विवादों के बाद भी बढ़ रहा है चीन से कारोबार

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बीते दिनों के डोकलाम विवाद का लिपूलेख दर्रे से होने वाले व्यापार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। व्यापार निर्बाध गति से चल रहा है। अलबत्ता व्यापार चीन के पक्ष में अधिक रहता है। इस व्यापार में निर्यात से आयात अधिक होता जा रहा है।

भारत-चीन व्यापार सीमांत जिला पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील के व्यास घाटी से होता है। इस व्यापार के लिए भारत में गुंजी को मंडी तथा तकलाकोट में पुलांग को मंडी बनाया गया है। भारतीय व्यापारी चीन की तकलाकोट मंडी पहुंचते हैं। 25 साल के व्यापार में अभी तक चीनी व्यापारी भारतीय मंडी गुंजी तक नहीं आए हैं। जबकि इस व्यापार में भारतीय व्यापारियों को लंबी पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। घोड़ों, खच्चरों, भेड़, बकरियां की पीठ से सामान लाद कर कई पड़ाव पार कर पैदल भारत-चीन सीमा तक पहुंचना पड़ता है। व्यापार की रजत जयंती वर्ष चल रहा है परंतु भारतीय व्यापारियों के लिए पैदल पड़ावों पर अभी भी रात्रि विश्राम व ठहरने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। भारतीय व्यापारियों को तमाम तरह की परेशानियां और विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इसके बाद भी यह व्यापार चीन के पक्ष में अधिक नजर आता है।

इस वर्ष भी अभी तक के आंकड़ों के हिसाब से आयात अधिक हुआ है और निर्यात कम है। 31 अक्टूबर को व्यापार की समाप्ति के बाद भी वास्तविक आंकड़े मिलेंगे। गत 24 वर्षो के व्यापार में निर्यात से अधिक आयात हुआ है। जो चीन के पक्ष में अधिक जाता है।