देहरादून में बना राज्य का पहला ई वेस्ट स्टूडियो

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केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने वर्चुअल माध्यम से एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईटीडीए, देहरादून में शुक्रवार को एसटीपीआई देहरादून इन्क्यूबेशन केन्द्र का शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने घोषणा की कि देहरादून में जल्द ही एक रोबोटिक लैब की स्थापना की जायेगी, जिसके लिए भूमि भी उपलब्ध है। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और केंद्रीय सूचना तकनीकी राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने ई-वेस्ट स्टूडियो का उद्घाटन भी किया।
आईटीडीए के निदेशक अमित कुमार सिन्हा ने ई-वेस्ट स्टूडियो के बारे में बताया कि ई-कचरा पुनर्चक्रण और निपटान के बारे में जन जागरूकता के उद्देश्य से बना यह स्टूडियो पूरी तरह से पुनर्चक्रण किये हुए ई-कचरे से तैयार किया गया है। इसमें आंतरिक ड्रोन रेसिंग ट्रैक भी बनाया गया है। इस स्टूडियो को बनाने के लिए एकत्रित किये गए ई-कचरे को पुनः उपयोग कर 25 कंप्यूटर तैयार किये गए, जिन्हें जनपद के 10 प्राथमिक विद्यालयों को  भेंट किया गया।
 ई-वेस्टरविशंकर प्रसाद ने एसटीपीआई के अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह इन्क्यूबेसन सेंटर बेहतर एवं आधुनिक बने। स्टार्टअप के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में प्रबल संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड के देहरादून एवं हल्द्वानी में बीपीओ बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘चुनौती’ नाम से एक नई योजना चलाई जा रही है।
भारत नेट फेज 1 में उत्तराखण्ड के 1800 ग्राम पंचायत कनेक्ट हो चुके हैं। फेज 2 में भी राज्य सरकार को पूरा सहयोग दिया जायेगा। हरिद्वार में 310 ग्राम पंचायतों सीएससी सेंटर के माध्यम से 50 हजार लोगों को वाईफाई सुविधा दी गई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आईटीडीए द्वारा सभी इलेक्ट्रिक वेस्ट का बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है। टीम वर्क से इलेक्ट्रानिक वेस्ट को बेस्ट में बदलने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है। आईटी पार्क ने 2019-20 में 150 करोड़ रुपये का व्यापार किया है। इससे 2500 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। एसटीपीआई देहरादून इन्क्यूबेशन केन्द्र बनने से स्टार्टअप को जो प्ले एण्ड प्लग की फैसिलिटी चाहिए, वो उन्हें उपलब्ध होगी। इससे स्टार्टअप को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।