क्या कड़कड़ाती ठंड में गैरसैंण पहुंचेगी सरकार?

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उत्तराखंड
देहरादून, पर्वतीय जनभावनाओं की राजधानी गैरसैंण में इस वर्ष अभी तक विधानसभा का एक भी सत्र आयोजित नहीं किया जा सका है। जल्द ही शीतकालीन सत्र होना है, ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या इस बार भी सरकार कड़कड़ाती ठंड में गैरसैंण में सत्र आयोजित कराएगी या फिर यह वर्ष गैरसैंण में बिना किसी सत्र के गुजर जाएगा। इससे पहले, सरकार ने वर्ष 2017 में गैरसैंण में दिसंबर में सत्र आयोजित कराया था।
दरअसल उत्तराखंड की स्थायी राजधानी का मसला अब तक अनुत्तरित है। देहरादून में अस्थायी राजधानी शुरू से चली आ रही है जबकि गैरसैंण में भी विशाल विधान भवन तैयार किया गया है। हरीश रावत सरकार ने वर्ष 2016 में गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित कर यह संकल्प पारित किया था कि बजट सत्र गैरसैंण में ही कराया जाएगा। 2017 में भाजपा की सरकार जिस समय बनी, उस वक्त उसे अंतरिम बजट लाना पड़ा और सत्र देहरादून में ही आयोजित किया गया। भाजपा सरकार पर भी इस संकल्प का दबाव था कि उसने वर्ष बीतते बीतते दिसम्बर में गैरसैंण में दो दिवसीय सत्र आयोजित करा दिया।
गैरसैंण के मौसम को देखते हुए दिसंबर में सत्र आयोजित कराने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर शब्द बाण चले थे। विपक्ष ने ठंड में गैरसैंण में सत्र पर सवाल उठाए थे, तो सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह कहते हुए उसकी घेराबंदी कर दी थी कि विपक्षी नेताओं को ठंड से डर लगता है। मगर सर्दियों में मौसम की वजह से व्यवहारिक दिक्कतों को सही माना। यही वजह है कि 2018 में गर्मियों में सरकार ने बजट सत्र गैरसैंण में रखा जो कि सप्ताह भर से ज्यादा चला। मगर इस वर्ष का बजट सत्र देहरादून में ही आयोजित किया गया। अब एक बार फिर शीतकालीन सत्र जल्द ही सामने है। गैरसैंण में वर्ष भर में एक सत्र जरूर आहूत कराने का संकल्प भी सरकार के सामने है। ऐसे में क्या निर्णय आने वाले दिनों में लिया जाता है, इस पर सबकी निगाहें हैं।