उत्तराखंड : लगातार बारिश से राज्य की नदियां उफान पर, प्रशासन ने तटीय इलाकों में बढ़ाई सतर्कता

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गंगा

उत्तराखंड में चार दिनों से लगातार बारिश के चलते गंगा, अलकनंदा, सरयू, मंदाकिनी समेत अन्य नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नदियों व सहायक नदियों के उफान को देखते हुए राज्य के इन नदियों के तटीय इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस ने नदी किनारे के संवेदनशील जगहों को खाली करवा दिया है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार रुद्रप्रयाग जिले में गंगा बेसिन में अलकनंदा नदी आज खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बुधवार सुबह 6 बजे गंगा का जलस्तर 627.6 मीटर पर था और इसमें गिरावट (-400.02 मिमी/घंटा) की प्रवृत्ति थी, जो इसके खतरे के स्तर 627.0 मीटर से 0.60 मीटर ऊपर और इसके पिछले उच्च जल स्तर स्तर 634.85 मीटर (17-06-2013) से 7.25 मीटर नीचे है।

इसी तरह रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में मंदाकिनी नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बुधवार सुबह 6 बजे इसका जलस्तर स्थिर रहकर 1976.8 मीटर था, जो खतरे का निशान है। इसके पिछला स्तर एचएफएल 1977.35 मीटर है, जाे 16 जून 2013 को केदारनाथ आपदा के दौरान भी मंदाकिनी नदी का जल स्तर इसी लेवल के आसपास था।

हरिद्वार जिले के रायसी में गंगा बेसिन में बाणगंगा नदी का जलस्तर आज सुबह 6 बजे तक गंभीर स्थिति में था। गंगा का जलस्तर 231.69 मीटर के स्तर पर था, जाे खतरे के निशान 231.0 मीटर से 0.69 मीटर ऊपर है। टिहरी गढ़वाल जिले के देवप्रयाग में गंगा बेसिन में भागीरथी नदी का जलस्तर आज सुबह 6 बजे 464.3 मीटर पर था। जो इसके खतरे के स्तर 463.0 मीटर से 1.30 मीटर ऊपर है। बागेश्वर जिले में भी लगातार बारिश से सरयू और गोमती नदियों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है।

शासन प्रशासन प्रदेश में लगातार बारिश के बाद नदियों के जलस्तर की माॅनिटरिंग कर रहा है। नदियाें का जलस्तर बढ़ने से तटीय इलाकाें की आबादी केलिए परेशानियाें का सबब बना है। पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के निर्देश पर नदियों के किनारे हाई अलर्ट घोषित किया गया है। संवेदनशील इलाकाें में पुलिस की तैनाती की गई है और लोगों को नदियों के किनारे पर जाने से रोका जा रहा हैं। पुलिस लाउडस्पीकर से भी तटीय इलाकाें में लोगों को सचेत कर रही है।