प्रकृति प्रदत्त जीवन ही आरोग्य की कुंजी : चिदानन्द

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ऋषिकेश। स्वामी शुकदेवानन्द चेरिटेबल अस्पताल में निःशुल्क ‘एक्यूपंक्चर एवं नेचुरोपैथी’ चिकित्सा शिविर का परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज, अमेरिका से आये प्रसिद्ध एक्यूपंक्चर एवं नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डाॅ सैमी, डाॅ एंजी, डाॅ रवि कौशल एंव अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों ने वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी कर चिकित्सा शिविर का समापन किया।
इस मौके पर स्वामी चिदानन्द ने कहा कि ‘नेचुरोपैथी चिकित्सा पद्धति का इतिहास प्रकृति जितना ही पुराना है। पौराणिक ग्रन्थों एवं वैदिक काल में भी इसी चिकित्सा पद्धति का जिक्र किया गया है। हम जितनी गहराई के साथ प्रकृति प्रदत्त संपदा के जुड़ेंगे उतने ही स्वस्थ और निरोग जीवन यापन कर सकते है। उन्होंने कहा कि प्रकृति प्रदत्त जीवन ही आरोग्य की कुंजी है। हम प्राकृतिक जीवन के मूलभूत आदर्शों को अपनाकर स्वस्थ रह सकते है। आज के युग में भी नेचुरोपैथी चिकित्सा पद्धति स्वस्थ जीवन के लिये वरदान है।’’
चिकित्सा शिविर के माध्यम से अमेरिका से आये प्रसिद्ध एक्यूपंक्चर एवं नेचुरोपैथी विशेषज्ञों ने दस दिनों तक मां गंगा के तट पर स्वामी जी के सानिध्य में उत्तराखण्ड एवं उत्तरप्रदेश के दूर-दराज के इलाकों से आये 800 से अधिक रोगियों की चिकित्सा की। इस दल में एक्युपन्चर, नैचुरोपैथी, एक्युप्रेशर, योग, मसाज, सूर्य चिकित्सा, जल चिकित्सा, मृदा चिकित्सा एवं अन्य अनेक विधाओं के माध्यम से रोगियों की चिकित्सा की।
प्रसिद्ध एक्यूपंक्चर विशेषज्ञ डाॅ सैमी ने बताया की इस चिकित्सा पद्धति के माध्यम से हम पुरानी से पुरानी वेदनाओं का शमन कर सकते है। यह एक बेहतर चिकित्सा पद्धति है इसके द्वारा शरीर के विभिन्न बिन्दुओं में सुई चुभाकर दर्द से राहत दिलायी जाती है। इस चिकित्सा से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, एक्यूपंक्चर के 365 पॉइंट्स होते है उनमें से कुछ काफी असरदार होते है और डिप्रेशन, सिरदर्द, चक्कर, लकवा, यूटरस, दिमागी असंतुलन, नाक व कान से जुड़ी बीमारियों के लिये बहुत लाभदायक पद्धति है। उन्होने बताया कि परमार्थ निकेतन में आयोजित चिकित्सा शिविर में लोअर बैक पेन, जाॅइंट पेन, घुटनों का दर्द, डिप्रेशन, यूटरस से सम्बंधित बीमारियों के रोगी अधिक थे।
डाॅ सैमी ने कहा कि हम सौभाग्यशाली है कि हमें सेवा के साथ-साथ दस दिनों तक परमार्थ निकेतन के इस पावन, आध्यात्मिक वातावरण में रहने का अवसर प्राप्त हुआ। चिकित्सा शिविर के माध्यम से हमारे इस दल ने अनेक स्थानों पर सेवा कार्य किये है परन्तु गंगा के तट की शान्ति और आध्यात्मिक गुरू स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के मार्गदर्शन एवं सान्निध्य में सेवा करने का अनुभव अद्भुत रहा। उन्होने कहा कि हमने पूज्य स्वामी जी के साथ चर्चा कर एक कार्ययोजना तैयार की है जिसके माध्यम से हम प्रतिवर्ष यहां आकर इस सेवा कार्य को आगे भी जारी रखेंगे।
डाॅ रवि कौशल ने बताया कि इस चिकित्सा शिविर का लाभ 800 से अधिक रोगियों लिया।
चिकित्सा शिविर के समापन अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के साथ डाॅ सैमी, डाॅ डैन, डाॅ एंजी, मैट लाॅरा, डेनिस, कैथी, एड्रियाना, ब्रिटेट, बायराॅन, स्टेफनी, डेब्रा, बैरोन, शाना, डाॅ रवि कौशल जी, लौरी, एलिस, ट्रीसा, एवं अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों नेे विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति होती रहे इस भावना से वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की।