स्पाइनल ट्यूमर के मरीज को मदद की जरुरत

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अपने पति की बीमारी से परेशान इस अबला के आँसू जोर जोर से इसकी मज़बूरी और दर्द को बयां कर रहे हैं । दो-तीन दिनों के भीतर ही इस परिवार को इसके एकमात्र कमाऊ मुख्या के गम्भीर इलाज के लिए दो लाख रुपयों की सख्त जरुरत है ।
मल्लीताल में सिलवर्टन होटल के पीछे लेक व्यू आउट हॉउस में रहने वाले गोविन्द राम का इनदिनों रीड की हड्डी (स्पाइनल ट्यूमर) में ट्यूमर का इलाज होना है।गोविन्द राम की पत्नी कलुलि देवी के अनुसार उनके पति गोविन्द राम दो माह पूर्व जब पेंटिंग के काम पर गए थे तो अचानक उनके गर्दन के नीचे पीठ में दर्द हुआ जिसके बाद उन्हें स्थानीय बी.डी.पाण्डे अस्पताल में भर्ती कराया गया।अस्पताल से रैफर होने के बाद उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया जहाँ एम.आर.आई.की रिपोर्गोटी में गोविन्द की रीड की हड्डी में ट्यूमर बताया गया।सुशीला तिवारी अस्पताल के चिकित्सकों ने भी आगे के इलाज के लिए गोविन्द को एम्स के लिए रैफर कर दिया है । गोविन्द के परिजनों का कहना है कि उनके इलाज के लिए लगभग दो लाख रुपयों की तत्काल जरुरत है । इसके आलावा परिवार को ना केवल राशन के लिए बल्कि बेटी की फीस भरने के भी लाले पड़े हैं ।परिवार में बीमार गोविन्द के पिता है जो नाँव चलाने का काम किया करते थे लेकिन पिछले माह ही वो घर के पीछे की दीवार से गिर गए और अब टूटे पैर को लेकर घर में ही आराम कर रहे हैं । चार वर्ष पूर्व गोविन्द की माँ हीरा देवी का भी निधन शरीर में पानी भरने के कारण हो चूका है।गोविन्द के दो छोटे छोटे बच्चे है जिनमें बड़ी लड़की अर्पिता 5 वर्ष और ढाई वर्ष का लड़का आदित्य है। परिवार के मुख्य आय के श्रोत के रूप में गोविन्द की दिहाड़ी को ही देखा जाता था, जिसके बंद होने से इस परिवार की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है । चुनावी समर में वोट मांगने पहुंचे नेताओं ने भी दर्द से गुजर रहे इस परिवार को कोरी तसल्ली के आलावा और कुछ नहीं दिया है । अब इलाज के लिए इस मजबूर की नजर प्रदेश की जनता पर टिकी है । कलुलि देवी ने लोगों से मदद मांगते हुए स्टेट बैंक मल्लीताल का अपना खाता संख्या 34231741965 दिया है ।
गोविन्द को इस मुश्किल की घडी में मदद करने के लिए कुछ समाजसेवी आगे आए हैं।समाज सेवी रमेश आर्या का मानना है कि वो गोविन्द को इस हालात से जल्द बाहर निकाल लिया जाएगा।उन्होंने बताया कि वो गोविन्द को हर तरह से मदद कर रहे हैं । उसके परिवार के लिए इस मुश्किल की घडी में राशन देकर कुछ राहत पहुंच रहे हैं।