साहसिक मिशन पर निकले 10 दिव्यांग करेंगे केदारनाथ ट्रैक

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(ऋषिकेश) ”कहते हैं ना कि जिनके हौसलों में उड़ान होती है उन्हें पंखों की क्या जरूरत है” कुछ ऐसा ही कर दिखाया है देहरादून के कुछ उत्साही दिव्यांग लोगों ने जो प्रकृति की मार झेल कर अपने पैर गवा चुके हैं। लेकिन हौसलें अभी भी उनके जज्बातों को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए काफी है। नौटियाल कृत्रिम अंग केंद्र के तत्वाधान में यह 10 नौजवान मिशन केदारनाथ ट्रक के लिए निकल पड़े हैं। इनका कहना है कि जीवन में उतार चढ़ाव बहुत आते हैं लेकिन अगर हौसलों में उड़ान का जज्बा है तो हर मुश्किल और बाधा को पार किया जा सकता है,सोच के साथ हमने अपने साथियों के साथ मिलकर बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए पैदल यात्रा का मन बनाया और आज हम इस यात्रा के लिए अपने घरों से निकल पड़े हैं।

इन सभी उत्साही नौजवानों के जज्बे को सभी लोगों का प्यार और सम्मान मिल रहा है। केदारनाथ ट्रेक आना जाना 36 किलोमीटर का पड़ता है जिसमें आम आदमी भी घोड़े डांडी कांडी का सहारा लेकर यात्रा पूरी करता है। लेकिन यह नौजवान बिना पैरों के अपने कृत्रिम अंगों के सहारे इस यात्रा को पूरा करने जा रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी इन सभी नौजवानों का उत्साहवर्धन करके फ्लैग ऑफ किया और इनको मिशन केदारनाथ के लिए रवाना किया।

 29 अप्रैल को विश्व प्रसिद्ध बाबा केदारनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने जा रहे हैं ऐसे में इस कठिन चढ़ाई पर दिव्यांगों का हौसला देखने लायक है जो अपने कृत्रिम अंगों के सहारे इस कठिन यात्रा को पूरा करने जा रहे हैं।