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बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाता दून का एनजीओ ”गुडबाय स्टारविंग”

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कदम कदम बढ़ाए जा भुखमरी को भगाए जा’’ कुछ इसी मंत्र पर दून के कुछ पढ़े-लिखे युवा का एक ग्रुप काम कर रहा है। गुडबाय स्टारविंग नाम का यह एनजीओ दून के आसपास के गांवों में भुखमरी दूर कर फुड शेयरिंग के ऊपर काम कर रहा है।

goodbye starving

‘गुडबाय स्टारविंग’ सुविधओं से वंचित यानि की अडरप्रिविलेज्ड लोगों को अच्छी क्वालिटी का खाना देने के साथ अलग-अलग मसलों जैसे कि बच्चों को पढ़ाने से लेकर उनकी दूसरी समस्याओं के लिए काम कर रहा है। 22 जनवरी 2016 से शुरु हुए इस एनजीओ ने बच्चों के चेहरों पर हर तरीके से मुस्कान बिखेरी है, चाहें वह क्रिसमस के दिन सांता बनकर उन्हें तोहफे देने हो, या फिर नए साल के दिन उन्हें खाने पीने का सामान देना हो।

आपको बतादें कि ‘गुडबाय स्टारविंग’ आए दिन शहर के अलग-अलग कोनों में लोगों को खाना व्यर्थ ना करने के बारे में जागरुक भी करता रहता है जिससे भुखमरी को कम किया जा सके। इस एनजीओ के पीछे 22 साल के सौरव रमोला हैं जिन्होंन देहरादून के एसजीआरआर कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन किया है।

अपने एनजीओ के बारे में बात करते हुए सौरव रमोला बताते हैं कि, “पिछले साल एक छोटे से लक्ष्य के साथ मैंने इसकी शुरुआत की थी कि मैं जरुरतमंद परिवारों और उनके बच्चों का पेट भर सकूं और उन्हें अच्छी क्वालिटी का खाना खिला सकूं।इसके अलावा मेरा मानना है कि जो भी खाना हम वेस्ट कर रहे हैं उसे जरुरतमंदों का पेट भर सकते हैं तो खाने को वेस्ट क्यों करना? सौरव बताते हैं कि, “हम महीने में 1-2 कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं साथ ही हर हफ्तें अंडरप्रिविलेज्ड बच्चों को पढ़ाते भी हैं।”

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आपको बतादें कि इस समय गुडबाय स्टारविंग के साथ 35 लोग अपनी स्वेच्छा से जुड़े हुए हैं और इसके अलावा कुछ स्कूलों और कालेजों के स्टूडेंट भी इनके साथ काम कर रहे हैं।फिलहाल गुडबाय स्टारविंग को सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही और इनकी टीम अपने बलबूते पर काम कर रही हैं। सौरव बताते हैं कि, “हमें फिलहाल किसी से कोई सपोर्ट नहीं हैं लेकिन भविष्य में कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर हो सकता हैं हमें सरकार से मदद लेनी पड़ें।”

सौरव कहते हैं कि, “भविष्य में हम गुडबाय स्टारविंग के माध्यम से एक बहुत ही सस्ता (2रुपये) और आसानी से उपलब्ध होने वाला फुडबैंक बनाने की कोशिश करेंगे जिससे कोई भी भूखा ना रहे।साथ ही लोगों में इस बात को लेकर जागरुकता फैलाना कि खाने का व्यर्थ ना करें क्योंकि हमारे आसपास बहुत से ऐसे लोग हैं जो बिना खाने के जी रहे हैं।”

देहरादून को हंगर-फ्री दून बनाने की सोच के साथ गुडबाय स्टारविंग काम कर रहा है और धीरे धीरे ही सही, अपने कदम दूसरे राज्यों में भी रखेगा, लेकिन अभी उसमें थोड़ा समय है, न्यूजपोस्ट ऐसे जागरुक युवाओं को सलाम करता है।

अगले 48 घंटों में उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी की चेतावनी

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उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में एक बार फिर से बारिश और बर्फबारी का दौर शुरू हो सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 48 घंटों में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में विशेषकर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है। राज्य के अन्य जिलों में मौसम शुष्क बना रहेगा। इसके अलावा सोमवार को देहरादून और नैनीताल में ओलावृष्टि के आसार हैं। प्रदेश में मौसम ने शनिवार शाम से ही रंग बदलना शुरू कर दिया था, इस दौरान केदारनाथ में दो घंटे तक हल्की बर्फबारी का दौर चला।

रविवार को प्रदेश में मौसम साफ रहा। दोपहर में तेज धूप हल्की गरमी का अहसास कराने लगी है। उत्तरकाशी में अधिकतम तापमान 20, गोपेश्वर 18 और रुद्रप्रयाग में 24 डिग्री रिकार्ड किया गया। वहीं देहरादून में यह 24.7 डिग्री सेल्सियस रहा। राज्य

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि ”पर्वतीय क्षेत्रों में ऊंचाई वाले स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है, लेकिन प्रदेश के अन्य भागों में मौसम शुष्क रहेगा।प्रदेश की राजधानी में मौसम मिला-जुला रहेगा कभी धूप तो कभी छांव होने से मौसम में ना ज्यादा गर्मी ना ज्यादा ठंड होगी।”

कांग्रेसियों ने लोगों को पकौड़े तलना सिखाकर किया मोदी का विरोध

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(ऋषिकेश) केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ महिला कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने पकौड़े तलकर सरकार की नीतियों पर जमकर प्रहार किया।
रविवार की सुबह कांग्रेस के जिलाध्यक्ष जयेन्द्र रमोला एवं प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला के नेतृत्व मे एनएसयूआई व महिला कांग्रेस के सदस्य बड़ी संख्या में एकत्र होकर दून तिराहे पर पहुंचे। जहां दिनभर तरह-तरह के पकौड़े तलकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला गया।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष जयेंद्र रमोला ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार 04 वर्ष गुजर जाने के बावजूद रोजगार के मामले में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी रोजगार के नाम पर युवाओं को पकौड़े तलने की सलाह दे रहे हैं जो कि साफ दर्शाता है कि सरकार के पास युवाओं के रोजगार को लेकर कोई भी ठोस नीति नहीं है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ उद्योगपतियों की सरकार बनकर रह गई है जबकि आम आदमी महंगाई से जूझ रहा है। देश की आवाम के साथ युवाओं मे केन्द्र सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश का माहौल है। जिसका जवाब वर्ष 2019 के आम चुनाव मे जोरदार तरीके से मोदी सरकार को दिया जाएगा।

क्षेत्रीय संपर्क योजना से सरकार ने बनाये पहाड़ों को जोड़ने के मंसूबे

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देहरादून, उत्तराखंड में सड़क मार्ग पर लगातार जोखिम जेल रही पहाड़ की जनता को अब राज्य सरकार हवा में उड़ाने की योजना बना रही है गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र के पहाड़ अब जल्द ही हेलीकॉप्टर सेवा से जुड़ने जा रहे हैं जिसके तैयारी में त्रिवेंद्र सरकार ने योजना बनानी शुरू कर दी है।

उत्तराखंड रीजनल कन्कटिविटी स्कीम (यूआरसीएस) के तहत उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में हेली सेवा की तैयारी शुरू की जा रही है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना में शामिल नहीं होने वाले हेलीपैड और हवाई मार्गों को जोड़ने के लिए प्रदेश में उत्तराखंड क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत हेली सेवा की तैयारी की जा रही है, अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में हेली सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।

इस सेवा का मकसद पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रदेश से दुर्गम स्थानों से आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराना है यू आर सी एस योजना के अंतर्गत तू की जाने वाली हेली सेवा के लिए टिकट बुकिंग की व्यवस्था होगी इसके लिए ऑनलाइन शेयर मार्केटिंग एजेंसी के साथ युगाडा अनुबंध करेगा

राज्य आंदोलनकारियों की ना प्रशासन सुन रहा है ना सरकार

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एम्स निदेशक को पद से हटाने की मांग को लेकर उत्तराखंड जन विकास मंच के कार्यकर्ताओं ने सीमा डेंटल अस्पताल के समीप भैंस के आगे बीन बजाकर शासन प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।

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मंच के कार्यकर्ता सीमा डेंटल अस्पताल के आगे एकत्रित हुए, और शासन-प्रशासन के साथ ही एम्स प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने एम्स निदेशक को पद से हटाने के लिए  भैंस के आगे बीन बजाकर विरोध दर्ज किया।  इस मौके पर मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि, “जब तक शासन प्रशासन द्वारा एम्स के निदेशक को पद से नहीं हटाया जाता है। उनका आंदोलन जारी रहेगा।” 

अब दफ्तर छोड़ जंगलों में जायेंगे राज्य के वन अधिकारी

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उत्तराखंड के वन अधिकारियों को अब अपने फील्ड क्षेत्रों में ज्यादा समय बिताना होगा। ये आदेश प्रमुख मुख्य वन संरक्षक जयराज के यहां से जारी हुआ है, ये आदेश ऐसे समय में खास हो जाता है जब आला अधिकारियों में अपने दफ्तरों से बाहर न निकलने के आदत बढ़ती देखी जा रही है।

1 फरवरी को खत्म होने के तुरंत बाद जयराज ने राज्य के सभी वन अधिकारियों को क्षेत्र में अधिक समय बिताने के लिए कहा है, और अपने इलाकों के मु्द्दों और चुनौतियों को समझने में उन्हें मदद मिलेगी। डिवीजनल वन स्तर से शुरू होने के बाद, उन्होंने विभागीय वन अधिकारियों से क्षेत्रों में कम से कम 15 दिनों का समय बिताने को कहा है।

इसी प्रकार, वन संरक्षक स्तर के अधिकारियों को क्षेत्रों में न्यूनतम 13 दिन बिताने को कहा गया है। इसके अलावा, वनों के मुख्य संरक्षक और वनों के अतिरिक्त प्रधान मुख्य संरक्षकों को क्षेत्र में कम से कम 12 दिन बिताने के लिए कहा गया है। मुख्य वन्यजीव वार्डन और प्रिंसिपल चीफ कंज़र्वेटर को क्षेत्र के क्षेत्रों में एक महीने में कम से कम आठ दिन और छह दिन बिताने के लिए कहा गया है।

जंगलों में आग से सुरक्षा पर आयोजित हुई गोष्ठी

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विकासनगर, चकराता वन विभाग की तिमली रेंज अंतर्गत धौला तप्पड़ में वन अग्नि सुरक्षा विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। वन क्षेत्राधिकारी पूजा रावल की अगुवाई में आयोजित इस बैठक में लोगों को वनों में लगने वाली आग से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी गई।

वन दरोगा मुकेश बहुगुण ने कहा कि हर साल सैकड़ों हेक्टेयर में खड़े जंगल आग से खाक हो जाते हैं। इससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है बल्कि, जानवरों के लिए भी चारा-पत्ति का संकट खड़ा हो जाता है। बैठक में वन अग्नि सुरक्षा समिति का गठन किया गया।

उधर, राजकीय उच्चतर ‌माध्यमिक विद्यालय कांडोईधार के छात्रों ने भी रैली निकाल लोगों को वनों का महत्व समझाया। वन दरोगा मायाराम पांडेय ने कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए वन बेहद जरूरी है। 

स्वच्छता में इस ज़िला अस्पताल ने मारी बाज़ी, बना नंबर 1

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रुद्रपुर, ‘कायाकल्प’ योजना के तहत स्वच्छता और मरीजों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराने पर जवाहर लाल नेहरू जिला अस्पताल रुद्रपुर को प्रदेश में नंबर वन रैंकिंग मिली है। जिला अस्पताल को 84.50 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं इससे जिले के स्वास्थ्य विभाग अस्पताल के अधिकारी और कर्मचारियों में खुशी की माहौल है ।
योजना के तहत प्रथम स्थान आये अस्पताल को पचास लाख रुपए मिलते हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत ‘कायाकल्प’ योजना की अल्मोड़ा से पहुंची स्वास्थ्य विभाग क्षेत्रीय टीम ने रुद्रपुर स्थित जवाहर लाल नेहरू जिला अस्पताल का करीब 2 माह पहले सर्वेक्षण किया था। इसके बाद राज्य स्तरीय टीम ने पिछले माह अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। सर्वेक्षण में अस्पताल के सफाई व्यवस्था के साथ ही मरीजों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं को भी परखा गया था।

सर्वेक्षण के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं परिणाम में जवाहरलाल नेहरू जिला अस्पताल को 84.50 प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश में नंबर वन की रैंक मिली है, जबकि चैन राय जिला महिला अस्पताल हरिद्वार को 81.30 प्रतिशत अंकों के साथ दूसरा स्थान और बीड़ी पांडे जिला अस्पताल नैनीताल को 78 प्रतिशत अंकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।

जिला अस्पताल रुद्रपुर की प्रमुख चिकित्सक डॉक्टर अमिता उप्रेती और जिला अस्पताल की एएनएम दीपा जोशी ने बताया कि, “यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है उन्होंने इसके लिए जिला अस्पताल की पूरी टीम का सहयोग बतादे हुए सभी को बधाई दी इसके साथ ही जिला अस्पताल आने वाले मरीजो और उनके तीमारदारों से भी स्वच्छता के प्रति जागरूक होने की अपील की।”

 

बिचौलियों का काम खत्म, फसलों की ऑनलाईन बिक्री से जुड़ेंगे किसान

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(रुद्रपुर), केंद्र सरकार द्वारा 2022 तक किसानों की आय को दुगनी करने के लिए इनाम योजना लांच कर किसानों को राहत दी है। इस योजना के बाद अब किसान को बिचोलियों के पास जाने की जरूरत नही है, साथ ही फसल के अच्छे दामो में बचे जाने पर किसानों की आय को दुगना किया जा सकता है।

किसानों को अब अपनी फसल को बेचने ओर अच्छे मुनाफे के लिए दर दर की ठोकरे नही खानी पड़ेंगी, केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही इनाम योजना के तहत जल्द ही किसान राज्यस्तरीय अौर राष्ट्रस्तरीय लेबल पर अपनी फसल को आसानी से बेच सकता है। अब तक किसान अपनी फसलों को दलालों को बेचा करते थे जिसका फायदा किसानों को कम, बिचोलियों को ज्यादा होता था।

केंद्र सरकार द्वारा लांच की गई योजना के तहत किसानों को एक छोटी सी प्रक्रिया से गुजरना होगा और उसके बाद ऑन-लाइन उसकी फसलों की नीलामी की जायेगी, जिसका पैसा किसान के खाते में दिया जाएगा ।उत्तराखण्ड के दो जिलो हरिद्वार व उधमसिंह नगर की मंडियों में इस योजना को अमली जामा पहनाया गया है।

हरिद्वार, काशीपुर, गदरपुर, किच्छा ओर सितारगंज की मंडियों में इनाम योजना को लांच किया जा चुका है। अधिकारियों की माने तो अब तक किसानों को मिलने वाले दामो को बिचोलिये डकार जाते थे, लेकिन इनाम योजना के तहत किसानों की फसलों की गुणवत्ता तय कर उनकी फसलों के दामों को रखा जाता है इसके बाद ऑन-लाइन बोली लगा कर उसे बेचा जाता है, साथ ही बेची गयी फसल के दामो को किसानों के खातों में डालने का काम किया जाता है, ताकि बिचोलियों से किसानों को बचाया जा सके।

किच्छा मंडी में अब तक इनाम योजना के तहत 1289 किसानों को पंजीकृत किया गया है जब कि 227 व्यपारियो ओर 297 कमिशन एजेंटो ने अपना पंजीकरण कराया है। इनाम योजना के कर्मचारियों के अनुसार इस योजना के तहत किसानों को जोड़ने का काम लगातार चल रहा है, साथ ही किसानों को इस योजना के बारे में जागरूक किया जा रहा है, ताकि किसानों की फसलो के दाम उन्हें आसानी से प्राप्त हो सके।

देश की लगभग सात हजार मंडियों के पहले चरण में अब तक 585 मंडियों में 470 मंडियों को इनाम योजना के तहत ऑन लाइन किया जा चुका है। उत्तराखंड में 11 ओर मंडियों को फरवरी अंत तक ऑन लाइन करने की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। इस के साथ-साथ देश की सभी मंडियों को ऑन लाइन एक दूसरे को जोड़ने के लिए बड़े पैमाने में सरकार द्वारा काम किया जा रहा है ताकि ऑन लाइन किसान अपनी फसल का दाम गुणवत्ता के अनुसार प्राप्त कर सके।

कुछ अलग करने के जज्बे से बनी दुनिया की सबसे छोटी पेंसील

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हल्द्वानी, कुछ अलग कर गुजरने का जज्बा और बुलंद हौसलों से आर्टिस्ट प्रकाश उपाध्याय ने एक और कारनामा कर दिखाया है। उपाध्याय की विश्व की सबसे छोटी हस्त-निर्मित पेंसिल को असिस्ट वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया है। जबकि इससे पहले भी उपाध्याय ने कुछ हटकर किया है तो उनको काफी ख्याती भी मिली है।

हल्द्वानी के डॉ. सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में बतौर आर्टिस्ट कार्यरत 45 वर्षीय प्रकाश उपाध्याय की लगन और मेहनत के साथ ही औरों से कुछ अलग करने की ललक ने उनकों प्रेरणा दी और उन्होने 0.5 गुणा 0.5 गुणा 5 मिमी साइज की एचबी पेंसिल तैयार की थी। पिछले साल इसे उन्होंने असिस्ट वर्ल्‍ड रिकॉडर्स रिसर्च फाउंडेशन को भेजा था। जिसे 2017-18 के रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया है। फाउंडेशन ने उपाध्याय को सर्टिफिकेट और अवार्ड देकर सम्मानित किया है।
मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के उपाध्याय का कहना है कि, “पुरस्कार भविष्य में कुछ और बेहतर करने की दिशा में प्रेरित करेगा। प्रकाश उपाध्याय के नाम विश्व की सबसे छोटी (3 गुणा 4 गुणा 4 मिमी) हस्त निर्मित पुस्तक लिखने का रिकॉर्ड इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है। विश्व की सबसे छोटी हस्त निर्मित धार्मिक पुस्तक ‘हनुमान चालीसा’ (3 गुणा 4 गुणा 4 मिमी) यूनिक बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है।”