आईटीआई-मदरसों की छात्रवृत्ति में भी बड़ा घोटाला

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Scholarship scam in ITI and madarsa
File Photo
हरिद्वार। उत्तराखंड में निजी कॉलजों की छात्रवृत्ति घोटाले की परतें खुलने के बाद अब आईटीआई और मदरसे के छात्रों को दी गई छात्रवृत्ति में भी घोटाले होने की बातें कही जाने लगी है। आईटीआई व मदरसा संचालकों ने भी समाज कल्याण विभाग की मिलीभगत से सरकार की आंखों में खूब धूल झोंकी। आईटीआई तथा मदरसों में भी निजी कॉलेजों की तरह ही फर्जीबाड़ा किया गया। ऐसे में सरकार को जल्द इनकी भी जांच कराकर सलाखों के पीछे भेजना चाहिए। ताकि जीरो टालरेंस की मुहिम चला रही त्रिवेंद्र सरकार उत्तराखंड से भ्रष्टाचार पूरी तरह साफ कर सकें। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक देहरादून, टिहरी जौनसार और उधमसिंह नगर के जनपद में आईटीआई और मदरसों ने खूब फर्जीबाड़ा कर सरकारी धन का गबन किया है।
छात्रवृत्ति के इस पूरे खेल का संचालन बिचौलियों का एक बड़ा नेटवर्क करता था। बिचौलिये ही निजी कॉलेज, आईटीआई और मदरसों में एडमिशन कराते थे। जिसके बाद दलाली की रकम नकद में हासिल करते थे और छात्रवृत्ति की रकम लेकर फरार हो जाते थे। बिचौलियों के एडमिशन वाले छात्र कई कॉलेज संचालकों को चूना लगा चुके है। हालांकि इस खेल में छात्रों की भूमिका भी संदिग्ध है। छात्रवृत्ति का घोटाला उजागर होने के बाद इस केस को अंजाम देने वाले तमाम लोगों की कारगुजारियों से भी परदा उठने लगा है। एसआईटी ने जब हिरासत में लिए कॉलेज संचालकों से पूछताछ कर छात्रवृत्ति पाने वाले छात्रों की जानकारी जुटाई तो बिचौलियों की हिस्ट्री मिली। आखिरकार ये बिचौलिये कौन हैं जो शिक्षा के खेल को अंजाम देते थे। एसआईटी शिक्षा के इन दलालों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक छात्रवृत्ति की रकम लेने वाले आईटीआई और मदरसों की कुंडली भी जल्द खोले जाने की संभावना है। हालांकि इनकी फाइल न कुरेंदी जाए, इसके लिए सत्ताधारी नेताओं के शरणागत संचालक हो गए हैं। विगत कई सालों के भीतर आईटीआई और मदरसे संचालकों ने भी खूब चांदी काटी है।