जम्मू-कश्मीर में प्रस्तावित एम्स निर्माण को लेकर ऋषिकेश हुई चर्चा

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ऋषिकेश, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में प्रस्तावित जम्मू-कश्मीर एम्स के निर्माण को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित एम्स जम्मू एवं कश्मीर के निर्माण एवं निष्पादन के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी जिम्मेदारी ऋषिकेश एम्स को सौंपी गई है। बैठक में कमेटी द्वारा खासतौर से आर्किटेक्चर प्लान, एम्स के रोड मैप आदि पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। साथ ही एम्स अवंतीपुरा, कश्मीर में आगामी सत्र में 25 सीटों के साथ प्रथम एमबीबीएस बैच प्रारंभ करने पर भी सहमति बनी।

एम्स में संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की अध्यक्षता में कमेटी फाइनलाइजेशन ऑफ मास्टर प्लान ऑफ एम्स जम्मू एंड कश्मीर की बैठक हुई। कमेटी के मेंटर एवं एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत ने बताया कि जम्मू एवं कश्मीर प्रांत में अवंतीपुरा में 750 व पुलवामा में 750 बेड के दो एम्स अस्पताल प्रस्तावित हैं। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ऋषिकेश एम्स संस्थान को जम्मू एंड कश्मीर एम्स का मेंटरिंग एंड एग्जीक्यूटिव इंस्टीट्यूट( सलाहकार एवं निष्पादन)का जिम्मा सौंपा गया है।
रवि कांत ने बताया कि, “एम्स अवंतीपुरा, कश्मीर को लेकर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें प्रस्तावित योजना के तहत ओपीडी, आईपीडी और आवासीय भवनों की रूपरेखा तैयार की गई। बैठक में इसके अलावा विभिन्न चिकित्सकीय सुविधाओं, सुपर स्पेशलिटी, सब स्पेशलिटी विभागों, ऑपरेशन थियेटर, इमरजेंसी सुविधाओं की कार्यप्रणाली एवं इसके संचालन संबंधी बिंदुओं पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। साथ ही बैठक में अलग-अलग विभागों के बेड आवंटन संबंधी रूपरेखा भी तैयार की गई।”
इस दौरान समिति के सदस्यों द्वारा सुझाव दिया गया कि परिसर की मास्टर प्लानिंग एम्स की आवश्यकता और आपातकालीन, बाह्य रोगी विभाग ओपीडी आदि विभागों के अनुरूप किया जाए। एम्स निदेशक ने बताया कि, “प्रस्तावित एम्स कश्मीर के निर्माण कार्यों, भवनों के डिजाइनों व विभिन्न ब्लॉकों के ले-आउट प्लान स्थानीय वास्तु अभिव्यक्ति के अनुसार समग्ररूप से संशोधित किया जा चुका है।” इस दौरान एम्स अवंतीपुरा, कश्मीर में अस्पताल, आवासीय कॉलोनियों, छात्रावासों एवं चिकित्सा सेवाओें के साथ ही आगामी सत्र में 25 सीटों के साथ प्रथम एमबीबीएस बैच प्रारंभ करने पर भी सहमति दी गई।