ऋषिकेश। पोड़ीजनपद के पुलिस कप्तान जगतराम जोशी द्वारा ‘सीनियर सिटीजन से मिलिए’ अभियान के तहत की गई अनूठी पहल आज अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके वृद्धों के लिए बेहद सुखद एहसास कराने वाली साबित हो रही है। एक ओर जहां समाज में अपना खून ही अपने अभिभावकों को रुसवा और मायूस कर रहा है वहीं उत्तराखंड की पुलिस मित्र छवि के अनुरूप बेहद बेहतर कार्य करते हुए वृद्धों के लिए रहमत का फरिश्ता बनी हुई है।
अभियान के तहत लक्ष्मण झूला थाना पुलिस द्वारा क्षेत्र में डोर टू डोर अभियान चलाकर 110 बुजुर्गों से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली गई। इस दौरान पुलिस कर्मियों ने वृद्वो को विभिन्न आवश्यक सामान भेंट कर उन्हें हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
पुलिसकर्मियों ने उन्हें बताया कि आपकी सुरक्षा पुलिस का दायित्व है। एकाकी जीवन जीने वाले प्रत्येक सीनियर सिटीजन का चिन्हीकरण किया जा चुका है। उनके घरों के आस-पास खासतौर पर पुलिस निगरानी रखती है ताकी उन्हें किसी भी घटना का शिकार होने से बचाया जा सके।
बुजुर्ग के लिए रहमत का फरिश्ता बनी पुलिस
बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए ट्रैफिक पुलिस करेगी कुछ खास
राजधानी में यातायात निदेशालय द्वारा सीनियर सिटीजन और दिव्यांगों के लिए एक नई पहल की जा रही है।इस महीने के आखिरी दिन यानि की 28 फरवरी को देहरादून ट्रैफिक पुलिस बुजुर्गों और दिव्यांगों को सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक फ्री पिक एंड ड्राप की सुविधा देगा।
ट्रैफिक डायरेक्टरेट उत्तराखंड पुलिस ने अपने फेसबुक पेज के माध्यम से इसकी जानकारी दी।इससे पहले भी ट्रैफिक पुलिस ने महिलाओं को नए साल के दिन फ्री पिक एंड ड्राप की सुविधा उपलब्द कराई थी।अपने बहुत से प्रयोगों में ट्रैफिक पुलिस आए दिन कुछ नया और हटकर कर रही है।चाहें वह शहर के सिटी बसों में आवाज पहल हो,या एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए निरोग पहल हो।देहरादून में यातायात निदेशालय द्वारा प्रत्येक चौराहों पर एक-एक कार और विक्रम की व्यवस्था की जा रही है। इन वाहनों का उपयोग सीनियर सिटीजन और दिव्यांग निःशुल्क कर सकेंगे। जिसका संचालन यातायात पुलिस द्वारा किया जाएगा।
अपनी नई पहल सम्मान के बारे में बात करते हुए यातायात निदेशक केवल खुराना ने बताया कि पिछले तीन दिनों से लगभग सभी अख़बारों में इसकी जानकारी दे रहे हैं.इसके अलावा देहरादून के खास इलाकों में हम ई-रिक्शा के माध्यम से घोषणा भी करवाऐंगे।यह घोषणा डालनवाला,वसंत विहार,जाखन जैसे क्षेत्रों में होगी।इसी जानकारी ऱेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को भी दि गई है।केवल खुराना ने कहा कि सम्मान पहल से हमें पता चलेगा कि लोगों तक हमारी सुविधा पहुंच रही की नहीं और इसका रिस्पांस जैसा भी होगा हम उसके हिसाब से काम करेंगे।
तो अगर आपके आसपास कोई भी दिव्यांग या बुजुर्ग रहता है तो उसे यातायात निदेशालय के सम्मान पहल के बारे में जरुर बताएं।
नकली और सिंथेटिक रंगों से भरा बाज़ार,संभल कर मनाएं होली
ऋषिकेश। होली रंगों का त्यौहार है इस त्यौहार को खास बनाने के लिए चीन से खास तरह के रंग और पिचकारी आई है जो अपनी खूबियों के कारण बच्चो और बड़ो दोनों की पहली पसंद बन रही है। बाज़ार पूरी तरह से होली के रंग में रंग गया है अगर आप होली के लिए रंग खरीदने जा रहे है तो सावधानी बरते। बाजारों में नकली और सिंथेटिक रंग की भरमार है, ऐसे में सुरक्षित होली के लिए हर्बल गुलाल का प्रयोग करें।
मिलावट खोरो ने नकली रंगों की बड़ी खेप बाज़ार में उतारी है। होली के लिए बाज़ार में खास तरह के रंग,गुलाल और पर्यावरण से जुड़े हुए खास हर्बल रंग काफी वेरायटी में आये हुए है। पिचकारियों की होली में काफी डिमांड होती है खासकर बच्चे पानी से भरी पिचारियों को लेकर काफी खुश होते,इन बच्चो की ख़ुशी में चार चाँद लगाने के लिए तरह-तरह की आटोमेटिक पिचकारी,पानी के गिले -सूखे रंग बाज़ार में आये हुए , मुनाफाखोर ने इन रंगों में मिलावटी रंगों की एक बड़ी खेप उतारी हुई है। जिस से होली के रंग बड़ी बीमारी दे सकते है और स्किन पर इसके निशाँ लम्बे समय तक रह सकते है इस डर से लोग रंगों से परहेज कर रहे है। डॉक्टर बताते है की रंग त्वचा और आखों और बालों पर बुरा प्रभाव डालते है जिसपर सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है।
नौवें दिन भी धरने पर साधन समिति सचिव परिषद के कर्मचारी
देहरादून। साधन समिति सचिव परिषद उत्तराखंड एवं आंकिक कर्मचारी संगठन साधन सहकारी समितियों के कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को 9वें दिन भी जारी रहा। परेड ग्राउंड धरना स्थल पर परिषद कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं।
साधन समिति सचिव परिषद की हड़ताल से सहकारिता विभाग के कार्य प्रभावित है। परिषद के महामंत्री लक्ष्मण सिंह ने बताया कि इस बीच कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, मदन कौशिक और सचिव सहकारिता से बातचीत हुई लेकिन अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।
समिति कर्मचारियों की तीन प्रमुख मांगे है। जिनमें पैक्स कैडर सचिवों को खाली पदों पर आंकिको की पदोन्नति की करने, समितियों के व्यवसाय अनुसार कर्मचारियों का वर्गीकरण कर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन लागू करने, समिति कर्मचारियों का जिला कैडर बनवाये जाने शामिल है।
धरना स्थल पर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए परिषद के प्रदेश महामंत्री लक्ष्मण सिंह रावत ने कहा कि कर्मचारी लंबे समय से कैडर सचिवों को सातवें वेतनमान का लाभ दिए जाने और उनका ग्रेड वेतन 2800 रुपये करने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि जबतक हमारी मांगों पर सचिव सहकारिता द्वरा आदेश जारी नहीं किया जाता तबकत घरना स्थल पर डटे रहेंगे।
शहीद की मां और पत्नी को दिए चेक
गोपेश्वर। चमोली जिले के विकास खंड कर्णप्रयाग के परसारी बडागांव के शहीद मुरूली सिंह बिष्ट की पत्नी और मां को मंगलवार को जिलाधिकारी चमोली आशीष जोशी ने उत्तराखंड सरकार से प्राप्त अनुग्रह अनुदान की राशि के चेक सौंपे।
उल्लेखनीय है कि शहीद वारंट अफसर मुरूली सिंह बिष्ट 11 मार्च, 2014 को मणिपुर के कंपांग इलाके में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गये थे। मंगलवार को जिलाधिकारी चमोली ने शहीद की पत्नी पार्वती देवी को 6 लाख तथा शहीद की माता भागीरथी देवी को 4 लाख अनुग्रह अनुदान राशि का चेक दिया। इस अवसर पर जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास अधिकारी ले. कर्नल एनके डबराल(अप्रा) तथा सहायक सैनिक कल्याण अधिकारी प्रमोद प्रसाद बहुगुणा भी मौजूद थे।
सलमान खान, कैटरीना के खिलाफ याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट मांगा
नई दिल्ली। फिल्म स्टार सलमान खान, कैटरीना कैफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अनुसूचित जाति , जनजाति आयोग से इनके खिलाफ दायर शिकायत पर अब तक हुई कार्रवाई के बारे में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
याचिका हरनाम सिंह ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि फिल्म ‘ टाईगर जिंदा है ‘ के प्रमोशन के दौरान सलमान खान और कैटरीना कैफ ने वाल्मीकि समाज के लिए जातिगत एवं अपमानजनक शब्द कहे। फिल्म के प्रमोशन के दौरान सलमान ने अपने एक डांस स्टेप के बारे में बताते हुए ‘भंगी’ शब्द का इस्तेमाल किया। कैटरीना कैफ ने इसी शब्द का इस्तेमाल करते एक रिएलिटी शो में कहा था कि वो घर में अक्सर ऐसी ही दिखती हैं।
छात्रों और अभिभावकों को होली पर केमिकल रंगों से बचने की सलाह
ऋषिकेश। निःशुल्क शिक्षण संस्थान उड़ान स्कूल मायाकुंड में होली के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित कर स्कूली बच्चों एवं उनके अभिभावकों को सुरक्षित होली खेलने और रासायनिक रंगों से बचाव की जानकारी दी गयी।
सोमवार को विद्यालय में आयोजित होली मिलन कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों को होली पर्व का महत्व बताते हुए होलिका दहन के इतिहास की जानकारी भी दी गई। स्कूल के निदेशक एवं नेत्र चिकित्सक डॉ. राजे नेगी ने बताया कि आमतौर से बाजार में ज्यादा मुनाफा कमाने के उद्देश्य से ऐसे रंगों को तैयार किया जाता है जिनमे भारी मात्रा में कांच, क्रोमियम आयोडाइड, लेड आक्साइड, कॉपर सल्फेट, एल्युमिनियम आदि मिला होता है, इन रंगों के सम्पर्क में आते ही श्वांस, त्वचा, आंख, किडनी पर बुरा असर पड़ता है। अगर आंखों में रंग चला जाये तो आंखों को मलें या मसलें नहीं, तुरन्त साफ पानी से आंखों को धो लेना चाहिए।
डॉ. नेगी ने कहा कि होली खेलने से पहले अपने चेहरे और हाथ पैरों पर नारियल या सरसों का तेल या वेसलीन लगा लेना चाहिए। इससे रंग हमारे शरीर पर जल्दी से चिपकता नहीं है। कोशिश करें कि अपने बच्चों को हर्बल रंगों से होली खेलने के लिए प्रेरित करें या घर पर ही आप फूलों से या हल्दी, चंदन द्वारा तैयार किये गए रंगो से होली खेलें। डॉ. नेगी ने बच्चों से राह चलते लोगों पर गुबारे या पिचकारी से रंग न फेंकने की बात कही। उन्होंने बताया कि कई बार ये आपसी झगड़े का कारण बन जाता है। होली में पानी की बर्बादी न करें और पर्यावरण के साथ ही जल सरंक्षण भी करें।
उरेडा से ऊर्जा संरक्षण को राज्य में मिल रहा है बल
देहरादून। उत्तराखंड के कुछ विभाग शासकीय कामों के साथ-साथ प्राकृतिक व्यवस्थाओं के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण में विशेष महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन्हीं में शामिल है उरेडा, जो ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में सरकार द्वारा नामित एजेंसी है। संस्थान के अधिकारी शासन के दिशा-निर्देअनुसार ऊर्जा और वैकल्पिक ऊर्जा पर विशेष कार्य कर रहे हैं, जिससे बिजली की कमी तो दूर हो रही है, प्रदेश को भी अच्छा-खास लाभ हो रहा है। मुख्यमंत्री जिनके पास ऊर्जा विभाग का भी दायित्व है, के दिशा-निर्देश पर प्रबंधक एके त्यागी तथा सीपी अग्रवाल वैकल्पिक ऊर्जा को महत्वपूर्ण आयाम देने पर जुटे हुए हैं।
यह जानकारी देते हुए वरिष्ठ अधिकारी सीपी अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा उजाला कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2019 तक 100 लाख एलईडी बल्ब के वितरण का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक लगभग 44.42 लाख बल्ब का वितरण हो चुका है, जिससे प्रतिवर्ष 576 मिलियन यूनिट विद्युत खपत में कमी लाई गई है। राज्य में 67 डाकघर, उरेडा के 13 जनपदीय कार्यालयों एवं यूपीसीएल के बिल काउंटर, पेट्रोल पम्प, स्वयं सहायता समूहों आदि के माध्यम से भी बल्ब की बिक्री का कार्य कराया जा रहा है।
अग्रवाल के अनुसार राज्य के 54 शासकीय भवनों में ऊर्जा आॅडिट का कार्य पूर्ण कराया गया है। उत्तराखंड सचिवालय परिसर के विभन्न भवनों/ कक्षों एवं जनपद के विकास भवनों तथा कलेक्ट्रेट भवनों में विद्युत की बचत हेतु आक्यूपेन्सी सेन्सर्स की स्थापना का कार्य पूर्ण कराया गया, जिससे 15-20 प्रतिशत विद्युत खपत में कमी लाई गई है। उत्तराखंड जल संस्थान, राजपुर रोड में पांच परम्परागत जल पम्पों तथा मसूरी में दो परम्परागत जल पम्प को ऊर्जा दक्ष पम्पों से बदला गया है।
उन्होंने बताया कि जनपद नैनीताल की पांच ग्राम पंचायतों में 1000 परम्परागत एलईडी बल्बों से बदला गया एवं जनपद हरिद्वार के ग्राम पंचायत रसूलपुर बहादराबाद में100 वाॅट के 2484 बल्बों को 12 वाॅट के एलईडी बल्बों से बदला गया। राज्य में ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता को संशोधित कर नये भवनों के निर्माण में संस्तुतियों को लागू किए जाने के लिए अधिसूचना जारी की गई है एवं उरेडा द्वारा भवन ऊर्जा संरक्षण संहिता के अंतर्गत जनपदों में प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।
मसूरी नगर पालिका क्षेत्र में 500 स्ट्रीट लाइट, हल्द्वानी नगर निगम क्षेत्र में 386 एलईडी स्ट्रीट लाइट की स्थापना प्रदर्शन कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्ण करायी जा चुकी है। ईईएसएल द्वारा देहरादून में 42000 सोडियम वेपर लैम्प बदले जाने हेतु एमओयू किया गया है। दून विश्वविद्यालय देहरादून में स्थापित 150 सोडियम स्ट्रीट लाइट्स को ऊर्जा दक्षण जोन आधरित स्ट्रीट लाइट्स के रूप में बदला गया है। राज्य के समस्त स्थानीय निकाय क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट्स, भवनों, जल पम्प आदि में ऊर्जा बचत की संभावनाओं हेतु वार्षिक ऊर्जा बचत प्लान तैयार कराया गया है।
ट्रेन के सामने कूदकर युवक ने की आत्महत्या
हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार के भूपतवाला क्षेत्र में सोमवार को एक युवक ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या का कारण प्रेम प्रसंग बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह पुलिस को खड़खड़ी रेल लाइन पर एक युवक का शव पड़े होने की सूचना मिली। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक की शिनाख्त अभिषेक चौहान (25) निवासी कैलाश गली खड़खड़ी के रूप में की। आत्महत्या से पूर्व अभिषेक ने रेल पटरी पर अपनी सेल्फी ली और उसे फेसबुक पर पोस्ट किया, जिसमें लिखा की यह उसकी आखिरी फोटो है। पुलिस आत्महत्या की वजह प्रेम प्रसंग मान रही है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
प्रकृति प्रदत्त जीवन ही आरोग्य की कुंजी : चिदानन्द
ऋषिकेश। स्वामी शुकदेवानन्द चेरिटेबल अस्पताल में निःशुल्क ‘एक्यूपंक्चर एवं नेचुरोपैथी’ चिकित्सा शिविर का परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज, अमेरिका से आये प्रसिद्ध एक्यूपंक्चर एवं नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डाॅ सैमी, डाॅ एंजी, डाॅ रवि कौशल एंव अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों ने वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी कर चिकित्सा शिविर का समापन किया।
इस मौके पर स्वामी चिदानन्द ने कहा कि ‘नेचुरोपैथी चिकित्सा पद्धति का इतिहास प्रकृति जितना ही पुराना है। पौराणिक ग्रन्थों एवं वैदिक काल में भी इसी चिकित्सा पद्धति का जिक्र किया गया है। हम जितनी गहराई के साथ प्रकृति प्रदत्त संपदा के जुड़ेंगे उतने ही स्वस्थ और निरोग जीवन यापन कर सकते है। उन्होंने कहा कि प्रकृति प्रदत्त जीवन ही आरोग्य की कुंजी है। हम प्राकृतिक जीवन के मूलभूत आदर्शों को अपनाकर स्वस्थ रह सकते है। आज के युग में भी नेचुरोपैथी चिकित्सा पद्धति स्वस्थ जीवन के लिये वरदान है।’’
चिकित्सा शिविर के माध्यम से अमेरिका से आये प्रसिद्ध एक्यूपंक्चर एवं नेचुरोपैथी विशेषज्ञों ने दस दिनों तक मां गंगा के तट पर स्वामी जी के सानिध्य में उत्तराखण्ड एवं उत्तरप्रदेश के दूर-दराज के इलाकों से आये 800 से अधिक रोगियों की चिकित्सा की। इस दल में एक्युपन्चर, नैचुरोपैथी, एक्युप्रेशर, योग, मसाज, सूर्य चिकित्सा, जल चिकित्सा, मृदा चिकित्सा एवं अन्य अनेक विधाओं के माध्यम से रोगियों की चिकित्सा की।
प्रसिद्ध एक्यूपंक्चर विशेषज्ञ डाॅ सैमी ने बताया की इस चिकित्सा पद्धति के माध्यम से हम पुरानी से पुरानी वेदनाओं का शमन कर सकते है। यह एक बेहतर चिकित्सा पद्धति है इसके द्वारा शरीर के विभिन्न बिन्दुओं में सुई चुभाकर दर्द से राहत दिलायी जाती है। इस चिकित्सा से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, एक्यूपंक्चर के 365 पॉइंट्स होते है उनमें से कुछ काफी असरदार होते है और डिप्रेशन, सिरदर्द, चक्कर, लकवा, यूटरस, दिमागी असंतुलन, नाक व कान से जुड़ी बीमारियों के लिये बहुत लाभदायक पद्धति है। उन्होने बताया कि परमार्थ निकेतन में आयोजित चिकित्सा शिविर में लोअर बैक पेन, जाॅइंट पेन, घुटनों का दर्द, डिप्रेशन, यूटरस से सम्बंधित बीमारियों के रोगी अधिक थे।
डाॅ सैमी ने कहा कि हम सौभाग्यशाली है कि हमें सेवा के साथ-साथ दस दिनों तक परमार्थ निकेतन के इस पावन, आध्यात्मिक वातावरण में रहने का अवसर प्राप्त हुआ। चिकित्सा शिविर के माध्यम से हमारे इस दल ने अनेक स्थानों पर सेवा कार्य किये है परन्तु गंगा के तट की शान्ति और आध्यात्मिक गुरू स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के मार्गदर्शन एवं सान्निध्य में सेवा करने का अनुभव अद्भुत रहा। उन्होने कहा कि हमने पूज्य स्वामी जी के साथ चर्चा कर एक कार्ययोजना तैयार की है जिसके माध्यम से हम प्रतिवर्ष यहां आकर इस सेवा कार्य को आगे भी जारी रखेंगे।
डाॅ रवि कौशल ने बताया कि इस चिकित्सा शिविर का लाभ 800 से अधिक रोगियों लिया।
चिकित्सा शिविर के समापन अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के साथ डाॅ सैमी, डाॅ डैन, डाॅ एंजी, मैट लाॅरा, डेनिस, कैथी, एड्रियाना, ब्रिटेट, बायराॅन, स्टेफनी, डेब्रा, बैरोन, शाना, डाॅ रवि कौशल जी, लौरी, एलिस, ट्रीसा, एवं अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों नेे विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति होती रहे इस भावना से वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की।