चार दिन में 16.17 घंटे चला सदन

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उत्तराखंड विधानसभा

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में चार दिन के अंदर केवल 16.17 घंटे ही काम हुआ। सत्र के तीसरे दिन सर्वाधिक 5 घंटे 33 मिनट काम हुआ, जबकि दूसरे दिन महज दो घंटे की सदन में काम हुआ। चार दिनों में चार विधेयक सदन में रखे गए और इनमें से एक सदन ने वापस लिया। इस दौरान एक अध्यादेश सदन में पारित हुआ।
शनिवार को विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने शीतकालीन सत्र के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया की चार दिवसीय सत्र के दौरान अनुपूरक बजट पेश किए जाने के साथ ही उत्तराखंड आयुर्वेद विश्विवद्यालय(संशोधन) विधेयक-2018, उत्तराखंड(उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम-1950)(अनुकूलन एवं उपातंरण आदेश-2001)(संशोधन विधेयक) 2018, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (संशोधन) विधेयक 2018 सदन में पेश किए गए। इनमें से उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (संशोधन) विधेयक 2018 को सदन ने वापस ले लिया। वहीं, उत्तराखंड(उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम-1950)(अनुकूलन एवं उपातंरण आदेश-2001)(संशोधन विधेयक) 2018 को अध्यादेश संख्या-03 के तहत सदन ने पारित किया। स्पीकर ने बताया कि सदन के कार्यवाही के दौरान एक सरकारी और पांच असरकारी संकल्प लिए गए। नियम 105 के तहत तीन प्रस्तावों पर चर्चा हुई, नियम 54 के तहत एक सूचना प्राप्त की गई। इस दौरान 121 याचिकाएं विधायकों से प्राप्त हुई, इनमे से 25 स्वीकार की गई।
नियम 300 के तहत कुल 70 सूचनाएं प्राप्त हुई, 11 स्वीकार की गई और 25 को ध्यानाकर्षण के लिए रखा गया। नियम 53 के तहत 38 सूचनाएं सदन को मिली, इनमें से चार को स्वीकार किया गया। नियम 58 के तहत 18 मामला आए और इनमें से 10 को स्वीकार किया गया। स्पीकर ने बताया कि सत्र के दौरान कुल 360 प्रश्न प्राप्त हुए। इनमें से 80 तारांकित प्रश्नों में से 23 के और 240 आतारांकित प्रश्नों में से 48 के उत्तर सदन में दिए गए। इनके साथ ही अल्पसूचित श्रेणी में प्राप्त 11 प्रश्नों में से तीन के उत्तर दिए गए और कुल 29 प्रश्न अस्वीकार किए किए गए। उन्होंने बताया कि सदन के दौरान नियम 300 के तहत आए जनहित के मामलों में सरकार की ओर से समय पर उत्तर नहीं दिए जाने के मामले में सरकार को निर्देश दिए गए हैं कि इन मामलों को जल्द निस्तारित करे।