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ट्रांसपोर्टर परिवार को इंदिरा हृदयेश ने दी 7.5 लाख रु. की आर्थिक मदद

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देहरादून/हल्द्वानी। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने मंगलवार को बुद्ध पार्क स्थित धरनास्थल पर पहुंच कर ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की पत्नी और उनके परिवार को साढ़े सात लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराई। यह सहयोग राशि कांग्रेसियों समेत विभिन्न संगठनों के लोगों ने अपनी-अपनी ओर से दी है।

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सरकार के मदद से इनकार के बाद ट्रांसपोर्टर के परिजनों को 10 लाख रुपये की मदद दिए जाने का ऐलान किया था। जिसके बाद मंगलवार को वह धरना स्थल पर पहुंचीं। वहां उन्होंने ट्रांसपोर्टरों के परिजनों के लिए चंदा इकट्ठा किया। अबतक चंदे के रूप में ट्रांसपोर्टर के परिजनों को 7.50 लाख रुपये की मदद दी जा चुकी है। 10 लाख रुपये की धनराशि जमा होते ही ट्रांसपोर्टर के परिजनों से धरना खत्म करने की अपील की जाएगी। परिवार का कहना है सरकार की गलत नीतियों के चलते प्रकाश पांडे ने विवश होकर आत्महत्या की है। फिर भी शासन प्रशासन की ओर से परिवार की सुधि नहीं ली जा रही है। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण अब दूसरे के ऊपर परिवार पूरी तरह निर्भर है। ऐसे में सरकार को आगे आकर मदद करना चाहिए जिससे परिवार का भरण पोषण सही तरीके से किया जा सके।
इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ट्रांसपोर्टर के परिवार की मदद के लिए हमेशा प्रयासरत रहेगी लेकिन सरकार की ओर से मदद की बात कहकर मुकर जाना अत्यंत ही दुखद बात है। इसलिए परिवार अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहा है। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेकर मदद के लिए आगे आना चाहिए। इस दौरान तमाम संगठनों के लोग ट्रांसपोर्टर के परिजनों की मदद के लिए यहां पहुंच कर सांत्वना और भरोसा दे रहे हैं। 

हरिद्वार के अस्पताल में लावारिस मरीजों की मौत का मामला

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हरिद्वार। धर्मनगरी के सरकारी अस्पताल में लगातार हो रही मौतों पर मामला प्रकाश में आने पर प्रशासन की नींद टूट गई। अस्पताल को नोटिस के साथ ही समय-समय पर निरीक्षण करने की बात कही जा रही है।

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अस्पताल और डॉक्टरों को धरती पर भगवान और जीवन देने वाला माना जाता है, लेकिन यहां के अस्पताल में तो सिर्फ जेबों को भरने का काम किया जा रहा है। लावारिस लोगों को इलाज के नाम पर कोई सुख सुविधा ही नहीं दी जा रही है। उनको मिलती है तो सिर्फ मौत। इसका खुलासा एक आरटीआई के माध्यम से मांगी गई जानकारी में सामने आया है। 2014 से वहां जो भी इलाज के लिए गया सभी ने जान से हाथ धोया।

कोई भी अस्पताल से ठीक होकर वापस अपने घर नहीं जा सका। चार साल से हरिद्वार के सरकारी अस्पताल में लोगों की मौत लगातार हो रही है। हकीकत तब उजागर हुई जब हरिद्वार की गंग ज्योति मिशन संस्थान ने सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी थी कि हरिद्वार जिला अस्पताल में कितने लावारिस लोग जनवरी 2014 से अब तक भर्ती हुए और कितने लोगों को उपचार के दौरान ठीक कर डिस्चार्ज किया गया और कितनों ने जान गंवाई। मामला प्रकाश में आने के बाद शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया। 

patientअनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) मनीष कुमार ने मामले को गंभीर बताया। उनका कहना है कि जितने भी लावारिस लोग भर्ती हो रहे हैं, उनकी मौतें लगातार हो रही हैं, जिसमें कहीं न कहीं डॉक्टरों की लापरवाही सामने आती दिख रही है, जिस पर कार्रवाई होनी चाहिए। लावारिस मरीजों की मौत का सवाल चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डा. अर्जुन सिंह सेंगर से पूछा गया तो उन्होंने आरटीआई में दी गई जानकारी को गलत बताया। उन्होंने कहा कि वहां बहुत से लावारिस मरीज आते हैं, जिनके लिए अलग से वॉर्ड बनाए गए हैं, उनको तमाम सुविधाएं दी जाती हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस डॉक्टर ने ये गलत जानकारी दी है उसको नोटिस जारी किया जाएगा। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम ने कहा कि अस्पताल को नोटिस भेज दिया गया है और जितने भी लवारिस लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं, उनकी देखभाल भी सही तरीके से की जाएगी, साथ ही समय-समय पर अस्पताल का निरीक्षण भी किया जाएगा ताकि उन्हें पता चल सके कि अस्पताल की क्या स्थिति है। हैरानी की बात तो ये है कि हरमिलाप अस्पताल में आए दिन विधायक मंत्री और जिला प्रशासन के लोग निरीक्षण करने आते रहते हैं, लेकिन लावारिस वार्ड में जाकर कोई नहीं देखता। जब किसी बड़े अधिकारी के आने की सूचना मिलती है तो आनन-फानन में व्यवस्थाओं को ऊपर से सही कर दिया जाता है।

न्याय: राजनीति की भेंट चढ़ा पीड़ित का न्याय ?

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(हरिद्वार) किन्नर बने व्यक्ति की मौत के मामले में पीड़ित पुत्र को न्याय दिलाने के लिए कैबिनेट मंत्री की संस्तुति भी काम नहीं आई। संस्तुति के बाद भी पुलिस ने जांच में लीपापोती कर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया। इससे षडयंतकारियों के हौंसले और बुलंद हो गए हैं। उधर पीड़ित की शिकायत पर बैंक खाते के लेनदेन पर लगी रोक को भी बैंक मैनेजर ने हटाते हुए रकम को आरोपी किन्नरों के खातों में हस्तांतरित कर दिया है। इसके बाद पीड़ित न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मन बना रहा है।
बता दें कि हरिद्वार स्थित निर्मल सराय में रहने वाले भूपराम से राम देई किन्नर बने व्यक्ति की जौलीग्रांट में उपचार के दौरान 20 दिसम्बर को मौत हो गई थी। मौत के बाद किन्नर रामदेई के पुत्र सुनील ने उसके अंति संस्कार की सारी रश्में अदां की थीं। अपने पिता की मौत संदिग्ध होने का पता लगते ही सुनील ने मेडिकल रिपोर्ट निकलवाकर पुलिस से न्याय की गुहार लगाई थी। मेडिकल रिपोर्ट में लिखा था कि रामदेई की मौत गुर्दों में गंभीर चोट लगने व गला दबाने के कारण दिल का दौरा पड़ने से हुई। एसएसपी हरिद्वार को न्याय की गुहार लगाते हुए सुनील ने जो पत्र दिया था, उस पर उत्तराखण्ड की कैबिनट मंत्री रेखा आर्य की संस्तुति थी। मंत्री रेखा आर्य की संस्तुति का पत्र मिलते ही पुलिस हरकत में आई, किन्तु आरोपी भाजपा के पूर्व सभासद की राजनीतिक पहुंच के चलते जांच को भी ग्रहण लग गया और जांच में पुलिस ने पीड़ित को रामदेई का पुत्र न होने की रिपोर्ट लगा दी।
मामले में पुलिस ने भले ही जांच में रिपोर्ट लगाकर अपने कार्य की इतिश्री कर ली, किन्तु पीड़ित का न्याय राजनीति की भेंट चढ़ गया। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में भी आरोपी पूर्व सभासद ने एक मंत्री के रसूक का इस्तेमाल किया।
आरोपी पूर्व सभासद के रसूक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब पीड़ित ने बैंक खातों के लेनदेन पर रोक संबंधी प्रार्थनापत्र बैंक मैनेजर को दिया तो खातों पर रोक के बाद अचानक लेनदेन से रोक हटाकर आरोपी किन्नरों के खातों में रकम हस्तांतरित कर दी गई। मंत्री की संस्तुति के बाद भी जांच में लीपापोती होने से परेशान पीड़ित सुनील अब न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मन बना चुका है। सुनील का कहना है कि जब तक उसके पिता की संदिग्ध मौत की गुत्थी नहीं सुलझती और उसे न्याय नहीं मिलता वह इस लड़ाई को जारी रखेगा। सुनील ने आरोपियों से अपनी जान को भी खतरा बताया है। 

दुर्घटनाओं के मंजर बन गये हैं आधे अधूरे हाईवे

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(हरिद्वार) नेशनल हाइवे के आधे अधूरे निर्माण कार्य से आये दिन यातायात बुरी तरह से बाधित तो रहता ही है साथ साथ इनके कारण दिन प्रतिदिन वाहन दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ रहा है। शहर के लोगों में हाइवे अथॉरिटी के अधिकारियों के खिलाफ निर्माण तेजी से नहीं किए जाने पर नाराजगी भी बनी हुई है।


हाइवे पर वाहनों का चलना दुर्भर हो गया है। अनेकों मौतें वाहन दुर्घटनाओं में हो रही है। राज्य एवं केन्द्र सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे पा रही हैं। नेशनल हाइवे पर आये दिन वाहनों की कतारें लगी रहती है। धीमी गति से वाहन सरकतें हुए नजर आते है। रात में वाहन चालकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं। जहां तहां बड़े-बड़े गड्ढे, मिट्टी के ढेर लगे हुए हैं जिन कारणों से कई बार वाहन चालक वाहन को चलाते समय सड़क को नहीं देख पाता है और हादसे होते हैं। हाइवे निर्माण किए जाने के दौरान हाइवे अथोरिटी सड़कों पर 24 घंटे चलने वाले वाहनों को कोई सुविधा नहीं दे पा रही है। सड़क के निर्माण किये जाने के दौरान जगह-जगह पत्थर पड़े हुए है। मार्ग बाधित किए जाने की सूचनाएं भी मार्ग पर अंकित नहीं की जा रही है। जिस मार्ग पर निर्माण कार्य संचालित है बैरिगेट्स नहीं लगाये जाते जिन कारणों से वाहन दुर्घटनायें हो रही है।


यही नही हरिद्वार के श्रीमहंत भगवानदास सड़क दुर्घटना में मारे गये उसके बावजूद भी शासन प्रशासन हाइवे निर्माण को लेकर कोई सजगता नहीं बरत रहा है। केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी हाइवे निर्माण को लेकर घोषणाएं तो पूरे निर्माण होने की कर देते हैं, लेकिन हाइवे अथोरिटी के अधिकारी उनके भी निर्देशों का पालन नहीं कर रहे है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाये जो कि अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभा रहे है।

वनाग्नि की घटना में शामिल व्यक्तियों पर करें कठोर कार्रवाई

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टिहरी। जिलाधिकारी ने वनों में आग लगाने वाले व्यक्ति के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि वनाग्नि की घटना के दौरान वन सम्पदा की सुरक्षा के महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली वन पंचायतों को भी पुरस्कृत किया जाएगा।

सोमवार को डीएम सोनिका ने जिला सभागार में आयोजित वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को टीम भावना से कार्य करने के निर्देश दिए। कहा कि वनों में लगने वाली आग से जहां वन सम्पदा को नुकसान होता है, वहीं पर्यावरणीय क्षति भी होती है। इसके लिए वन विभाग के अधिकारी अतिरिक्त कर्मियों की व्यवस्था करने के साथ ही स्थानीय लोगों की भी मदद लेना सुनिश्चित करें। साथ ही आपातकाल के दौरान वन विभाग के पास संचार एवं सूचना की उचित सुविधा होनी चाहिए। ताकि घटना के समय नियंत्रण कक्ष को सूचना देकर आग को रोकने के लिए कार्रवाई की जा सके।
डीएम ने सभी ब्लॉकों व तहसील स्तर पर आम जनता के साथ समन्वय स्थापित कर आग को रोकने के लिए ग्राम स्तर पर समितियों को जागरुक करने की बात भी कही। बैठक में डीएफओ डॉ. कोको रोषे ने बताया कि जिले में संवेदनशीलता के आधार पर स्थलों का चयन किया गया है। साथ ही फायर लाईनों का रखरखाव, वायरलैस सैट, फायर कंट्रोल रुम तथा मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। मौके पर डीएफओ नरेन्द्रनगर राहुल, सीओ हीरा सिंह रौथाण, एफएसओ धीरज तड़ियाल, ईई राकेश कुमार, वीके सिंह, बृजेश भट्ट, तेजराम सेमवाल, ईई सतीश नौटियाल, प्रेमदत्त डोभाल, लक्ष्मण सिंह सजवाण आदि उपस्थित थे। 

डीएम “इन एक्शन”: क्यों हुए यहां अध्यापक और लेखपाल निलंबित

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(हरिद्वार) जिलाधिकारी दीपक रावत ने जिला मुख्यालय रोशनाबाद में आयोजित जनता मिलन कार्यक्रम में जनपदवासियों की समस्याएं सुनीं। जनता मिलन में कुल 24 फरियादियों ने अपनी समस्यायें जिलाधिकारी के समक्ष रखीं। इस दौरान शिकायत मिलने पर लेखपाल को डीएम ने निलंबित कर दिया। अधिकांश समस्यायें भूमि, बिजली, पानी, मिट्टी खदान से सम्बंधित थीं।
रतिराम सिंह ने अपनी 12 बीघा जमीन कई हिस्सों में बिखर जाने के कारण भूमि का सही ढंग से उपयोग न कर पाने की समस्या डीएम के समक्ष रखी। जिलाधिकारी ने जिला चकबंदी अधिकारी दीवान सिंह नेगी से भूमि की वर्तमान वास्तविक स्थिति जाननी चाही लेकिन जिला चकबंदी अधिकारी दीवान सिंह नेगी जनता मिलन कार्यक्रम की पूर्व सूचना के बाद भी बिना बताये उपस्थित पाये गये। समस्या चकबंदी विभाग से सम्बंधित होने के कारण समस्या निवारण मौके पर नहीं किया जा सका। 
जिलाधिकारी ने कहा कि पहले भी कई बार इस प्रकार गैर हाजिर रहने पर उक्त अधिकारी पर दण्डात्मक कार्रवाई की जा चुकी है। इनकी कार्यशैली पर असंतोष जताते हुए डीएम ने चकबंदी अधिकारी एसीआर में विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज किये जाने की बात कही।

वहीं भगवानपुर क्षेत्र से कुछ लोगों द्वारा जिलाधिकारी को फोन पर शिकायत दर्ज करायी गयी कि गांव खेड़ीशिकोहपुर प्राथमिक विद्यालय के सहायक शिक्षक नरेंद्र तंवर तथा धीर सिंह सप्ताह में अधिकांश दिन विद्यालय से अनुपस्थित रहते हैं। शिकायत की पुष्टि करते हुए डीएम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रम्हपाल सैनी से आज की तिथि में इनके द्वारा दिया गया अवकाश प्रार्थना पत्र दिखाने को कहा लेकिन विद्यालय प्रधानाचार्य ने बिना प्रार्थना पत्र दिये दोनों अध्यापकों के अनुपस्थित होने की जानकारी दी। जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से सहायक अध्यापक नरेंद्र तंवर को निलम्बित किये जाने के आदेश दिये एवं दूसरे शिक्षक के वेतन आहरण पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी गयी।


टिहरी विस्थापित काॅलोनी निवासी श्यामसुंदर दास एवं जयकिशन ने काॅलोनी में पेयजल संकट की समस्या से जिलाधिकारी को अवगत कराया। काॅलोनी वासियों ने बताया कि वह 300 रुपये प्रति माह की दर से पेजयल बिल का भुगतान काॅलोनी सोसायटी के अधिकारियों को करते हैं जिसकी रसीद भी दी जा रही है लेकिन उर्जा निगम का बिल बकाया होने के कारण विद्युत कनेक्शन काट दिये जाने के कारण पेयजल आपूर्ति बाधित है। इस पर डीएम ने अधिशासी अभियंता (विद्युत) से वास्तविक स्थिति की जानकारी लेनी चाही लेकिन वह भी जनता मिलन कार्यक्रम से बिना बताये अनुपस्थित पाये गये। जिलाधिकारी ने अग्रिम आदेशों तक इनके वेतन पर भी रोक लगाने के आदेश दिये।

भोलाराम तिलकपुरी मजरा ग्राम समाज की जमीन पर पिछले दो साल से किसी व्यक्ति का कब्जा कराये जाने की शिकायत पर जिलाधिकरी ने निर्देश दिये कि शिकायत की जांच की जाये। यदि शिकायत सही पायी जाती है तो उक्त क्षेत्र के लेखपाल को निलम्बित किया जाये।

अगिनकांड पीड़ितों से मिले कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, बीजेपी पर साधा निशाना

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उत्तरकाशी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सोमवार को मोरी ब्लॉक के सांवणी गांव में आग से प्रभावित हुए परिवारों से मिले। इस मौके पर उन्होंने पीड़ितों को हरसंभव मदद करने का भरोसा दिलाते हुए प्रभावित परिवारों के लिए 2 लाख पचास हजार की धनराशि दी। सोमवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पुरोला विधायक राजकुमार अग्निकांड से प्रभावित हुए ग्रामीणों की सुध लेने के लिए सड़क मार्ग से जाखौल पहुंच कर ग्रामीणों की पीड़ा को सुना।
प्रीतम सिंह ने क्षेत्र में आये दिन हो रहे अग्निकांड पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि गत 17 वर्षों में एक दर्जन से अधिक घटनायें क्षेत्र हुईं, जिसमें जनहानि के साथ पशु हानि हो रही है। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि जिस प्रकार वर्ष 2012-13 की आपदा में केदारनाथ में आपदा प्रभावितों को मुआवजा राशि दी गई थी। उसी तर्ज पर अग्निकांड प्रभावितों को मुआवजा देने के लिए सीएम से वार्ता की जायेगी।
भाजपा सरकार के कथनी और करनी में फर्क: प्रीतम सिंह

प्रीतम सिंह ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य का विकास आपसी झगड़ों के चलते पूरी तरह बाधित है। जिससे जनता का सरकार से भरोसा उठने लगा है। टिहरी के जौनपुर ब्लॉक पहुंचे पीसीसी अध्यक्ष ने क्षेत्र के विभिन्न गांवों का भ्रमण पर कहा कि सरकार की कथनी व करनी में बड़ा अंतर है। भाजपा में चल रहे अंदरुनी झगड़े के कारण प्रदेश में विकास कार्य ठप पड़ गया है। सरकार आजीवन सहयोग निधि के नाम पर खनन और शराब माफियाओं से पैसा एकत्र करने में लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश का मुखिया किसानों और कारोबारियों की आत्महत्या को फैशन बता रहा है, जो कि प्रदेश के लिए दुर्भाग्य की बात है। पर्वतीय क्षेत्रों के छोटे-छोटे ठेकेदार अपनी आजीविका चलाने के लिए विभागों में छोटे-मोटे काम करते थे, लेकिन सरकार ने बड़े-बड़े पूंजीपतियों को लाभ पहुंचने के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया अपनाई है। जिससे छोटे ठेकेदारों की रोजी-रोटी छिन गई है। केंद्र सरकार देश के पड़े-लिखे बेरोजगार नौजवानों को पकोड़े तलने की नसीहत दे रही है। ये सरासर उन बेरोजगार नौजवानों के साथ भद्दा माजक है जो बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर रोजगार की आस लगाए हुए हैं। इस मौके पर कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष प्रदीप कवि, जोत सिंह रावत, अमेंद्र बिष्ट, गंभीर सिंह रावत, गीताराम बिजल्वाण, देशपाल पंवार आदि मौजूद थे। 

इस स्कूली छात्रा ने ऐसा क्या मांगा मुख्यमंत्री से जो युवाओं के बारे में बहुत कुछ कह गया

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को पिथौरागढ़ में ’’आपकी राय-आपका बजट’’ कार्यक्रम के तहत आने वाले बजट के सम्बंध में महिलाओं से संवाद कर उनकी राय ली। इसी कार्यक्रम में पिथौरागढ़ के सरकारी स्कूल में कक्षा 9 में पढ़ने वाली गरिमा मेहरा ने मुख्यमंत्री से जिले के विभिन्न स्थानों में डिजिटल लाइब्रेरी खोले जाने और स्मार्ट क्लाास शुरू किये जाने की मांग की।

मुख्यमंत्री ने भी इस छात्रा के सुझाव पर महिलाओं से अपनी बातें सरकार तक पहुंचाने के लिये आईटी का इस्तेमाल करने को भी कहा। उन्होने कहा कि किसी भी प्रकार की कोई समस्या हो तो वह उनके फेसबुक पेज, अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी समस्यां उन तक पहॅंचाई जाये। सोशल मीडिया की ताकत बताते हुए सीएम ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से तीन दिन पहले एक शिकायत मिली पिथौरागढ़ के ही प्रकाश भट्ट ने की थी। इसमें बताा गया था कि उनकी बहन ने एअर होस्टिज की परीक्षा दी और उनसे पैसे लेने के बाद भी उन्हें दिल्ली में संस्थान द्वारा छला गया। इस बारे में कार्यवाही करते हुए पुलिस ने तीन दिन के अंदर के अंदर ही सारे पैसे वापस दिला दिये गये।

CM Photo 03, dt.19 February, 2018

महिलाओं द्वारा दिये गये अन्य सुझावों में:

  • काश्तकार रेखा भंडारी द्वारा महिलाओं की किसान बही बनाये जाने,
  • गौडिया गांव की मंजू बिष्ट ने दूध के दाम बढ़ाये जाने और महिलाओं के लिये गौशाला का निर्माण किये जाने
  • इसी स्कूल की मुस्कान ने बोर्ड परीक्षा में परीक्षा केंद्र परिवर्तन होने पर बालिकाओं के लिये आवास और आवागमन की सुविधा मुहैया कराए जाने
  • कंचन जोशी द्वारा बालिकाओं की सुरक्षा हेतु प्रत्येक बालिका इंटर काॅलेज में बस की सुविधा मुहैया कराए जाने
  • भारती पंत द्वारा शिक्षा को व्यवसायिक एवं रोजगार परक बनाए जाने,
  • शिक्षा जोशी द्वारा सरकारी विद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशाला एवं अध्यापकों की तैनाती जैसे सुझाव दिये गये।

इसके अलावा विधवा पेंशन की राशि बढ़ाए जाने,  ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल एवं मार्ग निर्माण के साथ ही गर्भवती महिलाओं को आवश्यक सुविधा मुहैया कराए जाने, आशा कार्यकत्रिओं का मानदेय बढ़ाए जाने जासे सुझाव भी दिये गये।

महिलाओं द्वारा रखे गए सुझावों के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि आगामी बजट जनता का बजट है जनता का बजट जनता से ही पूछकर बनाया जायेगा, आप द्वारा आज जो भी सुझाव रखे गए हैं निश्चित रूप से इन्हें आगामी बजट में रखा जाएगा।

निशंक को भूटान के प्रधानमंत्री ने खुशियां फैलाने के लिये दिया “हैप्पीनेस अवार्ड”

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भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने आज भूटान की राजधानी थिंपू में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं संसदीय समिति के अध्यक्ष डॉ निशंक को हैप्पीनेस अवार्ड से सम्मानित किया। डॉ. निशंक को सम्मान देते हुए प्रधानमंत्री शोरिंग तोबगे ने कहा कि आपने अपने साहित्य से, समाज सेवा से, राजनीतिक सेवा से विश्व में प्रसन्नता हैप्पीनेस को फैलाया है और आप हमारे हैप्पीनेस के ब्रांड एंबेसडर हैं। यह जानकारी डॉ. निशंक के ओएसडी अजय सिंह विष्ट ने दी। उन्होंने बतया कि भूटान के प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य में डॉ निशंक को अपने साहित्य, समाज सेवा, पर्यावरण संरक्षण के कार्यों द्वारा विश्व में प्रसन्नता बढ़ाने के लिए योगदान पर बधाई दी।
भूटान ने 70 के दशक में जीडीपी को विकास का आधार ना मानकर ग्रास हैप्पीनेस प्रोडक्ट यानी प्रसन्नता पर आधारित सूचकांक विकसित करने पर जोर दिया। डॉ निशंक ने भूटान में अपने आतिथ्य के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद अर्पित करते हुए भारत भूटान के सदियों पुराने संबंध की चर्चा की। डॉ निशंक ने हिमालय और पर्यावरण से जुड़े कई मुद्दों पर भी प्रधानमंत्री से चर्चा की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने डॉ निशंक की चुनिंदा कहानियों के अंग्रेजी अनुवाद का लोकार्पण किया। डॉ निशंक ने प्रधानमंत्री से हिमालय के पर्यावरण संरक्षण संवर्धन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समग्र प्रयास किए जाने पर बल दिया। डॉ निशंक ने इस बात पर जोर दिया कि हिमालय क्षेत्र के नियोजन के लिए एक पृथक व्यवस्था खड़ी की जानी चाहिए। हिमालय की भौगोलिकता,आवश्यकताएं , संवेदनशीलता पूरी तरह से अलग है ।
डॉ निशंक ने भूटान के प्रधानमंत्री को हरिद्वार गंगा स्नान का निमंत्रण भी दिया । डॉ निशंक ने भूटान एवं भारत के मध्य कौशल विकास, पर्वतीय कृषि ,जैविक तकनीकी और शिक्षा से जुड़े मामलों में सहयोग किए जाने का आग्रह किया । भूटान प्रधानमंत्री द्वारा डॉ निशंक की स्पर्श गंगा मुहिम की प्रशंसा की गई ।

नरसिंह देवता मंदिर में अब नहीं होगी पशु बलि

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(रुद्रप्रयाग) सोमवार को जखोली ब्लाक के कुण्ड उरोली लस्या में आयोजित पांच दिवसीय श्री नरसिंह देवता महायज्ञ का मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुभारंभ किया। इस अवसर मुख्यमंत्री की पहल पर श्री नरसिंह देवता मंदिर में वर्षो से चली आ रही बलि प्रथा को भी समाप्त किया गया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण की है कि ग्रामीणों ने बलि प्रथा को समाप्त किया और इसके लिए उन्हें आमंत्रित किया।
पहली बार जखोली ब्लाक के सुदरवर्तीगांव कुंड उरोली गांव पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों ने गर्मजोशी से जोरदार स्वागत किया। मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री श्री प्रकाश पंत्र भी कार्यक्रम में पहुंचे। मुख्यमंत्री ने नरसिंह देवता मंदिर में पूजा-अर्चना की और नारियल चढ़ाकर बलि प्रथा का समापन किया। मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनता की मांग पर श्री नरसिंह देवता मंदिर के लिए सोलर लाइट की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्रीय जनता की सोलह सूत्री मांगों के निस्तारण हेतु क्षेत्रीय विधायक को सीएम कार्यालय में वार्ता करने के लिए कहा। इस मौके पर वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि जनपद रुद्रप्रयाग के विकास में कहीं भी वित्त की कमी आडे नहीं आने दी जाएगी।
इस अवसर पर विधायक भरत सिंह चौधरी, प्रसिद्व कथावाचक आचार्य शिवप्रसाद मंमगाई, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय कप्रवाण, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल, पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा सहित जनप्रतिनिधि व स्थानीय जनता उपस्थित थी।