राजधानी की ओर कदम बढ़ा चुका है।
गैरसैंण को राजधानी घोषित करने को लेकर भाजपा और कांग्रेस की सरकार ने भले ही टालमटोल किया हो दोनों सियासी पार्टियां यह जरूर जानती है कि इस मुद्दे को लंबे समय तक टाला नहीं जा सकता। ऐसे में सवाल यह है कि फिर इस मुद्दे को लटकाया क्यों जा रहा हैघ् इस संबंध में जानकारों का कहना है कि कतिपय नौकरशाह और सियासी हस्तियां जिन्होंने देहरादून या इसके आसपास अपनी नामी बेनामी सम्पत्ति एक कर ली है वे किसी भी हालत में पहाड़ नहीं चढ़ना चाहते। उन्हें पता है कि यदि गैरसैंण को राजधानी बना दिया गया तो उन्हें पहाड़ चढ़ना ही पड़ेगा। ऐसे ही नौकरशाह और सियासतदां इस मुद्दे को लटका रहे हैं।

पति ने पत्नी को उतारा मौत के घाट

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सहसपुर। सहसपुर क्षेत्र शंकरपुर में एक पति ने अपनी पत्नी की निर्मम तरीके से हत्या कर फरार हो गया। इस घटना से क्षेत्र में दशहत का माहौल बना हुआ है, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

शनिवार सुबह सिरफिरे पति राजकुमार ने अपनी 40 वर्षीय पत्नी सुमन लता को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद पति मौके से फरार हो गया। घटना की सूचना पर पहुंंची पुलिस और फॉरेंसिक टीम हत्या की जांच पड़ताल में जुट गई है। जांच पड़ताल में पता चला कि आरोपी ने मृतका के मुंह पर कुल्हाड़ी से अंधाधुंध वार कर हत्या को अंजाम दिया है।

इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि पति-पत्नी बिजनौर के रहने वाले हैं और छह माह पहले ही किराये के मकान में रहने के लिए यहां आये थे। मृतिका पास के ही एक कॉलेज में गार्ड की नौकरी करती थी, पुलिस का कहना है कि आरोपी की खोज शुरू कर दी गई है और जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।