सर्दी में भी गरमाई उत्तराखंड की राजनीति, रैलियों ने भरा जोश

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देहरादून। उत्तराखंड में राजनीति तेज हो गई है। सर्दियों में मौसम गर्माने वाली राजनीति भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैलियों से प्रारंभ हो गई है, जिस पर कांग्रेस ने धरना, प्रदर्शन और विरोध के माध्यम से अपने को सड़क पर दिखाना प्रारंभ कर दिया है। इस कड़ी में 2019 लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड रैली को भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर 2014 का इतिहास दोबारा दोहराना चाहती है। पांचों की पांचों सीटें फिर अपने नाम करना चाहती है। उत्तराखंड में जहां अल्मोड़ा सीट से अजय टम्टा, नैनीताल सीट से भगत सिंह कोश्यारी, हरिद्वार सीट से डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक, पौड़ी से मेजर जनरल बीसी खंडूरी तथा टिहरी से राजमाता मालाराज लक्ष्मी शाह सांसद हैं। भाजपा इन पांचों सीटों को पुनः वापस लाना चाहती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन साढ़े चार सालों की कई बार देवभूमि उत्तराखंड का प्रवास कर चुके हैं। इसका कारण इन पांचों सीटों पर विशेष ध्यान देना है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के रुद्रपुर दौरे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसका परिणाम उत्तराखंड की सभी सीटों पर आगामी लोकसभा चुनाव में असर पड़ना संभावित है।
उत्तराखंड में लोकसभा की पांचों सीटें कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी पाले में थी लेकिन इस बार ऐसा न हो इसके लिए भाजपा ने राजनीतिक गोटियां बिठानी शुरू कर दी है जबकि दूसरी ओर कांग्रेस ने भी कमर कस ली है। भाजपा ने जिस ढंग से अपनी बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया है उसका प्रभाव कांग्रेस पर भी पड़ा है। उसने भी अपने कार्यकर्ताओं को सजग करना प्रारंभ कर दिया है। किस दल का कार्यकर्ता कितना सजग है और होगा यह समय बताएगा पर राजनीतिक बिसात बिछनी शुरू हो गई है और राजनीतिक दल अपने कार्यकर्ताओं को और सक्रिय कर रहे है।