महिला सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार गंभीरः सीएम

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देहरादून। राज्य सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त करने के लए शीघ्र ही विशेष योजना पर कार्य करेगी। सरकार महिलाओं की स्थिति मजबूत करने के लिए कौशल विकास, उत्पादन शक्ति में महिलाओं के योगदान, उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के प्रयासों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उक्त विचार व्यक्त किए।
गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग के तत्वावधान में आयोजित ‘आजादी के बाद महिलाओं की दशा एवं दिशा’ विषय पर द्वि-दिवसीय सेमिनार के समापन कार्यक्रम में प्रदेश की छह महिलाओं को सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेन्टर के रूप में विकसित करेगी। 15 न्याय पंचायत सेन्टरों में महिलाओं को सिलाई के लिए कटिंग किए हुए परिधान सिर्फ सिलाई के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। राज्य में दो महिला बैंक आरम्भ किए गए हैं। अन्य जिलों में भी यह बैंक आरम्भ किए जाएंगे। एलईडी बल्ब वितरण भी महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा कराए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन तलाक के मुद्ये पर समस्त महिला समाज को एकत्र होना चाहिए। तीन तलाक के कानून से भारी परिर्वतन समाज में देखने को मिलेगा। यह किसी वर्ग, जाति, धर्म या समुदाय विशेष से जुड़ा विषय नही है, बल्कि यह समस्त समाज को प्रभावित करेगा। इस कानून से देश की 18 प्रतिशत मुस्लिम महिला आबादी को देश की प्रगति में योगदान करने का अधिकार भी मिलेगा। आने वाले समय में यह कानून पूरे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा तथा देश को मजबूती मिलेगी।
बता दें कि तीन तलाक विषय पर सुप्रीम कोर्ट जाने वाले महिला भी उत्तराखण्ड से थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 10 महीने पहले छह वर्ष तक के बच्चों में लिंगानुपात पौड़ी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जिलों में चिन्तनीय रूप से कम था। इस सम्बन्ध में पुनः सर्वे करवाया गया और तथ्यों की पुष्टि की गई। सम्बन्धित जिलाधिकारियों को इस पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए गए। आज पिथौरागढ़ व चम्पावत जिलों के लिंगानुपात के गैप में कमी देखने को मिली है। उन्होंने उत्तराखण्ड की सफल महिलाओं से इस अभियान से जुड़ने का आह्वान किया।
सीएम ने कहा कि आज राज्य के 13 जिलों में से तीन जिलों में महिला जिलाधिकारी और चार जिलों में महिला पुलिस अधीक्षक तैनात हैं। इन जिलों में बहुत अच्छा कार्य हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयोग सफल हुए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आज देशभर में लगभग 31 लाख अनाथ बालक-बालिकाएं हैं। राज्य सरकार अनाथ बच्चों को राजकीय सेवाओं में आरक्षण देने के विषय में शीघ्र ही गम्भीरता से विचार करेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समाजसेवी माता मंगला माता, गायिका कल्पना चौहान, अभिनेत्री उर्वशी रौतेला, मॉडल अनुकृति गुसांई समेत हर्षवन्ती बिष्ट व बसन्ती बिष्ट को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने उपस्थित अन्य राज्यों की महिला आयोग अध्यक्षों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैन्तुरा के साथ ही जम्मू कश्मीर, उड़ीसा, छतीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात महिला आयोग की अध्यक्ष उपस्थित थीं।