हार कर सोच लिया था, अब खुलकर खेलेंगेः वंदना कटारिया

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वंदना

भारतीय महिला हाकी टीम को पूरे देश ने सर माथे पर बैठाया है। उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया ने खास सम्मान हासिल किया है। टोक्यो ओलम्पिक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक ही मैच में तीन गोल मारकर उन्होंने इतिहास रच दिया है। हाकी में किसी भारतीय महिला खिलाड़ी ने आज से पहले कभी ऐसा नहीं किया था। हालांकि वंदना कटारिया इसे अपनी व्यक्तिगत सफलता मानने के लिए तैयार नहीं है। वंदना का कहना है कि भले ही यह रिकार्ड मेरे नाम है लेकिन यह उपलब्धि मेरी व्यक्तिगत नहीं, बल्कि टीम के सामूहिक प्रयासों का नतीजा है।

हरिद्वार जिले के रोशनाबाद में रहने वाली वंदना कटारिया ने फोन पर हिन्दुस्थान समाचार के साथ बातचीत में कई अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि ओलम्पिक के शुरुआती मैच में हार के बाद पूरी टीम मायूस हो गई थी। कोच से खिलाड़ियों को डांट भी पड़ी। उनका गुस्सा इस बात पर था कि इतनी मेहनत को जाया कर दिया गया है। इस हार के बाद कई-कई घंटे की मीटिंग हुई। इसके बाद सभी ने तय कर लिया था कि अगले मैचों में खुलकर खेलेंगे। सभी का यह मानना था कि खुलकर खेलेंगे तो रिजल्ट जरूर आएगा और ऐसा हुआ भी। सेमीफाइनल तक का सफर फिर बहुत शानदार रहा। कोई पदक नहीं जीत पाए लेकिन देशवासियों का दिल जीत लिया।

वंदना कटारिया इन दिनों सफलता का स्वाद चख रही हैं। उन्हे अब हर कोई पहचानने लगा है। बकौल, वंदना, एयरपोर्ट पर आते-जाते वक्त अब हर कोई उन्हें पहचान लेता है। वह बताती है कि लोगों ने ओलम्पिक से लौटने के बाद उन्हें बहुत प्यार दिया है। इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। वंदना तुरंत मैदान में उतरकर फिर से प्रैक्टिस में जुटना चाहती हैं। हालांकि यह भी कहती है कि अभी कैंप की तारीखें तय नहीं हुई हैैं।