राजभवन में 24 व 25 फरवरी को होना है बसंतोत्सव
राज्य में होगा 34,921 सस्ते भवनों का निर्माण
देहरादून। किफायती आवास निर्माण योजना के तहत उत्तराखण्ड राज्य में 34,921 भवनों का निर्माण किया जाएगा। सचिव आवास अमित सिंह नेगी जानकारी दी कि बताया कि जनपद ऊधमसिंह नगर के रुद्रपुर में 79869 वर्ग मीटर नजूल भूमि पर आवासहीन परिवारों के लिए 1872 ईडब्ल्यूएस भवन निर्माण के लिए परियोजना केंद्र सरकार से स्वीकृत की गई है। इसमें प्रति आवास 1.5 लाख रुपये की केन्द्रीय सहायता का अनुमोदन भारत सरकार द्वारा कर दिया गया है। योजना में एक लाख रुपये राज्य सरकार अनुदान के रूप में देगी।
ट्रांसपोर्ट नगर में 11431 वर्ग मी.भूमि पर आवासहीन परिवारों के लिए 224 ईडब्ल्यूएस भवनों का निर्माण किया जा चुका है और भवन आवंटन की कार्यवाही गतिमान है। इन आवासों के निर्माण के लिए केंद्र द्वारा 134.4 लाख रुपये की धनराशि अनुदान के रूप में स्वीकृत की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि आमवाला तरला में 30,000 वर्ग मीटर भूमि पर आवासहीन परिवारों के लिए 240 ईडब्ल्यूएस भवनों का निर्माण कार्य प्रगति में है। उक्त योजना के लिए भी 1.5 लाख रुपये प्रति आवास अनुदान के हिसाब से भारत सरकार द्वारा 144 लाख रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है। हरिद्वार-रुडकी विकास प्राधिकरण द्वारा आईडीपीएल की 55410 वर्ग मी.भूमि पर 528 ईडब्ल्यूएस भवनों के निर्माण के लिए डीपीआर राज्य स्तरीय कमेटी ने दिनांक 04.01.2018 को अनुमोदित किया जा चुका है और भारत सरकार को अनुमोदन के लिए प्रेषित किया गया। देहरादून को छोडकर 11 जनपदों में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण बना दिए गए है। इनके उपाध्यक्ष जिलाधिकारी है। जिनसें आवासहीन परिवारों के लिए भवन निर्माण हेतु भूमि चिह्नांकन की कार्यवाही गतिमान है।
डॉक्टरों की कमी पूरी करने को ट्रामा सेंटर को अस्पताल से जोड़ने की तैयारी
देहरादून। स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए अब जिलों के अस्पताल परिसर में स्थित ट्रामा सेंटर को अस्पताल से ही जोडऩे की तैयारी कर रहा है। इससे न केवल डॉक्टरों की कमी दूर होगी, बल्कि ट्रामा सेंटर के उपकरणों को भी अस्पताल के कार्यों में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
प्राकृतिक आपदाओं और आए दिन सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों की जान बचाने के लिए बनाए गए ट्रॉमा सेंटर खुद ‘आपदा’ का शिकार हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों में बनाए गए इन ट्रॉमा सेंटर में घायलों को सभी विशेषज्ञताओं की चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इनमें पर्याप्त स्टाफ तक मुहैया नहीं करा पाया। कारण यह कि महकमा डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए प्रदेश के जिला अस्पताल परिसर और अस्पताल के 100 मीटर के दायरों में स्थित ट्रामा सेंटर को जिला अस्पताल से जोडऩे की कवायद शुरू हो गई है। इसका मकसद यह है कि डॉक्टर व उपकरणों का एक जगह भरपूर उपयोग हो सके।
एक छत के नीचे मिलनी थीं सभी सुविधाएं
ट्रॉमा सेंटर के पीछे मंशा यह थी कि आपदा एवं दुर्घटना के दौरान घायलों व गंभीर बीमार को एक छत के नीचे सभी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। इसके लिए केंद्र के सहयोग से जनपद मुख्यालयों में ट्रॉमा सेंटर की स्थापना की गई।
ट्रॉमा सेंटर का मानक पूरा करना भारी
मानकों के अनुरूप ट्रॉमा सेंटर में ग्यारह विशेषज्ञ चिकित्सक होने चाहिए। इनमें दो सर्जन, दो रेडियोलॉजिस्ट, दो एनेस्थेसिस्ट, दो आर्थो सर्जन और तीन ईएमओ शामिल हैं। लेकिन प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण यह मानक पूरा करने में भी दिक्कत आ रही है। ऐसे में अब इनके अस्पतालों में विलय का निर्णय लिया गया है।
कहां कितने ट्रॉमा सेंटर
उत्तरकाशी-एक
चमोली-दो (कर्णप्रयाग व गोपेश्वर)
देहरादून-तीन(विकासनगर, ऋषिकेश व दून)
हरिद्वार-एक(रुड़की)
बागेश्वर-एक
ऊधमसिंहनगर-एक (काशीपुर)
अल्मोड़ा-दो (अल्मोड़ा व रानीखेत)
केवि एफआरआई को मिलेगा नियमित बजट
देहरादून। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, भारत सरकार डॉ. हर्षवर्धन ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा देहरादून स्थित केन्द्रीय विद्यालय, वन अनुसंधान संस्थान का बजट पूर्व की भांति उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि आईसीएफआरआई देहरादून पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का स्वायत्त निकाय है, जिसके अंतर्गत केन्द्रीय विद्यालय, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून एवं केन्द्रीय विद्यालय, टीएफआरआई, जबलपुर आते हैं। जब तक इन दोनों विद्यालयों का विलय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में नहीं हो जाता तब तक पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय इन दोनों केन्द्रीय विद्यालयों को बजट उपलब्ध कराता रहेगा।
विभाग की लापरवाही के चलते मादा हथनी की मौत
कोटद्वार/पौड़ी गढ़वाल। लैंसडाउन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज के कण्वाश्रम बीट के कम्पाटमेंट 17B में मादा हथनी की मौत से वन विभाग के अधिकारियों मे हलचल से उनके हाथ पाव फूल गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि मादा हथनी पिछले 15 दिन से रियाहशी क्षेत्रों के नजदीक देखी जा रही थी। जिसकी सूचना वन विभाग को दे दी गई थी, लेकिन हो गई। वही वन विभाग की टीम ने बताया की हाथियो का मस्तकाल चल रहा है जिस बजह से मादा हथनी की मौत हो सकती है। मादा हथनी की मौत की जांच कर रहे डाक्टरों का कहना है की हथनी के पिछले भाग मे घाव बना हुआ है, जो मौत का कारण हो सकता है।
जंगल मे हाथियो का वीडियो बनाना पड़ा महंगा,हाथी ने पटक पटक कर मार डाला
थानों वन रेंज के अंतर्गत कालूवाला-धनियाड़ी मार्ग पर हाथी के हमले से एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक अपने दोस्त के साथ जंगल में झुंड के बीच घूम रहे हाथी की वीडियो बना रहा था। इस बीच हथिनी ने युवकों पर हमला कर दिया। इस दौरान साथी युवक ने भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई। सूचना पर वन विभाग व पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। तब तक हाथियों का झुंड जंगल में चला गया था। पुलिस ने युवक को हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट ले गई, जहां चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार विवेक कुमार (27 वर्ष) पुत्र एसके प्रेमी निवासी अहीर मंडी हाथीबड़कला देहरादून और पंकज भंडारी (27 वर्ष) पुत्र हरीश भंडारी देहरादून मोटर साइकिल से घूमते हुए थानों पहुंचे। इस बीच दोनों युवक बड़ासी-कालूवाला पुराने लिंक रोड होते हुए जंगल के अंदर से थानों की ओर घूमते हुए पहुंच गए। मार्ग में हाथियों का झुंड देखकर दोनों ने मोटर साइकिल सड़क किनारे खड़ी कर दी और फोटो के साथ वीडियो बनाने लगे। झुंड में दो बच्चों के साथ हथिनी भी शामिल थी। इस बीच वीडियो रिकॉर्डिग बनाते वक्त अचानक हथिनी ने दोनों पर हमला कर दिया। किसी तरह पंकज भंडारी ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई। लेकिन विवेक कुमार को हथिनी ने पकड़ सूंड से पकड़ कर जमीन में पटक-पटककर मार डाला। जंगल से निकलकर गांव की ओर पहुंचे पंकज भंडारी के शोरगुल मचाने पर आसपास के लोग एकत्रित हुए। सूचना मिलते ही जौलीग्रांट पुलिस चौकी इंचार्ज मंजूल रावत व थानों रेंज के डिप्टी रेंजर गगनदीप सिंह टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस व वन विभाग की टीम ने विवेक को हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जौलीग्रांट चौकी इंचार्ज मंजूल रावत ने बताया कि घटना दोपहर एक बजे के आसपास की है। युवकों द्वारा घने जंगलों के बीच हाथियों के झुंड व हथिनी की वीडियों बनाई जा रही थी। तभी उसने झुंड में किसी हाथी ने इन पर हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि सूचना मिलने के बाद मृतक के परिजन भी मौके पर पहुंच गए थे।
हाथी कॉरीडोर में बना रहे थे वीडियो
थानों रेंज अधिकारी डॉ. उदयनंद गौड़ ने बताया कि जिस जगह पर यह दुर्घटना हुई है, यह हाथी कॉरीडोर मार्ग है। यहां पर हाथी विचरण करते रहते हैं। बताया कि इस इलाके में अकसर हथिनी अपने बच्चों के साथ झुंड में घूमती रहती है। उन्होंने कहा कि दोनों युवकों द्वारा जंगल के मार्ग से और अंदर जंगल के बीच जाकर जान जोखिम में डाली गई। उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गई है। हाथी से हुई मौत के मामले में जो भी मुआवजा बनेगा मृतक परिवार को दिया जाएगा। इलाके में हाथी से मौत की यह इस वर्ष की पहली घटना है। घटना से इस इलाके में दहशत का माहौल भी बना हुआ है। वन विभाग द्वारा लोगों को सतर्कता बरतने के निर्देश भी दिए जा रहे हैं।
औली में बर्फ ना पड़ने से अंर्तराष्ट्रीय स्कीइंग चैंपियनशीप रद्द
औली में 16 फरवरी से होने वाली अंतर्राष्ट्रीय स्कीइंग चैम्पियनशिप को निरस्त कर दिया गया है। आयोजन के अनुसार पर्याप्त बर्फ न पड़ने के कारण चैम्पियनशिप को निरस्त किया गया। अब राष्ट्रीय स्तर की स्कीइंग चैम्पियनशिप का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए भी पहले बर्फवारी का इंतजार किया जाएगा।
फैडरेशन ऑफ इंटरनेशनल स्कीइंग की ओर से मिले लाइसेंस पर पहली बार राज्य में अंतर्राष्ट्रीय स्कीइंग चैम्पियनशिप होनी थी। पहले तारीख 16 जनवरी तय की गई थी। बर्फ न पड़ने के कारण आयोजन की तारीख 16 फरवरी तक बढ़ाई गई। 26 जनवरी से पहले बर्फवारी होने पर आयोजन की उम्मीद जगी, लेकिन इसके बाद पड़े सूखे ने उम्मीद को तोड़ दिया। छह फरवरी को विंटर गेम्स फैडरेशन ऑफ इंडिया को आयोजन को लेकर अपनी रिपोर्ट देनी थी। लेकिन दो दिन का इंतजार किया गया। गुरुवार को विंटर गेम्स एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की रिपोर्ट पर फैडरेशन ने आयोजन को निरस्त किए जाने की संस्तुति कर दी। अब औली में राष्ट्रीय स्तर की स्कीइंग चैम्पियनशिप का आयोजन होगा।
लिंक सात घंटे लेट, दून काठगोदाम री-शिड्यूल
देहरादून। इलाहाबाद से आने वाली लिंक एक्सप्रेस घंटो विलंब होने से देहरादून काठगोदाम एक्सप्रेस को री-शिड्यूल किया गया है। जिससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ेगी, जबकि अन्य बाकी गाड़ियां समय से रवना होगी।
स्टेशन अधीक्षक करतार सिंह ने बताया कि इलाहाबाद से चलकर देहरादून आने वाली लिंक एक्सप्रेस अपने तय समय से सात घंटे देरी से पहुंची। जिस कारण देहरादून से काठगोदाम जाने वाली दून काठगोदाम एक्सप्रेस को री-शिड्यूल किया गया है, जो अब देर रात्री 10:55 मिनट के स्थान पर एक बजे रात्री को रवाना होगी। वहीं हावड़ा से चलकर देहरादून आने वाली हावड़ा दून अप 7:35 मिनट से साढ़े तीन घंटे की देरी से पहुंची। जबकि शताब्दी, जनशताब्दी, मसूरी व नंदा देवी एक्सप्रेस सही समय पर दून पहुंची। स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि काठगोदाम को छोड़ा बाकी ग़ाड़ियां समय से दून से रवाना किया जा रहा है।
आॅपरेशन स्माइल के तहत अब 91 बच्चे बरामद
देहरादून। प्रदेश में गुमशुदा बच्चों की तलाश एवं पुनर्वास के लिए एक फरवरी से ऑपरेशन स्माइल अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में जनपद देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल में 05-05 टीम ऊधमसिंहनगर में 04 उत्तरकाशी में 02 व शेष जनपदों में 01-01 तलाशी टीम (प्रत्येक टीम में उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4), व तलाशी टीम की सहायता के लिए 01-01 विधिक व टेक्निकल टीम का गठन किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक ने यह जानकारी दी।
अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया कि मुख्यालय स्तर पर अभियान की नोडल अधिकारी अपर पुलिस अधीक्षक, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल शाहजहां जावेद खान हैं। जिनके द्वारा प्रदेश में चलाये जा रहे इस अभियान का पर्यवेक्षण किया जा रहा है। अभियान ऐसे समस्त सम्भावित स्थान जहां बच्चों के मिलने की सम्भावना अधिक है, जैसे शेल्टर होम्स, ढाबों, कारखानों, बस अड्डा व रेलवे स्टेशन आदि में चलाया जा रहा है। अभियान में अन्य सम्बन्धित विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है। उपरोक्त तलाशी टीमों द्वारा अपने जनपद के साथ-साथ अन्य जनपदों व राज्यों के गुमशुदा बच्चों को भी तलाश किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभियान में एक जनवरी से सात फरवरी तक समस्त टीमों के कठिन परिश्रम, लगन व मेहनत से कुल 91 बच्चों को बरामद किया जा चुका है, जिसमें से 14 पंजीकृत (अन्य राज्य पंजीकृत-03) व 77 अपंजीकृत हैं। बरामद कुल 91 बच्चों में 69 बच्चों को उनके परिजनों के सुपुर्द किया जा चुका है। शेष 22 बच्चों को पुनर्वास के लिए बालगृह दाखिल किया गया है, जिनके परिजनों के संबन्ध में आवश्यक जानकारी की जा रही है। बरामद बच्चों में काफी संख्या में ऐसे बच्चे भी हैं, जो काफी समय से अपने परिजनों से बिछुड़े हुए थे। हरिद्वार ऑपरेशन टीम द्वारा उत्तर-प्रदेश में पंजीकृत 02 गुमशुदा बालक तथा रेलवेज टीम द्वारा हरियाणा में पंजीकृत 01 बालक को बरामद किया गया है।
अभियान में जनपद पौड़ी टीम द्वारा थाना धुमाकोट में पंजीकृत मुअसं 01/18 धारा 365 भादवि की गुमशुदा दिया सुन्दरियाल उम्र 14 वर्ष पुत्री भगवती सुन्दरियाल निवासी डुमलोट बसोली पोस्ट डूंगरी पट्टी गुजडू जनपद पौड़ी गढ़वाल को सकुशल बरामद किया गया। बताया कि बालिका को ऑपरेशन टीम ने रामनगर बस अड्डे से बरामद किया गया। गुमशुदा दिया ने बताया कि स्कूल में बच्चे किसी बात को लेकर उसे चिढ़ाते थे, इसलिए वह स्कूल से चली गयी थी। अपनी गुमशुदा बालिका को पाकर दिया के माता-पिता काफी खुश हुए तथा उनके द्वारा ऑपरेशन स्माइल टीम का धन्यावाद किया गया।
अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया कि ऑपरेशन स्माइल टीम ने 9 फरवरी को थाना हल्द्वानी में पंजीकृत हुए मामले में गुमशुदा पूनम पुत्री होरी लाल निवासी कमलवागांजा हल्द्वानी जिला नैनीताल उम्र 10 वर्ष को उत्तरप्रदेश के बरेली से सकुशल बरामद किया गया। अपनी गुमशुदा बालिका को पाकर पूनम के माता-पिता द्वारा ऑपरेशन स्माइल टीम की काफी प्रशंसा कर धन्यवाद दिया गया।
ऑपरेशन स्माइल टीम चम्पावत ने थाना बनबसा में गुमशुदा रघुवीर राम उम्र 13 वर्ष पुत्र गंगा राम निवासी देवीपुरा मजगांव व विनोद कुमार उम्र 14 वर्ष पुत्र किरन राम निवासी देवीपुरा बनबसा को जनपद हरिद्वार व बनबसा से सकुशल बरामद किया गया। टीम द्वारा उपरोक्त बच्चों की तलाश हेतु सीसीटीवी फुटेज की सहायता, पम्पलेट चस्पा कर बाहरी व सीमावर्ती राज्यों से और रोडवेज से सम्पर्क किया गया तो रोडवेज से जानकारी हुई कि उक्त दोनो बच्चे बस से हरिद्वार गये हैं, जहां दोनो बच्चों को धार्मिक स्थल बस अड्डा होटल व ढाबों, रेलवे स्टेशन में तलाश किया गया, तो ज्योति भोजनालय निकट रेलवे स्टेशन हरिद्वार में रघुवीर राम मिला और उसने बताया कि विनोद आज ही बनबसा की बस में बैठा है, जिसे खटीमा बनबसा बॉर्डर से टीम के अथक प्रयासों द्वारा बरामद किया गया।
हरीश रावत ने ट्रांसपोर्टर की खुदकुशी पर भाजपा सरकार को घेरा
देहरादून। देहरादून में एक और ट्रांसपोर्टर की खुदकुशी पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में भाजपा की डबल इंजन सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि व्यापारी और किसान एक के बाद एक आत्महत्या कर रहे हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरी बैठी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार राज्य को साम्प्रदायिकता की प्रयोगशाला न बनाए।
भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए रावत ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों का नतीजा यह है कि विवश होकर ट्रांसपोर्टर ने खुदकुशी जैसा कदम उठाया। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार को ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे और बलवंत भट्ट की आत्महत्या से सबक लेना चाहिए। पहले प्रकाश पांडे और अब बलवंत भट्ट आर्थिक तंगी से जूझते ट्रांसपोर्टर मौत को गले लगा रहे हैं। पूर्व सीएम ने त्रिवेंद्र सरकार और मोदी सरकार को उनकी नीतियों जनविरोधी बताते हुए कहा कि अगर सरकार सही काम करती तो देहरादून के ट्रांसपोर्टर बलवंत भट्ट की आत्महत्या नहीं करते। उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदार राज्य सरकार की नीतियां और वह खुद हैं।
रावत ने कहा कि प्रदेश का हाल बुरा है लेकिन यह गो संरक्षण के नाम पर साम्प्रदायिकता का रंग देने की कोशिश में है। सरकार को गौ से प्रेम है तो प्रदेश में अनुसंधान चिकित्सालय प्रयोगशाल क्यों नहीं खोल रही है। मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए आम बजट को भी हरीश रावत ने झुनझुना करार देते हुए कहा कि इस बजट में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को कुछ नहीं दिया है। केंद्र सरकार ने ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन तक के लिए कोई बजट नहीं दिया है, जिससे रेल लाइन अधर में लटकने की संभावना है।
रावत ने कहा कि मोदी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार की बात करते हैं लेकिन मनरेगा के बजट में सरकार ने कोई बढ़ोत्तरी नहीं की, साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में भी बजट को नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने बजट को आधारहीन बताया। स्वच्छता का जगह-जगह प्रचार करने वाली इस सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान का बजट भी नहीं बढ़ाया। हरीश रावत ने भाजपा अध्यक्ष के गरीबों के घर खाना खाने पर कहा कि वब एक नहीं सौ गरीबों के जाकर खाना खाएंगे और इसकी शुरुआत हरिद्वार से की है। भाजपा सरकार के जनविरोधी कार्यों के खिलाफ विपक्ष पूरी एकजुटता से कार्य करेगा।