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नैनीताल जाने वाले पहले करा लें बुकिंग नहीं तो होगी मुश्किल

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rain saves naini lake

नैनीताल जश्न मनाने की हसरत रखने वालों को इस बार खास तैयारियों के साथ जाना पडेगा, पहले से ही होटल की बुकिंग वालों को ही नौनीताल में प्रवेश मिल सकेगा, क्रिसमस ौर नये साल का जश्न मनाने वालों को पहले से ही होटलों में बुकिंग करनी होगी जिससे वो नानीताल जा सकें, नहीं तो उनको रोका जा सकता है।बिना होटल, गेस्ट हाउस की एडवांस बुकिंग का साक्ष्य दिखाये आपको शहर में प्रवेश नहीं मिल पाएगा। दोनों अवसरों पर पर्यटकों की भीड़ अधिक होने की संभावना के चलते प्रशासन ने नया ट्रैफिक प्लान भी बनाया है।   

जिलाधिकारी और दीपेंद्र चौधरी व एसपी सिटी हरीश सती ने विभिन्न संगठनों, होटल व टैक्सी संचालकों के साथ बैठक की। डीएम ने साफ किया कि होटल, पार्किंग के लिए जगह होने तथा जाम की स्थिति नहीं होने पर सभी पर्यटकों को आने दिया जाएगा। डीएम ने कहा कि जश्न में हुड़दंग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले चालकों तथा नाव चालकों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। हाई कोर्ट के आदेशानुसार रात दस बजे तक ही डीजे बजाने की अनुमति दी जाएगी। हरीश सती ने कहा कि बड़े वाहनों को शहर में किसी भी दशा में एंट्री नही दी जाएगी। जाम की समस्या से निपटने के लिए ट्रैफिक के साथ ही रेगुलर पुलिस की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी। 31 दिसंबर की रात भवाली, नैनीताल, भीमताल आदि पर्वतीय मार्गों पर ट्रैफिक पूरी तरह बंद रहेगा। सड़क किनारे वाहनों को पार्क नहीं होने दिया जाएगा।

अपनी फुर्ती से जंगली जानवरों तक को हरा देते हैं हिमालयन मिस्टिफ नस्ल के कुत्ते

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सर्दियों के महीनों में हर साल, भूटिया लोग जोशीमठ के पहाड़ी इलाकों से नीचे आकर ऋषिकेश के चोरपानी जंगलों में अपना बसेरा बना लेते हैं। जैसे ही आसपास के लोगों को उनके यहां आने की खबर मिलती है तो लोग यहा जंगल में आकर उनसे उम्दा क्वालिटी की ऊन के साथ-साथ उनके भूटिया कुत्ते के बच्चों को लेने पहुँच जाते हैं।

14 सदस्यों के परिवार की महिला सोनी भी सालों से चोरपानी में अपनी सर्दियां बिता रही हैं। सुबह होते ही घर के पुरुष जंगलो में  भेड़-बकरियों को चरने ले जाते है अौर साथ में होते है उनके भूटिया कुत्ते जो उन पर निगाह रखते हैं। इन कुत्तों के होते ना तो गडरिया और ना ही उसकी भेड़ो को कुछ खतरा है। सोनी बताती हैं कि “कुत्ता बेचना हमारा व्यापार नहीं है। कुत्ता हम साथ इसलिए लाते हैं क्योंकि ये हमारी भेड़-बकरी जो जंगल में चरने जाती हैं यह उनकी रखवाली करते हैं। लेकिल कुछ सालों से लोगों को यह पता चल गया है कि भूटिया की अच्छी नसल का कुत्ता यहां मिलता हैं तो लोग यहां इन्हें लेने आते हैं।

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जिनको कुत्ता पालने का शौक होता है वह हाथियों से भरे जंगल में छह किलोमीटर तक आते हैं छोटे भूटिया कुत्तों के बच्चे लेने के लिये। और आयें भी क्यों नहीं ये कुत्ते किसी टैडी बीयर से कम नहीं होते। इसके साथ ही ये कुत्ते लंबीकद काठी के मालिक होते हैं। जिसके चलते ये अपने मालिक के आस पास जंगली जानवरों को भटकने नही देते हैं। रफ्तार के साथ साथ ये कुत्ते काफी समझदार भी होते हैं। ऊेचे पहाड़ी इलाकों में रहने के कारण मूल रूप से आम कुत्तों के मुकाबले हिमालयन मिस्टिफ काफी फिट औऱ चुस्त होते हैं। यही वजह है कि लोगों के बीच इस प्रजाति के कुत्तों का काफी क्रेज है। सहारनपुर के एक खरीदार जंगलों में ट्रेकिंग करके अपने फार्म हाउस के लिए दो तिब्तन मास्टिफ खरीदने पहुंचे, “मुझे किसी ने बताया था कि ऋषिकेश में अच्छे कुत्ते मिलते हैं, इसलिए मैं यहां आया हूँ।” यह कुत्ते के बच्चे लकड़ी के मजबूत बाड़े में कैद रहते हैं जबकि बड़े कुत्ते घने जंगलों में भेड़ बकरी पर नजर रखते हैं।

यहां से खरीदे हुए कुत्ते दूर-दराज के शहरों जैसे कि गुरुग्राम,फरीदाबाद,दिल्ली, चंडीगढ़ और लखनऊ तक जाते हैं और लोगों के खुबसूरत घरों की अपनी जान पर खेल कर निगरानी तो करते हैं साथ साथ उनके परिवार का अटूट हिस्सा भी बन जाते हैं।

तस्करों पर लगाम लगाने को फुलों की घाटी में लगेंगे कैमरे

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(चमोली) शीतकाल के दौरान हिमालय में वन्य जीव-जंतुओं के साथ ही तस्करों पर भी वन विभाग की नजर रहेगी। इसके लिए नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की ओर से फूलों की घाटी में विभिन्न स्थानों पर छह कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। इन कैमरों में कैद वन्यजीव अथवा तस्करों की फोटो एक पखवाड़े में देखी जाएंगी।

सीमांत चमोली जिले में समुद्रतल से 4500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित फूलों की घाटी 87.5 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली हुई है। यहां विभिन्न प्रजाति के फूलों के अलावा स्नो लेपर्ड, कस्तूरी मृग, भूरा भालू समेत कई संरक्षित प्रजाति के जीव वास करते हैं। शीतकाल में घाटी के आवाजाही के लिए बंद रहने के कारण इन दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीवों पर तस्करों की निगाहें रहती हैं। वे चोरी-छिपे घाटी में प्रवेश कर इनका शिकार कर देते हैं।

इसी के दृष्टिगत नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन को फूलों की घाटी के बामणधौड़ समेत जिन स्थानों पर पूर्व में वन्य जीवों का मूवमेंट व तस्करों की सक्रियता दिखी है, वहां छह स्थानों पर कैमरा ट्रैप लगाए हैं।

फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क के वन क्षेत्राधिकारी दीपक रावत ने बताया कि वन कर्मियों की टीम कैमरा ट्रैप लगाने के बाद वापस लौट आई है। बताया कि हर 15 दिन में वनकर्मी फूलों की घाटी में लगाए गए कैमरा ट्रैप का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद कैमरों की चिप बदली जाएगी। इसके पीछे ध्येय वन्यजीवों की आवाजाही के अलावा तस्करों की सक्रियता पर भी नजर रखना है।

अप्रैल से चलेगा केदारनाथ में शवों को ढूंढने का सर्च अभियान

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(देहरादून) केदारनाथ आपदा में मारे गए लोगों के शवों की तलाश को पुलिस अप्रैल में सर्च अभियान चलाएगी। इसके लिए सीनियर आइपीएस अफसरों के नेतृत्व में सर्च कमेटी गठित की जाएगी। यह कमेटी संभावित इलाकों में शवों की तलाश करेगी।

जून 2013 में केदारनाथ की आपदा में करीब चार हजार से ज्यादा लोगों के लापता होने की सूचना दर्ज हुई। इस संबंध में सरकार ने हाईकोर्ट में भी शपथ पत्र दिया है। शपथ पत्र में सरकार ने अब तक चले सर्च अभियान के दौरान करीब चार हजार में से 678 शवों का दाह संस्कार करने की बात कही गई। इनका डीएनए सुरक्षित रखा गया है।

हाईकोर्ट ने फिर से इस मामले में 20 दिसंबर को सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देश दिए कि शेष लापता लोगों के शवों के लिए फिर से तलाशी अभियान चलाया जाए। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस यहां दोबारा सर्च अभियान चलाएगी।

उन्होंने बताया कि बर्फ पिघलने और कपाट खुलने पर अपै्रल में सीनियर आइपीएस अफसरों के नेतृत्व में एसडीआरएफ, पुलिस में बेहतर ट्रैकर, माउंटनेरिंग में दक्ष कर्मियों की टीम केदारघाटी के अलग-अलग हिस्सों में भेजी जाएगी।

इस दौरान जहां भी शवों के कंकाल मिलेंगे, उनका दाह संस्कार कर डीएनए सुरक्षित रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए सर्च अभियान में जाने वाले लोगों के नाम मांगे गए हैं।

मेले की दूसरी शाम रंत रैबार कला मंच के नाम

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गोपेश्वर,  चमोली जिले के पीपलकोटी में आयोजित सात दिवसीय बंड महोत्सव की दूसरी सांस्कृतिक संध्या रंत रैबार कला मंच कर्णप्रयाग के नाम रही। लोक गायक अरविंद और हरिराम की प्रस्तुति पर श्रोता जमकर थिरके।

बंड महोत्सव में गुरुवार शाम को रंत रैबार कला मंच ने खूब रंग जमाया। लोक गायिका हीना के गीत मन भरमेगी मेरू…, लाली हो लछीमा लाली… गीत पर दर्शकों ने भी खूब ठुमके लगाए। साथ ही हास्य कलाकार सुरेंद्र कमांडर ने अपने हास्य चुटकुलों से दर्शकों को खूब गुद-गुदाया। शुक्रवार को लोक गायक गजेंद्र राणा व मीना राणा के नाम रही। गजेंद्र राणा ने मां नंदा की स्तुति जय हो नंदा तेरी जय बोला… के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू किया। मीना राणा के होंस उलारा मां…., हयूंद का दिन फिर बोडी ऐ गेनी…., हम उत्तराखंडी च…, चंदना मेरा पहाड ऐई…..की प्रस्तुति दी।

तीसरे दिन मुख्य अतिथि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी व कर्नल नवीन चंद्र डबराल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होनें कहा कि मेले हमारी पौराणिक संस्कृति को बचाए रखने में कारगर सिद्ध होते हैं। साथ ही मेले के सफल संचालन के लिए मेला कमेटी को बधाई भी दी। इस अवसर पर अध्यक्ष शंभू प्रसाद सती, पूर्व अध्यक्ष अतुल शाह, गजेन्द्र राणा, प्रकाश नेगी, सुरेन्द्र राणा, क्षेपंस सुनील कोठीयाल, बृज लाल, गुलाब सिंह बिष्ट, सुंदर लाल आदि मौजूद रहे। 

खनन विभाग की छापेमारी, 3.51 लगाया जुर्माना

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हल्द्वानी, हल्दूचौड़ क्षेत्र में धडल्ले से चल रहे अवैध मिट्टी खनन पर शिकंजा कसते हुए खनन विभाग व जिला प्रशासन की टीम ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर मिट्टी भर कर ले जा रहे तीन ट्रैक्टर ट्रालियों को जब्त किया। तथा साथ ही खेत में गड्ढा बनाकर अवैध खनन कर रहे एक खेत स्वामी पर 3.51 लाख का जुर्माना भी लगाया।

उप जिलाधिकारी एपी बाजपेयी व खनन उप निदेशक राजपाल लेघा के नेतृत्व में राजस्व व पुलिस की टीम ने हल्दूचौड़ क्षेत्र में छापेमारी करते हुए भानदेव नवाड़ गांव से दो ट्रैक्टर ट्राली व राधाबंगर गांव से एक ट्रैक्टर ट्राली मिट्टी से भरी हुई जब्त की। इसके अलावा राधाबंगर स्थित लीसा फैक्ट्री के समीप एक भू स्वामी पर 275 घनमीटर मिट्टी का अवैध खनन करने पर 3.51 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

जिला प्रशासन की कार्रवाई से अवैध मिट्टी खनन में लिप्त तस्करों में हड़कंप मचा हुआ है। उप जिलाधिकारी ने कहा कि अवैध खनन के खिलाफ अभियान निरंतर जारी रहेगा। गौरतलब है कि हल्दूचौड़ के गंगापुर, राधाबंगर, जयपुर बीसा, भानदेव नवाड़ समेत आधा दर्जन गांव में अवैध मिट्टी का खनन पिछले लंबे समय से धड़ल्ले के साथ चल रहा है।

विधायक जोशी ने किया विकास कार्यों का निरीक्षण

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देहरादून, विधायक गणेश जोशी ने जल संस्थान के अधिकारियों के साथ ग्राम पंचायत हरियावाला खुर्द के जैंतनवाला में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए निर्माणाधीन विकास कार्यों का निरीक्षण किया।

विधायक ने कहा कि 26 दिसम्बर को पेयजल मंत्री का कार्यक्रम जैंतनवाला में होना प्रस्तावित है, जिसमें कई विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जाएगा। पेयजल योजनाओं के बनने के बाद क्षेत्र में पेयजल की किल्लत दूर हो जाएगी। भाजपा सरकार जनता के लिए मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर जलसंस्थान के अधिशासी अभियंता डीपी गैरोला, जिला पंचायत सदस्य संध्या थापा, ग्राम प्रधान नैन सिंह पंवार सहित कई ग्रामीण उपस्थित रहे।

अनदेखी पर भड़के रोडवेज कर्मचारी,मांगों को लेकर दो दिवसीय धरना किया शुरू

ऋषिकेश :- रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद की ऋषिकेश शाखा ने विभिन्न मांगों को लेकर ऋषिकेश बस अड्डे पर दो दिवसीय धरना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि धरने पर बैठे इन रोडवेज कर्मचारियों की मांग है कि इनका वेतन 1 से 7 तारीख के बीच में दिया जाए, इसके साथ ही साथ जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ा करीब 7 करोड़ का बकाया भी जल्द उन्हें वापस दिया जाए। अपनी मांगों के लिए अब इन कर्मचारियों में शाशन के प्रति आक्रोश साफ़ देखा जा रहा है. रोडवेज कर्मचारियों का साफ तौर पर कहना है अगर उनकी मांगों को जल्द ही पूरा नहीं किया गया तो वह आगे चलकर चक्का जाम भी करेंगे। मीडिया से बात करते हुए रोडवेज कर्मचारी परिषद् के छेत्रिय प्रतिनिधि महेन्दर सिंह ने बताया कि हमारी इन मांगों को शाशन द्वारा जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए ।

पेयजल कर्मियों ने किया 16 जनवरी से आंदोलन का ऐलान

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देहरादून । पेयजल निगम अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने बकाया भुगतान, डीए, ग्रेच्युटी आदि मांगों को लेकर सरकार पर नए सिरे से दबाव बनाने की रणनीति तैयार की है। समिति की बैठक में मांगों के निस्तारण को लेकर सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की समीक्षा की गई। बैठक में 16 जनवरी से आंदोलन का ऐलान किया गया।
परेड ग्राउंड स्थित संघ भवन में शुक्रवार को हुई बैठक में समिति के प्रांतीय अध्यक्ष एके चतुर्वेदी व महामंत्री प्रवीन रावत ने कहा कि देश में 19 प्रदेशों में पेयजल व सीवरेज के लिए एकीकृत राज्य विभाग स्थापित है। उत्तराखंड में भी पेयजल के राजकीयकरण को लेकर सरकार से कई बार मांग की जा चुकी है। सरकार ने आश्वासन भी दिया। बावजूद इसके सालों से बात आश्वासन से आगे नहीं बढ़ रही है। सातवें वेतन आयोग के अनुरूप कार्यरत सेवानिवृत्त कर्मियों के वेतन पेंशन ग्रेच्युटी आदि का भुगतान भी अभी तक नहीं किया गया, जिससे कर्मियों में भारी आक्रोश हैं। समिति पदाधिकारियों ने कहा कि पेयजल के एकीकरण के साथ बकाया वेतन, पेंशन, बोनस, डीए, ग्रेच्युटी, राशिकरण के भुगतान को लेकर आंदोलन किया जाएगा। समिति 16 जनवरी को सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन करेगी। 23 जनवरी को पेयजल मंत्री का घेराव और 30 जनवरी को मुख्यालय का घेराव करेगी।

दवा कंपनी रायन लैबोरेटरीज से होगी 7 करोड़ की वसूली

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देहरादून। जीएसटी आयुक्तालय रुड़की की दवा बनाने वाली कंपनी रायन लैबोरेटरीज प्रा.लि. से सात करोड़ रुपये से अधिक की वसूली करेगा। यह वसूली सेंट्रल एक्साइज छूट का गलत ढंग से लाभ लेने पर की जा रही है। वसूली को लेकर शुक्रवार को कंपनी के गेट पर नोटिस चस्पा किया गया। साथ ही कंपनी की संपत्ति जब्त करने व बैंक खाते सीज फ्रीज करने की कार्रवाई भी शुरू की जा रही है।

जीएसटी आयुक्तालय के संयुक्त आयुक्त अमित गुप्ता के मुताबिक, रयान लैबारेटरीज ने वर्ष 2010 से 2014 तक गलत तरीके से सेंट्रल एक्साइज की छूट का लाभ लिया था। मार्च 2015 में जब इस बात का पता चला तो कंपनी को सेंट्रल एक्साइज की वसूली का नोटिस भेजा गया। कंपनी ने इसके खिलाफ अपील की थी और जुलाई 2016 में यहां से भी स्पष्ट हो गया कि कंपनी ने गलत तरीके से सेंट्रल एक्साइज की छूट का लाभ लिया है। रयान लैबोरेटरीज के केस हार जाने के बाद वसूली का दोबारा नोटिस जारी किया गया। हालांकि, कंपनी ने नोटिस लेने से इनकार किया। इसके बाद दो बार और नोटिस जारी किए गए और फिर से नोटिस लेने से इनकार कर दिया। अब जीएसटी लागू होने के बाद विभाग ने पुराने मामलों के निस्तारण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कार्रवाई शुरू की। गुप्ता के मुताबिक, कंपनी से गलत ढंग से लिए गए सेंट्रल एक्साइज के लाभ, इस राशि पर ब्याज समेत 18 फीसद जुर्माना भी वसूल की जाएगी। इसके अलावा कंपनी के निदेशक पर व्यक्तिगत रूप से 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।