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हरिद्वार बने हरित प्रेरणा द्वार: स्वामी चिदानंद

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ऋषिकेश, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज और उत्तराखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री की मुलाकात दिल्ली, उत्तराखण्ड सदन में हुई।

इस बैठक में ’हरिद्वार के सौंद्रर्यीकरण एवं हरित तीर्थीकरण’ पर विस्तृत चर्चा हुई। स्वामी जी ने हरिद्वार में किल वेस्ट, कचरा संयोजन मशीने को लगाने का भी सुझाव दिया जिससे गीले एवं सूखे कूडे़ का प्रबंधन किया जा सके साथ ही जैविक एवं हरित शौचालयों केे निर्माण एवं प्रबंधन पर भी स्वामी ने जोर दिया जिससे तीर्थक्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हो सके। उन्होनेे कहा कि देश-विदेश से आने वाले यात्रियों की मूलभूत आवश्यकतायें पूरी हो और वे तीर्थक्षेत्र को भी अपने घर की तरह महसूस कर सके। साथ ही इन मूलभूत आवश्यकताओं का उचित प्रबंधन भी हो ताकि बनने के बाद उनका उपयोग एवं प्रबंधन होता रहे। उस प्रबंधन एवं स्वच्छता को देखकर लोगों को संदेश मिल सके।

स्वामी जी ने कहा कि कचरा प्रबंधन, स्वच्छता प्रबंधन एवं जल संरक्षण के साथ पूरा कुम्भ क्षेत्र पूरे विश्व के लिये उदाहरण स्थल बनेगा इसमें प्रवेश करने पर स्वच्छ हरित कुम्भ द्वार का दर्शन होगा जिससे लगेगा ही हमने इसी स्थान पर चारों धाम के दर्शन कर लिये हो; इस द्वार से ही चारों धामों की झलक मिलेगी इस प्रकार उस द्वार की व्यवस्था की जायेगी। साथ ही अन्य कई व्यवस्थाओं के साथ हर की पौड़ी का पूरा क्षेत्र महक उठेगा और जय गंगा मैय्या के अद्भुत संगीत से चहक उठेगा उस दृश्य की छटा ही निराली होगी। वैसे भी हरिद्वार और हर की पौड़ी क्षेत्र ने पूरे विश्व को अपने ओर आकर्षित किया है अब इस क्षेत्र को और सुन्दर, अद्भुत और अविस्मर्णीय बनाना है।

हरिद्वार सौंदर्यीकरण के संदर्भ में पहली बैठक स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और केंद्रीय परिवहन और जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी के मध्य हुई थी।

आगे इसी संदर्भ में स्वामी जी महाराज की चर्चा शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक जी, फारेस्ट विभाग के अधिकारी, हरिद्वार जिलाधिकारी, विकास प्राधिकरण विभाग, गंगा महासभा एवं सभी सम्बंधित विभागों से भी होगी ताकि हरिद्वार के सौंदर्यीकरण के लिये शीघ्र ही सभी सम्बंधित विभाग एक रूपरेखा तैयार कर पाये जिससे इस कार्य हेतु प्रभावी कदम उठाये जा सके।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि, “पूरा उत्तराखण्ड राज्य देवभूमि है। इस राज्य में गंगा जैसी पवित्र नदी है और साथ ही हिमालय जैसी स्वच्छता भी विद्यमान है। हिमालय दुनिया का दूसरे नम्बर का आॅक्सीजन उत्पादक है हम मिलकर प्रयास करे तो इसे शीघ्र ही अमेजन से अधिक आॅक्सीजन उत्पादक बना सकते है। हमारा राष्ट्र विश्व गुरू तो है ही जल्दी ही सर्वोच्च आॅक्सीजन प्रदात्ता भी बन सकता है।”

एएसपी ने किया मालखाने का निरीक्षण

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किच्छा, कोतवाली के वर्षिक निरीक्षण पर पहुंचे एएसपी देवेंद्र पिंचा को एसएसआई मदन मोहन जोशी द्वारा सलामी दी गई। इसके उपरांत कोतवाली के मालखाने, रसोई, कर्मचारी आवास के साथ ही पुराने राजिस्ट्रारों का भी  निरीक्षण किया। एएसपी देवेंद्र पिंचा ने कोतवाली पुलिस से हथियारों को चलने की जानकारी दी। इस दौरान एएसपी पिंचा के निर्देश पर महिला दरोगा शाहिदा परविन ने पीएमएफ सफल परीक्षण किया।

पिंचा ने बताया कि कोतवाल एमसी पाण्डे को निर्देश देते हुए कहा कि सभी दरोगाओं एवं पुलिस कर्मियों को दंगा निरोधक यंत्रों परीक्षण देने के निर्देश दिए। इसके साथ साथ आवासों की जानकारी, पुराने रजिस्टर के स्थान पर नए रजिस्टर, मालखाने में नई आलमारी के साथ ही पुराने मामलों जल्द से जल्द निस्तारित करने के निर्देश दिए।

इस दौरान कोतवाल एमसी पाण्डे, एसएसआई मदन मोहन जोशी, एसआई संतोष गौरव, एसआई मनोज कोठारी, एसआई भूपाल सिंह, एसआई अशोक फत्र्याल, एसआई सतपाल सिंह, एसआई अर्जुन सिंह, हेड कांस्टेबल राजीव चौधरी, देवराज सिंह, नीमा मेर आदि मौजूद थे।

दिल टूटा और लगा दी ट्रेन के आगे छलांग 

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रुद्रपुर, प्रेम में दगा मिलने के बाद प्रेमी का दिल ऐसा टूटा कि उसने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आते ही प्रेमी की दर्दनाक मौत हो गई। इधर सूचना मिलते ही आदर्श कालोनी चौकी पुलिस व मृतक के परिजन मौके पर जा पहुंचे। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इधर, मृतक के पिता अल्मोड़ा की रहने वाली युवती को ही मौत की वजह बता रहे हैं।

31 बटालियन पीएसी क्वाटर निवासी कुंवर लाल वर्मा पीएसी के जवान हैं। घर में पत्नी व तीन बेटे हैं। सबसे छोटा बेटा तरुण उर्फ तन्नू (21) सिडकुल स्थित टाटा इंडीकॉम कंपनी में काम करता है और बताया जाता है कि वह अल्मोड़ा की रहने वाली एक युवती से प्रेम करता था। कुंवर भी मूलरूप से अल्मोड़ा के सोमेश्वर के रहने वाले हैं। घटना स्थल पर पहुंचे कुंवर ने बताया कि दो दिन पहले वह अल्मोड़ा गया था और बीते मंगलवार को ही लौट कर घर आया था।

सुबह भी वह फोन पर बात कर रहा था कि अचानक घर से निकल कर बाहर चला गया। वह सीधे सिंह कालोनी स्थित रेलवे क्रासिंग पर पहुंचा और ट्रेन का इंतजार करने लगा। इसी बीच धड़धड़ाते हुए वहां से संपर्कक्रांति गुजरी और तरुण ने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। ट्रेन के इंजन की जोरदार टक्कर से तरुण कई फीट दूर जा गिरा। जिससे उसका सिर कई जगह से फट गया और दाहिना पैर पूरी तरह टूट गया। हादसे के बाद मौके पर कोहराम मच गया। तमाशबीनों की भीड़ जमा हो गई। आनन फानन में लोगों ने घटना की सूचना पुलिस की दी। मौके पर पहुंची पुलिस को युवक की जेब में पर्स मिला। जिससे उसकी शिनाख्त की गई और उसी के जरिये सूचन परिजनों को दी गई।

घटना स्थल पर पहुंचे पिता ने बताया कि उन्हें छह माह पहले पता लगा कि तरुण अल्मोड़ा की रहने वाली किसी लड़की के प्रेम में फंस चुका है। आरोप है कि लड़की ने उसे बुरी तरह लूटा और फिर धोखा दे दिया। तरुण शादी करना चाहता था और लड़की के धोखे से वह आहत था। जिसके चलते उसने ऐसा कदम उठाया। सिंह कालोनी रेलवे क्रासिंग के लिए रेलवे ने बकायदा एक व्यक्ति को तैनात किया है। जो ट्रेन आने पर गेट बंद करता और खोलता है। मौके पर मौजूद लोगों की मानें तो ट्रेन आने से पहले ही क्रासिंग बंद कर दी गई थी। इसी बीच एक युवक आया और पटरियों के पास खड़ा हो गया। इधर, ट्रेन ने भी हार्न देकर आने के संकेत दे दिए। युवक को पटरियों के नजदीक देख गेट मैन अचानक ही चीखा और कहा कि वह पटरियों से दूर हट जाए, ट्रेन आ रही है, लेकिन युवक ने गेट मैन की बात को अनसुना कर दिया और ट्रेन आते ही वह आगे कूद गया।

ऋषिकेश के न्यू कॉलोनी में शॉर्ट सर्किट से लगी आग

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ऋषिकेश, स्थित टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन के मुख्यालय में स्थित न्यू कॉलोनी में शॉर्ट सर्किट से लगी आग फायर इक्विपमेंट के नहीं नहीं कोई इंतजाम लोगों की सूझबूझ से टला हादसा

ऋषिकेश, देश को बिजली और पानी देने वाली टीएचडीसी की प्रगति पुरम में स्थित न्यू कॉलोनी में उस समय हड़कंप मच गई जब कॉलोनी को सप्लाई की जाने वाले बिजली के जंक्शन बॉक्स में अचानक आग लग गई और यह भीषण आग धीरे धीरे फैलने लगी।

कॉलोनी के लोगों की सूझबूझ के चलते एक बड़ा हादसा टल गया जल्दी से लोगों ने अपने घरों से बाहर निकल कर इस आग को बुझाने के लिए मशक्कत चालू की जिसकी चपेट में आने वाले 6 क्वार्टर बच गए और एक बड़ा हादसा लोगों की सूझबूझ से टल गया।

ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी बड़ी कंपनी के आवासीय भवनों में आग से सुरक्षा के उपकरण क्यों नहीं लगाए गए हैं, इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है अगर यह आग बड़ा रुप ले लेती तो इसकी चपेट में लगभग 12 परिवार आ जाते जिससे एक बड़ा हादसा हो सकता था। टीएचडीसी के मुख्यालय ऋषिकेश प्रगति पुरम में इस तरह की लापरवाही यहां के सरकारी सिस्टम पर सवालिया निशान लगाती है जब इस पर जानकारी लेने के लिए अधिकारियों से बात करनी चाहिए तो सब पल्ला झाड़ते नजर आए

जॉली ग्रांट एयरपोर्ट बनेगा जल्दी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट

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ऋषिकेश, उत्तराखंड का जॉलीग्रांट एयरपोर्ट अब जल्द नए रुप में नजर आएगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। 350 करोड़ की लागत से जौलीग्रांट एयरपोर्ट का कायाकल्प होगा और इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए प्रयोग में लाया जाएगा।

उत्तराखंड पहुंचने वाले पर्यटकों को जल्द ही जॉलीग्रांट एयरपोर्ट की तस्वीर बदली बदली नजर आएगी, केंद्र सरकार की मदद से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट का कायाकल्प करने की तैयारियां शुरू हो चुकी है जिसमे एयरपोर्ट का चौड़ीकरण, नए टर्मिनल भी बनेंगे, इसके साथ-साथ यहाँ अंतराष्ट्रीय विमान भी उतरेंगे जिससे जॉलीग्रांट एयरपोर्ट अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट की तरह हाईटेक हो जायेगा।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार लोकसभा सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहां कि, “उत्तराखंड में पर्यटकों को भारी आवाजाही के चलते एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की जरूरत महसूस होती है अब पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए जल्द से जल्द प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा ताकी यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को एक बेहतर सहूलियत मिल सकें और उंहें किसी भी तरह की परेशानी ना हो सके।” 

तो वहीँ एयरपोर्ट के निदेशक विनोद शर्मा ने बताया कि, “जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए सभी जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों के सुझाव लिए जा रहे है साथ ही एविएशन कम्पनीज नए टर्मिनल के लिए भी सुझाव दे रही है जिससे एयरपोर्ट का विस्तारीकरण हो सकेगा और इसको एक नयी पहचान मिल सकेगी।”

उत्तराखंड चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार है यहाँ पर्यटन की आपार संभावनाएं है, जिसको देखते हुए केंद्र सरकार ने जॉलीग्रांट एयरपोर्ट को विस्तार करने का फैसला लिया है और जल्द ही इस एयरपोर्ट पर अंतराष्ट्रीय विमान भी आएंगे।

दिल्ली में शुरू हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक, बड़े फैसलों का इंतजार

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नई दिल्ली, 1वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर नियम बनाने वाली जीएसटी काउंसिल की 25वीं बैठक दिल्ली में आयोजित की गई है। दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली कर रहे हैं। अनुमान है कि हर बार की तरह इस बार भी जीएसटी काउंसिल कई उत्पादों को जीएसटी को उसके मौजूदा वर्ग से निचले वर्ग में ला सकती है। ये कदम आम लोगों को राहत देने के लिए उठाया जा सकता है।

केंद्र सरकार ने 1 जुलाई, 2017 को पूरे देश में जीएसटी लागू करके ‘एक राष्ट्र, एक कर’ की संकल्पना को मूर्त रूप दिया था। जीएसटी को लेकर नियम बनाने के लिए जीएसटी काउंसिल का गठन किया गया। इस काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य होते हैं| केंद्रीय वित्त मंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं। 

 त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड बजा चुनावी बिगुल

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Election
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नई दिल्ली,   निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में आगामी विधानसभा चुनावों से जुड़े मतदान कार्यक्रम की घोषणा कर दी। मतदान दो चरणों में होगा। पहले चरण के तहत त्रिपुरा में 18 फरवरी को मतदान होगा| दूसरे चरण में नगालैंड एवं मेघालय में 27 फरवरी को मतदान होगा।

दिल्ली में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति ने बताया कि तीनों राज्यों में एक ही दिन 3 मार्च को मतगणना होगी। तीनों राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं। मेघालय में 8.30 लाख, नगालैंड में 11.89 लाख और त्रिपुरा में 25.6 लाख मतदाता हैं।

पहले चरण के लिए त्रिपुरा में 24 जनवरी को अधिसूचना जारी होगी| 31 जनवरी को नामांकन भरने की अंतिम तिथि, एक फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच, 3 फरवरी तक नाम वापसी और 18 फरवरी को मतदान होगा। मेघालय और नगालैंड में 31 जनवरी को अधिसूचना जारी होगी| वहां 7 फरवरी को नामांकन भरने की अंतिम तिथि, 8 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच, 12 फ़रवरी तक नाम वापसी और 27 फरवरी को मतदान होगा। तीनों राज्यों में मतगणना 3 मार्च को एक साथ होगी।

मेघालय में 6 मार्च, नगालैंड में 13 मार्च और त्रिपुरा में 14 मार्च को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। ऐसे में 5 मार्च तक चुनाव कार्यक्रम संपन्न होना चाहिए। मेघालय और नगालैंड में क्रमश: 55 और 59 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए संरक्षित हैं। त्रिपुरा में 10 सीटें अनुसूचित जाति और 20 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।

श्री ज्योति ने बताया कि सभी उम्मीदवारों को अपने फार्म में दिए गए सभी कॉलम भरने होंगे। उम्मीदवार अपने चुनाव के दौरान 20 लाख रुपये तक ही चुनाव कैंपेन के तौर पर खर्च कर सकेंगे। सभी महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की वीडियो द्वारा जांच की जाएगी।

पिछले कुछ चुनावों की तरह 7 दिन पहले मतदाताओं को फोटो वोटर स्लिप दी जाएगी। मेघालय में इस बार 24 प्रतिशत मतदान केन्द्रों का इजाफा किया गया है। मेघालय में 3,082, नगालैंड में 2,187 और त्रिपुरा में 3,214 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। गुजरात और हिमाचल में हुए चुनावों की तरह हर सीट में एक मतदान केन्द्र ऐसा होगा जो पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित होगा जिसमें सुरक्षा भी महिला जवानों द्वारा की जाएगी।

मतदान के लिए इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीन होंगी। इसका अर्थ है कि हर मतदाता वोटिंग मशीन में जिस उम्मीदवार को वोट देगा उसकी एक पर्ची वीवीपीएटी मशीन के माध्यम से निकलते हुए वह देख पाएगा। हर सीट पर एक मतदान केन्द्र की वोटिंग मशीनों की गणना को वीवीपीएटी मशीनों की पर्चियों से मेल कर देखा जाएगा। 

उत्तराखंड के आर्गेनिक स्टेट बनने से रुकेगा पलायन, बढ़ेगी आय: महाराज

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देहरादून। विधान सभा सभागार में पलायन रोकने के लिए आयोजित कार्यशाला में प्रदेश के पर्यटन व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि आज सामुदायिकता की सहायता से विकास करने की आवश्यकता है। कृषकों की आय दोगुना वृद्धि करने के लिए कृषकों को मार्केटिंग सुविधा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आर्गेनिक उत्पाद अधिनियम लाया जायेगा। उत्तराखंड के आर्गेनिंग स्टेट बनने से कृषकों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी।

विधानसभा सभागार आयोजित हुई कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए सतपाल महाराज ने कहा कि कृषि, उद्यान, तीर्थ में आय वृद्धि के लिए सफलता की कहानी को सामने लाया जाए। त्यूणी, चकराता क्षेत्र के हटाल एवं सैंज गांव में गोभी और टमाटर क्लटर के रूप में पैदावार की वृद्धि हुई है। इस कारण कृषकों की आय में लगभग दोगुनी वृद्धि होने से जो 40 व्यक्ति पलायन कर चुके थे, वे पुनः वापस अपने गांव पहुंचे। इस इनोवेशन से 27 कृषक लाभान्वित हो रहे हैं।
कार्यशाला में चर्चा के दौरान कहा गया कि आलवेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से पर्यटकों से होने वाली आय में वृद्धि होगी। लगभग 10 लाख पर्यटकों से होने वाले आय में वृद्धि हो जाएगी। परिणाम स्वरूप प्रदेश का आर्थिक तंत्र मजबूत होगा। इसके प्रभाव से पलायन रोकने में मदद मिलेगी।
विदेशी अनुभवों को किया जाए शामिल
कार्यशाला में सुझाव दिया गया कि चार धाम यात्रा योजना मंदिर के प्रसाद में वैल्यू एड किया जाए और इसे स्थानीय आर्थिकी से जोड़ा जाए। बद्रीनाथ के समीप बद्रीतुलसी और बद्रीगाय के दूध की महत्ता को सामने लाया जाए। साथ ही विदेशी अनुभवों को भी शामिल करने का सुझाव रखा गया। पेरू-बोल्विया में पैदा होने वाले हाईप्रोटीन केरूआ उत्पाद का प्रयोग पैदावार के रूप में भूटान ने किया है। यदि उत्तराखंड इसका प्रयोग करे तो राज्य में प्रोटीन क्रांति लाई जा सकती है। स्प्रिंग वाटर हारवेस्टिंग जैसे इनोवेटिव तरिके से कृषकों की आए दोगुनी होगी और इसकी मदद से पलायन रूकेगा। कार्यशाला में कृषि विभाग, उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, उत्तरांचल उत्थान परिषद स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधियों ने भी अपने संस्था द्वारा पलायन रोकने के लिए किए जाने वाले इनोवेटिव कार्यक्रम की जानकारी दी।
बैठक में प्रेम बड़ाकोटी, अध्यक्ष उत्तरांचल उत्थान परिषद, सचिव दिगम्बर सिंह नेगी, परियोजना निदेशक जलागम नीना अग्रवाल, निदेशक उद्यान बीएसनेगी, उप निदेशक राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड जेबीसिंह, सहायक निदेशक कृषि लतिका सिंह आदि मौजूद रहे। 

भेल में हाथियों का उत्पात बना मुसीबत

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हरिद्वार। बीएचईएल के रिहायशी इलाकों में हाथियों व तेंदुओं का उत्पात लगातार जारी है। जंगली जानवरों के रिहायशी इलाकों में लगातार आने से क्षेत्र के लोग सहमे हुए हैं, वन विभाग इस ओर से आंखें बंद किए बैठा है। हाथी कभी भी किसी के घर की चारदीवारी गिरा जाते हैं, कभी गाड़ियों पर सूंड पटककर उन्हें क्षतिग्रस्त कर देते हैं। कभी सड़कों पर इधर-उधर आवारा की तरह घूमते रहते हैं। लोग डर के कारण दिन में भी घरों से बाहर निकलते हुए भी डरते हैं। मंगलवार देर रात हाथी ने सड़क पर आकर फिर उत्पात मचाया। विगत एक सप्ताह में जंगली हाथी क्षेत्र में दो लोगों को जहां मौत के घाट उतार चुका है वहीं दो लोगों को हमला कर घायल भी कर चुका है। बावजूद इसके वन विभाग हाथियों की रिहायशी इलाकों में रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। वन विभाग की उदासीनता के चलते लोगों में विभाग के प्रति रोष है।

कोहरे और पाले की मार से फसल हो रही बर्बाद

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ऋषिकेश। ग्रामीण क्षेत्र श्यामपुर के खदरी खड़क माफ़ के किसान आजकल फसल पर दोहरी मार झेल रहे हैं। एक ओर किसानों की फसल कोहरे और पाले से पीली पड़ रही है वहीँ दूसरी ओर फसल को जंगली जानवर रौंद रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि वह सब जंगली जानवरों से फसल को बचाने के लिए रात भर जागकर खेतों में रात बिताने को मजबूर है। कुछ फसल पाले से खराब हो रही है और जो कुछ बची फसल उसे जंगली जानवर कुचल देते है। इस पर सामाजिक कार्यकर्ता विनोद जुगलान का कहना है कि राज्य को बने हुए 17 वर्ष बीत गए हैं किंतु फसल सुरक्षा हेतु न तो आज तक सुरक्षा तटबन्ध बन पाया है न सौर ऊर्जा बाड़ ही लग पायी है। जिसके कारण किसानों की आजीविका खतरे में पड़ गयी है। लोग खेत बेचने को मजबूर हो रहे हैं। किसान अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्षरत हैं किन्तु प्रशासन मूक बना हुआ है। किसानों के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता के कारण ही लोग खेती से विमुख होने लगे हैं जिसके फलस्वरूप महँगाई बढ़ना निश्चित है। उन्होंने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति दिन ढाई हजार किसान खेती छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की माँग पर शीघ्र ध्यान देना चाहिए। वन विभाग के द्वारी जंगली जानवरों से फसल की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार बनायी जाये।