खून के अभाव में किसी की जान नहीं जानी चाहिए : मुख्यमंत्री

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देहरादून, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि खून के अभाव में किसी की जान नहीं जानी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ब्लड बैंकों तक आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों की भी पहुंच बने। रक्तदान के साथ ही अंगदान के लिए भी वातावरण बनाए जाने की जरूरत है। अंगदान से अपनी मृत्यु के पश्चात भी दूसरों के जीवन को बचाया जा सकता है, खुशहाल बनाया जा सकता है। इसके लिए पूरे समाज में जागरुकता लानी होगी। सोच ऐसी विकसित करनी होगी ताकि अधिक से अधिक लोग रक्तदान की ही तरह अंगदान के लिए भी प्रेरित हों।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर जनता दर्शन हॉल, सीएम आवास में आयोजित रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया। रक्तदान शिविर का आयोजन स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल व उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति ने किया।
उत्तराखण्ड, रक्तदान में सरप्लस स्टेट
उत्तराखण्ड में औसतन प्रति वर्ष 80 हजार यूनिट ब्लड की आवश्यकता होती है जबकि यहां एक लाख यूनिट रक्तदान, हर साल किया जा रहा है। इस तरह हम रक्तदान में सरप्लस स्टेट हैं।  मुख्यमंत्री ने कहा दूसरे उन राज्यों में भी मदद कर सकते हैं जहां ब्लड की जरूरत होती है।
रक्तदान से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
मुख्यमंत्री ने कहा पहले रक्त को अधिक समय तक सुरक्षित रखने की भी व्यवस्था नहीं होती थी। तमाम तरह की दुश्वारियां आती थीं। अब समय बदल गया है। उत्तराखण्ड में हर जिले में ब्लड बैंक हैं। राज्य में 25 सरकारी व 17 गैर सरकारी ब्लड बैंक हैं। लोगों में भी इसके प्रति काफी जागरूकता आई है। परंतु अभी भी बहुत से लोग हैं जो कि रक्तदान को लेकर भ्रमित हैं। उन्हें बताया जाना चाहिए कि रक्तदान से दूसरो के स्वास्थ्य को तो ठीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, खुद के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
रक्तदान को लेकर भ्रांतियों को दूर करना जरूरी
इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश की डॉ. गीता नेगी ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि रक्तदान के साथ ही सुरक्षित रक्तदान भी जरूरी है। औसतन प्रति हजार जनसंख्या पर 25 रक्तदाताओं की जरूरत होती है। विकसित देशों में यह औसत 50 प्रति हजार है जबकि भारत में प्रति हजार जनसंख्या पर केवल 8 रक्तदाता हैं। देश में आवश्यकता की अपेक्षा रक्त की कमी है। वैसे सामान्य भारतीय रक्तदान को इच्छुक रहता है परंतु कतिपय भ्रांतियों के कारण रक्तदान नहीं करता है। इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए आम व्यक्ति को जागरूक बनाना होगा।
अपर सचिव युगल किशोर पंत ने स्वागत सम्बोधन देते हुए कहा कि इस वर्ष स्वैच्छिक रक्तदान दिवस की थीम है ‘‘प्रत्येक व्यक्ति जो सक्षम है, जीवन में एक बार अवश्य रक्तदान करे। 90 प्रतिशत रक्तदान स्वैच्दिक होना चाहिए। उत्तराखण्ड के ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा में रक्त उपलब्ध है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रक्तदान में महत्वपूर्ण करने वालों को सम्मानित किया है।