मसूरी और नैनीताल: लॉकडाउन में दो शहरों की कहानी

Mussoorie and Nainital

(मसूरी) बहुत पहले की बात नहीं है कि, उत्तराखंड के दो मशहूर हिल स्टेशनों, मसूरी और नैनीताल में मई के महीने में आप किसी भी वीकेंड पर भीड़ भाड़ देख सकते थे। लेकिन आज, इन शहरों में सन्नाटा पसरा है। पीक सीज़न के समय इन शहरों की सुनसान तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर आम हो रही हैं। पर्यटन के लिहाज़ से कमजोर रहे सर्दी के मौसम के बाद इन शहरों के होटल व्यवसाई गर्मियों के मौसम में यहाँ आने वाले लाखों पर्यटकों के स्वागत की तैयारी में थे, लेकिन, कोरोना महामारी और इसके बाद हुए लॉकडाउन ने इनके सपनों पर पानी फेर दिया है।

उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था काफ़ी हद तक पर्यटन पर निर्भर करती है और इससे क़रीब क़रीब बीस लाख लोगों का रोज़गार जुड़ा है। हाल के दिनों में कोरोना के चलते ठप हुए पर्यटन ने इस उद्योग से जुड़े लोगों के माते पर परेशानी की लकीरें ला दी हैं। ऑल इंडिया होटल असोसियेशन के महासचिव, प्रकाश शर्मा बताते हैं कि, “अभी तक हम अपनी जेब से अपने कर्मचारियों को पैसे दे रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में हमारे लिये भी ऐसा करते रहना बहुत मुश्किल हो जायेगा।”
कोरोना और लॉकडाउन की मार के चलते सभी काम धंधे ठप हैं और इसके कारण समाजिक अर्थव्यवस्था थम गई है। कुछ इसी तरह, किसी आम दिन या वीकेंड पर नावों से भरी रहने वाली नैनीताल की मशहूर नैनी झील का पानी भी ठहर गया है। पर्यटकों और उनकी चहलपहल से सराबोर रहने वाले नैनीताल और मसूरी में इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है। लॉकडाउन में ढील के चलते सड़कों पर ज़रूर कुछ आवाजाही शुरू हुई है लेकिन, यह किसी आम दिन की चहल पहल से कोसो दूर है।
Pic Courtesy: Parvesh Rana

उत्तराखंड होटल असोसियेशन के अध्यक्ष, संदीप साहनी कहते हैं कि, “पिछली बार उत्तराखंड ने इस तरह के हालात 2013 में आई केदारनाथ आपदा के समय देखे थे, लेकिन, उस समय भी होटल व्यवसाय के लिये ढाी महीने का समय बेहतर रहा था। आज जैसे हालात पहले कभी नहीं देखे गये हैं।”

इन हालातों तो और चिंताजनक यह बात बनाती है कि, आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं के हालात कैसे रहेंगे इस बारे में किसी को कोई अंदाज़ा नहीं है। हम सभी यह उम्मीद कर रह हैं कि यह दौर भी गुजर जायेगा। कब और कैसे? इसका जवाब शायद ही इस समय किसी के पास हो। और अगर आप जवाब ढूँढने जायेंगे तो और की सवाल आपका इंतज़ार कर रहे हैं।