उत्तराखंड में प्रधानमंत्री बोले : भारत ने मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन के क्षेत्र में हासिल किया बड़ा लक्ष्य

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प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देवभूमि उत्तराखंड में गंगा की धरती तीर्थनगरी से कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन के क्षेत्र में भारत ने बड़ा लक्ष्य हासिल किया है। भविष्य में मेडिकल ऑक्सीजन को लेकर हम सक्षम राष्ट्र बन जाएंगे। प्रधानमंत्री ने यह बात यहां गुरुवार को देश के 27 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में पीएम केयर्स फंड से स्थापित 35 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट जनता को समर्पित करते हुए कही।

प्रधानमंत्री मोदी आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश पहुंचे। उन्होंने यहां से पीएम केयर्स फंड से स्थापित किए गए प्रेशर स्विंग एडजॉर्पसन (पीएसए) ऑक्सीजन प्लांट का रिमोट दबाकर लोकार्पण किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड से उनका गहरा नाता है। इस देवभूमि ने उनके जीवन की धारा को बदलने का काम किया। इस भूमि से मेरा मर्म, कर्म, सत्व और तत्व का नाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में उत्तराखंड का गठन हुआ था। इसके कुछ माह बाद ही देवभूमि और बाबा केदार के आशीर्वाद से उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा का मौका मिला। आज सेवा के इस सफर का 21वें वर्ष में प्रवेश हो गया है।

प्रधानमंत्री ने कहाकि इस मौके पर वह देवभूमि में हैं। इससे बड़ा सौभाग्य कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी से निपटना भारत के लिए एक बड़ी चुनौती थी। जनसंख्या के अलावा यहां की भौगोलिक स्थिति चुनौती बनकर खड़ी थी लेकिन सरकार ने दृढ़ संकल्प के साथ काम करते हुए इस चुनौती को पार किया। हमने कोविड-19 पोर्टल के माध्यम से सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाकर पूरी दुनिया को एक राह दिखाई है। अब तक 93 करोड़ रोज लगाई जा चुकी है, जल्द ही हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएंगे।

 

उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन आपूर्ति के क्षेत्र में जहां हम सिर्फ 900 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन करते थे वहीं हमने इस अकल्पनीय लक्ष्य को 10 गुना बढ़ाकर दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा कि भारत में ऑक्सीजन का सबसे अधिक प्रोडक्शन पूर्वी भारत में होता था। जबकि, इसकी सबसे अधिक जरूरत उत्तर और पश्चिमी भारत में पड़ी। ऐसे में पूरब से उत्तर-पश्चिम तक ऑक्सीजन की आपूर्ति करना एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था। सरकार ने ऑक्सीजन टैंकर के अलावा स्पेशल ट्रेन और वायु सेना की मदद से इस चुनौती का हल किया। डीआरडीओ की मदद से ऑक्सीजन उत्पादन के लिए नए संयंत्रों का निर्माण किया गया और आज देश का प्रत्येक जिला ऑक्सीजन उत्पादन के लिए आत्मनिर्भर हो गया है।

प्रधानमंत्री ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यों की सराहना करते हुए उनकी पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना पूरे विश्व के लिए एक चुनौती बनकर आई थी। भारत ने उसका डटकर मुकाबला किया। कोरोना से प्रभावी जंग के लिए जब दुनिया में वैक्सीन बनाने की शुरुआती गई, तब भारत ने अपने वैज्ञानिकों पर भरोसा किया। उन्हें प्रोत्साहित कर देश में ही स्वदेशी वैक्सीन का निर्माण किया गया। यही नहीं भारत में वसुधैव कुटुंबकम की भावना को केंद्र में रखते हुए दुनिया के 120 देशों को वैक्सीन देने का काम किया।

इस अवसर पर केंद्रीय परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने जहां प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में किए जा रहे प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत कार्यों का लेखा-जोखा रखा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने प्रशासनिक जीवन की 21 वर्ष की यात्रा में हर रोज नए कीर्तिमान हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखंड के प्रति सबसे अधिक लगाव है। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में उत्तराखंड हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।

कार्यक्रम में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट (से.नि.) जनरल गुरमीत सिंह, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत मंच पर मौजूद रहे। इसके कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, विजय बहुगुणा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, काबीना मंत्री यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत, बिशन सिंह चुफाल, सुबोध उनियाल, सतपाल महाराज, रेखा आर्य, यतीश्वरानंद, राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, नरेश बंसल, देहरादून महापौर सुनील उनियाल गामा, ऋषिकेश महापौर अनीता ममगाईं, एम्स के निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी, डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।