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उत्तराखंड में पहाड़ों से उतरकर मैदानों तक आवाज का जादू बिखेरती

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देहरादून, नमस्कार, आदाब और सत-श्री-अकाल! “मैं हूं आपकी दोस्त, आपकी खोज, चुलबुली सी नूपुर कर्णवाल और आप हैं मेरे साथ रेडियो-खुशी में!”  कुछ इसी अंदाज में अपनी खनकती आवाज का जादू बिखेर रही नूपुर की आवाज पहाड़ों से उतर कर मैदानों तक अपने लिसनर को रेडियो तक खींच के लाती है।

उत्तराखंड में कहीं खो गए रेडियो को एक बार फिर लोकप्रिय बनाने का काम मसूरी की नूपुर ने शुरू किया। शुरुआत में FM रेनबो के जरिए अपनी आवाज को श्रोताओ तक पहुंचाया, उसके बाद रेडियो खुशी के जरिए अपनी एक अलग पहचान बनाई नूपुर ने। इस कामयाबी में उनके हमसफ़र अर्जुन का साथ एक मजबूत पिलर की तरह काम करता रहा। देहरादून मे कम्युनिटी रेडियो खुशी की शुरुआत कर नूपुर ने अपना एक नया मुकाम बनाया है।

आज विश्व रेडियो दिवस है,13 फरवरी 1946 को यूनेस्को में स्थापित रेडियो से प्रसारण प्रारंभ हुआ था। शिक्षा के प्रसार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सार्वजनिक बहस में रेडियो की भूमिका को रेखांकित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को ने पहली बार, 13 फरवरी, 2012 को पहली बार विश्व रेडियो दिवस के रूप में मनाया। तभी से हर साल इसी दिन विश्व रेडियो दिवस के रूप में मनाया जाता है।

विश्व की 95 प्रतिशत जनसंख्या तक रेडियो की पहुंच है और यह दूर-दराज के समुदायों और छोटे समूहों तक कम लागत पर पहुंचने वाला संचार का सबसे सुगम साधन है। बात भारत की करें तो वर्तमान में आकाशवाणी के करीब 223 केंद्र है इसके अलावा कई विश्वविद्यालयों और निजी कम्पनियों के रेडियो केंद्र हैं।

हमारे आसपास हल्द्वानी में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय और पंतनगर सामुदायिक रेडियो केंद्र चल रहे हैं। यूओयू का सामुदायिक रेडियो हैलो हल्द्वानी बदलते शहर की धड़कन के रूप में सामने आया है, वहीं पंतनगर जनवाणी सामुदायिक रेडियो ने किसानों की समस्याओं को आवाज देने का काम किया है। और ऐसे में रेडियो आज भी लोकप्रियता हासिल करता जा रहा है

महिला नशा तस्कर चरस के साथ गिरफ्तार

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देहरादून, जनपद में नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के अन्तर्गत थाना सहसपुर पुलिस ने संदिग्ध व्यक्तियों/वाहनों आदि का चेकिंग अभियान चलाया गया जिसके फलस्वरूप एक अभियुकता गुलशाना को अवैध चरस के साथ घमोलो रोड के पास से धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की गई।

अभियुकता से गहनता से पूछताछ की गई तो बताया कि, “औपचारिक रूप से इनके पति ने इनको तलाक दे दिया है, जिस कारण पैसो की तंगी के कारण पैसो के लालच में नशा बेचकर पैसा कमाने लगी।

पुछताछ में बताया कि वह सहारनपुर, मिर्जापुर आदि से सस्ते दाम पर चरस लाकर सहसपुर अौर आसपास में पढ़ने वाले स्टूडेंट आदि को मोटे दाम में बेचती थी। गुलशाना के पास से एक किलो सौ ग्राम चरस जिसकी कीमत करीब ₹ 1 लाख 10 हजार है पाई गई।

आज अभियुक्त को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।।

मिसाल: मायानगरी से अभिनय के गुर पहाड़ों तक लाता है ये उत्तराखंडी कलाकार

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32 साल के विरेंद्र पुंडियाल आज कला और रंगमंच के क्षेत्र का जाना माना नाम है। विरेंद्र की जड़ें अल्मोड़ा के सल्ट इलाके से हैं और अब ये इलाका वीरेंद्र की कर्मभूमि भी बन गया है।बचपन से ही वीरेंद्र थियेटर,नृत्य,कला से जुड़े रहे हैं। आज भी अपने सफर को याद करते हुए बताते हैं कि कैसे स्कूल में उनकी टीचरें सभी कार्यक्रमों में उनसे परफॉर्म करने को कहतीं थी और वो खुशी- खुशी इन सभी में हिस्सा लेते थे।

दिल्ली में स्कूल की पढ़ाई करने के बाद वीरेंद्र ने आर्मी में भर्ती की इच्छा के चलते बारहवीं की परीक्षा सल्ट से ही दी। स्कूल खत्म करने के बाद वीरेंद्रे ने दिल्ली से ग्रेजुएशन किया अौर प्राइवेट कंपनियों में काम किया लेकिन अपने रंगमंच के शौक को बरकरार रखने के लिये साथ-साथ पहाड़ी थियेटर ग्रुपस के साथ देश के अलग अलग कोनों में परफॉर्म करना भी जारी रखा।

वो बताते हैं कि, “2006 में मेरठ में मैने रामलीला में हिस्सा लिया और फिर वहां थियेटर के लोगों के साथ जुड़ा, तब तक मुझे थियेटर के बारे में ज्यादा नहीं पता था। इसके बाद 2007 में मैनें पार्ट टाइम थियेटर शुरू किया और 2010 में नौकरी छोड़ कर फुल-टाइम थियेटर से जुड़ गया।”

24 साल की कम उम्र में नौकरी छोड़ना जैसा फैसला लेना वीरेंद्र के लिये आसान नहीं था। लेकिन जहां हुनर और लगन होता है वहां हार कभी नहीं होती और इसकी मिसाल है वीरेंद्र। 2012 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के सिक्किम सेंटर में वीरेंद्र को दाखिला मिला और 2013 में पास आउट होने के बाद वीरेंद्र के पास काम की कोई कमी नही रही।

वीरेंद्र ने स्टार प्लस के सीरियल जैसे कि एक घर बनाऊंगा, एक हसीना थी, सावधान इंडिया में भी अपनी कला और निर्देशन का जौहर दिखाये हैं।

लेकिन मायानगरी में इस कामयाबी से वीरेंद्र को शांति नहीं मिली। वो हर साल गांव जाते थे और अपने पुराने दोस्तों से मिलते थे जो उनकी कामयाबी को देखकर खासे खुश होते हैं। दोस्तों ने वीरेंद्र को गांव आकर अपने गांव और आसपास के बच्चों को कला और अदाकारी के गुर सिखाने की बात कही। बस फिर क्या था मानो वीरेंद्र को अपनी मंज़िल की तरफ जाती सीढ़ी मिल गई।

2015 में इसी सोच के साथ अल्मोड़ा में रंगमठ थियेटर ग्रुप की शुरुआत हुई। शुरु में इस थियेटर ग्रुप से 10-15 बच्चे जुड़े और हाल ही में वीरेंद्र ने 30 दिन की वर्कशॉप रामनगर में की जिसमे 20 बच्चों ने हिस्सा लिया।

narendra pundiyal

वीरेंद्र बताते हैं कि, “टीम बनाने में कठनाई होती है। स्कूल के बच्चे आते हैं पर स्कूल खत्म होने के बाद ये बच्चे अलग-अलग जगह चले जाते हैं और फिर से नई टीम बनानी पड़ती है। बच्चों और अभिभावकों की सोच है कि कोर्स करते करते उन्हे फिल्म या टीवी में रोल या नौकरी मिल जाये।” वीरेंद्र इसी सोच को बदलने में लगे हुए हैं। वो चाहते हैं कि छात्र इस बात को समझे कि इस क्षेत्र में भी कड़ी मेहनत औऱ अभ्यास उतना ही ज़रूरी है जितना किसी और क्षेत्र में।

इस साल अप्रैल में वो अल्मोड़ा के दूरदराज़ के इलाकों में एक वर्कशॉप करना चाहते हैं ताकि वहां के बच्चों को भी अपनी कला तराशने का मौका मिल सके। वीरेंद्र अपने सफर को याद करते हुए कहते हैं कि, “मेरे दोस्तों में भी टैलेंट था लेकिन दिशा देने वाला कोई नहीं मिला इसलिये सबके मन में थियेटर है पर वो सरकारी नौकरी कर रहे हैं। मुझे मौका और दिशा दोनों मिली इसलिये मैं आज इस मुकाम पर हूं कि देश को और कई वीरेंद्र दे सकता हूं।”

न्यूजपोस्ट की टीम वीरेंद्र के इस सफर और पहाड़ों में छुपे टैलेंट को तराशने की कोशिश को सलाम करता है। हम उम्मीद करते हैं कि वीरेंद्र की कोशिश रंग लायेगी और फिल्म, थियेटर और टीवी की दुनिया को ज्यादा से ज्यादा पहाड़ का टैलेंट देखने को मिलेगा।

शनि की बहन को फिल्मों में काम करने का शौक नहीं

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बांदा,  कलर्स चैनल में आ रहे कर्मफल दाता शनि सीरियल में यमी (शनि की बहन) का रोल निभा रही काजोल श्रीवास्तव को फिल्मों में काम करने का शौक नहीं है। उन्हें दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम करने का आॅफर मिल रहा है, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया है।

बुन्देलखण्ड की बेटी काजोल श्रीवास्तव ने यह बात टीम इनोवेशन कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही, वह यहां अपने ननिहाल अर्दली बाजार में सौरभ श्रीवास्तव जीतू के यहां आई थी। उन्होंने कहा कि मेरा पूरा बचपन बांदा में बीता है। आज जब 12 साल बाद लौटी हूं, तो सारे वह स्थान चलचित्र की तरह घूमने लगे जहां मैने पानी पूरी, कुल्फी खाई है।

काजोल बताती हैं कि, “इस समय मैं कलर्स पर आ रहे ‘कर्मफल दाता शनि’ सीरियल में काम कर रही हूं। इसके अलावा कलर्स के ही अशोका सीरियल में लीड रोल मिलने से पहचान मिली। इसी तरह स्टार प्लस में आने वाले सीरियल ‘एक घर बनाऊंगा’ में मुझे अच्छी शोहरत मिली है। ‘ससुराल सीमर का’ में मैंने वैदेही का रोल किया है।”

बुन्देलखण्ड के पन्ना (म.प्र) के सुनील श्रीवास्तव की बेटी काजोल श्रीवास्तव का ननिहाल अर्दलीबाजार में पत्रकार अवधेश कुमार निगम के घर पर है। एक प्रश्न के जबाव मे उन्होेंने कहा कि वह धारावाहिकों में काम करके खुश है। फिल्मों में काम करने का शौक नहीं है। हालांकि साउथ की फिल्मों में काम करने का आॅफर मिला है लेकिन मैने मना कर दिया है।

उन्होंने इन ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए अपनी मां को पूरा श्रेय दिया तथा अपना प्रेरणास्त्रोत अमिताभ बच्चन को बताते हुए अभिनय के क्षेत्र में उनकी तरह ख्याति प्राप्त करने का लक्ष्य बताया।

‘सुई धागा’ की शूटिंग के लिए चंदेरी पहुंचीं अनुष्‍का

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चंदेरी, फिल्‍म अभिनेत्री अनुष्‍का शर्मा और अभिनेता वरुण धवन आगामी फिल्म ‘सुई धागा– मेड इन इंडिया’ की शूटिंग के सिलसिले में चंदेरी पहुंचे।

शरत कटारिया द्वारा निर्देशित ‘सुई धागा – मेड इन इंडिया’ फिल्‍म की शूटिंग के लिए अभिनेत्री अनुष्‍का शर्मा और अभिनेता वरुण धवन शनिवार को अपनी टीम के साथ साड़ियों के लिए प्रसिद्ध स्‍थान चंदेरी पहुंचे, लेकिन सेट तैयार नहीं होने से शूटिंग नहीं हो सकी। अब यह शूटिंग 14 फरवरी से शुरू होगी। तब तक वे यहां चंदेरी में ही रहेंगे, हालांकि दोनों ने यहां पर स्‍थानीय लोगों के साथ जमकर पतंगबाजी का मचा लिया।

ज्ञातव्य है कि फिल्‍म ‘सुई धागा– मेड इन इंडिया’ आत्मनिर्भरता की कहानी है। इसमें अनुष्का शर्मा भी प्रमुख भूमिका में हैं। यह यश राज फिल्म्स (वाईआरएफ) के बैनर तले निर्मित हो रही है। 

रुठे हुए कुंवर चैम्पियन को जल्द मना लेंगे: सीएम त्रिवेन्द्र

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हरिद्वार। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर हरिद्वार पहुंचे, जहां उन्होंने हरिहर आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी अवधेशानंद गिरि से मुलाकात की। वहीं, कुंवर चैंपियन की नाराजगी से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें मना लिया जाएगा। गौरतलब हो कि इन दिनों खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन त्रिवेंद्र सरकार से काफी नाराज चल रहे हैं। उन्होंने इसका खुलेआम जिक्र भी किया है। इसके साथ ही वह 13 फरवरी को अमित शाह और पीएम मोदी से मिलने दिल्ली पहुंच रहे हैं।

धर्मनगरी में संतों के सानिध्य में पहुंचे सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि उन्हें संतों का आशीर्वाद हमेशा से मिलता रहा है। साल 2021 में होने वाले कुंभ के लिए संतों का आशीर्वाद बेहद जरूरी है और यही आशीर्वाद लेने वह हरिद्वार आए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि महाकुंभ को बेहतरीन तरीके से संपन्न कराया जाएगा। वहीं खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की नाराजगी पर पूछे गए सवाल पर सीएम ने कहा कि कुंवर प्रणव को मना लिया जाएगा। हालांकि चैंपियन के तेवरों को देखकर लगता नहीं कि वह आसानी से मानने वाले हैं।
गौरतलब हो कि चैंपियन हरिद्वार जिला पंचायत के सरकारी अधिकारी का स्थानांतरण करने से नाराज हैं। कुंवर का कहना है कि उन्होंने मई 2017 में ही प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री धन सिंह रावत को विभाग के सयुंक्त निदेशक को हटाने की बात कही थी लेकिन उस भ्रष्ट अधिकारी को आज तक नहीं हटाया गया। सीएम त्रिवेंद्र रावत से भी इसकी मांग की गई लेकिन उनकी ओर से भी कोई कदम नहीं उठाया गया लेकिन अब मामूली से जिला पंचायत के सदस्यों की शिकायत पर हरिद्वार के जिला पंचायत अधिकारी का तबादला कर दिया गया है।

गंगा क्याक फेस्टिवल-2018 में सात देशों के खिलाड़ी लेंगे हिस्सा

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ऋषिकेश। ‘दी एडवेंचर स्पोर्ट्स सोसायटी’ द्वारा गंगा क्याक फेस्टिवल 2018 का तीन दिवसीय शुभारंभ देव प्रयाग में 17 फरवरी को किया जाएगा, जिसमें विश्व के सात देशों के 85 खिलाड़ी भाग लेंगे। यह जानकारी फेस्टिवल के आयोजक अध्यक्ष भीम सिंह चौहान ने सोमवार को ऋषिकेश प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी।
भीम सिंह चौहान ने बताया कि 17 फरवरी को गंगा क्याक फेस्टिवल का शुभारंभ क्षेत्रिय विधायक विनोद कंडारी और देवप्रयाग नगर पालिका की अध्यक्ष शुभांगी द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 17 फरवरी को ही रजिस्ट्रेशन के साथ इवेंट का शुभारंभ देवप्रयाग संगम से होगा। उन्होंने बताया कि मुख्य इवेंट का आयोजन 18 फरवरी को किया जाएगा, जिसके अंतर्गत वोट ऑफ क्रॉस स्प्रिट ड्रेस भी होगी। कार्यक्रम का समापन राज्य के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा किया जाएगा। इसमें प्रथम आने वाले खिलाड़ी को 50,000 का इनाम दिया जाएगा, सेकंड प्रतिभागी को 30,000 दिए जाएंगे।
इस प्रतियोगिता में सात देशों से प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, जिसमें कनाडा रसिया, नेपाल, आइसलैंड, नार्वे, ऑस्ट्रेलिया के अतिरिक्त भारत से भी काफी संख्या में खिलाड़ी भाग लेंगे पत्रकार वार्ता में भीम सिंह चौहान एसोसिएशन के सचिव हरेंद्र सिंह रावत विशाल सिंह भंडारी भी उपस्थित रहे।

‘पैडमैन’ की शानदार ओपनिंग, पहले दिन कमाए 10.26 करोड़

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मुम्बई/नई दिल्ली,  बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार की शुक्रवार को रिलीज हुई ‘पैडमैन’ ने शानदार कमाई के साथ पहले दिन की शुरुआत की है। फिल्म ने पहले दिन लगभग 10.26 करोड़ की कमाई की है। पैडमैन’ की ओपनिंग अक्षय की ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ के जैसे ही हुई है। कम बजट में बनी इस फिल्म के 100 करोड़ क्लब में होने की उम्मीद जताई जा रही है। फिल्म को भारत में 2750 सिनेमा परदे और ओवरसीज में 600 सिनेमा परदे सहित कुल 3350 सिनेमा के परदे पर रिलीज किया गया है।

सामाजिक समस्या को लेकर बनी इस फिल्म की कहानी लोगों को काफी पसंद आ रही है। क्रिटिक्स से भी फिल्म को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। फिल्म के कलेक्शन में शनिवार और रविवार के दिन बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। अक्षय की यह फिल्म पहले गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी को रिलीज होने वाली थी लेकिन ‘पद्मावत’ की रिलीज डेट टकराने औऱ संजय लीला भंसाली के कहने पर फिल्म की रिलीज डेट आगे बढ़ी दी गई। ऐसे में यह फिल्म 09 फरवरी को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई।

‘पैडमैन’ की कहानी एक ऐसे शख्स (मुरुगनाथम) की कहानी है, जो महिलाओं को माहवारी के दौरान हाइजीन से जुड़ी दिक्कत को हल करना अपना मिशन बना लेता है। फिल्म में अक्षय कुमार ने मुरुगनाथम के किरदार को बखूबी निभाया है। दर्शक उनकी एक्टिंग को काफी पसंद कर रहे हैं। फिल्म को देखने के लिए दर्शकों की भीड़ भी बढ़ती नजर आ रही है। अक्षय कुमार पिछले कुछ समय से सोशल मुद्दे पर आधारित फिल्मों में काम कर रहे हैं। इससे पहले उनकी फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ को भी काफी सराहना मिली थी। 

सेंट्रल किचन के होंगे बहुत सारे फायदेः सीएम

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देहरादून। स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिए केंद्रीयकृत किचन से बच्चों और उनके परिवारों पर बहुआयामी प्रभाव पड़ेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिहं रावत ने सुद्धोवाला में सेंट्रल किचन के लिए भूमि पूजन के मौके पर कहा कि अक्षय पात्र संस्था की यह बहुत अच्छी पहल है।
सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सुद्धोवाला, देहरादून में द हंस फाउंडेशन एवं अक्षय पात्र फाउंडेशन के समन्वय से मध्याह्न भोजन योजना के तहत केन्द्रीकृत किचन प्रणाली के भवन के लिए भूमि पूजन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्षय पात्र संस्था की यह बहुत अच्छी योजना है। बच्चों एवं उनके परिवारों पर इस योजना के बहुआयामी प्रभाव पड़ेगें। यदि बच्चों को पौष्टिक, स्वच्छ एवं आहार मिलेगा तो उनके स्वास्थ्य पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सहयोग देने पर माता मंगला एवं हंस फाउण्डेशन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज इस केन्द्रीकृत किचन की सुद्धोवाला से भूमि पूजन से शुरूआत की जा रही है। 04 यूनिट से इसका प्रारम्भ किया जा रहा है। माता मंगला जी ने इसके लिए 44 करोड़ रुपये दान दिया है। उन्होंने कहा कि इस योजना को आगे भी आवश्यकतानुसार बढ़ाया जाएगा। इस योजना को आगे बढ़ाने में राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि अक्षय पात्र संस्था निःस्वार्थ भाव से इस योजना पर कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं को मध्याह्न भोजन भी वितरित किया।
अक्षय पात्र योजना से प्रदेश के सात स्थानों सुद्धोवाला, डोईवाला, हरिद्वार, रुड़की, काशीपुर, गदरपुर, सितारगंज के कुल 3729 विद्यालयों के 03.58 लाख छात्र-छात्राओं को मध्याह्न भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सुद्धोवाला के 461 स्कूलों से अक्षय पात्र योजना प्रारम्भ की जा रही है, इससे लगभग 26 हजार विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत केंद्रीयकृत किचन प्रणाली को लागू किया जा रहा है, जिसमें अक्षय पात्र फाउण्डेशन द्वारा केन्द्रीयकृत किचन के माध्यम से मध्याह्न भोजन योजना संचालित की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अक्षय पात्र फाउण्डेशन को दो से ढ़ाई एकड़ भूमि उपलब्ध कराई जा रही है। द हंस फाउण्डेशन द्वारा केन्द्रीयकृत किचन निर्माण कार्य में वित्तीय सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
हंस फाउण्डेशन की संस्थापक माता मंगला ने कहा कि अक्षय पात्र की इस मध्याहन भोजन योजना में बच्चों को स्वच्छ एवं पौष्टिक आहार 40 मिनट के अन्दर स्कूलों में पहुंचाया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की भूमि पर इस योजना के शुरू होने के बाद स्कूली छात्रों को उच्च गुणवत्ता का आहार प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि अभी उत्तराखण्ड के 07 स्थानों पर इस केन्द्रीकृत किचन की योजना है। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डे, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, सांसद श्रीमती माला राज्य लक्ष्मी शाह, विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर, मुन्ना सिंह चौहान, गणेश जोशी, हंस फाउण्डेशन के संस्थापक भोले जी महाराज, पूर्व सांसद बलराज पासी, शिक्षा सचिव डॉ. भूपेन्द्र कौर औलख, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, अक्षय पात्र फाउण्डेशन के उपाध्यक्ष चंचला पति दास आदि उपस्थित थे।

उत्तराखंड में निवेश करेंगी ब्रिटिश कंपनियां

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देहरादून। 27 फरवरी को यूनाइटेड किंगडम (यूके) के लगभग 10 कम्पनियों के प्रतिनिधि उत्तराखण्ड आएंगे। चिकित्सा, कौशल विकास, स्मार्ट सिटी आदि क्षेत्रों से जुड़ी हुई कम्पनियां उत्तराखण्ड में पूंजी निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की संभावना तलाश करेंगी।

इस सिलसिले में यूके के डिप्टी हाई कमिशनर एंड्रयू आयर ने सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात की। संयुक्त गणराज्य के उच्चायुक्त ने मुख्य सचिव को बताया कि यूके उत्तराखण्ड का विभिन्न क्षेत्र में सहयोग करना चाहता है। इस बारे में उद्योगपतियों और विशेषज्ञों का एक प्रतिनिधिमण्डल उत्तराखण्ड के सम्बंधित अधिकारियों के साथ विचार विमर्श करना चाहता है। तय किया गया कि 27 फरवरी को प्रतिनिधिमण्डल देहरादून में अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करेगा। मुलाकात के दौरान सचिव सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य  नीतेश झा, सचिव कौशल विकास डॉ.पंकज कुमार पाण्डेय, ब्रिटिश हाई कमीशन के सीनीयर सेक्टर मैनेजर दीपांकर चक्रवर्ती, जावेद मल्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।