छठ महोत्सव जोरों पर 

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हरिद्वार, तीर्थनगरी हरिद्वार में छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। तीर्थनगरी में बड़ी संख्या में बिहार प्रांत के लोगों के निवास करने के कारण यहां भी छठ पूजा की धूम रहती है। तीन दिनों का महापर्व छठ दिवाली के छठे दिन मनाया जाता है।
इस वर्ष छठ पूजा महोत्सव की शुरुआत 31 अक्टूबर से नहाय खाय से होगी। इस दिन जो भी छठ करने वाले व्यक्ति हैं वह स्नान करने के बाद नए कपड़े पहनते हैं और उसके बाद भी खाना खाते हैं। नहाय खाय के दिन एक भोजन में किसी भी प्रकार के मसाले और लहसून व प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता। छठ पूजा के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 33 मिनट व छठ पूजा के दिन सूर्यास्त  शाम 5 बजकर 35 मिनट पर होगा।
छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन नहाय खाय के साथ होगी। इस बार चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को है। इस कारण गुरुवार से छठ महोत्सव शुरू हो जाएगा। छठ पूजा के दूसरे दिन खरना होता है। खरना के दिन छठ करने वाले व्यक्ति पूरे दिन का उपवास रखकर शाम के वक्त खीर और रोटी बनाते हैं। इस बार खरना एक नवंबर को मनाया जाएगा। प्रसाद में चावल, दूध के पकवान, ठेकुआ बनाया जाता है। साथ ही फल सब्जियों से पूजा की जाती है।
छठ के तीसरे दिन शाम के वक्त अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर सूर्य नारायण की पूजा की जाती है। अस्त होते सूर्य की पूजा 2 नवम्बर को होगी। चौथे दिन यानि की छठ पूजा के अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार उगते सूर्य को अर्घ्य देने की पूजा 3 नवम्बर को होगी और इसी के साथ चार दिनों तक चलने वाला छठ महोत्सव का समापन हो जाएगा।