प्रशासन ने शुरू की स्टोन क्रेशर सीज करने की कार्रवाई, 17 सीज

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शुक्रवार को प्रशासन ने हरिद्वार में गंगा से पांच किलोमीटर के दायरे में लगे स्टोन क्रेशरों को सीज करने की कार्रवाई शुरू की। कोर्ट के आदेश पर की जा रही सीज की कार्रवाई के लिए पांच ठीमों का गठन किया गया है।

शुक्रवार दोपहर तक 17 स्टोन क्रेशरों को सीज किया गया। गंगा से पांच किलोमीटर के दायरे में हरिद्वार के 43 स्टोन क्रेशर आ रहे हैं। इन सभी को सीज किया जाना है। गौरतलब है कि बहुत पहले से हरिद्वार में गंगा किनारे लगे स्टोन क्रेशरों को सीज करने की मांग की जा रही थी। गंगा रक्षा के लिए आंदोलनरत संस्था मातृसदन लगातार इस मांग को उठाने के साथ कोर्ट में इसकी लड़ाई लड़ रही थी। कोर्ट ने हालांकि पहले भी इस तरह का आदेश दिया था लेकिन अब कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए सभी स्टोन क्रेशरों को बंद करने के आदेश दिए थे। इसी के तहत शुक्रवार को प्रशासन ने सीज करने की कार्यवाही शुरू की। तहसीलदार सुनैना राणा ने बताया कि सभी स्टोन क्रेशरों को सीज किया जाना है।
गंगा किनारे लगे अधिकतर स्टोन क्रेशर हरिद्वार तहसील में ही आते हैं। रुड़की में अधिकांश स्टोन क्रेशर दूसरी बरसाती नदियों के किनारे लगे हुए हैं। वहीं स्टोन क्रेशर सीज होने का सीधा असर भवन निर्माण सामग्री पर पड़ेगा। मकान बनाना महंगा हो जाएगा। लोगों को रेत बजरी के लिए लंबे इंतजार के साथ अधिक कीमत भी चुकानी पड़ सकती है। वहीं, हरिद्वार जिलाधिकारी दीपक रावत ने उत्तराखण्ड शासन के आदेशों के अनुपाल ने कार्रवाई करते हुए रायवाला से भोगपुर तक गंगा नदी के किनारे संचालित समस्त स्टोन क्रशरों तथा पल्वराईजर संचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। उच्च न्यायलय नैनीताल तथा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिर्तन मंत्रालय भारत सरकार के आदेशों के पालन में उक्त रोक लगायी गयी है। रायावाल से भोगपुर तक संचालित स्टोन क्रशरों व पल्वाराईजर जिलाधिकारी द्वारा सील कराने की कार्रवाई की गयी है।