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सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए पासपोर्ट आम आदमी की जरुरत: कोश्यारी

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रुद्रपुर। नैनीताल-ऊधमसिंहनगर संसदीय क्षेत्र से सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को मुख्य डाकघर रूद्रपुर में पोस्ट आफिस पासपोर्ट सेवा केन्द्र का दीप प्रज्जवलित के बाद फीता काटकर उद्घाटन किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि इस औद्योगिक शहर के लिये पासपोर्ट कार्यालय खोला जाना ऐतिहासिक दिन है। कोश्यारी ने कहा कि इन चार सालों में केन्द्र सरकार ने जन सुविधाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिये कार्य किया है तथा रूद्रपुर शहर में पोस्ट आफिस पासपोर्ट कार्यालय खोला जाना सरकारी की इसी कडी में शामिल है। उन्होंने कहा कि सामाजिक और आर्थिक विकास की प्रगति के मद्देनजर पासपोर्ट आम आदमी की आवश्यकता हो गई है। इसलिये केन्द्र सरकार ने पासपोर्ट कार्यालय लोगों के घर तक पहुचांने के प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि देश के नागरिक रोजगार,व्यवसाय,शिक्षा,व्यापार आदि कार्यो के लिए विदेश जाते है। इस केन्द्र से लोगों को पासपोर्ट बनाने में सहूलियत हो जायगी। उन्होंने कहा कि लोगों की पासपोर्ट के बावत सभी औपचारिकतायें इसी केन्द्र पर पूरी होने के बाद तीन दिन के अन्दर देहरादून से पासपेार्ट उपलब्ध करा दिये जायेगें।
क्षेत्रीय विधायक राजकुमार ठुकराल ने रूद्रपुर में पासपेार्ट केन्द्र की स्थापना किये जाने के लिये सांसद कोश्यारी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जनअपेक्षाओं के देखते हुये रूद्रपुर समेत अन्य क्षेत्र के लोगों के लिये यह केन्द्र मिल का पत्थर साबित होगा। विधायक पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों को विदेश यात्रा हेतु पासपोट बनाये जाने के लिये मशक्त नही करनी पडेगी। विधायक सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पासपोर्ट के बाबत लोगों के समय के साथ ही धन की भी बचत होगी। मेयर सोनी कोली ने कहा कि पासपोर्ट केन्द्र की स्थापना से आमजन को लाभ प्राप्त होगा।
पोस्ट मास्टर जनरल विनय कुमार तिवारी ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुये कहा कि एक समय था जब पासपोर्ट बनाया जाना समृद्ध लोगों तक सीमित था किन्तु आज देश में लोगों का जीवन स्तर उन्नत होने से पासपोर्ट आम जन की आवश्यकता हो गई है इसलिये सरकार पासपोर्ट सेवा को जनसेवा का रूप दे रही है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही केन्द्र के सहयोग से इण्डिया पोस्ट बैंक भी रूद्रपुर में खोला जायेगा इसके साथ प्रदेश में आधुनिक सुविधायुक्त 214 पोस्ट आफिस भी खोले जाने का निर्णय लिया गया है।
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ऋषि अंगरा ने बताया कि प्रदेश में 2008 के दशक में देहरादून में पासपोर्ट कार्यालय खोला गया था। जनअपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुये 50 किमी0 दायरे में पासपेार्ट कार्यालय खोले जाने की सरकार की मंशा है। पहले अल्मोडा में पासपोर्ट कार्यालय खोला गया है आज रूद्रपुर में इस केन्द्र की शुरूआत हो गई है और शीघ्र ही काठगोदाम व नैनीताल में भी पासपेार्ट कार्यालय खोले जा रहे है। पासपोर्ट केन्द्र को अभी तक 14400 आवेदन पत्र प्राप्त हुये है तथा आज रूद्रपुर में प्रथम दिन 10 लोगों ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किये है। इस अवसर पर विशेष भूमि अध्यापप्ति अधिकारी एनएस नबियाल,डाक निरीक्षक अशोक पाठक,भूपेन्द्र सिंह बिष्ट,प्रवर अधीक्षक डाक एसके कण्डवाल,सहित जिलाध्यक्ष शिव अरोरा, सुरेश परिहार,उत्तम दत्ता,सुरेश कोली,सांसद प्रतिनिधि मनमोहन राय,भारत भूषण चूघ,दिलीप अधिकारी,विकास शर्मा,तरूण दत्ता समेत अन्य जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।

62 परीक्षा केंद्रों पर 12 हजार छात्र-छात्राएं देंगे बोर्ड परीक्षा

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विकासनगर। शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों सहित प्रधानाचार्य व शिक्षक इन दिनों मार्च माह के दूसरे पखवाड़े से शुरु होने वाली बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में लगे हुए हैं। परीक्षाओं को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए चकराता, कालसी, विकासनगर व सहसपुर ब्लाक में कुल 62 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें कुल 12601 छात्र-छात्राएं परीक्षा देंगे। परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की अपेक्षा छात्राओं की संख्या अधिक है। चारों ब्लाक में इस बार कुल 7959 छात्राएं परीक्षा में शामिल होंगी।

चकराता ब्लाक के कुल 15 परीक्षा केंद्रों पर कुल 2029 छात्र-छात्राएं परीक्षा देंगे जिनमें से बालिका 1112 छात्राएं व 917 छात्र शामिल हैं। कालसी ब्लाक के 10 परीक्षा केंद्रों में कुल 1573 हाई स्कूल व इंटरमीडिएट के बोर्ड परीक्षार्थी हैं जिनमें से 800 छात्राएं व 773 छात्र शामिल हैं। विकासनगर ब्लाक के 22 परीक्षा केंद्रों में कुल 5344 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं जिनमें 3263 छात्राएं व 2081 छात्र शामिल हैं। जबकि सहसपुर ब्लाक के 15 परीक्षा केंद्रों में पंजीकृत 3655 परीक्षार्थियों में 2011 छात्राएं व 1644 छात्र शामिल हैं। हालांकि अधिकांश परीक्षा केंद्रों पर छात्रों के लिए पर्याप्त फर्नीचर मुहैया नहीं होने से केंद्र व्यवस्थापकों के सामने परीक्षाओं का संचालन करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। अधिकांश केंद्र व्यवस्थापकों ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि हाई स्कूल व इंटर की परीक्षा एक ही दिन होने पर अधिकांश परीक्षार्थियों को जमीन पर बैठकर परीक्षा देनी पड़ेगी। उधर, मुख्य शिक्षाधिकारी एसबी जोशी ने कहा कि शांत व स्वस्थ माहौल में परीक्षा संपन्न कराने के लिए विभाग द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। जिन परीक्षा केंद्रों पर फर्नीचर की कमी है वहां अन्य पास के विद्यालयों से फर्नीचर मुहैया कराने की कोशिश की जाएगी।

कीर्ति चिदंबरम को सीबीआई की टीम ने किया गिरफ्तार

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चेन्नई। सीबीआई की टीम ने बुधवार को सुबह वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कीर्ति चिदंबरम को यहाँ गिरफ्तार कर लिया | जानकारी के अनुसार कीर्ति चिदम्बरम को आईएनएक्स मीडिया मनी लाउन्डरिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है | आरोप है कि कीर्ति चिदंबरम जाँच एजेंसी को जाँच में सहयोग भी नहीं कर रहे हैं |

सूत्रों का कहना है कि लन्दन से जैसे ही कीर्ति चिदंबरम चेन्नई एयरपोर्ट पर उतरे वैसे ही पहले से तैयार जाँच टीम के लोगों ने उसे एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार कर लिया | सीबीआई की टीम शीघ्र ही उसे दिल्ली मुख्यालय पूछताछ के लिए ले आने वाली है | 

अधिकारी दिखाए सड़कों पर अपनी उपस्थितिः एडीजी अशोक कुमार

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देहरादून। बीते 27 फरवरी यानि मंगलवार को अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था  उत्तराखण्ड की अध्यक्षता में  जनपद देहरादून के सभी राजपत्रित पुलिस अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा करने के लिए पुलिस मुख्यालय की सभागार में एक बैठक आयोजित की गयी। जिसमें दीपम सेठ, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था,पुष्पक ज्योति, पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र, निवेदिता कुकरेती,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून, प्रिति प्रियदर्शनी पुलिस अधीक्षक,शिकायत प्रकोष्ठ पुलिस मुख्यालय देहरादून,प्रदीप राय, पुलिस अधीक्षक नगर, देहरादून,सरिता डोभाल, पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण, देहरादून,लोकेश्वर सिंह, पुलिस अधीक्षक, यातायात देहरादून सहित जनपद देहरादून के सभी क्षेत्राधिकारी उपस्थित रहे।

review meeting

अशोक कुमार ने शिकायती प्रार्थना-पत्रों की जांच की गुणवत्ता पर नारजगी जताते हुए कहा की पुलिस मुख्यालय शिकायतकर्ता  के शिकायती प्रार्थना-पत्रों पर गम्भीरता से ध्यान नहीं दे रहे हैं। पीड़ित/शिकायतकर्ता की बात को पूरा सुने बिना ही थाने द्वारा भेजी गयी जांच आख्या को पुलिस मुख्यालय को अग्रसारित कर दिया जाता है। उन्होने कहा की पुलिस का कार्य अपराध नियंत्रण, यातायात प्रबन्धन तथा पीड़ित की सहायता कर उसे न्याय दिलाना है, इसलिये शिकायतों पर थाना स्तर से की गयी कार्यवाही का क्षेत्राधिकारी द्वारा अवलोकन किया जाये तथा पीड़ित/शिकायतकर्ता की पूरी बात सुनकर एवं उसका पक्ष जानकर ही उसपर कार्यवाही जाये, जिससे कि पीड़ित को न्याय मिल सकें तथा पुलिस पर उसका विश्वास बना रहे।

अशोक कुमार द्वारा बैठक में उपस्थित अधिकारियों के कार्यों में गुणवत्ता लाने एवं कार्यक्षमता बढ़ाने के सम्बन्ध में निर्देश दिए गये-

  • पुलिस अधीक्षक नगर/ग्रामीण एवं क्षेत्राधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में यातायात प्रबन्धन एवं शान्ति व्यवस्था हेतु सड़कों पर उपस्थित रहने की आदत बनाये।
  • किसी भी घटना पर तुरन्त पहुंचकर रिस्पोन्स टाईम सुधारने हेतु निर्देशित किया गया।
  • सड़कों पर अतिक्रमण के विरुद्घ 81 पुलिस एक्ट एवं 133 सीआरपीसी के अन्तर्गत कार्यवाही करें।
  • वर्तमान में भू-माफिया, साईबर क्राईम, जॉब स्कैम (नौकरी के नाम पर झांसा देकर ठगी करना) नये उभरते हुये अपराध हैं, जिनपर एफआईआर पंजीकरण करने में टाल-मटोल की जाती है। अतः उक्त अपराधों में तत्काल एफआईआर पंजीकृत कर अग्रिम कार्यवाही की जाये।
  • Track the Criminal Not Crime के सिद्धांत पर चलते हुये पांच वर्षीय सक्रीय अपराधियों की निगरानी करें तथा वांछित/लापता आपराधियों को नियमित रुप से ट्रैक करते रहे।

राजनीति: किसके हाथ लगेगी राज्यसभा की ये एकलौती सीट?

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जहां एक तरफ कांग्रेस ने खुद ही राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार न उतार कर अपनी दावेदारी खत्म कर दी है वहीं 2017 विधानसभा चुनावों में मिले भारी बहुमत के चलते सत्ताधारी बीजेपी के लिये इस चुनाव में जीत तय हो गई है। लेकिन ऐसा नहीं है कि बीजेपी की मुश्किलें खत्म हो गई हों। उसके सामने चुनौती है कि राज्यसभा कि इस इकलौती सीट पर किस नेता के नाम पर मुहर लगाकर उसे अपर हाउस भेजा जाये।

चुनावों के करीब आते ही पार्टी में सीट के दावेदारों की लिस्ट लंबी होती गई। इन सबमें सबसे आगे चल रहे हैं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और 2016 विधायकों को तोड़कर त्तकालीन हरीश रावत सरकार को झटका देने वाले विजय बहुगुणा। सत्ता के गलियारों में ये बात भी कही जा रही है कि इस बगावत को अंजाम देने के इनाम के तौर पर विजय बहुगुणा को राज्यसभा सीट से नवाज़ा जा सकता है। कुछ लोगों का ये भी मानना है कि इस बगावत की व्यूह रचना करने के बदले बहुगुणा ने अपने लिये राज्य सभा सीट की डील की थी।

वहीं इस सीट के दूसरे प्रबल दावेदार के रूप में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का नाम भी रेस में है। माना जा रहा है कि भट्ट को चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करने और जीत दिलाने के इनाम के रूप में राज्यसभा भेजा जा सकता है। भट्ट के पक्ष में पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता जैसे की भगत सिंह कोशियारी भी दिखाई दे रहे हैं। हांलाकि भट्ट ने कई बार इस रेस में न होने की बात कही है।

हांलाकि अजय भट्ट को राष्ट्रीय राजनीति और दिल्ली में राजनीतिक गलियारों का अनुभव नही है। वहीं विजय बहुगुणा हाई कोर्ट के जज रह चुके हैं और साथ ही उत्तराखंड आने से पहले अपना ज्यादा समय दिल्ली के राजनीतिक कॉरिडोर में बीताते थे जो उनके पक्ष में जा सकता है। लेकिन ये भी तय है कि अगर विजय बहुगुणा को ये सीट मिलती है तो पार्टी में पुराने नेताओं की बीच असंतोष बढ़ेगा। ये नेता पहले से ही राज्य मंत्रीमंडल में कांग्रेस के पांच बागी विधायकों को जगह मिलने से खफा चल रहे हैं।

इन सभी के बीच हाल ही में राज्य की राजनीति में सक्रिय हुए अजीत डोवाल के बेटे शौर्य डोवाल, पार्टी के नेता तीरथ सिंह रावत, दिल्ली में राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी, सतपाल माहराज की पत्नी अमृता रावत के भी नाम भी रेस में चल रहे हैं। अनिल बलूनी के पक्ष में केंद्रीय नेतृत्व से उनकी नज़दीकी, शौर्य डोभाल के लिये पिता का कद और अमृता रावत के लिये सतपाल माहराज और मुख्यमंत्री के बीच तनातनी को कम करना जा सकता है।

बहरहाल इतना तय है कि ये सीट जायेगी बीजेपी के खाते में। लेकिन पार्टी में किस नेता के अच्छे दिन आते हैं इसके लिये थोड़ा इंतजार और करना पड़ेगा।

उपचार को तरस रहे 3 दिव्यांग भाई बहन

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विकासनगर। तहसील क्षेत्र के लक्खनवाला पंचायत में एक ही परिवार के तीन युवा दिव्यांग सदस्य उपचार नहीं मिलने से बिस्तर पर पड़े हुए हैं। इन युवाओं को समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रति माह दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि भी पिछले दो साल से नहीं मिल रही है। जबकि बुजुर्ग माता पिता की वृद्धावस्था पेंशन भी आठ माह से ठप पड़ी हुई है। इतना ही नहीं युवाओं के पिता भी पिछले एक सप्ताह से गंभीर बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में बुजुर्ग मां पर ही तीनों दिव्यांग बच्चों के पालन पोषण का भार है।

जो बच्चे बड़े होने पर अपने माता पिता की सेवा करते है, उन्हें संस्कारी व आज्ञाकारी पुत्र-पुत्री माना जाता है। लेकिन बुढ़ापे में माता-पिता को जवान बच्चों की सेवा करनी पड़े तो इसे नियति की बिडंबना ही कहेंगे। ऐसी बिडंबना व कष्टकारी पलों से इन दिनों लक्खनवाला निवासी बुजुर्ग महिला कमला देवी गुजर रही हैं। महिला के दो बेटे आशु (24), विनीत (22) व एक बेटी कांता (30) जन्म से ही शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं। जो दैनिक क्रिया कलापों के लिए माता-पिता पर निर्भर हैं। परिवार का भरण पोषण समाज कल्याण द्वारा दी जाने वाली वृद्धावस्था पेंशन व दिव्यांग भाई बहनों को मिलने वाली पेंशन के साथ ही पिता द्वारा की जाने वाली मजदूरी से होता था। इसे बिडंबना कहें या सरकारी तंत्र की लापरवाही, पिछले दो साल से तीनों भाई बहनों की पेंशन बंद हो चुकी है। जबकि माता पिता की वृद्धावस्था पेंशन भी आठ माह से ठप पड़ी है। इतना ही नहीं पिछले सप्ताह पिता अनुसुया प्रसाद बुड़ाकोटी को गंभीर बीमारी के चलते मिशनरी के अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में माता कमला देवी दिव्यांग बेटे, बेटी की सेवा में ही लगी रहती हैं जिसके चलते उनके सामने तीनों बहन भाइयों के भरण पोषण व उपचार की समस्या पैदा हो गई है। उधर, जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर एडीओ समाज कल्याण को मामले की जांच कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे।

स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्थाओं का शिकार हुए थे विधायक शाह!

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देहरादून। स्वाइन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग भले सक्रियता के लाख दावे करे, मगर लचर व्यवस्था के चलते मरीजों की जान सांसत में है। एक तरफ मरीज इस बीमारी से लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ व्यवस्था से। स्वाइन फ्लू के प्रारंभिक लक्षण के बाद जिन मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे जाते हैं, उनपर कई दिन बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाती। ऐसे में लक्षण के अनुसार ही मरीज का उपचार चलता रहता है।

प्रदेश में स्वाइन फ्लू की दस्तक हो चुकी है। दिवंगत थराली विधायक मगनलाल शाह की जांच रिपोर्ट में स्वाइन की पुष्टि हुई है। सवाल यह उठ रहा है कि जांच रिपोर्ट आने में इतनी देर क्यों हुई। दरअसल, स्वाइन फ्लू की जांच के लिए सैंपल राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) को भेजे जाते हैं। यहां से रिपोर्ट आने में कई-कई दिन लग जाते हैं। इस दौरान मरीज का इलाज संदेह के आधार पर ही होता है। विगत वर्षों में कई मामले ऐसे सामने आए हैं, जिनमें रिपोर्ट व्यक्ति की मृत्यु के बाद आई। यह हाल तब है, जब श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में अत्याधुनिक लैब बनकर तैयार है। इस लैब को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र से मंजूरी भी मिली हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग व अस्पताल के बीच अनुबंध न होने के कारण सैंपल दिल्ली भेजे जा रहे हैं। बताया गया कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र में सैंपलों की निश्शुल्क जांच की व्यवस्था है, जबकि श्री महंत इंदिरेश अस्पताल को एक निश्चित राशि विभाग को देनी होगी। सरकारी सुस्ती का आलम देखिए कि गत वर्ष दून मेडिकल कॉलेज में स्वाइन फ्लू की जांच की कवायद शुरू की गई, लेकिन इस पर अब तक कुछ नहीं हुआ है। दून में स्वाइन फ्लू की जांच शुरू करने का सरकार व विभाग ने ढोल खूब पीटा,पर जाने मामला कहां गुम हो गया। सरकार की इस निष्क्रियता ने अपने ही विधायक की जान ले ली है। उम्मीद की जानी चाहिए कि आम आदमी की सेहत को लेकर लापरवाह सरकार, कम से कम इसके बाद जरूर चेतेगी।
बयान
जांच के लिए नमूने दिल्ली भेजे जाते हैं। जिसकी रिपोर्ट आने में वक्त लग जाता है। हालांकि, इस बीच मरीज का उपचार शुरू कर दिया जाता है। बायोलॉजिकल लैब के लिए काफी संसाधनों की आवश्यकता होती है। जिसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
– डॉ. अर्चना श्रीवास्तव, स्वास्थ्य महानिदेशक 

किसानों, उद्यमियों व शोधकर्ताओं से ली बजट पर राय

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देहरादून। ’’आपकी राय आपका बजट के तहत मंगलवार को सीएम ने पंतनगर विश्वविद्यालय में किसानों, उद्यमियों व शोधकर्ताओं के संवाद कर राज्य के आम बजट को लेकर रायशुमारी की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य का आम बजय इस वर्ष लोगों की आम राय के आधार पर तैयार किया जाएगा।

मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पन्तनगर विश्वविद्यालय के एनेक्सी भवन प्रांगण में ’’आपकी राय आपका बजट’’ कार्यक्रम के तहत कृषकों, उद्योगपतियों व शोधकर्ताओं आदि से संवाद स्थापित कर प्रदेश के वर्ष 2018 के वार्षिक बजट को लेकर सुझाव व विचार प्राप्त किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर वर्ग/क्षेत्र का चहुमुंखी विकास हो। इसके लिए राज्य के विकास के लिए जनता की भावनाओं के अनुरूप बजट तैयार करने के लिए संवाद स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बजट राज्य के विकास की प्रथम सीढ़ी है, इसके निर्धारण में समाज के प्रत्येक व्यक्ति वर्ग की भागीदारी होनी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का आगामी बजट राज्य के विकास के साथ ही समाज की विभिन्न समस्याओं व परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राप्त महत्वपूर्ण सुझावों को आगामी बजट में समावेश किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने सुझाव होली पर्व तक फोन अथवा ई-मेल आईडी द्वारा भेज सकता है। उन्होंने कहा कि अब तक 2000 से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके हैं, जिन पर गहनता से मंथन किया जा रहा है।
’आपकी राय-आपका बजट’ कार्यक्रम में आपसी संवाद के दौरान कृषक सरदार गुरपाल सिंह ने स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू करने, विनोद कुमार गुम्बर ने चीनी मिलो को बन्द न करने तथा सिंचाई कर पर 80 प्रतिशत की छूट का प्रावधान करने, राघवेन्द्र सिंह ने गन्ना किसानों को ड्रिप इरिगेशन पर सब्सिडी देने, खेतो से होकर गुजरने वाली बिजली की लाइनो में सुधार करने, श्री राजीव बगड्वाल का मण्डियो मे रेट का निर्धारण राष्ट्रीय बाजार भाव के अनुसार निर्धारित करने तथा गन्ना तौल सेंटरो मे इलैक्ट्रानिक कांटो का प्रावधान करने, जयप्रकाश सिंह द्वारा टीडीसी मे सुधार के लिए आवश्यक व्यवस्था करने, तारा सिंह कोरंगा ने वैज्ञानिक विधि से खेती करने के लिए न्याय पंचायत/चिह्नित स्थानों पर वैज्ञानिको को भेजने, ठा. जगजीत सिंह द्वारा हर न्याय पंचायत मे धान को सुखाने के लिए ड्रायर मशीन लगाने व ट्यूबवेलो की बिजली पर 80 प्रतिशत छूट देने, फसलो का स्वैच्छिक बीमा कराने, टीका सिंह ने सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य सभी कृषकों को दिलाने, सरकारी क्रय केन्द्रों पर क्रय फसलों का समय से भुगतान करने, कृषि ऋण में 5 लाख से ज्यादा के ऋण पर भी उचित ब्याज दर की व्यवस्था बजट में कराने का सुझाव दिया।
कार्यक्रम में उद्योगपतियों से संवाद के दौरान उद्योगपति सुरेश कुमार ने बिजली दर पर प्रति यूनिट 50 पैसे राज्य सरकार द्वारा स्टेट ड्यूटी हटाने, अजय तिवारी ने वृक्षारोपण के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बजट में व्यवस्था करने, रमेश मिण्डा ने मण्डी टेक्स को खत्म करने व पन्तनगर एयरपोर्ट का विस्तारीकरण करने, इएसआई हॉस्पिटल की पन्तनगर में शीघ्र व्यवस्था करने, शोधकर्ता रूपा व मनीष पन्त द्वारा एमएससी करने वाले व शोधार्थियों के लिए स्कॉलरशिप बढ़ाये जाने, कृषि के क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार सृजित करने की व्यवस्था बजट में करने का सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ मन्दिर के कपाट खुलने की प्रथम व द्वितीय शाम को लेजर शो के माध्यम से श्री केदारनाथ का लाईव इतिहास प्रसारित किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक व्यक्तियों को श्री केदारनाथ के इतिहास व भव्यता की जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य के 625 प्रमुख धार्मिक स्थलों में महिला समूहों के माध्यम से स्थानीय उत्पादों पर आधारित गुणवत्ता युक्त प्रसाद की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि चमोली के तीन गांव की महिला समूहों द्वारा इस वर्ष श्री बद्रीनाथ में 19 लाख रुपये का प्रसाद बेचा गया, जिससे उन्हें 09 लाख का शुद्ध लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार प्रत्येक वर्ष 500 करोड़ रूपये उपलब्ध करायेगी। किसानों को उपयुक्त पौधे उपलब्ध हों इसलिए प्रदेश में नर्सरी एक्ट बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पशु आहार में प्रति कुन्तल 130 रुपये की कमी की गयी है, वहीं दूध के दामों में 04 रूपये प्रति लीटर दूध की वृद्धि की गई है। इससे अधिक लोग दुग्ध व्यवसाय से जुडेंगे।
कार्यक्रम में विधायक राजेश शुक्ला, श्री प्रेम सिंह राणा, जिलाधिकारी डॉ.नीरज खैरवाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ.सदानन्द दाते, सहित कृषक, उद्योगपति व शोधकर्ता आदि उपस्थित थे।

विवि को किसानों के लिए मॉडल के रूप में पेश करेः राधामोहन

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पंतनगर/देहरादून। पंतनगर विश्वविद्यालय को एक आर्थिक रूप से लाभकारी संस्था के रूप में विकसित कर किसानों के समक्ष एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें। केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने पंतनगर विवि में आयोजित बैठक में कहा कि विवि के पास सैकड़ों एकड़ भूमि है, उसका सदुपयोग किया जाए।
मंगलवार को केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह एवं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने आज प्रशासनिक भवन स्थित कुलपति के सभागार में विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेषक, वैज्ञानिक व अधिकारियों के साथ बैठक की। विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. एके मिश्रा ने बैठक में तीनों मंत्रियों एवं उपस्थित अधिकारियों का स्वागत किया। इस मौके पर राधा मोहन सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास हजारों एकड़ जमीन उपलब्ध है, जिससे इसकी आय में कई गुना वृद्धि की जा सकती है। इसे दिखाकर किसानों को अपनी छोटी जोतों से आय को दोगुना करने के लिए आश्वस्त किया जा सकता है तभी वे कृषि की ओर आकर्षित हो पाएंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय में समन्वित खेती के भिन्न-भिन्न मॉडल विकसित कर उनके खर्च व आमदनी को दर्शाते हुए किसानों को दिखाए जाने की आवश्यकता बताई। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने विश्वविद्यालय के सभी कार्मिकों को विश्वविद्यालय के कार्य को सरकारी कार्य की भावना से न कर पारिवारिक भावना से कार्य करने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने चार वैज्ञानिकों के समूह द्वारा चार गांवों को गोद लिए जाने का भी सुझाव दिया ताकि उत्तराखण्ड की न्याय पंचायतों के अधिकतर गांवों को वैज्ञानिकों द्वारा गोद लिया जा सके। राधा मोहन सिंह ने वर्ष 2018 को मोटे अनाजों के वर्ष के रूप में मनाये जाने के बारे में भी बताया तथा विश्वविद्यालय द्वारा भी इस ओर कार्य किये जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि देश बदल रहा है तथा इस बदलाव के पीछे अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। अतः कृषि में बदलाव भी कृषि विश्वविद्यालयों, संस्थानों व कृषि से संबंधित सभी अधिकारियों द्वारा ही लाया जायेगा। उन्होंने आशा प्रकट की कि पंतनगर विश्वविद्यालय संतुलित उर्वरक व समन्वित खेती के तरीकों से दूसरी हरित क्रांति के जनक के रूप में उभरेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बैठक में कहा कि उनकी सबसे बड़ी चिन्ता पहाड़ों के तेजी से खेती विहीन होने की है। उन्होंने कहा कि इसके मुख्य कारण पानी का अभाव, बिखरी खेती एवं वन्य जीवों का गांवों तक पहुंचना है। वैज्ञानिकों को इन सब कारणों के समाधान हेतु शोध किये जाने की आवश्यकता है साथ ही खेती को लाभप्रद बनाने की तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने की आवश्यकता है, ताकि खेतों को आबाद किया जा सके, पशुओं को चारा मिल सके तथा वन्य जीवों को गांवों से दूर भोजन उपलब्ध हो सके। उन्होंने उत्तराखण्ड की 670 न्याय पंचायतों में वृद्धि केन्द्र (ग्रोथ सेंटर) विकसित किए जाने की योजना के बारे में भी बताया। बैठक के अन्त में कुलपति प्रो. मिश्रा ने केन्द्रीय कृषि मंत्री, मुख्यमंत्री एवं प्रदेश के कृषि मंत्री तथा बैठक में उपस्थित सभी वैज्ञानिक एवं अधिकारियों का धन्यवाद किया।
इससे पूर्व प्रातः 10.30 बजे केन्द्रीय कृषि मंत्री, मुख्यमंत्री एवं उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री ने पंतनगर विश्वविद्यालय के उद्यान अनुसांधान केन्द्र एवं प्रजनक बीज उत्पादन केन्द्र का भ्रमण किया और वहां चल रहे विभिन्न प्रयोगों व विभिन्न फसलों की उन्नत प्रजातियों के बीजों के उत्पादन संबंधी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने यहां चल रहे कार्यों की सराहना की।

जीबी पंत विवि को मिला गवर्नर्स बेस्ट यूनिवर्सिटी अवार्ड-2017

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देहरादून। राज्य विश्वविद्यालयों में गुणात्मक सुधार के लिए आपसी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के मकसद से प्रदेश के राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल की पहल पर गवर्नर्स अवार्ड का की शुरुआत की गई। साल 2015 में शुरू हुए इस सम्मान कार्यक्रम के तहत इस साल गवर्नर्स बेस्ट यूनिवर्सिटी अवार्ड जीबी पंत विवि को को प्रदान किया गया।
राजभवन में आयोजित हुए कार्यक्रम में इस साल ‘गवर्नर्स बेस्ट यूनिवर्सिटी अवार्ड-2017’ गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर को दिया गया है। राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल ने पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एके मिश्रा को यह अवार्ड प्रदान किया। इसके तहत प्रशस्ति पत्र, रनिंग ट्राफी व पुस्तकालय के लिए 2 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की गई।
दूसरे स्थान पर रहे उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय को प्रशस्ति पत्र व पुस्तकालय के लिए एक लाख रुपये की धनराशि, तीसरे स्थान पर रहे हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय, देहरादून को प्रशस्ति पत्र व पुस्तकालय के लिए 75 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की गई। चतुर्थ स्थान पर रहे कुमायूं विश्वविद्यालय, नैनीताल को प्रशस्ति पत्र व पुस्तकालय के लिए 50 हजार रूपए की धनराशि प्रदान की गई है।
गवर्नर्स बेस्ट यूनिवर्सिटी अवार्ड 2017 के मूल्यांकन के लिए सचिव रविनाथ रमन की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल समिति के सदस्य थे।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के राज्य विश्वविद्यालयों को उच्च शिक्षा का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के उद्देश्य से राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल द्वारा अनेक महत्वपूर्ण पहलें की गई हैं। इन्हीं प्रयासों के तहत राज्य विश्वविद्यालयों में आपसी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने व गुणात्मक सुधार हेतु प्रेरित करने के लिए अप्रैल 2016 में पहली बार सत्र 2015 के लिए ‘गवर्नर्स बेस्ट यूनिवर्सिटी अवार्ड’ प्रारम्भ किए गए थे।