अब राज्य के दूर दराज़ इलाकों तक पहुंचेंगे जहाज़, “उड़ान” योजना को मिली मंजूरी

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घरेलू
FILE/representative
उत्तराखंड को आखिरकार लंबे समय से जिस हवाई कनेक्टिविटी की दरकार थी उसका रास्ता साफ होता दिख रहा है। भारत सरकार की देश के दूर दराज़ के इलाकों को हवाई सेवा से जोड़ने वाली “उड़े देश का आम नागरिक” (उड़ान) योजना के तहत राज्य की छोटे हवाई पट्टियों को हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने की मंजूरी मिल गई है। इसके तहत पिथौरागड़, अल्मोड़ा, श्रीनगर, गौचर और लैंसडाउन छोटे जहाज़ों के लिये तैयार किये जायेंगे। इस बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि, “नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार से देहरादून-पंतनगर हवाई सेवा के लिए मंजूरी मिल गई है, यह हवाई सेवा फरवरी के अन्त तक प्रारम्भ हो जायेगी। उन्होंने कहा कि ‘‘उड़ान योजना’’ के अन्तर्गत गाजियाबाद (हिण्डन) से पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, श्रीनगर, गौचर, लैंसडोन हवाई सेवा के लिए भी मंजूरी मिल गई है। यह हवाई सेवाएं अगले 6 माह में प्रारम्भ हो जायेगी।” 
राज्य सरकार को इन सेवाओं के शुरू होने से राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या में इज़ाफा होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि पर्यटन उत्तराखंड के लिये आय का सबसे बड़ा ज़रिया है लेकिन अगर देहरादून को छोड़ दें तो राज्य के अन्य इलाकों तक पहुंचने के लिये हवाई सेवा नही है। पंतनगर हवाई अड्डे से रुक रुक कर एक आद फ्लाइट शुरू हुई है पर आर्थिक लाभ न होने के कारण वो भी नही चल सकी। ऐसे में केंद्र सरकार की उड़ान योजना से काफी उम्मीदें हैं।
इस योजना के तहत उड़ानों के टिकटों को रियायती दरों पर मुहैया कराया जायेगा और कंपनियों द्वारा टिकटों पर दी जा रही सब्सिडी सरकार भरेगी। प्रदेश के हवाई मार्गों पर वाइबिल्टी गैप फंडिंग के तहत किराए की सब्सिडी में 80 प्रतिशत केन्द्र सरकार और 20 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा यह राशि 40 करोड रुपये प्रतिवर्ष होगी।इस योजना के तहत किसी भी उड़ान में अधिक्तम किराया 2500 रुपये होगा। वहीं दो गंत्वयों की दूरी 500 किमी से ज्यादा नहीं होगी। अप्रैल 2017 में इस योजना के तहत पहली उड़ान हिमाचल के शिमला से दिल्ली के बीच शुरू हुई थी.
बहरहाल इस योजना के आने से राजय में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा पर ये तब ही हो सकेगा जब कागज़ों पर बन चुकी ये योजना सरकारी फाइलों से तेजी से होते हुए धरातल पर उतरे।