108 सेवा और मरीजों दोनों को राहत

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देहरादून। राज्य सरकार ने 108 सेवा को छह माह का और एक्सटेंशन दे दिया है। इससे मरीजों और 108 सेवा दोनों ने राहत की सांस ली है। यह भी निर्णय हुआ है कि इस छह माह की अवधि में सरकार नए टेंडर की तैयारी भी साथ-साथ करेगी।
रमेश पोखरियाल निशंक के मुख्यमंत्री रहते हुए 8 मार्च 2008 को 108 सेवा का सफर उत्तराखंड में प्रारंभ हुआ था। उस समय दस साल के लिए प्रदेश सरकार से जीवीके ईएमआरआई सेवा ने करार किया था। इस सेवा से प्रदेशवासियों को खासी सहूलियत मिली। खासतौर से पर्वतीय क्षेत्रों में प्रसव आदि में यह सेवा अहम भूमिका निभाती रही है। वर्तमान में 108 सेवा के पास 139 बड़ी गाड़ियां हैं जबकि 95 खुशियों की सवारी वाहन भी अस्पतालों से गर्भवतियों काे घर छोड़ने और लेकर आने के काम में जुटी हैं। इसी वर्ष 8 मार्च को जीवीके ईएमआरआई कंपनी का सरकार के साथ दस साल का करार खत्म हो चुका है। उस समय भी यह मामला उठा था जिसके बाद सरकार ने कंपनी को 6 माह का एक्सटेंशन दे दिया था। आगामी 8 सितंबर को छह माह का एक्सटेंशन का समय पूरा होने जा रहा था। बहरहाल, सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने एक बार फिर 108 सेवा को एक्सटेंशन प्रदान कर दिया है। ऐसे में 8 सितंबर से संभावित किसी भी तरह के संकट को भी सरकार ने फिलहाल छह माह के लिए दूर कर दिया है। वहीं, सरकार के निर्णय से जीवीके ईएमआरआई कंपनी में कार्यरत 800 से ज्यादा कर्मचारियों को भी बड़ी राहत मिली है।