ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में विगत दो माह से रह रहीं लद्दाख की बौद्ध धर्म की अनुयायी युवा भिक्षुणियों एवं लामा ने रविवार को यहां से जाने की अनुमति ली।इससे पहले स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज एवं साध्वी भगवती सरस्वती के सान्निध्य में मां गंगा की दिव्य आरती में सहभाग किया।
युवा बौद्ध भिक्षुणियों ने अश्रूपूरित नेत्रों के साथ परमार्थ से विदाई ली। इन बौद्ध भिक्षुणियों ने विश्व में शान्ति की प्रतिष्ठा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। उन्होंने दो माह तक परमार्थ निकेतन में गीता, भारतीय आध्यात्म एवं जीवन मूल्यों के विषय में मार्गदर्शन प्राप्त किया। साथ ही उन्होंने परमार्थ निकेतन द्वारा संचालित विश्व शौचालय काॅलेज में जल संरक्षण एवं प्रबंधन, कचरा प्रबंधन एवं स्वच्छता का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। यह दल अब लद्दाख जाकर स्थानीय लोगों, लामा और अन्य बौद्धों को भी प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें परमार्थ में रहने का अवसर प्राप्त हुआ यह हमारे लिए प्रसन्नता का विषय है। यहां पर हमें स्वर्ग सी अनुभूति हुई। यहां पर बिताया समय और प्राप्त हुआ आनंद अविस्मरणीय है।
स्वामी चिदान्द ने जानकारी दी कि लद्दाख और परमार्थ निकेतन स्वच्छता, शिक्षा, योग, ध्यान एवं शान्ति के लिये मिलकर कार्य करेंगे। बौद्ध और सनातन संस्कृतियों के मिलन से और दो संस्कृतियों के आदान-प्रदान से युवा पीढ़ी में सहयोग, प्रेम, शान्ति एवं समरसता के गुणों का भी उद्भव होगा। अप्रैल में स्वामी जी महाराज और गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन की टीम लद्दाख जाकर हजारों की संख्या में फलदार पौधे यथा सेव, खुबानी, सीबकथोर्न एवं अन्य फलदार पौधों का रोपण करेंगे।
स्वामी ने कहा कि कोई हिमालय की चोटी पर निवास करता हो या विश्व के किसी भी कोने में, सच तो यही है कि प्रेम, सद्भावना और सद्भाव का प्रवाह सब के दिलों में बहता है। इसीलिए ऋषियों ने कहा है- वसुधैव कुटुम्बकम; अर्थात विश्व एक परिवार है। अपने विदेश प्रवास से लौटी साध्वी भगवती सरस्वती के साथ सत्संग का लाभ भी बौद्ध भिक्षुणियों ने लिया। साध्वी जी को अपने बीच पाकर विश्व के अनेक देशों से आये सैलानियों में अपनी जिज्ञासा के समाधान हेतु अत्यधिक उत्सुकता दिखायी दी।
बौद्ध भिक्षुणियों और लामा ने विदाई के अवसर पर स्वामी जी महाराज एवं साध्वी जी के सान्निध्य में मां गंगा तट पर वृक्षारोपण, जल संरक्षण एवं कचरा प्रबंधन का संकल्प लिया। सोनम तुमदोन के मार्गदर्शन में परमार्थ निकेतन आईं बौद्ध भिक्षुणियों में थिनले एंजो, सुशीला, सुचरिता, उपेक्षा, संघमित्रा, सुमंगला, सु पद्मा, गोतमी, पवित्रा, सु धम्मा, चन्दाश्री, सुकम्मा शामिल थीं। उन्होंने विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति होती रहे इस भावना से स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, साध्वी भगवती सरस्वती जी एवं सुश्री नन्दिनी त्रिपाठी जी के साथ विश्व ग्लोब (वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी) का जलाभिषेक किया।
बौद्ध भिक्षुणियों ने परमार्थ निकेतन से ली विदाई
डोईवाला क्षेत्र में गड्ढे में गिरी कार, चालक की मौत
देहरादून। थाना डोईवाला क्षेत्र में रविवार तड़के जैन गौशाला कुआंवाला के सामने एक कार अनियंत्रित होकर निर्माणाधीन पुल के नीचे गड्ढे में जा गिरी। हादसे में चालक की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना पर चौकी हर्रावाला और कोतवाली डोईवाला की संयुक्त टीम ने सरकारी क्रेन और इस्पात निगम कुआंवाला की क्रेन की मदद से कार (यूके 07 टीए 8192)को बाहर निकाला। ड्राइवर की शिनाख्त 139 गुरुद्वारा रोड प्रेमनगर थाना डोईवाला निवासी प्रदीप कुमार (33) पुत्र जोगराज के रूप में हुई है। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए कोरोनेशन हॉस्पिटल देहरादून भेजा गया है।
मुख्यमंत्री मिले अग्नि कांड के पीड़ितों से, मदद का बढ़ाया हाथ
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को उत्तराकशी में अग्निकाण्ड से प्रभावित ग्राम सावणी के पीडितों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को गृह अनुदान एवं अनुग्रह राशि के साथ ही पशुहानि के कुल रूपये 58 लाख 29 हजार 200 के चैक भी वितरित किये। जिसमें
- 40 पूर्ण क्षतिग्रस्त भवनों के लिये रूपये 40 लाख 76 हजार,
- आंशिक 06 क्षतिग्रस्त भवनों के लिये रूपये 03 लाख 20 हजार,
- 55 बडे पशुओं गाय, बैल, खच्चर के लिये रूपये 14 लाख 50 हजार तथा
- 40 छोटे पशुओं के लिये रूपये 01 लाख 20 हजार की धनराशि सम्मिलित है।
- इसके अलावा 47 पीडित परिवारों को प्रदेश भाजपा की ओर से भी 10-10 हजार रूपये की आर्थिक दी जायेगी।
सीएम ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि इस क्षेत्र में आग न लगने के स्थायी समाधान ढूंढे जाए तथा इसके लिये एक टीम बनाकर इसका अध्ययन किया जाए। जिससे की इस समस्या का समाधान हो सके। साथ ही सीएम ने कहा कि अगले 4 सालों मे ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी जिससे कि जनहानि व पशुहानि से बचा जा सकेगा। इसकी शुरूआत उन गांवों से की जायेगी जो गांव अभी तक सड़क से नही जुडे है।
मोरी को ड़ोड़राक्वार(हिमाचल प्रदेश) तक सडक मार्ग से जोडा जायेगा। यह लगाभ 12 किमी की सड़क है। क्षेत्र की सड़को के लिये लगभग 05 करोड रूपये स्वीकृत कर दिये गये है।
प्रभावित परिवारों को गंगोत्री विधायक श्री गोपाल सिह रावत ने 100 रजाई देने, यमुनोत्री विधायक श्री केदार सिंह रावत ने प्रभावित परिवारों को राशन देने एवं विधायक श्री राजकुमार ने विधायक निधि से 10 लाख रूपये देने की बात कही। जबकि सांसद महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह ने केन्द्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इसके अलावा जिला प्रशासन, सतलुज, रेडक्राॅस, शान्तिकुंज, हरिद्वार एवं अन्य संस्थाओं के द्वारा दैनिक उपयोग की वस्तुओं सहित बिस्तर, कम्बल, राशन, बर्तन आदि वितरित किये गये। द हंस फाउंडेशन ने भी पीडितों की मदद के लिये हाथ बढ़ाये है।
पहाड़ी खाने का स्वाद लोगों तक पहुंचा रहा है ये ”पहाड़ी ऑर्गेनिक रेस्टोरेंट”
उत्तराखंड को घीरे घीरे ऑर्गेनिक खेती का हब बनता जा रहा है। 2017 से अल्मोड़ा जिले में स्थित टोटाम जगह पर ‘दि पहाड़ी ऑर्गेनिक रेस्टोरंट और मोटल‘ चल रहा है।खास बात यह है कि रामनगर से केवल 40 किलोमीटर की दूरी पर है, इस रेस्टोरेंट मे परोसा जाने वाला खाना केवल आर्गेनिक उत्तराखंडी फसल से बनाया जाता है जिसकी खेती भी इसी मोटल के पीछे खेतों मे की जाती है।इसके अलावा आर्गेनिक पहाड़ी की अपनी डेयरी भी है, होटल में कुल 9 कमरे है जो लकड़ी के बनाए हुए है और इनकी दीवारो, बालकनी, दरवाज़ो पर की गई नक्काशी उत्तराखंड के आर्ट और कल्चर को दर्शाती है।
पहाड़ी ऑर्गेनिक रेस्टोरेंट के बारे मे बात करते हुए सुमांन्था घोश ने बताया कि, “इस आर्गेनिक होमस्टे की वजह से आसपास के लोगो को रोजगार तो मिल ही रहा है साथ ही क्षेत्रीय लोगों को आर्गेनिक खेती के बारे मे भी जागरुक किया जाता है।” समान्था कहते है कि, “दि पहाड़ी आर्गेनिक के माध्यम से हम उत्तराखंड की परंपरा और यहां की संस्कृति हम दुनियाभर में पहुंचाना चाहते हैं।”
अगर आप उत्तराखंड के और करीब जाना चाहते है तो पहाड़ी ऑर्गेनिक रेस्टोरेंट पहुंचने पर आपका स्वागत उत्तराखंड के मशहूर छोलिया नृत्य से किया जाएगा, उसके बाद मेहमानों को आर्गेनिक खेती के बार में जानकारी देने के लिए उन्हे खुद खेतों में ले जाकर बताया जाता है कि किस तरह खेती रोज़गार का साधन बन सकती है। रात को खाने के साथ बोनफायर और एडवेंचर का शौक रखने वालों के लिए हर तरह के एडवेंचर का इंतजाम भी पहाडी आर्गेनिक कराता है।
सुमांन्था से यह पूछने पर कि उत्तराखंड को ही पहाड़ी ऑर्गेनिक रेस्टोरंट के लिए क्यों चुना? इसपर उनका जवाब था कि, “हम सब उत्तराखंड के है और यहा के आर्ट-क्राफ्ट से बहुत ही प्रभावित है।आर्गेनिक होमस्टे के माध्यम से हम लोगो को अपनी संस्कृति और परंपरा के बारे में बताना चाहते है, खासकर यहां के क्यूज़िन के बारे मे लोगो को बताना हमारा मुख्य उद्देश्य है।” सुमांन्था कहते है की, “उत्तराखंड के क्यूज़िन को कम सफलता मिलती है वजह चाहे जो हो और हम उसी टैग को हटाने के लिए यहां के क्यूजिन को प्रमोट कर रहे है।”
गौरतलब है कि अब तक हजारो ट्रैवलर का ठिकान बन चुका दी पहाड़ी ऑर्गेनिक अब अपने मेहमानों के लिए और भी नए आयाम लेकर आ रहा है, और यहां आने वाले मेहमान केवल उत्तराखंड से नही बल्कि दिल्ली, एनसीआर, महाराष्ट्र, वेस्ट बंगाल, हरियाणा, गुजरात आदि जगहों से है।
तो अगर आप भी खाने के शौकीन है और कुमाऊं की तरफ जा रहे है तो अल्मोड़ा ज़िले के दि पहाड़ी रेस्टोरंट और मोटल में जाना ना भूले क्या पता आपको भी पहाड़ के कुछ नए क्यूज़िन खाने का मौका मिल जाए।
डीजीपी से मिला यूकेडी प्रतिनिधिमंडल
देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी से मुलाकात कर राज्य की कानून व्यवस्था तथा महानगर की यातायात व्यवस्था के बारे में चर्चा की। शनिवार दोपहर दल के संरक्षक बीडी रतूड़ी तथा महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल में शामिल केंद्रीय महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय, वरिष्ठ नेता लताफत हुसैन ,दिनेश बडोला ,शांति प्रसाद भट्ट ,ब्रह्मानंद डालाकोटी, किशोरी नंदन डोभाल तथा गौरव उनियाल आदि पुलिस मुख्यालय स्थित पुलिस महानिदेशक के कार्यालय में पहुंचे थे।
प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में राजपुर थाना क्षेत्र के सिंनौला गांव में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की डकैती का पर्दाफाश करने समेत कई प्रशंसनीय कार्यों की सराहना की तथा राज्य में पुलिस के कार्य पर संतोष जताते हुए भविष्य में जनता की सुरक्षा तथा सुविधा के प्रति और बेहतर एवं ठोस कदम उठाने की अपेक्षा की। पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने पुलिस की ओर से आभार जताते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दलों एवं सामाजिक संगठनों के सहयोग से पुलिस को और बेहतर नतीजे देने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी तरह के अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस महानिदेशक ने यातायात समस्या को सुलझाने के लिए यूकेडी समेत अन्य सभी राजनीतिक दलों, संगठनों तथा जनता से सुझाव मांगे जाने की जरूरत बताई।
यातायात नियमों के उल्लंघन व अतिक्रमण करने वालों को करें दंडित: डीएम
रुद्रपुर। जिलाधिकारी ने बढ़ते सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए यातायात नियमों के उल्लंघन करने वालों पर सख्ती से निपटने के निर्देश दिए है। साथ ही कहा कि अतिक्रमण हटाने और रोड़ साइड एक्ट के अंतर्गत अतिक्रमणकारियों को दंडित किया जाए ताकि बार-बार अतिक्रमण न किया जा सके। इसके लिए पुलिस को सघन चेकिंग अभियान चलाने को कहा।
शुक्रवार को जिला कार्यालय स्थित डाॅ.एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में आयोजित सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी डाॅ.नीरज खैरवाल ने की। इस दौरान जिलाधिकारी ने जनपद में ओवर स्पीड, ओवर लोडिंग, खतरनांक तरीके से ड्राइविंग, बिना लाईसेंस तथा सीट बैल्ट का उपयोग नही करने पर मोबाइल से वार्ता करते हुए तथा शराब का सेवन कर वाहन चलाने वालों के खिलाफ निरन्तर चैकिंग अभियान चलाकर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को मीटिंग रिपोर्ट कार्य को गंभीरता से करने तथा मीटिंग की कार्यवृत 02 दिन के भीतर सभी सम्बन्धित अधिकारियों को प्रेषित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने रोड निर्माण एजेन्सियों, नगर आयुक्त, पालिकाओं के ईओ, उप जिलाधिकारियों को सड़क के किनारे एवं सरकारी सम्पत्ति पर लगे होडिंग्स एवं अतिक्रमण हटाने तथा सम्बन्घितों के खिलाफ सम्पत्ति विरूण अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कमर्शियल वाहन का चालान करते समय फिटनेस चैक करें तथा फिटनेस होने के साथ ही हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगी नहीं पायी जाती है तो सम्बन्धित एआरटीओं के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए अपनी आख्या में अवश्य लिख कर प्रेषित करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने एनएच के अधिकारियों को वृक्ष कटान के दौरान क्षतिग्रस्त हुई रेलिंग को तत्काल सही करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने यातायात सुरक्षा के दृष्टिगत सभी चैराहों के तकनीकि बिन्दुओं का पुनः निरीक्षण कराने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी वाहनों में रेडियम प्लेट तथा रिफ्लेक्टर एवं रेडियम टेप लगाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने सरकारी वाहन चालकों को पुनः प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये।
डीएम ने सभी उप जिलाधिकारियों को प्रत्येक माह की 10 तारीख से पहले सड़क सुरक्षा सम्बन्धित बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को विगत एक वर्ष में हुए रोड एक्सीडैण्टों का विश्लेषण करने तथा सम्बन्धित सभी विभागों के अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं पर नियन्त्रण हेतु त्वरित गति से कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने एनएच डिवीजन नजीबाबाद के पीडी के बैठक में बिना कारण बताए अनुपस्थित पाये जाने की सूचना रिपोर्ट तत्काल मुख्य सचिव को भेजने के निर्देश दिये ताकि पीडी के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जा सके।
जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने रोड एक्सीडेण्ट की घटनाओं पर चिन्ता व्यक्त की तथा नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपने परिवार, समाज व देश के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है जिसकी भरपाई कोई अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता। इसलिए सभी व्यक्तियों को परिवार व समाज के लिए अपने जीवन का महत्व समझना चाहिए तथा यातायात के नियमों का पालन करते हुए सुरक्षित सफर करना चाहिए।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाॅ.सदानन्द दाते, पुलिस अधीक्षक कमलेश उपाध्याय, अपर जिलाधिकारी प्रताप सिंह शाह, जगदीश चन्द्र काण्डपाल, मुख्य नगर आयुक्त जय भारत सिंह, उप जिलाधिकारी दयानन्द सरस्वती, नरेश चन्द्र दुर्गापाल, विनोद कुमार, विजयनाथ शुक्ल, परिवहन विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
मुस्कान बिखेरता ऑपरेशन स्माइल, 173 बच्चे बरामद
देहरादून। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा चलाया जा रहा अभियान ‘ऑपरेशन स्माइल’ अपनों से बिछड़े को मिलाकर मुस्कान बिखेर रहा है। पुलिस की टीमों ने बीते 15 दिनों में कुल 173 बच्चों को बरामद किया है। इसमें से 35 पंजीकृत (अन्य राज्य पंजीकृत-06) तथा 138 अपंजीकृत हैं।
एडीजी अशोक कुमार ने बताया कि बरामद कुल 173 बच्चों में 135 बच्चों को उनके परिजनों के सुपुर्द किया जा चुका है तथा शेष 38 बच्चों को पुनर्वास के लिए बाल गृह में दाखिल किया गया है। इनके परिजनों के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने बताया कि बरामद बच्चों में काफी संख्या में ऐसे बच्चे भी हैं, जो काफी समय से अपने परिजनों से बिछुड़े हुए थे। हरिद्वार ऑपरेशन टीम द्वारा उत्तर-प्रदेश में पंजीकृत 2, टिहरी द्वारा दिल्ली-1 चम्पावत द्वारा चण्डीगढ़-1 व रेलवे द्वारा हरियाणा तथा दिल्ली में पंजीकृत 1-1 गुमशुदा बालक बरामद किये गए हैं।
एडीजी द्वारा ऑपरेशन स्माइल की समस्त टीमों के 15 दिवस के कार्यों की समीक्षा की गयी। अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जनपद हरिद्वार के नोडल अधिकारी ममता वोहरा व उनकी टीम के प्रभारी निरीक्षक अनिल जोशी, जनपद नैनीताल के नोडल अधिकारी लोकजीत सिंह व उनकी टीम के प्रभारी उ0नि0, मुनव्वर हुसैन को मय टीम 5000-5000 रु. पुरस्कार की घोषणा की गयी। अन्य समस्त टीमों के कार्य की भी सराहना की। सभी को कड़ी मेहनत व लगन से कार्य करने के लिए भी निर्देशित किया है। अपर पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश में अभियान का पर्यवेक्षण करने के लिए शाहजहाँ जावेद खान नोडल अधिकारी आॅपरेशन स्माइल के कार्यों की प्रशंसा की। साथ ही प्रदेश में गुमशुदा बच्चों की तलाश एवं पुनर्वास के लिए ऑपरेशन स्माइल अभियान को पुनः फरवरी तक चलाये जाने के लिए निर्देशित किया।
जाम का झाम: तीर्थ नगरी में प्रशासनिक फरमान हुआ बेमानी
ऋषिकेश। प्रशासनिक फरमान तीर्थनगरी में लोगों के लिए शायद कोई मायने नहीं रखते हैं। कानूनी पाठ को तो धर्म नगरी में ठेंगा दिखाने वालों की लंबी फेहरिस्त है। फिर चाहे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर शहर की सड़कों पर दौड़ रहे ऑटो वाहन व विक्रम वाहन हों या फिर फुटपाथ पर अतिक्रमण कर अपना रोजगार चला रहे ठेली खोमचे वाले।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में रसूख वाले लोग तो इन सब से भी दो कदम आगे बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। नो पार्किंग जोन में अपनी गाड़ियों को पार्क कर देना अब रोज की बात हो गई है। इसकी वजह से दिनभर तीर्थनगरी जाम से जूझती रहती है। कई मर्तबा हालत इतने बदतर हो जाते है कि राहगीरों के लिए निकलना मुश्किल हो जाता है। शहर में पुलिस प्रशासन सड़कों के किनारे वाहन पार्क करने वालों के खिलाफ लगातार चालान की कार्यवाही करता रहा है। इसके बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। पिछले कुंभ के दौरान ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर फुटपाथ का निर्माण प्रशासन द्वारा कराया गया था लेकिन महत्वपूर्ण सड़क की कई बार की गई खुदाई व दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण की वजह से यह फुटपाथ आप पूरी तरह से गायब हो चुका है।
ऋषिकेश के इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोगों के लिए आवागमन भी मुश्किल हो गया है। इन सबके बीच जाम की समस्या से कराह रहे शहर के प्रमुख मार्ग पर यातायात व्यवस्था कब पटरी पर लौटेगी, यह कहना फिलहाल बेहद मुश्किल है।
उधर, पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि नगर में कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा रहा है। जल्द ही व्यवस्था मे सुधार दिखाई देगा।
आजादी के 70 साल बाद बिजली से रोशन होगा चमोली जिले का रतगांव
देहरादून । चमोली जिले के विकासखंड थराली के अंतर्गत दूरस्थ क्षेत्र रतगांव देश की आजादी के सात दशक बाद बिजली से रोशन होगा। यह संभव हो पा रहा है प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के आफिशियल ‘मोबाइल एप्प’ पर दर्ज शिकायत से। मोबाइल एप्प पर दर्ज शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने त्वरित कार्यवाही करतेहुए उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के उच्चाधिकारियों को निर्देशित किया है।
सीएम कार्यालय को यूपीसीएल अधिकारियों ने बताया है कि इस कार्य को करने के लिए निविदा आमंत्रित की गई है निविदा खोलने के उपरांत 28 फरवरी तक विद्युतीकरण का कार्य आवंटित कर दिया जाएगा
उपरोक्त गांव में आगामी जून तक बिजली पहुंचा दी जायेगी। यूपीसीएल गांव को केंद्र पोषित दीन दयाल ग्राम ज्योति विद्युतीकरण योजनाके जरिए बिजली से रोशन करने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
दरअसल, क्षेत्र के निवासी प्रदीप सिंह फरस्वाण ने बीती सात फरवरी को मुख्यमंत्री के मोबाइल एप्प पर रतगांव की जनसमस्याओं के संबंध में शिकायत दर्ज की थी। शिकायत में कहा गया था कि आजादी के इतने साल बाद भी विकासखंड थराली के अंतर्गत दूरस्थ क्षेत्र रतगांव में रह रहे चार सौ से अधिक परिवार आज भी बिजली की रोशनी से वंचित हैं।
राज्य गठन से पहले व बाद में गांव को विद्युतीकरण को लेकर शासन प्रशासन से लगातार मांग की जाती रही है। इतनी ब़ड़ी आबादी वाले इस गांव में अब तक बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है।
सीएम मोबाइल एप्प पर दर्ज क्षेत्र के निवासी प्रदीप की शिकायत का संज्ञान लेते हुए सीएम कार्यालय ने त्वरितकार्यवाही की है। यूपीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि रतगांव में प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द बिजली पहुंचाई जाए। इस पर शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री कार्यालय का आभार जताया है।
देवाल के कई गांवों का आज तक नहीं हुआ विद्युतीकरण
गोपेश्वर। जहां एक ओर चमोली जिले का विद्युत विभाग जनपद के सभी गांवों के विद्युतीकरण का दावा करता है वहीं आज भी चमोली जिले के दूरस्थ विकास खंड देवाल के आधा दर्जन से अधिक गांवों का अभी तक विद्युतीकरण ही नहीं हो पाया है।
विभाग के दावों की पोल शनिवार को देवाल के लौहजंग में जिलाधिकारी चमोली आशीष जोशी की अध्यक्षता में लगे बहुद्देशीय शिविर में उस समय खुली जब ग्रामीणों ने बलाण, पिनाउं, वेराधार, कुलिंग, दीदना, वाण, घेस, हिमनी आदि गांवों के लोगों ने गांव व तोकों का विद्युतीकरण करने की मांग शिविर में उठायी। इस पर जिलाधिकारी चमोली खासे नाराज नजर आये। उन्होंने विद्युत विहीन सभी गांव व तोकों में विद्युतीकरण होने तक सोलर लाइट उपलब्ध कराने के निर्देश उरेडा विभाग के अधिकारियों को दिये तथा विद्युत विभाग को माह फरवरी के अंत तक इस समस्या के समाधान के निर्देश दिए। ग्रामीणों ने कई स्थानों पर झूलते बिजली के तारों की समस्या और उनसे होने वाली दुर्घटना से भी जिलाधिकारी को आगाह किया। इस पर जिलाधिकारी ने ईई विद्युत को फरवरी माह के अंत तक ग्रामीणों को झुलते तारों की समस्या से निजात दिलवाने की भी बात कही।