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कालाढ़ूंगी के दीपक नेगी ने न्यूजीलैंड में जीता गोल्ड मैडल

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उत्तराखंड के नौजवानों ने न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है। न्यूजीलैंड में आयोजित 19वीं ओसेनिया मास्टर्स एथेलेटिक्स और फील्ड चैंपियनशिप में कालाढूंगी के दीपक नेगी ने देश का परचम लहराया है। दीपक ने लंबी कूद में स्वर्ण पदक जीतकर अपने प्रदेश के साथ पूरे देश का नाम ऊंचा किया है। यहां बता दें कि दीपक नेगी न्यूजीलैंड में 20 से 27 जनवरी तक चलने वाली इस एथलेटिक्स चैम्पियनशिप म भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।दीपक ने अपने ऐज ग्रुप में लंबी कूद, त्रिकूद और 110 मीटर बाधा दौड़ में गोल्ड मेडल और 60 मीटर की शॉट रेस में ब्राउंस मेडल जीत कर देश का नाम रोशन किया है।

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पिछले साल भी जीता स्वर्ण

गौरतलब है कि दीपक नेगी ने लंबी कूद प्रतियोगिता में 6.25 मीटर की छलांग लाकर स्वर्ण पदक हासिल किया। दीपक पिछले साल भी 21 से 28 अक्तूबर तक मलेशिया में तीन स्वर्ण पदक जीतकर हैट्रिक कर चुके हैं। दीपक नेगी मूल रूप से कालाढुंगी के रहने वाले हैं और फिलहाल वे फोर्टिज हेल्थकेयर लिमिटेड गुरुग्राम में  मैनेजर के पद पर तैनात हैं। यहां बता दें कि दीपक अपना नियमित अभ्यास जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम एवं सीडब्लूजी स्टेडियम अक्षरधाम में करते हैं। दीपक के प्रदर्शन पर व्यापार मंडल अध्यक्ष पुष्कर खनायत, वकील अहमद, सभासद आन सिंह गैड़ा, दीनू सती, राजेंद्र नेगी, मनमोहन बसेड़ा, गोविंद पांडे, तनुजा आर्या, महमूद हसन बंजारा ने बधाई दी है।

राज्य की राजनीति में सक्रिय हो रहे हैं शौर्य डोभाल

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उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों कई तरह के नये समीकरण जन्म ले रहे हैं। चाहे वो कांग्रेस में हरीश रावत का अपनी ही पार्टी पर उन्हे अलग थलग करने के आरोप हों या फिर बीजेपी में कैबिनेट मंत्रियों में कलह। इस सबके बीच घीरे घीर राज्य बीजेपी में कुछ नये और युवा चेहरों की सक्रियता ने राजनीतिकर पारा बढ़ा दिया है। दरअसल रुद्रप्रयाग में विश्व हिंदू परिषद के एक समारोह में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल की मौजूदगी ने राज्य की राजनीति में उनकी बढ़ती सक्रियता की तरफ इशारा किया है।

बुधवार को शौर्य ने पार्टी केडर और गढ़वाल के भाजपा नेताओं के साथ अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को लेकर बैठकें की।सूत्रों ने बताया कि वह मंगलवार को देहरादून पहुंचे और रुद्रप्रयाग जिले में अगस्तमुनी गए जहां उन्होंने स्थानीय वीएचपी इकाई द्वारा आयोजित “भागवत कथा” समारोह में भाग लिया। जूनियर डोभाल पिछले कुछ समय से जिस तरह से राज्य की राजनीति में सक्रियता दिखा रहे हैं उससे ये कयास लग रहे हैं कि आने वाले लोकसभा चुनावों के लिये वो अपने आप को तैयार कर रहे हैं। शौर्या डोभाल का परिवार पौड़ी जिले के घिदी गांव से है और अब उत्तराखंड की राजनीति को पास से जानने वाले लोग इसे आने वालवे समय में डोभाल की पौड़ी सीट पर दावेदारी की तरह देख रहे हैं।ये सीट फिलहाल पूर्व सीएम मेजर जनरल बीसी खंडूरी के पास है।

लंदन स्कूल ऑफ बिज़नस के पूर्व छात्र शौर्य दिल्ली में विवेकानंद फाउंडेशन नाम की संस्था चलाते हैं। शौर्या ने पार्टी में शामिल होने के बाद दिसंबर में हल्द्वानी में हुई उत्तराखंड की भाजपा कार्य समिति की बैठक में भाग लिया था। इसके अलावा उन्होंने सीएम द्वारा आयोजित रैबार कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। डोभाल जूनियर डावोस गये प्रधानमंत्री मोदी के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।

14 साल की युवती के उत्पीड़न मामले में ज़िला जज निलंबित

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उत्तराखंड हाई कोर्ट ने बुधवार को हरिद्वार की सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) दीपाली शर्मा को निलंबित कर दिया है। शर्मा पर 14 साल की एक लड़की के उत्पीड़न का आरोप है। ये लड़की उनके घर पर काम करती थी, और उसे 29 जनवरी को पुलिस ने छुड़ाया था।

बच्चे के उत्पीड़न और यातना का आरोप लगने वाली जज के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि यह गुरुवार को दर्ज किया जा सकता है। गौरतलब है कि “एक अज्ञात शिकायत के बाद ये मामला सामने आया औऱ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने मामला संज्ञान लिया, जिसके बाद हरिद्वार जिला न्यायाधीश राजेंद्र सिंह चौहान को मामले की जांच के निर्देश दिए गए थे। पहली नज़र मेंआरोपों को सही पाया गया जिसके बाद ये एक्शन लिया गया। जिला पुलिस अधीक्षक सहित जिला न्यायाधीश और जिला अधिकारी ने उच्च न्यायालय में रिपोर्ट पेश की थी।

कैसे अनूठा है इस आईपीएस अधिकारी का नाता त्रिजुगीनारायण मंदिर से? 

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कहते हैं कि हर शादी के पीछे एक कहानी होती है। ऐसी है एक छोटी मगर प्रेरणा देने वाली कहानी है रजत कौशिक और अपर्णा गौतम की। ये दोनों ही उत्तराखंड से नहीं है मगर देवभूमि आने पर इन दोनो का यहां से इतना गहरा नाता बन गया कि इन्होने इसी देवभूमि में परिणय सूत्र में बनने की ठान ली, और इसके लिये इस जोड़े ने रुद्रप्रयाग ज़िले में मंदकिनी और सोनगंगा नदियों के संगम पर बने त्रिगुजीनारायण मंदिर को चुना।

इन दिनों सोशल मीडिया और खासतौर पर यू ट्यूब पर “अखंड धुनी” शादी के नाम से एक सात मिनट की क्लिप ट्रैंड कर रही है जो इस जोड़े की कहानी को बेहद खूबसूरत अंदाज में बयां करती है। अपर्णा पेशे से एक आईपीएस अधिकारी हैं और गाज़ियाबाद में तैनात हैं, रजत दिल्ली के कारोबारी हैं। दोनो को अपने परिवारों को शादी के लिये त्रिजुगीनारायण पर मनाने के लिये काफी मशक्कत करनी पड़ी। यही नही, इस मंदिर में शादी करने का फैसला करने के लिये इन दोनों को खासी मेहनत करनी पड़ी क्योंकि आमतौर पर त्रिजुगीनारायण मंदिर आम लोगों की जानकारी में नही है, इसलिये मंदिर के बारे में जानकारी हासिल करना औऱ वहां मौजूद लोगों से संपर्क साधाना आसान नहीं रहा, लेकिन यह भी दोनो ने कर दिखाया।

अपर्णा की मुलाकात रजत से पहली बार, ऋषिकेश के ही गंगा घाट पर हुई जहां दोनो अपने अपने काम से आए थे, और इसी मुलाकात में दोनों का एक दूसरे और देवभूमी से रिश्ता बन गया।अपर्णा आज भी बताती हैं कि “ये संयोग की ही बात रही कि जहां हम दोनो पहली बार मिले थे वहीं से थोड़ी दूर पर हमारी सगई हुई।”

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त्रिजुगीनारायण मंदिर गढ़वाल में एक छोटे से स्थान पर स्थित है। मान्यता के अनुसार इसी मंदिर में भगवान शिव और पार्वती की शादी हुई थी। इस मंदिर की यही मान्यता अपर्णा और रजत को यहां खींच लाई। आज भी यहां आस पास के गांव वालों ने मंदिर में अखंड ज्योति जला रखी है, जिसकी राख भगवान का आशीर्वाद के रुप में मिलता है। गौरतलब है कि कई सेलिब्रिटीज और आम लोगों ने यहां आकर शादी की है और दाम्पत्य जीवन की शुरुआत करते हुए भगवान शिव पार्वती का आशीर्वाद हासिल किया है।

अपने दिल में उत्तराखंड को रखने वाली अपर्णा बताती हैं कि, “एक जोड़े की तरह हम अपने जैसी सोच रखने वाले और जोड़ों की तलाश कर रहे हैं। हम ऐसे लोगों को साथ जोड़ना चाहते हैं जो अपने सामर्थय और हुनर का इस्तेमाल पहाड़ के लोगों का जीवन बेहतर करने में लगा सके। हम शिक्षा,महिला सशक्तिकरण और खेती जैसे क्षेत्रों में यहां काम करना चाहते हैं।”

अपर्णा औऱ रजत के लिये उनकी शादी एक नई शुरुआत है। नई न सिर्फ उन दोनो के लिये बल्कि उस जगह के लिये भी जहां से इन दोनों के प्यार की दांसतां का आगाज़ हुआ। अपर्णा और रजत को न्यूजपोस्ट की तरफ से शादी और उनकी सोच के लिये शुभकामनाएं।

चुनाव आयोग ने निकाय चुनावों में खर्च की सीमा में किये ये बदलाव

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राज्य चुनाव आयोग ने बुधवार को उम्मीदवारों के लिए प्रचार के लिए व्यय सीमा को दोगुना किया, जो उत्तराखंड में आगामी नागरिक चुनाव लड़ना चाहते हैं। राज्य में 92 शहरी स्थानीय निकाय हैं, जिनमें से 86 में अप्रैल के महीने में चुनाव होने वाला है। 

राज्य में पिछला स्थानीय निकाय चुनाव अप्रैल 2013 में हुआ था। बुधवार को चुनाव आयोग द्वारा जारी पत्र के अनुसार,

  • नगर निगमों में महापौरों की उम्मीदवारों की सीमा 8 लाख से बढ़ाकर 16 लाख कर दी गई है। 
  • डिप्टी मेयर के पद के लिए,1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर दी गई है।
  • नगरसेवक के लिए यह सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर दी गई है। 
  • नगरपालिका परिषदों के लिए, चेयरमैन के लिये उम्मीदवार अब 3 लाख की जगह 6 लाख तक खर्च कर सकते हैं।
  • नगर निगम परिषदों में वार्ड सदस्यों के लिए चुनाव लड़ने वाले लोग 30,000 की पिछली सीमा के मुकाबले 60,000 तक खर्च कर सकते हैं।

नगर पंचायतों में 

  • अध्यक्ष पद के लिए 1 लाख की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख कर दिया गया है। 
  • वार्ड सदस्यों के लिए, सीमा 15,000 से बढ़ाकर 30,000 कर दी गई है।

गौरतलब है कि 5 जनवरी को चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई सर्व पार्टी बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने मांग की थी कि विभिन्न उम्मीदवारों के लिए अधिकतम व्यय सीमा में वृद्धि होनी चाहिये।

रामनगर में एक और बाघ की लाश मिलने से हड़कंप

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रामनगर वन क्षेत्र में एक व्यस्क बाघ की लाश मिलने से हड़कंप मच गया है। रामनगर वन विभाग में वन अधिकारियों की एक टीम को बाघ की लाश मिली। अधिकारियों के मुताबिक शव एक पेड़ से लटका पाया गया था, औऱ शव के अंदर एक टहनी भी घुसी पाई गई। वन कर्मचारियों ने कहा कि यह संभवतः एक आकस्मिक मृत्यु है और शिकारी की कोई भूमिका नहीं लग रही।

उत्तराखंड में पिछले साल कुल 15 बाघों की मौत हुई, जिनमें से सात कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के थे। रामनगर डिवीजन के डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफीसर (डीएफओ) नेहा वर्मा ने कहा, “सोमवार की शाम को यह शव देखा गया था। बाघ के विषाणु और पेट के हिस्सों को विश्व वन्यजीव संस्थान, देहरादून और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली टेस्ट के लिये भेज दिया गया है।”

डीएफओ ने कहा कि बाघ के शरीर के अंग, दांतों और आंखों सहित, बरकरार थे, जिससे शिकारी की भूमिका से इंकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “शव मिलने की जगह के आस पास लड़ाई के निशान दिखे हैं जिससे यह दो बाघों में हुे संघर्ष का मामला भी हो सकता है।”  पोस्टमार्टम दो डॉक्टरों की एक टीम द्वारा किया गया और इसकी रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। डॉक्टरों ने कहा कि बाघ स्वस्थ था, बिना किसी बीमारी या संक्रमण या किसी कमजोरी का कोई लक्षण नहीं दिखा।

नशीले पदार्थ के साथ पकड़े गये लाल बहादुर शास्त्री अकादमी के कर्मचारी

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अपनी तरह की पहली घटना में पुलिस ने मसूरी के प्रसिद्ध लाल बहादुर शास्त्री अकादमी के दो कर्मचारियों को प्रतिबंधित नशीले पदार्थों के साथ पकड़ा है। ये दोनों ही अकादमी जूनियर लेवल पर अस्थाई कर्मचारी हैं। इन दोनों के पास से पुलिस को करीब 166 ग्राम चरस बरामद हुई।

पकड़े गये दोनों में से विनय अकादमी की मेस में वेटर का काम करता है वहीं दूसरा शख्स देव सिंह सिक्योरिटी गार्ड का काम करता है। गौरतलब है कि ये वही देव सिंह है जिसे एकादमी के ही चर्चित रूबी चौधरी कांड में एक आरोपी बनाया गया था। इस कांड में रूबी चौधरी नाम कि महिला को अकादमी गैर कानूनी तरह से कई महीनों तक रहते हुए पकड़ा गया था।

मसूरी पुलिस ने एक सूचना के आधार पर इन दोनो को मसूरी कैंप्टी रोड पर जीरो प्वाइंट से पकड़ा। चरस के साथ साथ पुलिस ने इन दोनों द्वारा इस्तेमाल की जा रही मोटर साइकिल को भी जब्त कर लिया है। इन दोनों से ही पुलिस की पूछताछ जारी है और पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनके साथ इस धंधे में और कौन कौन शामिल है।

एसएचओ मसूरी भावना कैंथोला ने बताया कि “मसूरी को नशा मुक्त बनाने के लिये पुलिस ने अभियान चला रखा है। इस अभियान की यो तो केवल शुरुआत है।आने वाले दिनों में शहर में सक्रिय नशे के कारोबारियों पर पुलिस अपना शिकंजा और कसेगी।”

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार देव सिंह ये नशीले पदार्थ लाखामंडल से अपने खुद के इस्तेमाल के लिये लाया था। वहीं विनय के मुताबिक वो देव सिंह के साथ सैर सपाटे के मकसद से गया था और उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि देव सिंह के पास इस तरह के पदार्थ हैं।

पुलिस को हांलाकि उम्मीद है कि दोने से और पूछताछ करने पर नसे के कारोबार से जुड़ी और जानकारियां मिल सकेंगी।

रंगों से नई नई कहानियां बयां करती हैं सरोजिनी डबराल

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अपने चाहने वाले और कला प्रेमियों के बीच सरू के नाम से पहचाने जाने वाली पेंटर सरोजिनी डबराल अपनी कला से अपने उत्तराखंड प्रेम को लोगों के बीच लाती रहती हैं। सरू सादी के बाद ज़रूर मुंबई शिफ्ट हो गई हैं पर उत्तराीखंड के लिये ुनका प्यार रंगों का रूप लेकर उनकी पेंजिग में झलकता रहता है।

सरू टिहरी के चमरोली गांव की हैं औऱ उनकी परवरिश दिल्ली में हुई है। सरू ने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली में फैशन डिजाइनर के तौर पर की लेकिन पेंटिंग के प्रति उनके बचपन के प्यार ने उन्हें आखिरकार एक पेशेवर पेंटर बना दिया। गौरतलब है कि सरू ने कभी पेंटिंग की ट्रेनिंग नहीं ली है बल्कि 2010 से शौकिया ऑयल पेंट, ऐक्रेलिक और टर कलर्स से वो खुद पेंटिग करती आ रही हैं।

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सरू कहती हैं कि “मेरा प्रकृति, बच्चों, महिलाओं और इमारतों के प्रति काफी रुझान है लेकिन किसी भी अच्छे विचार से मुझे प्रेरणा मिलती है। यहीं कारण है कि सरू की अधिक्तर पेंटिग्स में हमें पहाड़ औऱ खासतौर पर उत्तराखंड की झलक मिलती है।”
सरू अपने परिवार और काम के बीच समन्वय बिठाने में भी कामयाब हैं। वो कहती हैं कि “अगर आप किसी चीज के प्रति लगन से काम कर रहैं तो बाकी सब चीज़ें खुद ब खुद रास्ते पर आ जाती हैं।”
सरू इसी बात पर अमस करती आ रही हैं। अपने पेंटिग के सौक को उन्होने नहीं चोड़ा है और वो कहती हैं कि “इतने सालों की मेहनत और प्रैक्टिस के बाद मुझमें विश्वास आया है कि मै इस कला में और महारत और नई नई चीज़े कर सकती हूं।”

न्यूजपोस्ट की तरफ से इस युवा कलाकार को ढेरों बधाईयां।

कर्मचारी निघि रकम न जमा कराने के चलते दून की फर्म पर छापा

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कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ), देहरादून के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को छापे के बाद एक निजी कंपनी की चल संपत्ति जब्त कर ली। इस कंपनी पर आरोप है कि वो विभाग के कई नोटिस के बावजूद पीएफ मानकों का पालन करने में नाकाम रही थी।

अधिकारियों ने एक कार और कंपनी की कई मशीनरी जब्त की। फर्म के पास कर्मचारियों के पीएफ का 22.47 लाख रुपये बकाया है। गौरतलब है कि ये रकम कंपनी पर पिछले तीन साल से अधिक समय से बकाया है। बार-बार नोटिस के बावजूद फर्म ने पैसे जमा नहीं कराया। ईपीएफ के आयुक्त मनोज यादव ने कहा, “फर्म ने पिछले तीन वर्षों में अपने पीएफ योगदान और उसके कर्मचारियों की रकम भी जमा नहीं की।” मंगलवार की दोपहर, ईपीएफ अधिकारियों की एक टीम ने कंपनी के परिसर में छापा मारा। यादव ने कहा, “हमारी टीम ने एक कार और संयंत्र मशीनरी संलग्न की है। अब, फर्म के मालिकों  को कोई भी काम करने से पहले विभाग में रकम जमाकर एनओसी लेनी पड़ेगी। हाल ही में, ईपीएफ देहरादून कार्यालय ने गुरुकुल कांगड़ी फार्मेसी के बैंक खातों को एक करोड़ की पीएफ देनदारी के चलते सीज़ कर दिया था।

अन्ना हजारे फिर दिल्ली में करेंगे आन्दोलन, 13 को आएंगे उत्तराखंड

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देहरादून,  समाजसेवी अन्ना हजारे ने एक बार फिर से जनता की अदालत में जाने का मन बनाया है। अन्ना हजारे जन लोकपाल लोकायुक्त की नियुक्ति आदि मांगों को लेकर 23 मार्च को दिल्ली में एक बड़ा आन्दोलन करेंगे। इसके लिए वह पूरे देश में अपना संगठन बना रहे है, इतना ही नहीं अगले माह पांच फरवरी को दिल्ली में उनके संगठन के कार्यालय का उद्घाटन होना है।

उत्तराखंड टीम अन्ना हजारे के समन्वयक भोपाल सिंह ने उत्तराचंल प्रेस क्लब में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि, “दो माह पूर्व अन्ना ने अपने गांव रालेगन सिद्धि में कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान यह ऐलान किया था। अन्ना का कहना है कि मतपत्रों व ईवीएम मशीनों में प्रत्याशियों का फोटो लगा हो एवं उस फोटो को देखकर ही जनता अपना प्रतिनिधि चुने।” भोपाल सिंह ने बताया कि अन्ना हजारे ने कहा है कि यह आन्दोलनउनके जीवन का शायद आखिरी अनशन होगा।

भोपाल सिंह ने अन्ना का हवाले से कहा कि, “जो भीसत्ता में आ रही है वही सरकार किसानों एवं आम जनता से धोखा कर रही है। बेमतलब के कानून बनाकर जनता को परेशान कर रही है। पक्ष् पार्टियां चुनाव निशान का सिंबल देकर भ्रष्टाचारी, माफियाओं, गुंडों को देश के पवित्र मंदिरों (सदनों) में भेज रही हैं। इसलिए यह चुनाव के निशान और सिंबल समाप्त होने चाहिए।” फोटो के आधार पर ही चुनाव होना चाहिए।

सरकारों पर दबाव बनाने के लिए अन्ना पूरे देश में पहली बार अपना संगठन बनाने जा रहे हैं जिस की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। दिल्ली में 5 फरवरी को कार्यालय खोल दिया जाएगा। देश के सभी राज्यों में कोर कमेटी बनाई जाएंगी, ग्राम स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पूरे देश में संगठन खड़ा किया जाएगा।

इस परिपेक्ष में अन्ना उत्तराखंड भ्रमण पर भी आ रहे हैं अन्ना 13 फरवरी को सायं 7:00 बजे जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे 14 को 8 बजे श्रीनगर के लिए प्रस्थान करेंगे व 12:00 बजे श्रीनगर में जनसभा को संबोधित करेंगे। 2:00 बजे टिहरी को प्रस्थान करेंगे, रात्रि विश्राम टिहरी में होगा। उसके बाद 15 फरवरी को टिहरी से जनसभा करेंगे। और शाम को दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।