छः सेंटीमीटर के ट्यूमर को निकालकर मरीज को दी नई जिंदगी

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डोईवाला, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अधीन हिमालयन हॉस्पिटल में 20 वर्षीय सकीना के दिमाग से 6 सेंटीमीटर के ट्यूमर को निकालकर उसे नया जीवन दिया गया।

हिमालयन अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. यशवीर दीवान ने बताया कि, “मुजफ्फरनगर निवासी 20 वर्षीय सकीना को एक सप्ताह से तेज सिरदर्द व धुंधला दिखने के लक्षण के साथ तीन दिन से लगातार उल्टियां हो रही थी। हिमालयन अस्पताल आने के बाद सकीना की आंखों की जांच की गई, जिसमें पाया गया, कि उनकी आंखों की दृष्टि सामान्य है, लेकिन आंखों की नसों में सूजन पाई गई। जिसके बाद मरीज को एमआरआई कराने की सलाह दी गई, जांच करने के बाद पाया गया कि सकीना के दिमाग में 6 सेंटीमीटर का ट्यूमर है।” न्यूरो सर्जरी विभाग से डॉ. रंजीत कुमार ने बताया कि, “अगर समय रहते मरीज के दिमाग से ट्यूमर नही निकाले जाने से उसकी जान जाने का खतरा बना हुआ था।”

चिकित्सकों ने बताया कि मरीज के दिमाग में खून भेजने वाली नलियां से भी यह ट्यूमर सटा हुआ था, उन्होंने कहा कि जांचों के बाद पाया गया कि मरीज को आल्फैक्टरी ग्रूव मेनिन्जियोमा नामक ट्यूमर है। मरीज के घरवालों ने बताया कि उन्होंने मुजफ्फरनगर के आस-पास के विभिन्न अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद हिमालयन अस्पताल आने का निर्णय लिया। चिकित्सकों ने मरीज के घरवालों को ट्यूमर हाने की जानकारी देते हुए कहा कि ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी करनी आवश्यक है।

न्यूरो सर्जनों की टीम ने 3 घंटे की जटिल सर्जरी से मरीज के दिमाग से ट्यूमर को निकाल कर सर्जरी को सफल बनाया। चिकित्सकों का कहना है कि सर्जरी की जटिलता इस प्रकार थी, कि मरीज की आवाज जाने का भी इसमें खतरा बना हुआ था, ट्यूमर निकालाने के बाद मरीज का सिटीस्कैन कराया गया, इसमें पाया गया कि अब मरीज के दिमाग में ट्यूमर का कोई अवशेष भी नही बचा हुआ है। अब सकीना पूर्ण रूप से स्वस्थ है। सर्जरी को सफल बनाने में न्यूरो सर्जरी विभागीय टीम डॉ. यशवीर दीवान, डॉ. रंजीत कुमार, डॉ. संजीव पांडे, डॉ. शिवम डांग, डॉ. बृजेश तिवारी डॉ. वीना अस्थाना, स्टाफ रेखा व मुकेश ने सहयोग दिया।

मरीज के लक्षण- एक सप्ताह से सिर में दर्द होना, धुधंला दिखाई देना व उल्टियों का होना।
मरीज में पाई गई बीमारी- आल्फैक्टरी ग्रूव मेनिन्जियोमा नामक 6 सेंटीमीटर बड़ा ट्यूमर था, जो कि सूंघने की नस को दबा रहा था और देखने की नसों के काफी करीब था इसके साथ ही दिमाग की नसों के लिए भी खतरा बना हुआ था।