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गृह नगर पहुंचने पर मनीषा व परमजीत का हुआ भव्य स्वागत

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गोपेश्वर। खेलो इंडिया, खेलो के वाॅक रेस में स्वर्ण पदक विजेता चमोली जिले के मनीषा नेगी और परमजीत सिंह का मंगलवार को अपने गृह नगर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। उन्हें खुली जीप में चमोली से लेकर गोपेश्वर गोपीनाथ मंदिर तक लाया गया, जहां पूजा-अर्चना की गई।

paramjeet and manisha

शनिवार को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम दिल्ली में संपन्न हुए अंडर-17 आयुवर्ग की वाॅक रेस में चमोली जिले के बेटे और बेटी ने न सिर्फ सोना जीता बल्कि पिछले रिकॉर्ड भी ध्वस्त कर नये कीर्तिमान स्थापित किये। मंगलवार को उनके जिला मुख्यालय पहुंचने पर उनके कोच गोपाल बिष्ट के साथ उनका नागरिक अभिनंदन किया गया। खेल मैदान गोपेश्वर में पहुंचने पर सैकड़ों की तादात में यहां पहुंचे खेल प्रेमियों व स्थानीय लोगों ने फूलमालाओं के साथ उनका स्वागत किया तथा दोनों की खिलाड़ियों के साथ ही कोच के जयकारे भी लगाये। बाद में उन्हें खुली जीप में बैठाकर गोपीनाथ मंदिर तक रोड शो भी किया गया, जहां लोगों ने विजेता खिलाड़ियों पर फूलों की वर्षा कर उनका स्वागत किया। 

बदलाव: ऐसे होंगे उत्तराखंड में युनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में छात्रों के परिधान

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(देहरादून) लंबे समय से राज्य में विश्विद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में पहने जाने वाले परिधानों को बदलने के फैसले को सरकार ने अमली जामा पहना दिया है। सोमवार को हुई बैठक में कबीना मंत्री धन सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में पहाड़ी परिवेश में बनी ड्रैस का डिजाइन फाइनल कर दिया गया। इसके लिये देहरादून के ग्राफिक एरा युनिवर्सिटी से आये डिजाइन को चुना गया है।

ग्राफिक ऐरा विश्वविद्यालय की डाॅ.ज्योति छाबरा ने बताया कि, “ग्राफिक ऐरा विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया परिधान भारतीय संस्कृति के साथ राज्य पुष्प ब्रह्मकमल, बुरांस फूल से लाल रंग, नीला राज्य पक्षी मोनाल से अौर गढ़वाल राईफल एवं कुमांऊ रेजीमेंट के ड्रेस के रंग से प्रेरित होकर बनाया गया है। 12th जनवरी को हमारे 4 डिजाइन शॉर्ट लिस्ट किये गये थे अौर हमने इन्हें सब लोगों को दिखाया। हमारी प्रेरणा सगरी, टोपी, पटका जैसे पारंपरिक परिधान रहे हैं।”

इस डिजाइन को बनाने के लिये फैशन डिजाइन विभाग के छह छात्रों की एक टीम ने काम किया है। इसके साथ साथ डॉ ज्योति छाबड़ा, कोकिला भंडारी ने भी टीम के साथ करीब  तीन महीने कड़ी मेहनत कर ये डिजाइन तैयार किये हैं। तैयार तीन डिजाइनों में से दो आने वाले अतिथियों के और एक छात्रों के परिधान के हैं।

इस बारे में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डाॅ.धन सिंह रावत ने कहा कि, “दीक्षांत समारोह के दौरान सरकार के समक्ष यह विचार आया, कि दीक्षांत समारोह के लिये ऐसा नया परिधान निर्धारित किया जाये, जिसमें भारतीय संस्कृति परिलक्षित होने के साथ-साथ उत्तराखण्ड की संस्कृति का समावेश किया जाए। मुख्यमंत्री द्वारा भी इस विषय में दिशा निर्देश दिये गये है।”

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ग्राफिक ऐरा विश्वविद्यालय द्वारा बनाये गये डिजाइनों को तमाम कुलपतियों और अन्य अधिकारियों के सामने रखा गया। बैठक में आये सुझावों में ड्रेस डिजाइन में टोपी को उत्तराखण्डी स्टाइल में परिवर्तित करने जैसे सुझाव आये। इन सब सुझावों को मिलाकर अब  एक फाइनल डिजाइन आने वाले दिनों में सरकार को सहमति के लिये भेजा जायेगा। सरकार इस संबंध में कितनी तेज़ी दिखा रही है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन नये डिजाइनों के परिधानों का इस्तेमाल इसी महीने फरवरी में होने वाले मेडिकल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में किया जायेगा। 

चार जिलों में पीड़ित महिलाओं के लिये वन-स्टॉप सेंटर स्थापित

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‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना को और कारगर ढंग से लागू करने के लिए और गहराई से माॅनिटरिंग करने की जरूरत है। बालक-बालिका लिंगानुपात को पटरी पर लाने के लिए पिथौरागढ़, चम्पावत, चमोली, देहरादून और हरिद्वार जिलों पर विशेष फोकस करना होगा।सचिवालय में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास की कार्यकारिणी समिति की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने ये निर्देश दिए। कहा कि उच्च अधिकारी भी जनपदों का भ्रमण कर योजनाओं को गति प्रदान करें।
बैठक में बताया गया कि आंगनवाड़ी केंद्रों में गुड्डी-गुड्डा बोर्ड लगाया गया है, लिंगानुपात की सही जानकारी ली जा रही है। आंगनवाड़ी केंद्रों पर बेटी जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। वीमेन हेल्पलाइन नम्बर 181 के जरिये महिलाओं की मदद की जा रही है।
हरिद्वार, देहरादून, उधम सिंह नगर और नैनीताल में वन-स्टॉप सेंटर स्थापित कर दिए गए हैं। इस केंद्र पर पीड़ित महिलाओं को रुकने की व्यवस्था भी की गई है। पुलिस इंस्पेक्टर, मेडिकल और अधिवक्ता की सुविधा केंद्र पर ही उपलब्ध कराई जा रही है।
चारधामों में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा आदिभोग नाम से प्रसाद बनाने का कार्य किया जा रहा है। मुख्य सचिव ने कहा कि इसी तरह की व्यवस्था जागेश्वर धाम, नंदा देवी, पूर्णागिरि आदि स्थानों पर भी किया जाय।

वनाग्नि सुरक्षा सप्ताह के तहत अग्नि सुरक्षा गोष्ठी का आयोजन

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पौड़ी, गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी के पूर्वी अमेली रेंज के थलीसैंण अनुभाग की ओर से ग्राम सभा कपरोली में वन अग्नि सुरक्षा सप्ताह के तहत अग्नि सुरक्षा गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में वन विभाग के कर्मियों व ग्रामीणों को वनों में आग की रोकथाम के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

आयोजित गोष्ठी में वन अनुभाग अधिकारी डीटी पोखरियाल ने कहा कि, “जगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग और ग्रामीणों का आपसी तालमेल का होना जरूरी है। आग लगने से जगलों में वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जीव और मानव के लिए वन महत्वपूर्ण हैं। हर प्राणी के जीवित रहने के लिए वनों का होना जरूरी है। वनों को आग से सुरक्षित रखने आग न लगने देने, आग न लगाने तथा उनकी सुरक्षा करने की चर्चा की गई और वनों के प्रति दया भावना रखने की अपील की।”

उन्होंने ने ग्रामीणों से जगलों में आग लगने की सूचना तुरंत विभाग को देने की अपील की। साथ ही ग्रामीणों को वनों में आग बुझाने के उपाय भी बताए। उन्होंने ने कहा कि जगलों में लगने वाली आग अधिकांश मानवीय भूल का नतीजा होती है। जिसमें दुर्लभ वनस्पतियों के साथ ही वन्य पशु भी चपेट में आ जाते हैं। 

मिस इंडिया 2018 की सेकेंड रनर-अप रही उत्तराखंड की बेटी कविता

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मॉडलिंग की दुनिया में उत्तराखण्ड की खूबसूरती का जलवा लागातार कायम है। बॉलीवुड में भी उत्तराखण्ड की कई मॉडल और एक्ट्रेस अपनी खास पहचान बना चुकी हैं, अब इन सब के बीच उत्तराखण्ड का एक और नाम भी जुड़ने वाला है और वो है 23 साल की कविता भंडारी का जिन्होंने 31 जनवरी,नोएडा फिल्म सिटी में हुए मिस इंडिया 2018 के सेकेंड रनरअप का खिताब अपने नाम किया है।

ये प्रतियोगिता ड्रीम्ज प्रोडक्शन हाउस की ओर से आयोजित की गई थी, जिसके निर्देशक शरद चौधरी थे।इसमें देश के कोने-कोने से 33 लड़कियों ने भाग लिया,जिसमें 15 फाइनलिस्ट चुने गए, जज मशहूर सेलेब्रेटी रणविजय सिंह, करण कुंद्रा, प्रसिद्ध अदाकारा कायनात अरोड़ा, जोया अफरोज थे।

कविता भंडारी उत्तराखण्ड के श्रीनगर के श्रीकोट की रहने वाली हैं।उनके पिता धीरेंद्र भंडारी सीआईएसएफ में एसआई  और माँ का नाम परमेश्वरी देवी है। तीन भाई बहनों में सबसे छोटी कविता ने भी तक की पढ़ाई में मास्टर इन सोशल वर्क किया है।

WhatsApp Image 2018-02-06 at 16.02.09 (1)अपनी इस खूबसूरत सफर के बारे में कविता बताती हैं कि जब वो देहरादून अपनी पढ़ाई के लिए आईं तो उनकी कुछ सहेलियों ने 2016 मिस उत्तराखंड में भाग लिया,वहीं से कविता को भी मॉडलिंग का शौक लगा और उन्होंने अपना पोर्टफोलियो बनवाया और काम जल्दी ही मिल गया और कविता ने फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा।

मिस इंडिया 2018 की मेहनत के बारे में वह बताती है कि, “इस टाईटल के लिए भी 4 दिन तक हमने अपने कोरियोग्राफर के साथ खासा मेहनत की है,मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा,अच्छे से ग्रुमिंग हुई,बहुत सारे दोस्त भी बनाए और इसके बाद मेरा कॉंफिडेंस भी बढ़ा है।

ख़िताब जीतने के पर कविता बताती है,”पहले  मैं बिल्कुल शॉक्ड थी! ”जितने भी और कंटेस्टेंट थे वह सब अच्छे थे लेकिन शायद मेरी डेढ़ साल की मेहनत और लगन ने मुझे यह कॉंफिडेंस दिया और मुझे यह टाईटल मिल गया। ”

श्रीकोट से निकल कर कविता ने बहुत कम उम्र में वह सब कुछ हासिल किया जो शायद ही कोई इतने कम समय में कर सकता है। कविता भावी पीढ़ी को यह बताना चाहती है कि अगर सुदूर पहाड़ के लोगों में हुनर अौर अपने पर कांफिडेंस है तो कुछ भी संभव हो सकता है।

न्यूजपोस्ट से बातचीत में कविता ने बताया कि वह एक्टिंग के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं,मॉडलिंग तो बस एक ज़रिया बन गया एक्टिंग वर्ल्ड तक पहुंचने के लिए।मुझे बहुत ज्यादा इंग्लिश नहीं आती है,तो मैं अपने क्षेत्र के बच्चों को कहना चाहती हूं कि अगर हुनर हो तो उसके आगे कुछ भी नहीं रुकता।

न्यूज़पोस्ट की टीम कविता भंडारी को उनकी नई पारी के लिए शुभकामनाएं देती है।

एक किलो चरस के साथ एक गिरफ्तार

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विकासनगर, सहसपुर पुलिस ने नशे के खिलाफ अभियान चलाते हुए एक किलो चरस के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। उसे एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पकड़ी गई चरस की कीमत एक लाख रुपये आंकी जा रही है।

देर रात को पुलिस जमनपुर के पास चेकिंग अभियान चला रही थी। इस दौरान एक संदिग्ध व्यक्ति बस से उतरा और पैदल चलने लगा। शक होने पर पुलिस ने उसे रोक लिया। तलाशी लेने पर उसके थैले से एक किलो चरस बरामद हुई। आरोपी की पहचान नरेंद्र क्षेत्री के रूप में हुई, पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह चकराता के सुदूरवर्ती गांव से सस्ते दाम पर चरस खरीद कर लाता था। जिसे सहसपुर और आसपास के क्षेत्र में पढ़ने वाले छात्रों को मोटे दाम पर बेचता था।

थानाध्यक्ष नरेश राठौर ने बताया कि, “आरोपी चकराता के सुदूरवर्ती गांव से सस्ते दाम पर चरस खरीद कर लाता है। जिसे सहसपुर और आसपास के क्षेत्र में पढ़ने वाले छात्रों को मोटे दाम पर बेचता था। आरोपी के इतिहास को खंगाला जा रहा है।”

स्मैक के साथ एक गिरफ्तार
उधर, कुल्हाल पुलिस ने 5.50 ग्राम स्मैक के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया। उसे एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया, सुबह करीब 11.45 पुलिस गश्त कर रही थी। कुल्हाल टैंपों स्टैंड के पास एक संदिग्ध व्यक्ति की तलाश लेने पर उसके पास से स्मैक बरामद हुई। आरोपी की पहचान जहीर मोहम्मद के रूप में हुई। टीम में चौकी प्रभारी अरविंद कुमार, कांस्टेबल गजेंद्र, नितिन, सचिन शामिल रहे।

 

चीन और फ्रांस के 55 योग साधक परमार्थ में ले रहे प्रशिक्षण

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ऋषिकेश, परमार्थ निकेतन आश्रम में तीन सप्ताह से संचालित योग प्रशिक्षण शिविर में चीन और फ्रांस से आये 55 योग साधक परमार्थ में रहकर योग, ध्यान, प्राणायाम का प्रशिक्षण ले रहे हैं।

शिविर में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ धनसिंह रावत शामिल हुए। इस मौके पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान समारोह में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज एवं उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ धनसिंह रावत ने योग जिज्ञासुओं को सम्बोधित किया।

 डाॅ रावत ने कहा कि, ’योगमय जीवन पद्धति ही श्रेष्ठ जीवन पद्धति है। भारतीय भाषा की एक अलग पहचान है और इस भाषा को बचाए रखने के लिए इसके प्रति हम सभी का लगाव होना जरूरी है।’

स्वामी चिदानन्द ने उपस्थित योग साधकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि, ’योग करें और सहयोग करें’ यही सबसे बड़ा योग है। योग का सम्बंध किसी धर्म से नहीं है बल्कि सम्पूर्ण मानवता से है। योग की कोई थ्योरी नहीं है बल्कि योग तो विज्ञान है, एक ऐसा विज्ञान जिसके द्वारा जीवन ऊर्जावान बनाता है। हमें योग करना ही नहीं बल्कि योगी होना भी है। 

स्वामी ने कहा कि आज हमें देश में नये तरह के ’इनफॉर्मेशन के साथ इन्स्परेशन और ट्रान्सफर्मेशन’ आईआईटी बनाने की जरूरत है। सभी का 4टी प्रोग्राम ’टाइम, टैलेंट, टेक्नोजाॅजी तथा टिनैसिटी’ के लिये आह्वान किया।

 

दून में निकली धूप, उच्च क्षेत्रों में हिमपात के आसार

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देहरादून, उत्तराखण्ड के उच्च हिमालयीय क्षेत्रों में हिमपात से राजधानी देहरादून सहित प्रदेश भर के मैदानी व पहाड़ी क्षेत्रों में भी ठंड का असर देखने को मिला। हालांकि देहरादून सहित अन्य स्थानों पर मंगलवार सुबह धूप निकली लेकिन आसमान में बादल छाए हुए थे। जबकि राज्य के उच्च क्षेत्रों में आगे भी हिमपात की संभावना बनी हुई है।

मौसम विभाग का कहना है कि, मंगलवार को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जनपद में ऊंचाई वाले स्थानों में दोहपर बाद हिमपात होने की संभावना है। दून में सोमवार को हल्के बादल व हवाएं चलने से ठंड बढ़ गई, जिस कारण शाम को तापमान मेें चार डिग्री दर्ज की गई। जबकि मंगलवार सुबह धूप निकली लेकिन आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए हुए थे। वहीं राज्य के ऋषिकेश, रानीपुर, काशीपुर, हरिद्वार सहित अन्य मैदानी इलाकों में धूप के साथ आसमान में बादल बना हुआ था। राज्य में मंगलवार को दिन में हवा छह किमी. की प्रति घंटे की गति से चल रही थी, जबकि नमी 43 और वृष्टि आठ प्रतिशत बनी हुई थी।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि, देहरादून में मंगलवार को पूरे दिन आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। जबकि उत्तराखंड में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर तथा पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं विशेषकर ऊंचाई वाले स्थानों में हिमपात हो सकता है। शेष राज्य में मौसम शुष्क रहेगा। राजधानी का अधिकतम तापमान 22 डिग्री और न्यूनतम तापमान सात डिग्री रहने का अनुमान है।”

जंगली जानवरों के आंतक से किसान परेशान

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ऋषिकेश, क्षेत्र खदरी के किसान आजकल रात-रात भर जागकर खेतों में रहने को मजबूर हैं। राज्य स्थापना के 17 वर्षों के बाद भी किसानों की फसल सुरक्षा के लिये न तो सुरक्षा बाड़ बन पाई है और न ही सौंग नदी की बाढ़ से तट बन्ध का निर्माण हुआ है। जिसके कारण खदरी और लक्कड़ घाट के किसानों रातभर जागकर खेतों में रात बिताने को मजबूर हैं।

क्षेत्रवासियों का कहना है कि श्यामपुर न्याय पंचायत के किसानों को सिर्फ आश्वासनों के पुलिंदे के अलावा कुछ नहीं मिला है। जनप्रतिनिधि कांग्रेस की सरकार में किसानों की समस्या को ठोस तरीके से न रख पाए और न ही बहुमतवाली भाजपा सरकार से ही किसानों की समस्याओं का निदान करा पा रहे हैं। जिसके कारण किसानों को अपनी समस्याओं के निदान हेतु आन्दोलन करना पड़ रहा है।

गोहरी माफी के किसानों को तटबन्ध निर्माण हेतु लम्बे समय तक आन्दोलन करना पड़ा। 13 फरवरी को अन्ना हजारे के आन्दोलन को सम्बोधित करने की पूर्व सूचना पर तंत्र जागा और गोहरी माफी तट बन्ध निर्माण की घोषणा हो गई लेकिन खदरी के किसान आज भी परेशान हैं।

स्थानीय किसान उपेंद्र रयाल ने बताया कि, “खदरी के किसान जंगली जानवरों के कारण खेती से विमुख होने को मजबूर हो रहे हैं किन्तु कोई भी जनप्रतिनिधि खदरी के किसानों की सुध लेने वाला नहीं है। जंगली जानवरों द्वारा खेती बर्बाद हो रही है, जिसके परिणाम स्वरुप काफी लोग खेत बेचने को मजबूर हो रहे हैं।”

पर्यावरणविद् एवं सामाजिक कार्यकर्ता विनोद जुगलान का कहना है कि, “स्थानीय किसान खेतो में अस्थाई बाड़ करके फसल सुरक्षा के लिये रात भर जागने को मजबूर हैं। इस सन्दर्भ में उपजिलाधिकारी ऋषिकेश के माध्यम से मुख्यमंत्री को भी तटबन्ध निर्माण हेतु अवगत कराया गया है, किन्तु अभी तक इस सन्दर्भ में कोई उन्नति दिखाई नही दे खेती और फसल सुरक्षा हेतु तटबन्ध और सुरक्षा बाड़ का निर्माण नहीं किया जाता है तो खदरी के किसान लामबंद होकर आन्दोलन को मजबूर होंगे।”

देवभूमि में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या बनती जा रही है गंभीर

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ऋषिकेश,  प्रदेश में पिछले तीन साल में प्रदूषण का स्तर निर्धारित मानकों से ज्यादा पाया गया है। तीर्थ नगरी में भी पर्यावरण प्रदूषण एक बड़ी गम्भीर समस्या के रूप में उभरी है। जिस कारण लोग गंभीर बीमारियों के चपेट में आ रह हैं और दिन-प्रतिदिन समस्याएं बढ़ती जा रही है।

गाड़ियों का धुआं जहां आबोहवा में जहर घोल रहा है, वहीं गंगा और उसकी सहायक नदियों व खड्डों में भी हर दिन टनों के हिसाब से गंदगी फेंकी जा रही है। इससे प्रदेश के वातावरण और जल में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। प्रदेश में प्रदूषण का स्तर निर्धारित मानकों से ज्यादा पाया गया है, जो पहाड़ के लोगों के लिए खतरे की घंटी है। चिंता इसलिए जरूरी है कि अगर समय रहते कदम न उठाए गए तो स्थिति नियंत्रण से बाहर भी हो सकती है।

निर्मल आश्रम अस्पताल के प्रशासक सरदार ब्रिकमजीत सिंह के अनुसार, “प्रदूषण के कारण ही प्रदेश में सांस, दमा और हृदय रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। अस्पताल की ओपीडी में इन रोगों से पीड़ित लोगों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जीवन को बेहतर बनाने की भीड़ में हर कोई आसान राह पर चलना अच्छा समझता है। पैदल चलना कोई नहीं चाहता, बल्कि थोड़ी दूर जाने के लिए भी वाहन का प्रयोग करते हैं जोकि वाहनों पर निर्भरता का कारण है और इसी वजह से प्रदूषण की समस्या भी लगातार बड़ रही है। नतीजन विभिन्न बीमारियों की चपेट में लोग आ रहे हैं।”