बेरोजगारों ने खून से लिखा पीएम मोदी को खत

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देहरादून। लंबे अरसे से प्राथमिक विद्यालय व इंटर कॉलेजों में नियुक्ति की मांग कर रहे बीपीएड/एमपीएड प्रशिक्षित बेरोजगार संगठन ने अब आंदोलन को बड़े स्तर पर ले जाने का फैसला किया है। इसी क्रम में शनिवार को बीपीएड बेरोजगारों ने अपने रक्त से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा।
बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीएड) / मास्टर इन फिजिकल एजूकेशन (एमपीएड) बेरोजगार संगठन के बैनर तले प्राथमिक विद्यालय व प्रत्येक इंटर कॉलेजों में एनसीईआरटी की गाइडलाइन के सापेक्ष शारीरिक शिक्षक को अनिवार्य नियुक्ति की मांग को लेकर बीपीएड प्रशिक्षित बेरोजगार हंसा बेस्ट का छठे दिन भी आमरण अनशन जारी रहा। लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन की ओर से मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया।
आलम यह है कि अनशन पर बैठे बीपीएड बेरोजगारों के लिए मेडिकल टीम तक जांच के लिए उपलब्ध नहीं हुई। इसी से नाराज होकर शनिवार को विरोध स्वरूप आमरण अनशन कर रही हंसा ने अपने खून से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखा। पत्र में मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री की डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिलने पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आखिर कब तक उनकी मांगों और वेदनाओं को सरकार अनसुना करेगी। कहा कि जब तक सरकार इस दिशा में सकारात्मक कदम नहीं उठाएगी, तब तक आंदोलन नहीं थमेगा।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश चंद्र पांडे ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी आंदोलन जारी रहेगा। कहा कि यदि आवश्कता पड़ी तो बेरोजगार एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरेंगे। इसकी जिम्मेदारी सरकार व शासन की होगा। धरना स्थल पर प्रदेशभर से आए प्रशिक्षकों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर हिमांशु राजपूत, जगदीश चंद्र, आलोक नैथानी, विजय राणा व अर्जुन समेत काफी संख्या में संगठन से जुड़े पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।