पर्यटकों के लिये 31 को बंद हो जायेगी फूलों की घाटी, हेमकुंड साहिब के कपाट 10 अक्टूबर को बंद होंगे

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फूलों की घाटी
चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी इस बार 31 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए बंद हो जायेगी। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लगे लाक डाउन के कारण इस बार फूलों की घाटी एक अगस्त से पर्यटकों के लिये खोली गई थी।
फूलों की घाटी के रेंज अधिकारी बृजमोहन भारती ने जानकारी देते हुए बताया कि फूलों की घाटी को इस बार 31 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए बन्द किये जाने का निर्णय किया गया है। इस बार अब तक 685 पर्यटक ही पहुंच पाये। इनसे  एक लाख दो हजार पांच सौ रुपये का शुल्क राजस्व मिला।
लाॅक डाउन में नहीं मिली अनुमति
कोरोना और लाक डाउन में अनुमति न मिलने के कारण इस बार फूलों कि घाटी में बहुत कम प्रकृति प्रेमी और पर्यटक पहुंच पाये। इस बार हिमालयी क्षेत्र में अच्छी बर्फ गिरी थी और देर तक टिकी भी रही। इसलिए फूल और जड़ी बूटी खूब खिली थी, परन्तु कोरोना के कारण पर्यटक उतनी बड़ी संख्या में नहीं आ पाये। रेंजर बृजमोहन भारती बताते हैं कि इस बार फूलों की घाटी क्षेत्र में दुर्लभ वन्य प्राणि भी खूब दिखे।
हेमकुंड साहिब-लोकपाल तीर्थ के कपाट 10 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। इस मौके पर करीब 1200 श्रद्धालुओं के मौजूद रहने की उम्मीद है।
सिखों के पवित्र धाम श्रीहेमकुंड साहिब के कपाट शनिवार को दोपहर साढे बारह बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने के अवसर पर इस वर्ष की अंतिम अरदास मे शामिल होने व पवित्र श्री गुरुग्रंथ साहिब को दरबार हाल से संतखंड मे विराजित करने के धार्मिक उत्सव का गवाह बनने के लिए करीब 1200 से अधिक श्रद्धालु हेमकुंड साहिब के मुख्य पड़ाव घांघरिया पंहुच चुके हैं। जो शनिवार को सुबह हेमकुंड साहिब पंहुचकर कपाट बंद किए जाने की परम्परा में शरीक होंगे।
हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह के अनुसार हेमकुंड साहिब के कपाट बंद किए जाने के अवसर पर हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के जनरल सेक्रेट्री सरदार रविन्दर सिंह के अलावा पटियाला से गुरुमुख सिंह, मुबंई से रिंपल सिंह बिंन्द्रा, दिल्ली संदीप सिह, अमृतसर से राजू सिंह के साथ ही नागपुर से भी एक सिख संगत पंहुची है और अभी भी श्रद्धालुओं के पंहुचने का सिलसिला जारी है।
इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण श्री हेमकुंड साहिब के कपाट बीती 4 सितम्बर को खोले गए थे और कपाट खुलने के बाद से अब तक करीब आठ हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक श्री सेवा सिंह ने कहा कि 36 दिनों तक चली इस यात्रा में उन्हें स्थानीय समाज के साथ ही प्रशासन व पुलिस प्रशासन का भरपूर सहयोग मिला। इसके लिए व ट्रस्ट की ओर से सभी के अभारी हैं। उन्होंने कहा कि हेमकुंड साहिब पंहुचे श्रद्धालुओं ने भी कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए ट्रस्ट का सहयोग किया।
इधर उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थिति हिंदुओं के पवित्र तीर्थ लक्ष्मण मंदिर-लोकपाल के कपाट भी पूरे विधि विधान के साथ ही शनिवार को बंद कर दिए जाएंगे। इसके लिए भ्यूंडार से ग्रामीणों का एक दल लोकपाल पंहुच गया है।