ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर जलने से बचाया जंगल

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टिहरी जिले के जड़धार गांव के ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर वन विभाग के साथ मिलकर जंगल में तीन दिनों से लगी भीषण आग पर काबू कर सैकड़ों हेक्टेयर बांज और बुरांश के मिश्रित जंगल को जलने से बचा लिया।
पड़ोस के गांव से फैली आग के कारण 40 सालों से संरक्षित जंगल पूरी तरह आग की भेंट चढ़ पाता इससे पहले ग्रामीणों ने एकजुटता दिखाते हुए सामूहिक प्रयासों से बचा लिया।
चंबा ब्लाक के सकलाना रेंज के अंतर्गत जड़धार गांव के जंगल में लगी आग पर ग्रामीणों ने तीन दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया। आग बुझाने के लिए वह जंगल में ही डटे रहे। ग्रामीणों के सामूहिक प्रयासों से करीब 120 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले बांज और बुरांश के मिश्रित जंगल को जलने से बचा लिया गया। विगत तीन दिन पूर्व जड़धार गांव के पड़ोसी इंडवाल गांव से लगी आग जंगलों में फैल गई। आग को लगता देख जड़धार गांव के ग्रामीण आग बुझाने जंगल की दौड़ पड़े, लेकिन तेज हवाओं के कारण आग तेजी से फैलती जा रही थी। ग्रामीणों को आग पर काबू पाने में पूरे तीन दिन लग गए। आग बुझाने में करीब 60 से अधिक महिला व पुरुष शामिल थे।
वन पंचायत सरपंच राजेन्द्र सिंह ने बताया कि पड़ोस के इंडवाल गांव के खेतों से आग जड़धार गांव के जंगल में फैली है। जड़धार गांव का वन क्षेत्र मिश्रित वन है,जैव विविधता की दृष्टि से देश -विदेश के छात्र यहां शोध करने आते हैं। बरसात के मौसम में वन क्षेत्र में मिश्रित प्रजाति के हजारों पौधों का रोपण किया गया, जिसे आग से बचाना जरूरी था। आग बुझाने वालों में अंकित सिंह, फॉरेस्टर  हुकम सिंह कैन्तुरा, रतनमणि डबराल, तेजेंद्र सिंह ,ग्राम प्रधान प्रीति जड़धारी, उत्तम सिंह ,  आनंद सिंह, अमन सिंह ,प्रियंका देवी, चमनी देवी,उर्मिला देवी,गीता देवी,गीता देवी, उर्मिला देवी,सरोजनी देवी,बुद्धि देवी, सती देवी ,राजमती देवी ,मधु देवी,प्रमिला देवी,अर्चना देवी,कांता देवी,पूर्णिमा देवी, चमनी रमोला,रुकमा देवी ,सुशीला देवी, साहब सिंह, हुकुम सिंह आदि शामिल रहे।