उत्तराखंड: बजट सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष ने किया हंगामा

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चारधाम

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र के दूसरे दिन हरिद्वार के जहरीली शराब कांड को लेकर विपक्षी विधायकों ने सदन में हंगामा किया। जिसके बाद स्पीकर ने प्रश्नकाल स्थगित करते हुए चर्चा की अनुमति दी। जिस पर विपक्ष ने नियम 310 में चर्चा की मांग की। जिसके बाद इस पर चर्चा की गई।
मंगलवार को विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन भी चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदेयेश, प्रीतम सिंह, ममता राकेश, गोविंद कुंजवाल, करण माहरा, हरीश धामी ने सरकार का इस्तीफा मांगा। वहीं विपक्ष के विधायकों ने आबकारी मंत्री से नैतिकता के आधार पर जहरीली शराब प्रकरण को लेकर इस्तीफा मंगा। सरकार से इस्तीफा मांगते हुए कांग्रेस विधायक वेल पर आए और तख्तियां लहराते हुए आबकारी मंत्री के इस्तीफे की मांग। इसके बाद स्पीकर ने पूरे प्रकरण पर कमेटी बनाने की घोषणा की। जो मौके पर जाकर सारी स्थिति को देखेगी और अपनी रिपोर्ट सदन में पेश करेगी। उन्होंने राज्य सरकार को जल्द दीर्घ कालिक नीति बनाकर देने के निर्देश दिए। इसके बाद विपक्ष के विधायकों ने सदन का बहिष्कार किया और धरने पर बैठ गए। सरकार ने इस मामले में एकल सदस्यीय आयोग बनाने की घोषणा की है। यह आयोग शराब के उपयोग को कम करने पर काम करेगा। सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने यह घोषणा की। हालांकि विपक्ष सरकार की घोषणा से संतुष्ट नहीं हुआ।
वहीं, विपक्ष मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने और सरकार के इस्तीफे की मांग लेकर कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर हंगामा किया और कुछ देर बाद बहिष्कार कर बाहर आ गए। वहीं, देहरादून विधानसभा में अधिकारियों के सोशल मीडिया में चर्चा का मुद्दा गूंजा। इस दौरान आबाकरी मंत्री ने ऐलान किया कि बजट सत्र के दौरान ही सरकार आबकारी अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव लाएगी। सभागार के बाहर भी कांग्रेस विधायक काफी देर तक धरने पर बैठे रहे। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि इस घटना ने सरकार का दलित विरोधी चेहरा बेनकाब कर दिया है।