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उत्तराखंड में 13 फरवरी को मनाई जाएगी महाशिवरात्रि

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देहरादून। उत्तराखंड में महाशिवरात्रि पर्व का अवकाश 14 फरवरी के बजाय 13 फरवरी को होगा। इस अवकाश की तिथि में संशोधन के बाद अब राज्य मंत्रिमंडल की बैठक भी 13 फरवरी के बजाय अब 14 फरवरी को होगी।

उत्तराखंड में महाशिवरात्रि पर्व 13 फरवरी को मनाया जाएगा। वहीं देश के कई हिस्सों में यह पर्व 14 फरवरी को होगा। पहले सरकार ने इस पर्व के अवकाश की तिथि 14 फरवरी घोषित की थी। अब अवकाश की तारीख को सरकार ने संशोधित किया है।

इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी ने आदेश जारी किए। इससे पहले राज्य में 15 दिसंबर, 2017 को सार्वजनिक अवकाशों के लिए जारी सूची में महाशिवरात्रि पर्व का अवकाश 14 फरवरी को घोषित किया गया था। उधर, महाशिवरात्रि अवकाश की तिथि में संशोधन होने के बाद मंत्रिमंडल की बैठक को लेकर असमंजस भी खत्म हो गया।

झूलन ने रचा इतिहास, 200 विकेट लेने वाली पहली गेंदबाज बनीं

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किंबर्ले, भारतीय महिला तेंज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर इतिहास रच दिया है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की श्रृंखला के दूसरे एकदिवसीय मैच में झूलन ने अपने एकदिवसीय कैरियर का 200वां विकेट हासिल किया। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह दुनिया की पहली महिला गेंदबाज बन गई हैं।

35 वर्षीय झूलन ने सलामी बल्लेबाज लारा वूलवार्ट को आउट कर यह उपलब्धि हासिल की। भारतीय टीम ने यह मैच 178 रन से जीतकर श्रृंखला में 2-0 की अपराजेय बढ़त हासिल कर ली। भारत ने पहला मैच 88 रनों से जीता था।

उल्लेखनीय है कि सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना के बेहतरीन शतकीय पारी (135) की बदौलत भारतीय टीम ने दूसरे एकदिवसीय में दक्षिण अफ्रीका को 178 रन से हरा दिया। भारत 50 ओवर में तीन विकेट पर 302 रन बनाये थे, जिसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम 124 रनों पर सिमट गई।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर आठ लाख बच्चों की दी जाएगी एलबैंडाजोल

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देहरादून। 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर एक से 19 साल तक के लगभग 8 लाख बच्चों को दी जाने वाली दवा के संबन्ध में और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी एस ए मुरुगेषन ने बैठक ली। बैठक में जिलाधिकारी ने कई अहम दिशा निर्देश दिए।

कैंप कार्यालय में आयोजित हुई बैठक में जिलाधिकारी द्वारा 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल-विकास एवं जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि जनपद में 10, 12 व 15 फरवरी को बच्चो को एलबैंडाजोल की दवाईयां एक वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को दी जायेगी, जिसमें जनपद के सभी सरकारी, गैर सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालय, अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान, बालिका निकेतन एवं समाज कल्याण विद्यालय के साथ ही आंगनवाड़ी केन्द्रों में अध्ययनरत बच्चों को भी दवा दी जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने स्तर से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं, जिससे कोई भी बच्चा इस दवाई से वंचित न रहे। कहा कि यदि प्राईवेट स्कूलों में 10 फरवरी को अवकाश हो तो ऐसे स्कूलों में 12 फरवरी को बच्चों को दवा दी जायेगी। इसके बाद भी किसी कारण कोई बच्चा दवा खाने से वंचित रह जाता है तो ऐसे बच्चों को 15 फरवरी को अनिवार्य रूप से दवा दी जायेगी। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि वे सभी शासकीय, गैर सरकारी स्कूलों व आगंनवाड़ी केन्द्रों में समय से दवा उपलब्ध करा दें ताकि कोई भी बच्चा दवा खाने से वंचित न रहे।
आंगनवाड़ी केंद्रों को दी प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी
जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिये कि वे जनपद के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में अध्ययनरत बच्चों को दवा दिये जाने के लिए आंगवाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा क्षेत्र में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। साथ ही उस दिन केन्द्र में सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से दवा खिलाने हेतु लायें। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि जनपद के सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत् बच्चों को दवाई खिलाने हेतुु व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
अभिभावकों से की बच्चों को स्कूल भेजने की अपील
जिलाधिकारी एसए मुरूगेषन ने जनपद के सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चे को 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि दिवस के मौके पर अपने बच्चे को स्कूल अवश्य भेंजे ताकि कोई भी बच्चा दवा से वंचित न रहे। इसमें उन्होंने सभी से सहयोग की अपेक्षा की है।
उम्र के हिसाब से दी जाएगी दवा
मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. वाईएस थपलियाल ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि दिवस पर जनपद के लगभग 8 लाख बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है, उन्होंने कहा कि 1 से 2 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों को आधी गोली और 2 से 19 वर्ष तक के बच्चों को पूरी गोली दी जायेगी। उन्होंने बताया कि इस गोली का स्वाद स्वादिष्ट है जिसे बच्चे आराम से ग्रहण करेंगे।
इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास एसके सिंह, परियोजना निदेशक डीआरडीए आरएस रावत, डाॅ. एलएस रावत एवं विभागीय अघिकारी मौजूद थे। 

बजट सत्र 20 मार्च से भराड़ीसैंण में राज्यपाल केके पॉल ने लगाई मुहर

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देहरादून, उत्तराखंड विधानसभा का 2018 का बजट सत्र आखिरकार भराड़ीसैंण में आहूत किया जाएगा। सरकार द्वारा राजभवन भेजे गए प्रस्ताव पर उत्तराखंड के राज्यपाल डॉक्टर के के पॉल ने मोहर लगा दी है। आगामी 20 मार्च से त्रिवेंद्र सरकार अपना बजट 2018 भराड़ीसैंण में आहूत करेगी जिसमें तमाम विभागों के सिलसिलेवार बजट का निर्धारण किया जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल ने सरकार के इस कदम की सराहना की है और कहा है कि, यह एक ऐतिहासिक फैसला है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए और सरकार के इस कदम से राज्य आंदोलनकारियों के साथ-साथ सभी की जन भावनाओं का ख्याल रखा गया है।’

विधानसभा सचिवालय पूरी तरह से आगामी बजट की तैयारियों में लग चुका है और भराड़ीसैंण स्थित विधान सभा सत्र की तैयारी के लिए कार्य योजना तैयार होने शुरू हो गई है

दून में प्लास्टिक-थर्माकोल के इस्तेमाल करने पर देना होगा पांच हजार का जुर्माना

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देहरादून। राजधानी देहरादून में प्लास्टिक और थर्माकोल से निर्मित डिस्पोजल प्लेट, गिलास एवं दौने आदि को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित को लागू करने को लेकर प्रशासन की ओर से तैयारियां जोरों पर हैं। इस संबंध में प्रशासन सभी थोक व्यापारियों, दोना पत्तल स्टोर, वैडिंग प्वांइट संचालकों, होटल मन्दिर समिति और गुरुद्वारों के प्रबन्धक, संचालकों से प्लास्टिक प्रयोग नही करने का एक प्रमाण पत्र भरवाएंगे। इसके बावजूद अगर कोई इसका प्रयोग और बिक्री करते पाया गया तो उस पर 5000 हजार रुपया अर्थदण्ड वसूला जाए।

अपर आयुक्त (प्रशासन) गढवाल मण्डल, पौड़ी हरक सिंह रावत ने जनपद देहरादून शहर में प्लास्टिक, थर्माकोल के डिस्पोजल प्लेट, दोने एवं गिलास आदि पर प्रतिबन्ध लगने के लिए गुरुवार को बैठक की। इस दौरान उन्होंने बैठक में उपरोक्त उपस्थित प्रबन्धकों, संचालकों एवं विक्रेताओं द्वारा प्रशासन से सहयोग करने और 31 मार्च 2018 तक सभी प्रकार के प्लास्टिक, थर्माकोल के डिस्पोजेबल प्लेट, दोने एवं गिलास को बन्द किये जाने का आश्वासन दिया गया। उन्होंने समस्त सफाई निरीक्षकों एवं सुपरवाईजरों को निर्देशित किया कि वे सभी विवाह स्थल, होटल, मन्दिर समिति और गुरुद्वारे के प्रबन्धक, संचालकों एवं होल सेलरों से निर्धारित प्रमाण पत्र भरवाया जाए कि प्रतिबन्धित प्लास्टिक, थर्माकोल के डस्पोजेबल प्लेट एवं गिलास प्रयोग नहीं किया जायेगा। प्रमाण पत्र की प्रति मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को उपलब्ध करा दी जाए। यदि कोई संस्थान प्रमाण पत्र देने के बाद भी प्रतिबन्धित सामग्री का प्रयोग करता हुए पकड़ा जाता है, तो 5000 हजार रुपये अर्थदण्ड प्रतिदिन के हिसाब से (दिन की गणना 8 फरवरी 2018) वसूला जाए।
अपर आयुक्त गढवाल ने सफाई निरीक्षक एवं सुपरवाइजरों को निर्देश दिए कि 31 मार्च के बाद प्रतिबन्धित प्लास्टिक, थर्माकोल के डिस्पोजल प्लेट, दोने एवं गिलास और 40 माइक्रोन से पतला पाॅलिथीन आदि का प्रयोग, बिक्री, विक्रेता, व्यापारियों, थोक व्यापारियों और विभिन्न संस्थानों द्वारा किया जाता है तो उक्त सामग्री को तत्काल जब्त करने की कार्रवाई की जाए।

बत्ती गुल मीटर चालू की शूटिंग के लिए देहरादून पहुंचे शाहिद कपूर

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डोईवाला- बॉलीवुड स्टार्स और डायरेक्टर, प्रोड्यूसर्स को उत्तराखंड और यहां की वादियां भा गई है तभी आए दिन बॉलीवुड की कई जानी-मानी हस्तियां उत्तराखंड की ओऱ रुख कर रहे हैं।
हाल-फिलहाल में सुनील सेठ्ठी, अजुर्न कपूर, सुशांत राजपूूत और सारा जैसे कई बड़े कलाकार उत्तराखंड की हसीन वादियों का लुफ्त उठा चुके है। दरअसल ये सभी कलाकार यहां शूटिंग के लिए यहां आए थे. वहीं एक बार फिर एक और बड़े बॉलीवु़ड अभिनेता ने यहां अपना रुख किया.
जी हां अभिनेता शाहिद कपूर गुरुवार को देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंंचे. दरअसल शाहिद कपूर अपनी फिल्म बत्ती गुल मीटर चालू फ़िल्म की शूटिंग के लिए उत्तराखंड आएं है जो देहरादून जॉलीग्रांट से नई टिहरी के लिए रवाना हुए. आपको बता दें कल यानि शुक्रवार से शाहिद की फिल्म बत्ती गुल मीटर चालू की शूटिंग शुरु हो जाएगी।

ई-टेंडरिंग के विरोध में ठेकेदार संघ ने निर्माण विभागों पर की तालाबंदी

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गोपेश्वर। गुरुवार को ठेकेदार एसोसिएशन ने चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में प्रदर्शन करते हुए सरकार के ई-टेंडरिंग के विरोध में निर्माण कार्यों से जुड़े विभागों पर तालाबंदी कर अपना विरोध दर्ज करते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को भेजा है। जिसमें ई-टेंडरिंग की व्यवस्था को समाप्त किए जाने की मांग की गई है।
ठेकेदार एसोसिएशन ने जिला मुख्यालय गोपेश्वर में जुलूस प्रदर्शन कर सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुए निर्माण विभाग जिनमें जल निगम, लोनिवि, आरईएस समेत अनेक विभागों के कार्यालयों पर तालाबंदी करते हुए सरकार के ई-टेंडरिंग की व्यवस्था का विरोध किया गया। ठेकेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट का कहना था कि टेंडर के लिए सरकार ने वर्तमान में जो नियम बनाये हैं, वे काफी कठोर हैं। इस से यहां के ठेकेदारों को ठेके नहीं मिल पा रहे हैं, ऐसे में उनके सामने आजीविका का संकट पैदा हो रहा है। चमोली जनपद की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए सरकार को पूर्व की भांति ही टेंडर की व्यवस्था रखनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है, तो ठेकेदार प्रदेश स्तर पर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। प्रदर्शन करने वालों में अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट, सचिव उदय सिंह रावत, जयपाल सिंह, नरेश सिंह, सतेंद्र सिंह, संदीप झिक्वाण आदि शामिल रहे।

ऋषिकेश-देहरादून मार्ग पर हाथियों के आतंक से दहशत

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ऋषिकेश। ऋषिकेश देहरादून मार्ग पर गजराज इन दिनों जंगल को चीरते हुए सड़कों पर आ धमक रहे हैं, जिसकी वजह से इस मार्ग पर आवागमन करने वाले यात्रियों में दहशत पनपने शुरू हो गई है।

सांझ ढलने के बाद तो ऋषिकेश देहरादून का सफर खतरनाक था ही अब दिन में भी सुरक्षित नहीं रह गया है। पिछले एक सप्ताह में कभी सुबह कभी दोपहर तो कभी शाम को अनेकों मर्तबा इस मार्ग पर जंगली हाथी जंगल को चीरते हुए मुख्य मार्ग तक पहुंचे हैं। इस दौरान मार्ग के दोनों छोरों पर वाहनों की लंबी कतारों में लगे लोगों को दहशत का सामना करना पड़ा है।
पिछले कुछ वर्षों में इस मार्ग पर हाथियों ने अनेक लोगों को अपना शिकार बनाया है। जिसके बाद शाम को कानबाई की शुरुआत करा दी गई थी लेकिन इसके बावजूद ऋषिकेश-देहरादून का सफर सुरक्षित नहीं रहा है। खासतौर पर दिन के समय के हाथियों के सड़कों पर आ धमकने से नियमित रूप से इस रूट पर सफर करने वाले दहशतजदा हैं। बहराल इन सबके बीच बड़ा सवाल यही है कि खतरनाक बन चुके इस सफर को सुरक्षित कैसे बनाया जाए। वहीं वन अधिकारी करण सिंह का कहना है कि हाथियों के सड़क पर आने के के कारण लोगों को हो रही परेशानी से बचाने के लिए जगह-जगह सड़कों पर सूचना पर लगाए गए हैं।

वनाग्नि घटनाओं को रोकने के लिए सीजन से पहले करें ठोस उपाय: डीएम

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रुद्रपुर। जिलाधिकारी ने जिले में विगत वर्षो में हुई वनाग्नि की घटनाओं के कारणों को गंभीरता से लेते हुए संवेदनशील क्षेत्रों में सीजन से पहले वाॅच टावर लगाने के निर्देश देते हुए कार्मिकों की संख्या बढ़ाने को कहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसको लेकर जनजागरुकता अभियान भी चलाए जाएं।
जिलाधिकारी डाॅ नीरज खैरवाल ने जिला कार्यालय स्थित डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में आयोजित वन अग्नि सुरक्षा समिति की बैठक में वन विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि वनाग्नि से वन्य जीव-जन्तुओं के नुकसान के साथ ही कई प्रजातियों के लुप्त होने व क्षेत्रीय पारिस्थितिकी तंत्र पर खतरा बना रहता है। वन्य जीवों को बचाने और उनकी प्रजातियों को संरक्षित रखने हेतु फायर सीजन से पहले ही ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
उन्होंने वन अग्नि रोकथाम के लिए जनपद में गठित वनाग्नि सुरक्षा समितियों का सहयोग लेने के साथ ही लोगों में जन-जागरुकता बढ़ाने हेतु वृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में होने वाली प्रार्थना सभाओं में समय-समय पर वनों के महत्व पर जानकारी देने तथा ब्लाॅक तथा जनपद स्तर पर निबन्ध, पेंटिंग, वाद-विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित कराने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने वाॅच टावर, मैन पाॅवर एवं फायर लाइन बढ़ाने के साथ वन क्षेत्रों में बनी सड़क के किनारों की सफाई करने के साथ-साथ वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण व तत्काल सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु मास्टर कंट्रोल रूम, कन्ट्रोल रूम, क्रू स्टेशनों व मोबाइल क्रू-स्टेशनों पर सभी अधिकारियों, कर्मियों के मोबाइल नम्बर अंकित करने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग एवं सड़क निर्माण एजेंसियों को सड़कों के किनारे की झाड़ियों का कटान कराने के निर्देश देते हुए आवश्यकतानुसार बहुद्देशीय वाॅच टावर लगाने हेतु स्थान चिन्हित करने को वन विभाग के अधिकारियों को कहा।
जिलाधिकारी ने वन क्षेत्र से लगी ग्राम पंचायतों में गोष्ठी आयोजित करने, अग्नि सुरक्षा समितियों को सक्रिय करने, फायर सीजन से पहले वन क्षेत्र में सफाई एवं फुकान कार्य में तेजी लाने, पैदल मार्गो की सफाई, संवेदनशील व अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में निर्धारित व पर्याप्त सुरक्षा, फायर यंत्रों व वायरलेस की उपलब्धता के साथ सामूहिक प्रयासों से वन अग्नि दुर्घटना में कमी लाने के निर्देश दिए।
इस मौके पर प्रभागीय वनाधिकारी कल्याणी ने बताया कि जनपद में तराई केन्द्रीय, तराई पूर्वी व तराई पश्चिमी वन प्रभाग का क्षेत्र आता है। जनपद में तीनों प्रभागों का कुल क्षेत्रफल 93826.35 हैक्टेयर है, जिसमें से 90176.94 हैक्टयेर क्षेत्रफल वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष वनाग्नि की 110 घटनाएं हुई थीं, जिससे 129.63 हैक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ था। उन्होंने बताया कि वनाग्नि नियंत्रण हेतु जनपद में 59 क्रू-स्टेशन, 33 सीजनल क्रू-स्टेशन, 6 वाच टावर स्थापित है तथा 131 नियमित कर्मचारी, 54 फायर वाचर, 20 दैनिक श्रमिक कार्यरत होने के साथ ही जन सहभागिता हेतु 60 समितियां बनाई हैं। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक कारणों-अधिक तापमान, नमी की कमी, वायुवेग व शुष्कता के साथ ही जन सामान्य की लापरवाही, असावधानी से वनों में आग लगने की संभावनाएं बढ़ती हैं।

नालियों में गोबर बहा रहे डेयरी संचालकों पर होगी कार्रवाई

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देहरादून। राजधानी देहरादून को स्वच्छ व सुन्दर बनाने को लेकर प्रशासन की ओर से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। जगह-जगह पड़े कूड़े के ढेर व नालियों में गोबर बहा रहे डेयरी संचालकों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अपर आयुक्त (प्रशासन) गढ़वाल मण्डल, पौड़ी हरक सिंह रावत ने एक बैठक में यह निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे डेरी संचालकों के विरुद्ध चालान की कार्रवाई की जाएगी जो नालियों में गोबर बहा रहे हैं। आदेशों के अवहेलना करने वाले डेरी संचालकों के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी।
रावत ने मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि कूड़ा वाहनों को तीन भागों में बांटे, पहले भाग में प्लास्टिक, पाॅलिथीन तथा सूखा कूड़ा, दूसरे भाग में मिश्रित कूड़ा तथा अंतिम भाग में जैविक कूड़ा रखें, जिससे कम्पोस्टिंग किया जाए। साथ ही कहा कि सभी पर्यावरण मित्रों का कार्य बीटवार विभक्त करते हुए उसकी प्रति आयुक्त कैम्प कार्यालय में भी प्रस्तुत की जाए जिससे सम्बन्धित कर्मी के कार्यों का पर्यवेक्षण भी हो सके।
हरक सिंह रावत ने समस्त सुपरपाइजरों, सफाई-निरीक्षकों को निर्देश दिए कि जगह-जगह एवं खाली प्लॉटों में कूड़ा फेंकने वाले के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए अर्थदण्ड वसूला जाए। आस-पास के खाली प्लॉटों में कूड़ा डालने वालों की पहचान सुनिश्चित की जाए तथा जिनके द्वारा कूड़ा गाड़ी में नहीं डाला जाता तथा गाड़ी में कूड़ा डालने के एवज में नगर निगम को यूजर चार्ज नहीं दिया जाता है। उनके विरुद्ध 10 गुना अर्थदण्ड वसूल करने के निर्देश दिए। उन्होंने अर्थदण्ड न देने पर भू-राजस्व के बकाये की भांति वसूली प्रमाण पत्र जिला कलेक्टर को प्रेषित करने के निर्देश दिए।
रावत ने कहा कि जैविक-अजैविक कूड़ा पृथक-पृथक करके देते हैं उनसे यूजर चार्जेज प्रस्तावित न करें, यदि यूजर चार्ज लिया जाता है तो बहुत कम प्रस्तावित किया जाए। जो व्यक्ति मिश्रत कूड़ा देता है उससे वर्तमान दर से यूजर चार्जेज प्रस्तावित किए जाएं तथा जो व्यक्ति कूड़ा वाहनों में कूड़ा नहीं देते और स्वयं घर से कूड़ा उठाने की बात करते हैं तथा जैविक-अजैविक कूड़ा पृथक-पृथक देते हैं तो उनसे वर्तमान दर से यूजर चार्जेज प्रस्तावित किया जाए। जो व्यक्ति स्वंय घर से मिश्रित कूड़ा देते हैं उनसे यूजर चार्जेज की दोगुनी राशि प्रस्तावित की जाए।
कूड़ा वाहनों की तैनाती इस प्रकार की जाए कि नियमित रूप से कूड़ा उठाया जाए। जिसके लिए कम से कम पांच वाहनों एवं पांच वाहन चालकों को स्टैण्ड बाय में आरक्षित रखें, जिससे वाहन खराब होने या किसी वाहन चालक की तबियत खराब होने पर आरक्षित रखे वाहन एवं वाहन चालक से कार्य लिया जा सके। यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि प्रत्येक दशा में कूड़ा उठाया जाए।