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”होरी ऐगे” गीत के साथ वापसी कर रहे हैं नरेंद्र सिंह नेगी

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पिछलो दिनों बीमारी के चलते संगीत की दुनिया से गायब रहे गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी होली के मौके पर वापसी कर रहे हैं।ये बात उत्तराखंड के लोगों के लिये होली पर तोहफे जैसी रहेगी।

pahadi dagdya production

गढ़वाली होली गीत होरी ऐगे के साथ नरेंद्र सिंह नेगी एक बार फिर अपने प्रशंसकों के बीच आ रहे हैं। इस गाने का विडियो और प्रोडक्शन पहाड़ी दगड्या प्रोडक्शन ने किया है। हालांकि यह प्रोडक्शन हाउस नया है लेकिन इसमें काम करने वाले सारी टीम काफी पहले से उत्तराखंड के क्षेत्रीय सिनेमा के लिए काम कर रही हैं।

इस गाने के बारे में अपने चाहने वालों के बीच नेगी दा से मशहूर नरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि “अपनी तबीयत की वज़ह से काफी समय से मैं कैमरा और गायकी से दूर था लेकिन अपने बेटे कविलास के प्रयासों से मैं एक बार फिर श्रोताओं के बीच आ रहा हूं और आशा है इस विडियो को भी उतनी ही सराहना मिलेगी जितनी मेरे दूसरे गानों को मिली है। नेगी जी ने कहा कि “पिछले 40-42 साल से मै गायकी मे हूं पर यह खास है क्योंकि लंबे अंतराल के बाद मेै फिर कैमरे के सामने हूं।” उन्होंने कहा वैसे तो यह गाना मैने पहले गाया है लेकिन इसकी री-रिकॉर्डिंग और विडियो अब शूट किया गया है। होली का रंग और गुलाल इस गाने में पूरी तरह से दिखाई देगा और मै आशा करता हूं यह लोगो को पसंद आएगा।” 

गाने की शूटिंग के बारे में बात करते हुए पहाड़ी दगड्या प्रोडक्शन के टीम सदस्य गोविंद नेगी ने बताया कि “होरी ऐगे होली पर आधारित विडियो है जिसकी शूटिंग गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में हुई है।मंदिर के प्रांगण में पारंपरिक पहाड़ी घरों को ध्यान में रखते हुए गाने की शूटिंग हुई है।”  दरअसल इस गाने की शूटिंग की तैयारी नेगी दा की तबियत खराब होने से पहले से चल रही थी।

पहाड़ी दगड्या प्रोडक्शन द्वारा बनाऐ गए होरी ऐगे के इस विडियो की खास बात यह है कि शायद यह पहला ऐसा रिजनल विडियो होगा जिसमें 60-70 लोगों ने भाग लिया है। इस गाने को रिकॉर्ड करने के लिए सोनी एएस-2, माक-3,जीएच-5 ल्यूमिक्स कैमरों का इस्तेमाल किया गया है। इससे पहले पहाड़ी दगड्या प्रोडक्शन टीम के सदस्यों ने नंदा ध्याण बिदै नाम से एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई है जिसने यूट्यूब से काफी सराहना बटोरी थी।

pahadi dagdya production team

गोविंद होरी ऐगे वीडियो शूट के सफर को याद करते हुए कहते हैं कि “इसको शूट करने के दौरान हमारे लिए बड़े क्रू को संभालना चुनौतीपूर्ण था।रीजनल स्तर पर हमारा भी यह पहला विडियो है जिसमें इतने लोगों ने काम किया है। हालांकि शूटिंग का हमारा अनुभव शानदार रहा।

होरी ऐगे के इस वीडियो में कलाकारों के अलावा खुद नरेंद्र सिंह नेगी दिखाई देंगे जो काफी लंबे समय बाद किसी विडियो में नज़र आऐंगे। होरी ऐगे गाना नरेंद्र सिंह नेगी द्वारा लिखा और गाया गया है और यह गाना पहले भी इन्होंने गाया था जिसकी री-रिकॉर्डिग फूल एचडी में की गई है।

इस गाने को नए रंग-रुप में दर्शकों को लाने वाले पहाड़ी दगड्या प्रोडक्शन में बहुत से लोगों ने सहयोग किया है। गाने का डायरेक्शन कविलास नेगी और गोविंद नेगी ने किया है। सिनेमोटोग्रॉफी गोविंद नेगी, हरीश भट्ट और चंद्रशेखर चौहान ने किया है।कुछ शॉट ड्रोन कैमरे से भी लिए गए है जिसे युवी नेगी ने ऑपरेट किया है। कोरियोग्रॉफी सोहन चौहान और सेंडी नेगी, प्रोडक्शम मौनेजर अब्बू रावत, एसिसटेंट डायरेक्टर सोहन चौहान, प्रोडक्शन पहाड़ी दगड्या प्रोडक्शन और प्रोडयूस बलूनी क्लासेस ने किया है।इसके अलावा इस पूरे प्रोडक्शन में रजनीकांत सेमवाल ने विशेष सहयोग किया है।

गौरतलब है कि नरेंद्र सिंह नेगी को उत्तराखंड का गढ़ रत्न कहा जाता है और होली पर एक बार फिर हम राज्य के गली मौहल्लों में नेगी दा की आवाज़ सुन सकेंगे। इस वीडियो के लिये आपको कुछ दिन और इंतज़ार करना है, 26 फरवरी को यूट्यूब पर रिलीज़ कर दिया जाएगा।

क्यों छिनी इन नेताओं की सुरक्षा?

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केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के 10 बागी कांग्रेसी विधायकों 2016 में दी गई विशेष सुरक्षा को वापस ले लिया है। गौरतलब है कि इन विधायकों को ये सुरक्षा  2016 में उस समय हरीश रावत सरकार के खिलाफ विद्रोह करने के बाद केंद्र सरकराकी तरफसे दी गई थी।

यद कदम विद्रोही कांग्रेस के विधायकों के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में आने के करीब 20 महीनों के बाद उठाया गया है। जिन 10 विद्रोही कांग्रेस नेताओं को सुरक्षा दी गई थी उनमे में हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा, शैला रानी रावत, शैलेंद्र मोहन सिंघल, उमेश शर्मा ‘काऊ’, प्रदीप बत्रा, रेखा आर्य, सुबोध उनियाल, प्रणव सिंह चैंपियन और अमृता रावत शामिल थे। 2016 में विद्रोह के बाद के राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान गृह मंत्रालय ने नेताओं के खिलाफ खतरे की बात का तर्क देकर उन्हें विशेष सुरक्षा कवर प्रदान किया था।

हालांकि, ये सुरक्षा कवर इन नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के कई महीनों बाद तक जारी रहा। इन सभी ने 2017 के विधानसभा चुनावों में चुनाव लड़ा और उनमें से अधिकांश को फिर से चुन लिया गया और नई सरकार में मंत्री भी बन गए। सुरक्षा कवर वापस लेने के बारे में विधायकों का कहना है कि केंद्र की दी गई सीआईएसएफ के जवानों की सुरक्षा को 5 फरवरी को वापस ले लिया गया था और अब राज्य में अपनी सरकार है और हम सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सुरक्षा की आवश्यकता तब थी क्योंकि हमें डर था कि कांग्रेस सरकार और इसके सदस्य हमारे विरोध के लिए कुछ भी कर सकते हैं।”

 

 

प्रदेश की बेटियों ने विदेश में नाम किया रोशन

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(देहरादून) उत्तराखंड की बेटियां देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने हुनर का जलवा बिखेर रही हैं। इस बार प्रदेश की बालिकाओं ने दक्षिण एशियाई रूरल गेम्स में अपने प्रदर्शन का लोहा मनवाया। राजधानी देहरादून की दो सगी बहनें, मनीषा और रश्मि ने दौड़ प्रतियोगिताओं में स्वर्ण व रजत पदक हासिल किया।
गुरुवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों को जानकारी देते हुए खिलाड़ियों के कोच प्रवीण सुहाग ने बताया कि नेपाल में बीते 16 से 18 फरवरी को साउथ एशियन रूरल गेम्स का आयोजन किया गया था। खेलों में दक्षिण एशियाई देशों में भारत, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश ने प्रतिभाग किया था। इसमें उत्तराखंड की बालिकाओं ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया। प्रदेश की राजधानी देहरादून के शिमला बाईपास से सटे झीवरहेड़ी इलाके में गरीब परिवार की दो सगी बहनों मनीषा पाल और रश्मि पाल ने अंडर 17 वर्ग में 1500 मीटर और 800 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण और रजत पदक हासिल किया। इसी वर्ग में उत्तरकाशी जनपद की बालिका रेखा चौहान ने 100 मीटर की स्पर्धा में रजत पदक जीता। बालकों की अंडर-14 स्पर्धा में रोहित चंद्र कुनियाल ने न केवल स्वर्ण पदक जीता बल्कि बेस्ट एथलीट भी चुने गए।
सरकार नहीं ले रही सुध
प्रदेश की इन प्रतिभाओं को लेकर सरकार ने अभी तक प्रत्साहन बढ़ाने को कोई कदम नहीं उठाया है। कोच प्रवीण सुहाग ने बताया कि इन प्रतिभाशाली गरीब बच्चों ने देश और प्रदेश का सम्मान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया है लेकिन नेपाल से लौटने के बाद से अभी तक प्रदेश सरकार ने प्रतिभागियों की कोई सुध नहीं ली है। उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश सचिव आजाद अली से मिलकर मामले में सहयोग करने की अपील की है। आजाद ने प्रदेश सरकार से प्रतिभाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए सभी खेल प्रतिभाओं को तत्काल सम्मानित और आर्थिक मदद करने का आश्वासन दिया है।

रोबोटिक आॅटोमेशन व सोलर आॅटोमेशन तकनीक होंगे फूड व फार्मा इंडस्ट्री में लाभकारी

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(हरिद्वार) गुरुवार को मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक इण्डिया की प्रबंधन टीम ने पतंजलि योगपीठ और पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क, पदार्था का दौरा किया। मित्सुबिशी इलैक्ट्रिक इंडिया ने अपने विश्व स्तरीय स्वचालित उत्पादों का प्रदर्शन किया, जो खाद्य और फार्मा उद्योग के लिए पूर्ण उपयुक्त सिद्ध हो सकती हैं। पतंजलि व मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक इण्डिया की प्रबंधन टीम के मध्य तकनीकी सेवाओं और सीएसआर गतिविधियों के विषय में विस्तृत चर्चा हुई।
पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क के प्रबंध निदेशक अचार्य बालकृष्ण ने आधुनिक तकनीक से लैस आॅटोमेशन व्हीकल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने ने कहा कि उक्त वाहन तकनीक के मानकों पर उच्च गुणवत्तायुक्त तथा आधुनिक सुविधाओं से लैस है। उन्होंने कहा कि पतंजलि ने समाज को स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए सदैव प्रयासरत है। फूड तथा फार्मा इंडस्ट्री के लिए मित्सुबिशी के स्वचालित उत्पाद महत्वपूर्ण साबित होंगे। पतंजलि मित्सुबिशी इलैक्ट्रिक इण्डिया के साथ तकनीक के क्षेत्र में बेहतर सेवाएं प्रदान करने पर विचार कर रही है। उक्त टीम ने एडवांस रोबोटिक्स फाॅर आॅटोमेशन तथा सोलर आॅटोमेशन तकनीक का भी प्रदर्शन किया। कहा कि मित्सुबिशी की तकनीक को पतंजलि अपनी विविध गतिविधियों में प्रयोग कर फूड इंडस्ट्री तथा औषध निर्माण कार्य में गुणात्मक सुधार करेगी। मित्सुबिशी इशुजु की टीम का नेतृत्व में योशियुकी कुवाई तथा एस. श्रीराम शामिल रहे।

जियोलोजिकल सूचना प्रणाली से लैस हरिद्वार बना दूसरा जिला

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(हरिद्वार) जिलाधिकारी दीपक रावत की उपस्थिति में कुमांऊ विश्वविद्यालय के प्रो. जेएस रावत, प्रो.नरेश पन्त ने जनपद हरिद्वार में जियोलोजिकल सूचना प्रणाली तैयार कर जिला योजनाओं की प्लानिंग बनाने के लिए जनपदीय अधिकारियों को कार्यशाला के माध्यम से जागरूक किया।
इस मौके पर जिलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि भारत सरकार के न्यू इण्डिया और डिजिटल इण्डिया के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत और राज्य सरकार के सहयोग से जीआईएस के प्रयोग पर विशेष जोर दिया गया है। सरकारी तंत्र में जियोग्राफिकल सूचना तकनीकी के प्रयोग से कार्यो में पारदर्शिता आयेगी और अलग योजनाओं में एक ही स्थान पर बार-बार होने वाले कार्यों में डुप्लीकेसी समाप्त होगी। इससे पूर्व जनपद नैनीताल को उक्त तकनीकी से युक्त किया जा चुका है। हरिद्वार को जीआईएस पू्रक बनाना हमारा लक्ष्य है। प्रशासनिक कार्यों एवं जिला विकास के कार्यों में भौगोलिक सूचना प्रणाली का प्रयोग करते हुए विभागों को योजनाएं बनानी होंगी। विभागों को इस प्रणाली के साथ कार्य करने के लिए दक्ष बनाना सरकार की मंशा है। शासन स्तर पर विभागाध्यक्षों एवं जिला स्तर पर सीडीओ को जीआईएस प्रणाली विकसित करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। कार्याशाला का आयोजन जिला आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से किया गया।
प्रो. रावत ने कार्याशाला में विभागों को जीआईएस के प्रति जागरूक करते हुए बताया कि प्रत्येक विभाग का डाटा जिसमें उस विभाग द्वारा दी जा रही सुविधा, निर्माण, संसाधनों एवं मानव संसाधनों की उपलब्धता, किये जा चुके कार्य, किये जाने वाले कार्य, संचालित सेंटरों जैसे सीएचसी, पीएचसी, एम्बुलेंस व अन्य वाहन, पुलिस थाने, विद्यालय, विभागों में उपलब्ध वाहनों, शौचालयों, मार्गो, नहरों आदि की पूरी सूचना डिजिटल रूप में आॅनलाइन होगी। किसी भी विभाग सम्बंधी जानकारी जुटाने के लिए अधिकारी या कार्यालय से पत्राचार करने के स्थान पर मात्र आॅनलाइन साइट पर जा समस्त सूचनायें प्राप्त की जा सकती हैं। जिले में स्थापित प्रत्येक सरकारी संस्थानों के सम्बंध में भौतिक लोकेशन सहित सूचना प्राप्त की जा सकेगी।
प्रो. रावत ने सभी विभागों को सूचनाएं फीड करने एवं प्राप्त करने की प्रक्रिया समझाई एंव साॅफ्टवेयर प्रोग्राम भी साझा किया। जिसमें विभाग अपने विभागों सम्बंधी सूचनायेें सुरक्षित कर सकते है। बैठक में सीडीओ स्वाती भदौरिया, सहायक नगर आयुक्त नरेंद्र भण्डारी, अपर जिलाधिकारी ललित नारायण मिश्र, अपर जिलाधिकारी प्रशासन बीके मिश्र, सीएमओ अशोक कुमार गैरोला सहित समस्त विभागीय कार्यालयाध्क्ष उपस्थित रहे।

दीक्षांत समारोह में पहली बार दिखी उत्तराखंडी परिधानों की झलक, राज्यपाल ने किया आगाह

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राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एचएनबी उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को उपाधियां वितरित की। ये समारोह इसलिये भी खास रहा कि पहली बार राज्य में उत्तराखंडी परिधानों को पहनकर कोई भी दीक्षांत समारोह हुआ। दीक्षांत समारोह में प्रयुक्त वेशभूषा को भारतीय संस्कृति व उत्तराखण्डी परम्पराके अनुरूप बनाया जा रहा है। इसके लिये तीन डिजाईन तैयार की गई हैं। राज्यपाल व मुख्यमंत्री से निर्देश प्राप्त कर किसी एक डिजाईन को जल्द ही पूरी तरह ढाल लिया जायेगा। इस डिजाइन को बनाने के लिये ग्राफिक ऐरा युनिवर्सिटी के फैशन डिजाइन विभाग के छह छात्रों की एक टीम ने काम किया है। इसके साथ साथ डॉ ज्योति छाबड़ा, कोकिला भंडारी ने भी टीम के साथ करीब  तीन महीने कड़ी मेहनत कर ये डिजाइन तैयार किये हैं। तैयार तीन डिजाइनों में से दो आने वाले अतिथियों के और एक छात्रों के परिधान के हैं।

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वहीं स्वास्थ सेवाओं को लेकर राज्यपाल ने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य क्षेत्र में पर्याप्त सुधार नहीं हो पाया है। नीति आयोग की स्वास्थ्य सूचकों पर रिपोर्ट का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इसमें नवजात मृत्यु दर, लिंग अनुपात आदि में उत्तराखण्ड की स्थिति संतोषजनक नहीं है।
हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में कुल 234 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई।

फैकल्टी के नाम पर खेल नहीं कर सकेंगे आयुष संस्थान

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(देहरादून) आयुर्वेदिक, यूनानी व होम्योपैथिक कॉलेज अब फैकल्टी के नाम पर खेल नहीं कर पाएंगे। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने इन पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। ‘आधार बेस्ड जियो लोकेशन अटेंडेंस’ के बाद मंत्रालय ने कॉलेजों के एक और नया फरमान जारी किया है। जिसके तहत कॉलेजों को शिक्षकों की पूरी जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। कॉलेजों को पंद्रह दिन के भीतर अनिवार्य रूप से डाटा अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल मेडिकल कॉलेजों में आए दिन कागजों में फर्जी शिक्षकों व चिकित्सकों की लंबी चौड़ी सूची दिखाकर संबंधित चिकित्सा परिषदों और विश्वविद्यालय से मान्यता लेने के मामले सामने आते रहे हैं। स्थिति यह कि एक शिक्षक, कई-कई जगह अपनी सेवा दे रहा है। यह फर्जीवाड़ा समाप्त करने और शैक्षणिक कार्यों के उन्नयन के लिए अब आयुष मंत्रालय ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पहला कदम ‘आधार बेस्ड जियो लोकेशन अटेंडेंस’ के रूप में उठाया गया। जिसमें न केवल शिक्षक बल्कि शिक्षणेत्तर कर्मी, हॉस्पिटल स्टाफ व पीजी छात्रों को भी शामिल किया गया है। सीसीआईएम व सीसीएच ने भी इस बावत निर्देश जारी कर दिए हैं। इधर हाजिरी लगेगी, उधर पूरा रिकॉर्ड आयुष मंत्रालय तक पहुंच जाएगा। अब आयुष मंत्रालय ने कॉलेजों को शिक्षकों का ब्यौरा सार्वजनिक करने को कहा है। उन्हें यह डाटा वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। जिसके तहत उन्हें शिक्षक का नाम, पता, मोबाइल या लैंडलाइन नंबर व ई-मेल, उनकी फोटो के साथ देना होगा। कॉलेजों को सख्त हिदायत दी गई है कि अगले पंद्रह दिन के भीतर इस पर अमल करें। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में संकायाध्यक्ष डॉ. आरके मिश्रा कहा कि इस कदम से आयुष पद्धति के कॉलेजों में फर्जीवाड़ा समाप्त होकर शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार आएगा। इन संस्थानों से कुशल व योग्य शिक्षक समाज को मिलेंगे। उन्होंने बताया कि विवि स्तर भी समस्त महाविद्यालयों से आधार सहित फैकल्टी का डाटा मांगा गया है।

अवैध खनन के खिलाफ छापेमारी, डंपर जब्त

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देहरादून। विकासनगर पुलिस ने अवैध खनन पर कर्रवाई करते हुए खनन प्रभावित क्षेत्र यमुना नदी के तटों पर छापेमारी की है। पुलिस ने बुधवार रात छापेमारी के दौरान घाट मटक माजरी पर एक डम्पर को यमुना नदी से रेत बजरी चोरी कर परिवहन करते हुए पकड़ा।

विकासनगर प्रभारी निरीक्षक शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कि पुलिस की कार्यवाही को देखते हुए डंपर चालक रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए मौके से भाग निकला पर अवैध खनन से भरे डंपर को कब्जे में ले लिया गया है। अज्ञात डंपर चालक के विरुद्ध चौकी कुल्हाल कोतवाली विकासनगर में खनन अधिनियम का अभियोग पंजीकृत किया गया है। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि अवैध खनन के विरुद्ध कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी।

मॉडिफाइड साइलेंसर युक्त गाड़ियों को पुलिस ने किया जब्त

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ऋषिकेश। वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक पौड़ी गढ़वाल के निर्देशन में मॉडिफाइड साइलेंसर लगी बुलेट मोटरसाइकिल के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत थाना लक्ष्मण झूला पुलिस ने मॉडिफाइड साइलेंसर लगी 2 बुलेट मोटरसाइकिल सीज की कर दी है।

थाना मुनि की रेती प्रभारी प्रदीप राणा के अनुसार पिछले करीब एक माह से मॉडिफाइड बुलेट के विरुद्ध पुलिस द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। जिसके चलते अभी तक 50 से अधिक बुलेट को पकड़कर सीज कर दिया गया और यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।

उत्तरकाशी बन सकता है पैराग्लाइडिंग का नया डेस्टिनेशन

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उत्तरकाशी। पैराग्लाइडिंग के क्षेत्र में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने व युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए जनपद में एक और ट्रायल किया गया। पैराग्लाइडिंग की अनुभवी टीम ने आज वरुणावत पर्वत से उड़ान भरी और जोशियाड़ा झील के बीच में बनी प्लोटिंग प्लेट फार्म पर लैडिंग की।

वरुणावत पर्वत से चार पैराग्लाइडिंग के अनुभवी, प्रेम ठाकुर, दीपक नगोई, चन्द्रमोहन,मनोज ओली और शिवानी गुसाई ने उड़ान भरी। मनोज ओली ने झील के मध्य बनी प्लोटिंग प्लेट फार्म पर लैंडिंग की। हालांकि पायलट ने ज्ञानसू झील के साथ मैदान में लैंडिंग की। प्लोटिंग प्लेट फार्म पर पैराग्लाडिंग लैडिंग की व्यवस्था शिवानी गुसाईं एवं संतोश सिंह बिष्ट ने की।
उत्तराखंड पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के सचिव शंकर सिंह के नेतृत्व में छह सदस्यीय दल ने चिन्यालीसौड़ व जिला मुख्यालय में पैराग्लाइडिंग के लिए स्थान चयनित किए। छह सदस्यीय दल में एक लड़की शिवानी गुसाईं भी शामिल रहीं। पैराग्लाइडिंग के क्षेत्र में पौड़ी जनपद की शिवानी गुसाईं का नाम लिम्का बुक में दर्ज है। शिवानी ने 13 वर्ष की आयु में पैराग्लाइडिंग कर राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया था।

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वरुणावत पर्वत से उड़ान भरने वाले हिमाचल प्रदेश के मनाली निवासी प्रेम ठाकुर ने बताया कि उत्तराखंड में उत्तरकाशी पहला जिला है जहां पैराग्लाइडिंग की जा रही है। चिन्यालीसौड़ पैराग्लाइडिंग के लिए मुफीद स्थान है और वरुणावत पर्वत भी उपयुक्त स्थान है लेकिन यहां से पैराग्लाइडिंग की उड़ान भरने के लिए अनुभव होना जरूरी है।वहीं पौड़ी की शिवानी गुसाई ने बताया कि उत्तराकाशी को भविष्य में पैराग्लाइडिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए यह एक महत्तवपूर्ण ट्रायल था और हमें खुशी कि हम इसमें कामयाब रहे।

गौरतलब है कि उत्तरकाशी के डीएम डॉ.आशीष चौहान आए दिन जिलें को बेहतर बनाने और युवाओं को राज़गार देने के नए आयाम तलाश रहे हैं चाहें वह माघ मेले के बाद जिले वॉटर स्पोर्टस कराना हो या फिर जिले में एडवेंचर स्पोर्ट को बढ़ावा देना हो।

जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने अपने निजी प्रयास से साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए अहम कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम में से दो धाम जनपद में हैं। इसके अलावा नैसर्गिक सौन्दर्य से परिपूर्ण नेलांग घाटी, गर्तांग गली आदि कई पर्यटक एवं धार्मिक क्षेत्र इस जनपद में हैं। पर्यटक पैराग्लाइडिंग से भी नैसर्गिक सौन्दर्य का आनंद लें सकें, इसके लिए कार्य किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि जनपद में पर्यटक आयेंगे तो निश्चित ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा। पैराग्लाइडिंग की अनुभवी टीम ने गत माह को चिन्यालीसौड़ एवं आज उत्तरकाशी में पैराग्लाइडिंग की सफल लैंडिंग की है। उन्होंने कहा कि साहसिक पर्यटन के साथ स्वरोजगार से भी इसे जोड़ा जा रहा है।

इस मौके पर उपजिलाधिकारी देवेन्द्र नेगी, डिप्टी कलेक्ट्रेट अनुराग आर्य, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल, सीओ मनोज ठाकुर, एसओ महादेव उनियाल आदि उपस्थित थे।